Episode 28
रीमा अब सिर्फ पैंटी में बची थी बाकि उसका पूरा बदन नंगा हो चूका था | रीमा की पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत की खूबसूरती का अंदाजा लगाया जा सकता था रीमा का गोरा गुलाबी बदन पूरी तरह से उस रोशनी में दमक रहा था रीमा पर हाथ ऊपर छत की तरफ बने हुए थे और रिमा पूरी तरह से लगभग नंगी खड़ी हुई थी | रीमा का गोरा दुधिया बदन और उसके उन्नत उरोज देखकर दोनों लड़के तो जैसे पागल हो गए | अब तक दोनों लड़के बस रीमा के पुष्ट उरोजो की बनावट का अंदाजा भर लगा रहे थे | अब उनकी आँखों के सामने रीमा के स्तन पूरी तरह से नंगे हो गए थे | उन्होंने पहले कभी इतनी गोरी और नंगी लड़की कभी नहीं देखि थी | रीमा के सुडौल पुष्ट स्तन और उसके शीर्ष पर स्थित स्तनाग्र देखकर तो जैसे दोनों सीधे स्वर्ग की अनुभूति कर रहे हो | वो जो काम कर रहे थे वो भूल गए | वो बस रीमा के अप्रतिम निवस्त्र नंग सौन्दर्य को निहारने लगे | क्या कमसिन खूबसूरत बदन था | रस टपकाते ओंठ, सुराही जैसी गर्दन हिरानी सी आंखे , उठी हुए उभरी छाती, सपाट पेट सुघड़ नाभि और मोटी मोटी मांसल गोरी जांघे जांघे | एस अलग रहा था जैसे किसी औरत का जिस्म न होकर किसी अपसरा का हो |
अब बारी थी उसकी पैंटी की | दुसरे लडके ने दूसरी कैंची से उसकी पैंटी की पतली डोर काट दी | रीमा की गोरी जांघो के बीच उसकी कसी हुई चूत के फलको में फंसी पैंटी वही लटक गयी | दोनों लड़के रीमा के पूरी तरह से नंगे बदन को देखकर पागल हुआ जा रहा था |
उसकी चूत घाटी की मखमली चिकनाहट और भरे पुरे भारी मांसल गोरे चूतड़ , उनके जिस्मो में चुदाई की आग भड़काने के लिए बहुत ज्यादा थे | अब उनको खुद को संभालना मुस्किल हो रहा था |
एक लड़का पेंट के ऊपर से ही अपनी तन रहे लंड को मसलता हुआ बोला - बाई गॉड की कसम क्या चूत लेकर आये हो बॉस, इसको तो चोदने में बड़ा मजा आएगा | हाय क्या कच्ची कली जैसे चिकनी कसी हुई चूत है, क्या बड़े बड़े मम्मे है इनको चूस कर मैंने मर भी जाऊं तो कोई गम नहीं होगा | बॉस इसकी चूत में जब अपना लंड जायेगा तो मै कही ख़ुशी से मर ही न जाऊ | उधर जग्गू को भी रीमा को नंगा देखकर वासना का नशा चढ़ने लगा था | अभी तक वो पेंट के ऊपर से ही लंड को मसल रहा था, अब उसने कपड़े उतारने शुरू कर दिए | जल्द ही उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए | उसका लंड अपनी अकड़न की चढ़ान पर था | कपड़े उतारते ही जग्गू अपने लंड को मसलने लगा | रीमा ने अपनी आंखे बंद कर ली | उसे अहसास हो गया था उसका रेप होना तय है, ये जानवर मिन्नतें करने और गिडगिडाने से मानने वाले तो है नहीं | अब तो उसे बस उपरवाले का सहारा बचा था | वो ऊपर वाले से प्रार्थना करने लगी, शायद कही कुछ हो जाये और आज उसकी इज्जत लुटने से बच जाए |
उधर उन दोनों किराए के टट्टू लडको की उत्तेजना भी बढ़ने लगी थी | दोनों अपने लंड को पेंट के ऊपर से ही मसल रहे थे |
जग्गू अपनी विजय के अहंकार में - अब साली को ऐसा चोदुंगा की जिंदगी भर याद रखेगी | कुतिया बनाकर चोदुंगा, घोड़ी बनाकर चोदुंगा | और चोद चोद कर इसकी चार इंच की चूत चौह्हत्तर की कर दूंगा |
जग्गू का जोश देख दोनों में से एक लड़का बोला - बॉस कुछ हमारे लिए भी छोड़ देना |
जग्गू - अरे ये बहुत हरामन चूत है, सब कुछ हजम कर जाएगी तुम बस देखते जावो |
रीमा बस सर झुकाए उनकी घटिया बाते सुन रही थी | रीमा बेबस थी उसे भी पता था जग्गू बड़बोला है और एक नंबर का घटिया चुतिया इंसान भी इसलिए उसे ज्यादा अफ़सोस हो रहा था | शायद उस दिन उसने जग्गू का गुरुर ही ख़तम कर दिया था, आज उसकी बारी थी |
एक लड़का फिर से बोला - मैडम आपको देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया है, बॉस का तो भरोसा नहीं लेकिन आप जरा हम लोगो का ख्याल रखना |
अब तो उन तीनों में से किसी का भी अपने पर जोर नहीं रह गया था वह तीनों ही अपने लंड को बुरी तरह रगड़ने लगे थे जग्गू तेजी से अपने लंड को मुठिया रहा था उसका लंड लगभग लगभग पूरी तरह से सीधा हो चुका था अब तो बस रीमा की चूत को चोदने की फिराक में था लेकिन इस तरह से खड़े खड़े छरीमा को कैसे चोद पायेगा | उसे तो बस लिटाकर लड़की को चोदना आता था |
जग्गू - भोसड़ी वालो इसको ऐसे खड़े खड़े कैसे चोदुंगा | इसको कही लिटाओ तो सही तब तो चोदते बनेगा | रीमा बस सर नीचा किये चुपचाप खड़ी थी | उसके हाथ ऊपर बंधे हुए थे |
रीमा अब ये मान चुकी थी की उसका चुदना आय तय है, आज उसकी चूत नहीं बचने वाली ये सब तीनो मिलकर उसे जमकर चोदने वाले है | अभी तक सिर्फ जग्गू नंगा हुआ था लेकिन अब उन दोनों लड़को ने भी अपने कपडे केले के छिलके की तरह उतार फेंके | वो दोनों भी पूरी तरह से नंगे हो गए थे | उनके लंड जग्गू के लंड से बड़े थे | रीमा पूरी तरह से हताश हो चुकी थी अब उसके दिमाग में कुछ भी नहीं चल रहा था | शायद जग्गू से चुदाई के अपमान का घूँट पीने के लिए उसने खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लिया था | वो अन्दर ही अन्दर बहुत परेशान थी | उन दोनों को नंगा देख उसके दिमाग में एक ख्याल आया | उसने एक आखिरी कोशिश करने में कोई बुराई नहीं समझी | चुदना तो था की क्यों न कोशिश करके चुदु |
रीमा उन दोनों लड़को की तरफ देखते हुए - हाय हाय तुम दोनों के लंड कितने मोटे और बड़े है, मैंने तो आज तक अपनी जिंदगी में ऐसे लंड नहीं देखे |
रीमा के मुहँ से ये सुनकर दोनों लडके चौंक गए | वो रीमा से तारीफ सुनकर फूले नहीं समाये - सच में मैडम जी आपको हमारे लंड बड़े लगते है |
रीमा - हाँ तुम दोनों के लंड बहुत बड़े है, तुमारे मुकाबले जग्गू का लंड तो आधा भी नहीं है |
जग्गू ये सुनकर अन्दर तक हिल गया - रीमा की तरफ बढ़ता हुआ - साली हरामजादी कुतिया, अभी बताता हूँ मेरा लंड कितना बड़ा है | चोद चोद के तेरी चूत को भोसड़ा बनाता हूँ तब पता चलेगा की मेरा लंड कितना बड़ा है |
एक लड़का बोला - बॉस इसमें बुरा मानने की क्या बात है मैडम जी ने सच ही तो कहा है, आपका लंड छोटा है तो है | इसमें दिल पर लेने वाली कौन सी बात है | मैडम जी झूठ तो बोलेंगी नहीं, आपका लंड छोटा है सबको दिख रहा है |
रीमा ने मौका देखकर - मुझे तो बड़े लंडो से ही चुदना पसंद है , मोटे मोटे बड़े लंड से | ऐसे लंड का क्या फायदा जो आधी चूत की भी ठीक से न चोद पाए | बड़ा लंड अन्दर तक जब जाता है चूत को गहराई तक चीरता हुआ तो मजा आ जाता है | इसलिए मै चाहती हूँ की बड़े लंड से चुदाई शुरू हो |
मेरा हाथ दुखने लगे है प्लीज रस्सी ढीली कर दो थोड़ी सी | अपने लंड को मुठिया रहा एक लड़का तेजी से उठा उर रीमा की रस्सी ढीली कर दी | रीमा के हाथ अभी भी बंधे थे लेकिन अब वो उसके पीठ पर आराम कर रहे थे |
जग्गू - साले तुम दोनों पागल हो गए हो, उसके चूत के जाल में फंस गए हो, वो तुमको इस्तेमाल कर रही है | मै तुमारा बॉस हूँ मैंने तुम्हे पैसे दिए है |
लड़का - बॉस इस समय पैसे की क्या बिसात है पैसा तो फिर कम लेंगे लेकिन ऐसी चूत रोज रोज थोड़े न मिलेगी |
जग्गू -सुनो मै बॉस हूँ पहले मै चोदुंगा इस हरामन कुतिया को ये हमारे बीच लडाई लगा रही है |
लड़का - बॉस क्यों उखड़ रहे हो, जिसकी चूत चोदने जा रहे हो उसकी भी तो ख्वाइश का कुछ ख्याल कर लो | वो आपको चोदने से तो मना नहीं कर रही है | आप मेरे बाद चोद लेना | कभी कभी औरत की बात मान लेनी चाहिए |
जग्गू ने गन उठा ली और उस लड़के पर तान दी - भोसड़ी के नाली के गंदे कीड़े, तुझे लगता है मैंने तेरे लंड की फैलाई गन्दगी में जाकर अपना मुहँ मारूंगा , इतने बुरे दिन आ गए मेरे | साले अपनी औकात भूल गया है, मै चोदुंगा इस हरामी रंडी रांड को पहले | यही आग लग आरही है हम दोनों के बीच | साले मैंने पैसे दिए है तुझे | मै बोलूँगा तो भौकेगा मै बोलूँगा तो कटेगा तू मेरा पालतू कुत्ता है समझे |
लड़का - अपने पैसे आप अपने पास रखो बॉस नहीं चाहिए आपके पैसे, लेकिन रीम अमैदम को पहले वही चोदेगा जिससे रीमा मैडम चुदना चाहेगी |
जग्गू - तुम भोसड़ी वालो हो ही दो टेक के लायक, और तुमारी अकल घास चरने गयी है | उसे रांड के कह दिया और तुमने मान लिया | साले वो तुमारी गांड फाड़ कर रख देगी अभी मिनटों में और तुम्हे पता भी नहीं चलेगा |
लड़का - जैसे आपकी फाड़ दी थी |
जग्गू - तू अपनी औकात भूल रहा है मादरचोद |
लड़का - अपनी औकात में ही हूँ इसलिए अभी तक बोल पा रहे हूँ आप |
जग्गू लड़के के तेवर देख थोडा नरम हुआ - तू समझ नहीं रहा है, ये सिर्फ अपना उल्लू सीधा कर रही है, हमें लड़ाकर अपना मकसद हाशिल करना चाहती है |
लड़का अपने लंड को मसलता हुआ - मुझे तो ऐसा नहीं लगता |
जग्गू - तू देख लेना अगर मेरी बात नहीं मानेगा तो इसकी चूत चोदने का तेरा सपना सपना ही रह जायेगा |
लड़का - आप रीमा मैडम की चूत नहीं चोद पाए वो आपकी कमजोरी थी उसके लिए रीमा मैडम को दोष क्यों दे रहे हो | अपनी कजोरी का डर हमें मत दिखाओ |
रीमा उनकी बाते गौर से सुन रही थी - अच्छा एक बात बतावो तुम दोनों |
दोनों एक साथ बोल पड़े - जी मैडम पूछिए, क्या पूछना है |
रीमा - तुम लोगो के लंड मुझे देखकर खड़े हुए है |
दोनों एक साथ - हाँ मैडम आपको ही देखकर खड़े हुए है आप बहुत खूबसूरत हो | आपका नंगा खूबसूरत बदन देखकर तो हम पागल हो गये है |
रीमा अदा से - अच्छा मै खूबसूरत हूँ |
दोनों एक साथ - हाँ मैडम आप बहुत खूबसूरत हो |
रीमा - अगर मै इतनी खूबसूरत हूँ तो तुम मुझे चोदना भी चाहोगे |
एक लड़का - हाँ मैडम आपके चूत को देखकर तो हम पागल हो गए है इसलिए तो हम अपने लंडो को खड़ा कर रहे है |
रीमा - अगर मुझे चोदना है तो जरा ठीक से अपने लंडो को खड़ा करो, एक काम करो तेज तेज मुठियाओ, अभी तुमारे लंड में इतनी अकडन नहीं है की मेरी चूत की अन्दर तक चीर सके |
रीमा - एक काम करो तुम लोग मेरे हाथ खोल दो, मै तुमारे लंडो को चूस चूस कर टनाटन कर देती हूँ फिर आराम से जन्नत की सैर कराती हूँ | ऐसे खड़े खड़े न तुम ठीक से मुझे छोड़ पावोगे न मै ठीक से चुद पाउंगी | मेरे हाथ खोल दो फिर मै जमीं पर लेट जाती हूँ और तुम आराम से मेरी चूत में अपना मुसल कुटना | आराम से तुमारा बाद लंड अपनी चूत में लूंगी और तुम्हे भी बहुत मजा आएगा |
जग्गू ने उन्हें रोका - भोसड़ी वालो ऐसा कुछ मत करना, हाथ खुलते ही ये तुमारी गांड फाड़ कर रख देगी |
लड़का - आपको लगता है आपकी मैडम ने गांड मार ली है इसलिए हमारी भी मार लेगी | मुझे पता है आपकी गांड फट रही है और आप चाहते है की हमारी भी ऐसे ही फटती रहे | कुछ नहीं होने वाला, तुम अपनी गांड बचा कर बैठो | मैडम ने कहाँ है उन्हें मेरा लंड बहुत पसंद है, एक बार मैडम की चूत चोदने को मिल जाये फिर मैडम मेरी गांड भी मार लेगी तो कोई गम नहीं होगा |
जग्गू - तू न पागल हो गया मैडम की चूत के पीछे |
रीमा - तुम्हे मेरी चूत पसंद है |
लड़का - हाँ मैडम मुझे बहुत पसंद है |
रीमा - इसे चूसोगे |
लड़का - हाँ |
रीमा - इसे चोदोगे |
लड़का - हाँ |
रीमा - आवो मै तुम्हे अपनी चूत चोदने का न्योता देती हूँ |
रीमा के अंदर दहशत भरी हुई थी लेकिन इस समय और कोई चारा नहीं था इसीलिए उसने उन लड़कों को बुला लिया था | उसे पता था लड़को के पास आते ही जग्गू भड़क जायेगा उर उनके बीच लडाई हो जाएगी |
दोनों लड़के रीमा के संगमरमरी बदन के पास जाने के लिए उठे |
इतने में पीछे से जग्गू ने गन तान दी - इस चुड़ैल के हाथो मरने के लिए तैयार हो जावो भोसड़ी वालो |
एक लड़का बोला - बॉस अब ये तो सही नहीं है | जब मुझे बुला रही है चोदने के लिए तो मै ही तो जाऊंगा | पता नहीं क्यों आपको दर्द हो रहा है | चलिए ठीक है आप ही चोद लेना पहले लेकिन एक बार रीमा मैडम की मखमली स्ट्राबेरी जैसे चूत का स्वाद तो चख लेने दीजिये | चूस तो सकता ही हूँ न |
जग्गू - भोसड़ी के वो तुझे नहीं तेरी मौत को बुला रही है, मेरा इससे पाला पड़ चूका है मुझे पता है कितनी हरामन चूत है अभी तुमारी गांड मार लेगी |
लड़का - आपकी गांड बहुत फटती है और ये मेरी समस्या नहीं है | ऐसी गुलाबी चूत को चूसने के बाद अगर मैडम मेरी गांड भी मार लेगी तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता | आदमी औरत के अन्दर डालता है औरत आदमी के अन्दर डाल देगी, आखिर चोदना ही तो होता है | कोई भी करे, किसी के भी करे, मजा दोनों को आता है | आप अपनी दकियानुकुसी अपने पास रखो | आपकी मैडम से फट रही होगी मेरी नहीं फट रही, मै उनकी चूत चूसने जा रहा हूँ |
इससे पहले वह लड़का के बढ़ता जग्गू ने खड़े होकर गान तान दी - भोसड़ी वालो कोई आगे बढ़ा तो यही लाशे बिछा दूंगा | यही तो वो चाहती है | आज पहले मै रीमा को चोदुंगा चाहे उसके लिए तुमारी लाश पर से ही क्यों न गुजरना पड़े | जग्गू के तेवर देखकर अब सच में दोनों लड़कों की फट के हाथ में आ गई | उन्हें लगा कही सच में ही न गोली मार दे | वो पीछे हट गए | रीमा की लग की उसकी सारी मेहनत बेकार हो गयी | अब तो सचमुच में रीमा की आँखों में आंसू आ गए | जग्गू के तेवर देख रीमा समझ गयी अब जग्गू से बचना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन है | उसे पता था अगर जग्गू ने उसे चोद दिया तो तो जिंदगी भर अपनी आँखों में आंखे डाल कर सीना चौड़ा करके नहीं जी पायेगी | अब उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर वो क्या करे, उसके अन्दर का दर्द, बेबसी पीड़ा आंसू बनकर बहने लगा था और उन्हें वो रोक पाने में पूरी तरह असमर्थ थी |
उसके चेहरे के आंसू देखकर जग्गू ने अट्टहास किया - क्यों निकल गयी सारी हेकड़ी रीमा मैडम | उस दिन मुझे जरा सी गलती क्या हुई थी आपने तो मेरी गांड का भर्ता बना दिया था | आज आप कितने भी घड़ियाली आंसू बहावो, कितन भी मेरे पांव पड़ो, मिन्नतें करो लेकिन आज तो मै तुमारे साथ वही करूंगा जो सोचकर आया हूँ | चुपचाप चुदवा लो नहीं तो तड़प तड़प कर चुदोगी |
रीमा का पीला निराश चेहरा देख जग्गू अपना लंड हिलाता हुआ - स्वागत नहीं करोगी मेरे लंड का |
रीमा को लगा अब सबकुछ जग्गू के हाथ में है, एक बार माफ़ी मांगना जिंदगी भर की जिल्लत ढोने से तो अच्छा हो है |
रीमा - जग्गू ठीक है मुझसे गलती हो गई मुझे इतना ज्यादा तुम पर अत्याचार नहीं करना चाहिए था लेकिन गलती हर इंसान से होती है गलती माफी तो की जा सकती है प्लीज मुझे माफ कर दो |
जग्गू हैरान सा होकर अट्टहास भरने लगा - साला कितनी मादरचोद चूत है तू साली कुतिया, जब कुछ नहीं सूझ रहा तो मुझे माफ़ी पर ज्ञान चोद रही है | मेरी डिक्शनरी से माफ़ी शब्द उसी दिन गायब हो गया था जब तू बेरहमी से मेरी गांड के चीथड़े उड़ा रही थी | तुझे लगता है तूने जो मेरे साथ किया उसके बाद मै तुझे माफ़ कर दूंगा | तू भोसड़ी वाली अब कितन भी रो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता |
रीमा अब रुआंसी हो आई, रुंधे गले से रुआंसी होकर - प्लीज मुझे माफ कर दो और जग्गू प्लीज मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगी और तुम्हारा लंड भी चूस दूंगी |
जग्गू को रीमा की पीड़ा से बहुत सुख मिल रहा था | उसका अट्टहास सुनकर रीमा समझ गयी अब बहुत देर हो चुकी है |
जग्गू रीमा के नंगे बदन के पास आ गया | उसके खूबसूरत बदन की गर्मी और गंध को सूंघ कर मदहोश होने लगा |
जग्गू - साला ऐसी मादक गंध निकलती है इस हरामन कुतिया के बदन से की पास आते ही मदहोशी सी छाने लगती है | आदमी इस गंध में डूबकर पागल सा हो जाये | ऐसी कौन सी गंध छोड़ती है चूत से की मुर्दे का लंड भी सीधा हो जाये |
इतना कहकर उसने रीमा के गोर मांसल चूतड़ पर एक जोरदार चमाट मारी | रीमा के मुहँ से चीख निकल गयी | जग्गू का पूरा का पूरा हाथ रीमा के चूतड़ पर छप गया |
रीमा जग्गू से गिडगिडाने लगी - पप्लीज जग्गू मै तेरा लंड चूस दूँगी | अगर तू चाहेगा तो हर हफ्ते चूस दिया करूंगी |
जग्गू - अब आई न चूत लंड के नीचे, साला चूत कितनी भी हरामी हो लंड से आगे थोड़े न जा पायेगी | अब समझ में आया न लंड की ताकत और औकात कितनी होती है | अब तेरी भलाई इसी में है चुपचाप चुदवा ले वर्ना चीखे निकाल कर चोदना भी मुझे आता है |
रीमा - देख जग्गू मै मानती हूँ मुझे गलती हुई है मुझे माफ़ कर दे | अगर तू मुझे चोदना ही चाहता है तो ठीक है चोद ले, लेकिन ऐसे खड़े खड़े कैसे तू मेरी चूत चोद पायेगा | मेरे हाथ खोल दे मै आराम से जमीं पर लेट जाऊँगी | फिर मुझे हचक हचक कर छोड़ लेना | तुझे भी बहुत मजा आएगा | इससे ज्यादा मै तेर लिए कुछ नहीं कर सकती |
अब तक उछाले मार रहा जग्गू का अहंकार रीमा के झुकाते ही कुछ नरम पड़ा |
लड़का भी बोल उठा - पता नहो बॉस आपकी मैडम से इतना फटती क्यों है मैडम सही तो कह रही है | साला हम तीन लोग है और ये अकेली , ऊपर से हमारे पास गन भी है ये क्या उखाड़ लेगी हमारा | लिटाओ इसकी जमीं पर उलटा पेट के बल फिर जब इसके गद्देदार चुताड़ो पर ठोकर मारोगे तो सीधे जन्नत की सैर करोगे |
जग्गू को लगा लड़का सही कह रहा है | साला ऐसे खड़े खड़े चोदने में मजा न आएगा | लेकिन जग्गू के अन्दर का डर अभी भी इसके लिए राजी नहीं था |
जग्गू - ठीक है इसे जमीं पर लिटा देना, लेकिन इसकी चूत का सुभारम्भ कर लेने दो एक बार, एक बार इसकी चूत में लंड घुसा दू, इसको चोदने की शुरुआत तो मै ऐसे खड़े खड़े ही करूंगा | फिर तुम लोग इसके हाथ खोलकर इसे जमीं पर लिटा देना |
लड़का बोलो - आप एक नंबर के फट्टू हो, आपकी फटती बहुत है इसी वजह से अब तक आप मैडम की चूत में लंड नहीं घुसा पाए हो | इतना फट्टू पण न होता आपके अन्दर तो अब तक रीमा मैडम की चूत में दो राउंड की चुदाई कर चुके होते और तीसरे चक्कर के लिए अपना लंड चुसवा रहे होते |
जग्गू को लड़के की बातो से जोश आ गया | जग्गू रीमा के सामने आ गया, उसके दोनों स्तनों को हाथो में भर लिया और बारी बारी से उसके स्तनाग्र को अपने मुहँ में भरकर चूसने लगा |
रीमा ने अपनी आंखे बंद कर ली | वो अपने अन्दर इस अपमान की पीड़ा को बर्दाश्त करने की हिम्मत जुटाने लगी | जिस सख्स की वो शक्ल नहीं देखन चाहती थी वो उसके स्तनों का पान कर रहा हिया उर कुछ देर में उसकी मखमली चूत में अपना लंड घुसेड़ने वाला है | ये सोचकर ही रीमा को अन्दर तक घिन आ गयी | रीमा को ये सब बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन अब वो कर भी क्या सकती थी | उसने स्तनों को मुहँ से चुसना जारी रखा और अपने दोनों हाथ रीमा के चुताड़ो पर जमा दिए | उसने अपने तने हुए खड़े लंड को रीमा की जांघो के बीच घुसेड़ दिया और उसके चुताड़ो को अपनी तरफ ठेल कर उसके बदन को अपने बदन से चिपकाने लगा | बार बार रीम एके चुताड़ो की पकड़ कर उसकी कमर को अपनी तरफ ठेलता, जिससे रीमा की जांघो में बीच फंसा उसका लंड रीमा के चूत के ओंठो की मालिश करता हुआ आगे पीछे हो रहा था | रीमा के लिए ये सब बर्दाश्त से बाहर था लेकिन रीमा कुछ भी नहीं कर सकती थी |
जग्गू - मजा आ रहा है रीमा मैडम, मेरा लंड आपके चूत के ओंठो की मसाज कर रहा है | कभी सोचा था आपने मै आपको इस तरह से चोदुंगा | मैने तो आपके नाम से न जाने कितनी बार मुठ मारी है |
रीमा - मै थक गयी हूँ ऐसे खड़े खड़े, मेरे पांव दुखने लगे है | ऐसे खड़े खड़े मुझे चोदकर तुझे क्या मिलेगा | आराम से लिटाकर चोद, औरत को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा की आँखे आसुओं से गीली थी, फिर भी उसका मन हार मानने को तैयार नहीं था |
जग्गु को भी लगा अब तो ये पूरी तरह से राजी है चुदने के लिए, फिर क्यों न इसे लिटाकर चोदा जाये | लड़के भी कह रहे थे लड़की को आराम से लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा मैडम को लिताऊंगा, फिर उनकी जांघे फैला दूंगा और फिर उनकी मखमली चूत में पूरा का पूरा लंड घुसेड दूंगा | ऐसे खड़े खड़े बस लंड का सुपाडा ही जायेगा रीमा की चूत में |
जग्गू - मै रीमा मैडम को लिटाकर उनकी चूत को चोदने की सोच रहा हूँ | क्या कहते हो तुम लोग |
लड़का - बॉस मैंने तो पहले ही कहा था, लड़की और चूत जब लंड के नीचे होती है तभी मजा आता है बॉस | बॉस लड़की को लिटाकर चोदने का मजा ही कुछ और है | रीमा मैडम पूरी तरह से हमारे कब्जे में है, वो खुद पूरी तरह से चुदने को तैयार है | फिर भी अगर जरा सा भी चु चपड़ करी तो मसल डालेंगे साली को | क्या कमाल की औरत है जब से नंगी हुई है लंड मुरझाने का नाम ही नहीं ले रहा बॉस | जल्दी से रीमा मैडम को चोद डालो, ताकि हमारे लंडो को भी पनाहगाह में जाने का मुका मिले | इतनी देर से अकड़े अकड़े लंड फटने को आये और इनमे दर्द भी होने लगा है |
जग्एगू अपने लंड को मसलता हुआ रीमा से अलग हो गया | एक लड़के ने रीमा को थाम लिया और दूसरा उसके हाथ खोलने लगा | रस्सी के खुलते ही रीमा के हाथ आजाद थे | रीमा ने राहत की एक लम्बी साँस ली | रीमा जमीन पर लेटने की बजाय कुर्सी पर बैठ गयी |
ये देखते ही जग्गू का पारा गरम हो गया |
रीमा आइस्ते से बोली - काहे की जल्दी है जग्गू, आराम से जांघे खोल दूँगी जीभर के चोदना, जब तक मन न भर जाए तब तक चोदना | पहले थोडा खेल खा तो लो | मुझे भी अच्छा लगेगा |
लड़का रीमा का समर्थन करता हुआ बोला - सही बात है रीमा मैडम का जिस्म इतना खूबसूरत है इससे खेलने में क्या बुराई है | रीमा मैडम हमें जन्नत की सैर करवाने वाली है हमारा भी तो फर्ज है उन्हें चूम के चूस के चाट के अच्छा फील कराये |
जग्गू - फील अच्छा बात में कर लेगी अभी लंड डालकर चोदने दे पहले |
लड़का - जग्थोगू बॉस थोड़ा रीमा मैडम के जिस्म का रस भी तो पियो, देखो कितनी रसीली है फिर रीमा मैडम कहाँ भागी जा रही है जो इतने उतावले हो रहे हो उन्हें चोदने के लिए | आखिर में रीमा मैडम की चूत की चुदाई ही तो करनी है बस चुदाई | गांड का पसीना निकल जाता है लड़की को चोदने के लिए मनाने में | यहाँ तो रीमा मैडम खुद ही अपनी मखमली गुलाबी चूत चुदवाने के लिए पूरी तरह से राजी है | तो थोडा चूसने चाटने में क्या चला जायेगा |
रीमा उस लड़के के बालो पर हाथ फेरती हुई - तुम कितने प्यारे हो | तुम्हे मै दो बार अपनी चूत चोदने को दूँगी | मेरी चूत खूबसूरत तो है न |
लड़का - बहुत खूबसूरत है मैडम, हम शब्दों से बयां नहीं कर सकते |
जग्गू - चूत तो चूत होती है, उसमे खूबसूरत बदसूरत क्या ? हर लड़की के पास ऐसी ही चूत होती है | इसमे ऐसी कौन सी अनोखी बात है |
लड़का - देखो बॉस मुझसे ज्यादा लौडियां नहीं चोदी होंगी आपने इसलिए मुझसे ज्यादा चूत भी नहीं देखि होंगी | इतनी साफ़ सुथरी चिकनी मखमली गुलाबी चूत बड़े किस्मत वालो की मिलती है | आप जाकर उन गन्दी झांटो से भरी काली चूतों में मुहँ मारो, मै तो रीमा मैडम की चूत की ही पूजा करूंगा | रीमा मैडम की चूत सबसे अलग है |
आप ही बतावो बॉस कहाँ मिलेगा ऐसा संगमरमरी बदन, कहाँ मिलेगे ऐसे तने हुए सुडौल उरोज, सपाट पेट, सुराही की मुहँ जैसी पतली गर्दन , ये बलखाती पतली कमर | मैडम क्या मै आपको चूम सकता हूँ |
रीमा अपनी तारीफे सुनकर मंत्र मुग्ध हो गयी - हाँ हाँ मेरे ओंठो को छोड़कर कही भी चूम सकते हो | दोनों लड़के रीमा के आसपास आ गए |
दोनों ही रीमा के कोमल नाजुक से गोरे बदन को चूमने लगे | दोनों में से एक ने रीमा की कमर को चूमना शुरू कर दिया और दूसरे ने रीमा की चुचियों को चुसना शुरू कर दिया | जग्गू वही बुत बना खड़ा रहा जग्गू को समझ में नहीं आ रहा था यह हो क्या रहा है वह तो रीमा को चोदने जा रहा था फिर यह सब नौटंकी कहां से शुरू हो गई हालांकि इससे पहले वह कुछ कहता . . . . .
एक लड़के ने जग्गू को बोला - अबे भोसड़ी के सामने गुलाबी कमसिन गुलाबी चिकनी चूत खुली पड़ी है और तू भोसड़ी के जो है अपने लंड को मसल रहा है कम से कम साला अपने मुंह लगाकर इसको चाट कर तो देख इसका स्वाद कितना स्वादिष्ट होता है |
जग्गू ना चाहते हुए भी रीमा की जांघों के बीच में झुक गया और अपने होठों को रीमा की गर्म गुलाबी चिकनी चूत पर रख दिया रीमा के मुंह से आह निकल गई वह चाहती तो नहीं थी लेकिन जिस्म की आग है ही ऐसी की अगर दुश्मन भी भड़कायेगा तो भी भड़केगी | रीमा जग्गू से जितनी नफरत करती थी उतनी शायद किसी से न करती हो लेकिन अपनी मखमली गुलाबी चूत के चिकने ओंठो पर जग्गू के होठों का स्पर्श पाते ही उसके मुंह से एक मादक सिसकारी निकल गई |
एक लड़का जोश में बोला - साली को मजा आ रहा है ऐसे ही चूस जग्गू, कसकर चूस, रीमा मैडम गर्म हो रही है |
दोनों लड़के रीमा के एक-एक स्तनों को अपने मुंह में भर करके चूसने लगे | रीमा अपने आसपास की खबर से अनजान तीन जवान लडको के साथ में नंगी पड़ी हुई थी उसे नहीं पता था अगले पल क्या होने वाला है लेकिन अब उसके जिस्म पर वासना हावी होने लगी थी | और वह ना चाहते हुए भीउसमे डुबने को मजबूर थी | दोनों लड़के रीमा के स्तनों को बहुत कस कर चूस रहे थे और उसके पूरे गोरे बदन को मसल रहे थे जबकि जग्गू रीमा की चूत पर अपने सख्त ओंठ जमाये हुए था | रीमा की वजह से उसकी तो लाटरी की निकल पड़ी थी | उसने आज से पहले कभी किसी लड़की की चूत नहीं चुसी थी |
रीमा की जांघो से सर निकाल कर - बड़ा मजा आ रहा सालो रीमा मैडम की चूत चुसने में | क्या रसभरी चूत है |
एक लड़का बोला - मैंने कहा था न बॉस, एक बार रीमा मैडम की चूत में मुहँ लगाकर तो देखो | सारे स्वाद भूल जाओगे |
रीमा वासना में डूबती चली जा रही थी अब उसके अंदर का प्रतिरोध खत्म होने लगा था वह जो कुछ भी अब तक सोच रही थी सब कुछ फ़ैल हो चुका था | अब तो उसे भी लग रहा था इन तीनो से चुदने में क्या बुराई है | अगर ये सलीके से शराफत से उसे चोदते है तो क्या हर्ज है | चूत बनी ही है चुदने के लिए | मेरी चूत इनके लंड घुसते ही ये भी जन्नत की सैर करेगे और मै भी | रीमा को लग रहा था कि अब इन तीनों के हाथों में चुदने के अलावा उसके पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है और वह तीनों उसे चोद कर ही मानेंगे | रीमा भी शायद उनका लंड अपनी चूत में लेने का पूरा मन बना चुकी थी |
बस अब उसके मन के किसी कोने में जो जग्गू से चुदने की ग्लानी थी बस वही बाकि थी | जग्गू रीमा को बदले के लिए चोद रहा था बस रीमा को यही एक पश्चाताप था | रीमा का दिमाग काम करना बंद कर चुका था | तीन तीन लड़के उसकी वसना की आग भड़काने में लगे हुए थे रीमा का बदन वासना की गर्मी से तपने लगा था रीमा के अंदर भी चुदाई का बुखार चढ़ने लगा था लेकिन उसके अंदर जग्गू को लेकर जो नफरत भरी थी वह बड़ी मुश्किल से रीमा काबू में किए हुए थी | दोनों लड़के रीमा के स्तनों को बुरी तरह मसल रहे थे और उनके लंड रीमा के दोनों तरफ उसकी जांघों से रगड़ खा रहे थे जबकि जग्गू जो है रीमा की जांघो के बीच में सर डालकर उसकी गुलाबी चूत में खोया हुआ था | अब रीमा का उसके दिलो दिमाग पर सेनियंत्रण ख़त्म होने लगा था | अब रीमा ने हार मान ली उसे अब लग रहा था कि अब इनको अपना सुख देने में ही फायदा है क्योंकि अब उम्मीद की किरण खत्म हो चुकी थी रीमा ने आंखें बंद कर ली और जग्गू की चूत चूसने के मस्ती को अपने दिलो-दिमाग में से महसूस करने लगी वह तो अब मन से पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी |
वह मान चुकी थी कि अब उसका इन तीनो से चुदवाना ही उसकी नियत है | इसको लेकर उसके अंदर न कोई शौक था ना ही कोई डर था ना ही कोई भावना थी आखिर लंड ही तो हैं लंड चूत में ही तो जायेगें | क्या घट जायेगा मेरी चूत का अगर कुछ देर ये मुझे चोद लेगें | अब तक मैंने तो पूरी कोशिश करी इनसे बचने की कोई रास्ता नहीं है तो क्या कर सकती हूं कोई नहीं आने वाला उसे बचाने के लिए यही सोचकर उसने अपनी आंखें बंद कर ली | जग्गू को उसकी चूत चूसते हुए भी काफी देर हो गई थी रीमा का जिस्म काफी गर्म हो गया था इसी बीच रीमा ने अपनी आंखें खोली और जग्गू की तरफ झुकते हुए उसके फड़कते लंड को पकड़ लिया | जग्गू रीमा की चूत में बुरी तरह से खो चूका था उसे रीमा द्वारा इस तरह से डिस्टर्ब करना पसंद नहीं आया लेकिन रीमा के हाथ में अपना लंड देख जग्गू सीधा हो गया | रीमा कुर्सी पर बैठे बैठे ही आगे को थोडा झुकी और जग्गू के लंड को अपने मुहँ के रसीले ओंठो से जकड लिया | दोनों लड़के और जग्गू हैरान रह गए | एक लड़का उत्साह से बोला - अरे बॉस अब तो लग रहा है रीमा मैडम बुरी तरह से गर्म हो गई है |
जग्गू थोड़ा दुविधा में था, इ वो पहले ही रीमा की चूत चूसकर मस्तियाया हुआ था ऊपर से इस तरह से रीमा का उसके लंड को लेकर चूसने से उसका गुस्सा पता नहीं कहाँ फुर्र हो गया |
जग्गू - आह मैडम क्या चूसती हो लंड को, आप कमाल हो सच में कमाल हो | आह आह आह आह आह |
बाकी दोनों लड़के भी अपने लंड हिलाते हुए रीमा के पास आ गए | रीमा के मुहँ के पास अब तीन तने हुए लंड थे | एल उसके मुहँ में था और बाकि दोनों को रीमा ने अपने एक एक हाथ में लेकर मुठियाना शुरू कर दिया | उन लड़कों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि इतनी हसीन खूबसूरत औरत उनके लड़कों को मसल रही है | रीमा ने जग्गू के लंड को छोड़ दुसरे के लंड को चुसना शुरू कर दिया और उसके लंड को हाथ में भरकर मसलने लगी | यह सच था रीमा ने आखिर में उन तीनों लड़कों के लंडो को मुहँ में लेकर चूसना शुरू कर दिया था वह बारी-बारी से तीनों के लंड को अपने मुंह में ले रही थी और वो तीनों तो जैसे जन्नत ही पहुंच गए थे जग्गू को भी यकीन नहीं हो रहा था कि यह क्या हो रहा है उसका रीमा की चूत को चोदने का सपना पल पल दूर होता जा रहा था लेकिन अभी वो जन्औनत की सैर कर रहा था इसलिए उसके दिमाग में रीमा की चूत चोदने का कोई ख्रयाल भी नहीं आ रहा था | रीमा भी पूरी तरह से हार मानकर उन लड़कों से खेलने लगी थी उसे भी उनके लंडो से खेलने में अब मजा आने लगा था वह बारी-बारी से तीनों लड़कों को हाथ में लेकर के मुंह में लेती और अच्छे से चुस्ती थी तीनों के मुंह से सिसकारियां निकलने लगी थी तीनों की हालत देखने वाली थी |
इतनी खूबसूरत हसीन मस्त औरत से लंड चुसवाने का जवानी की आग बढ़ाने का मजा ही कुछ और था | तीनो ये सब देखकर उत्तेजना के चरम पर पंहुच गए | जग्गू के मुकाबले बाकी दोनों लड़कों के लंड बड़े थे लेकिन रीमा बारी बारी से तीनों के लंड अपने मुंह में ले रही थी और इसी बीच में तीनों के लंड में अकड़न बहुत कड़क हो गई थी | तीनो में से एक लड़का बोला मैडम अब तो बस अपनी चूत खोली दो अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब तो आप को चोदने का मन मुझे भी करने लगा है जग्गू का तो मुझे पता नहीं लेकिन मैं आप को चोदना चाहता हूं प्लीज और मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हूं मैं आपके साथ कोई जबर्दस्ती नहीं करूंगा आप प्लीज इस लंड पर कुछ तरस खाओ |
रीमा - इतनी भी जल्दी क्या है , जवान हो दो तीन राउंड तो आराम से निपटा दोगे | अभी तो मेरा मन मलाई खाने का है |
लड़का - लेकिन मैडम |
रीमा उसकी बात काटती हुई बोली - चिंता क्यों करते हो, दुसरे तीसरे राउंड के लिए मै ही खड़ा करूंगी | आज अपनी जवानी जीभर के भोगोगे | ऐसा चुदाई का मजा दूँगी की जिंदगी भर नहीं भूल पावोगे | अभी मुहँ में ही निपट लो अगला राउंड चूत का होगा |
रीमा की बात सुनकर उस लडके का जोश और बढ़ गया - रीमा मैडम तो हमें आज ही पूरा स्वर्ग दिखाएंगी |
जोश जोश में उसकी उत्तेजना और बढ़ गयी | रीमा ने भी उसके लंड को कसकर चुसना शुरू कर दिया | अब उसके मुह से अनगिनत कराहे निकलने लगी | जग्गू रीमा को ऐसे लंड चूसते हुए पहले भी देख चूका था इसलिए वो हैरान नहीं था लेकिन रीमा की इस अदा पर सम्मोहित जरुर हो गया था | रीमा दोनो कसकर उस लडके का लंड चूसने लगी और अपने हाथ से मसलने लगी | वो लड़का पहले ही उत्तेजना से सरोबार था | रीमा के हाथ की सख्त जकड़न और उसके रसीले ओंठो की कसावट का मर्दन ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाया | उसकी पिचकारी छुटने लगी | रीमा ने मुहँ खोल दिया और उसके सफ़ेद गाढे रस की एक एक बूँद गटक गयी | इसके बाद उसने जग्गू का लंड थाम लिया | जग्गू अभी झड़ना नहीं चाहता था |
रीमा - चूत अगले राउंड में चोदना |
जग्गू - नहीं मेरा दूसरी बार खड़ा न हुआ तो |
रीमा - मै किसलिए हूँ |
जग्गू पीछे हट गया - इसका चूस के इसकी पिचकारी छुटाओ, मै तो तुमारी चूत में ही पिचकारी छोडूंगा | मुझे बाथरूम लगी है मै निपट कर आता हूँ | जग्गू झड चुके लड़के के साथ मुतने चला गया |
रीमा ने दूसरे लड़के का लंड थाम लिया और कसकर चूसने लगी | वो लड़का भी अपनी उत्तेजना के चरम पर था | रीमा के रसीले ओंठो की सख्त मालिश ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाया | और उसकी पिचकारी भी छुटना शुरू हो गयी, रीमा उसका भी सफ़ेद रस गटक कर पी गयी | वो हांफता हुआ रीमा की कुर्सी के पास बैठ गया और रीमा की जांघ पर सर रख दिया | रीमा अब कमरे में अकेली थी और वो लड़का जो झड़ने के बाद अपनी सांसे काबू करने में लगा था | रीमा कुर्सी से उठी और तेजी से उसने जमीन पर रखी गन उठा ली | इससे पहले वो लड़का कोई हरकत कर पाता रीमा ने वो गन उसकी कनपटी पर तान दी |
इससे पहले रीमा कुछ कहती, करती बाहर से अंधाधुंध गोली चलने की आवाज सुनाई पड़ी | चार पांच बार धांय धांय रीमा के कानो में पड़ा | रीमा ने जल्दी से उस लड़के को ठीक अपने आगे किया और उसके पीछे गन लगा दी और दरवाजे की ओर को हो गयी | वो कुछ कदम ही आगे बढ़ी थी की एक आदमी चीते की तरह छलांग लगाते हुए तेजी से आया और रीमा की तरफ चार पांच गोलियां दाग दी | रीमा उस लड़के के पीछे थी इसलिए सारी गोलियां उसके सीने में पैबस्त हो गयी | एक पल को तो रीमा उसकी पीठ के पीछे छिप गयी | फिर पता नहीं कहाँ से अचानक उसमे इतनी हिम्मत आ गयी की उसने गन से लड़के की आड़ से सामने वाले पर फायर कर दिया | वो इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था | उसे दो गोली लगी | एक गर्दन में एक सीने में | वो वही लुढ़क गया | रीमा की धड़कने तेज थी, आंखे फटी पड़ी थी कमरे में जो हुआ उसे देखकर | रीमा को खुद नहीं पता चला की उसने क्या किया कैसे किया | अभी न डरने का वक्त था न सोचने का |
रीमा डरते डरते दरवाजे के पास तक गयी | उसने गोली से घायल लड़के को ढाल बना रखा था | उसने बाहर झांककर देखा उसे कोई नहीं दिखाई दिया | तब तक लड़का मरने की कगार पर पहुँच गया था | रीमा ने लड़के को छोड़ दिया जो अपनी आखिरी सांसे गिन रहा था | रीमा जमीन पर रेगती हुई दरवाजे से बाहर निकली | वहां उसे कोई नहीं नजर आया | थोड़ी दूर पर जाकर देखा, तो जग्गू और लड़का जमीन पर पड़े है | जग्गू तो शायद मर भी गया था क्योंकि उसके गोली सीधे माथे पर लगी थी | जबकि लड़का अभी कराह रहा था | लेकिन उसे भी कई गोलियां लगी थी | रीमा को तो यकीं ही नहीं हो रहा था क्या से क्या हो गया एक पल में पलक झपकते ही | जिन जवान लड़को के खड़े लंडो से अभी कुछ देर पहले वो वासना का खेल खेल रही थी वो अभी बिलकुल निस्तेज मुरझाये पड़े थे और उनके जिस्मो की जान बस निकलने वाली ही थी |
रीमा के होश फाख्ता हो गए | अब वो क्या करे | कहाँ आकर फंस गयी | कुछ देर तक शुन्य बनकर खड़ी रही, कुछ समझ अनहि आया क्या हुआ कैसे हुआ | सामने दो जवान जिस्मो की नंगी लाशे पड़ी थी और सामने एक पूरी नंगी औरत अपने हाथ में गन लिए बिलकुल निस्तेज शुन्य बनकर खड़ी थी | रीमा उन दोनों के सूखे लंडो को एक बार देखा और फिर तेजी से अन्दर आई | उसने अपने सारे कपड़े बटोरे | गनीमत थी की जग्गू की बात न मानकर उसकी साड़ी को लड़को ने नहीं फाड़ा था | उसे झट से किसी तरह अपने चारो ओर साड़ी लपेटी और बाकि सारे कपड़े इकठे किये और अपने पेटीकोट में लपेट लिए | हाथ में गन थी | तीन लड़को की नंगी लाशे और एक हमलावर जी लाश और रीमा के साड़ी से छन छन कर दीखता उसका खूबसूरत बदन |
उसके पास तो फ़ोन भी नहीं था | आखिर कहाँ जाये किसे फ़ोन करे | काफी देर तक वही शुन्य बनी बैठी रही | बाहर घनघोर रात हो गयी थी | रीमा ने पुरे मकान का मुआयना किया | उसने बाहर के बल्ब बंद कर दिए | लड़को और जग्गू के कपड़ो में जरुरी सामान ढूढ़ने लगी | फ़ोन तो नहीं मिला लेकिन उसे एक टौर्च जरुर मिल गयी |
शाम से लेकर अब तक जो भी हुआ रीमा की सोच समझ से परे था | रीमा रात में कही जा नहीं सकती थी लेकिन यहाँ रुकना भी उसे ठीक नहीं लगा | यहाँ चार लाशे पड़ी थी, और बाहर जंगल में जंगली जानवरों का खतरा था | अपनी फूटी किस्मत पर रीमा रोने लगी | कहाँ आकर फंस गयी | पता नहीं किसी को पता भी चला होगा की मै यहाँ इस मुसीबत में फंस गयी हूँ या नहीं |
उधर जब ऑफिस बॉय रीमा की गाड़ी का पंचर बनाकर उसकी गाडी देने उसके घर गया तो कई बार बेल बजाने के बाद कोई बाहर नहीं आया | उसने फ़ोन मिलाया लेकिन वो तो स्विच ऑफ जा रहा था | उसने लैंडलाइन पर फ़ोन किया घंटी तो जा रही थी लेकिन कोई उठा नहीं रहा था | उसने हारकर अपने बॉस को ऑफिस में फ़ोन मिलाया, उसके बॉस ने रीमा के इमरजेंसी कांटेक्ट नंबर पर फ़ोन किया तो फ़ोन रोहित ने उठाया | उन्होंने रोहित को पूरी बात बताई | रोहित ने अनिल को फ़ोन मिलाया | अनिल दौड़े दौड़े रीमा के घर आये लेकिन रीमा तो यहाँ नहीं थी | उन्होंने रोहित को अपडेट दिया और रीमा की जीपीएस लोकेशन देखने लगे | उसका फ़ोन स्विच off था जीपीएस शहर के बाहरी किनारे पर एक पेट्रोल पंप के पास की बता रहा था | उसके बाद लास्ट लोकेशन शहर के उत्तर जंगल की तरफ जाने वाली सड़क का मिला | शहर के टॉप सिक्युरिटी अफसर को इत्तला कर दी गयी | वो दल बल के साथ भागे भागे आये | रीमा की लास्ट लोकेशन के आधार पर आधी रात से सिक्युरिटी रीमा को ढूढ़ने निकली | अनिल ने बताया उन्होंने एक ट्रांसमीटर रीमा के हर सैंडल में छिपा दिया है जो 24 घंटे में एक बार सिग्नल देता है | आखिर सिग्नल उसने शाम 6 बजे दिया था | अब अगला सिग्नल उनको अगली शाम को मिलेगा |
रीमा उस खंडहर मकान में बैठी सुबुकती रही | पता नहीं कब उसकी आंख लग गयी | सुबह जैसे पौ फटने को हुई रीमा की आंख खुल गयी | सर भारी हो रहा था, बदन टूट रहा था | लेकिन रीमा वहां से निकल भागी | उसे नहीं पता था कहाँ जाना है लेकिन जंगल की एक पगडण्डी पर वो बढ़ चली | बदन पर कपड़ो के नाम पर बस एक साड़ी थी और पैरो में सैंडल | रीमा बदहवास सी चली जा रही थी, उसे नहीं पता था की वो कहाँ जा रही है लेकिन उस मनहूस खंडहर से जीतनी दूर हो सके वो जाना चाहती थी | एक घंटा चलने के बाद उसे एक छोटा सा गाव दिखाई दिया | बाद में जब आगे बढ़ी तो वो गाँव कब एक छोटा सा क़स्बा ज्यादा लग रहा था | इससे पहले वो पगडण्डी पार कर वो गाव की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर आती | पीछे से किसी ने उसको चीते की फुर्ती से दबोच लिया |