Episode 31
रीमा कराहते हुए चीखते हुए - मुहँ घोट के रख दोगे क्या, कोई ऐसे पेलता है क्या लंड | चूत नहीं है, मुहँ है , जगह बनानी पड़ती | जब मै चूस रही हूँ तो ठोकरे मारनी की या जरुरत है | ठोकरे मारनी है तो पहले बोल दो, उस हिसाब से मै तैयार हो जाऊ |
गार्ड को कुछ समझ नहीं आया, उसके लिए सब कुछ एक पहेली की तरह था, क्या हुआ क्यों हुआ उसने क्या गलत किया |
गार्ड - मैडम सॉरी, क्या करू काबू ही नहीं हो रहा |
इधर 24 घंटे होने को आए थे और अनिल बहुत तेजी के साथ में रीमा के सेंडल में लगे हुए चिप से सिग्नल का इंतजार कर रहे थे और वह वक्त आ गया जब उन्हें सिग्नल मिल गया अनिल की आंखों की चमक दोगुनी हो गई
उन्होंने तेजी से सिक्युरिटी कंफर्म किया कि असली लोकेशन मिल गयी है | पहले प्लान की सक्सेस से बाकि प्लान सब खटाई में चले गए |
जैसे ही सिक्युरिटी को वहां की लोकेशन के कोऑर्डिनेटर मिले वह तेजी से उसने अपनी सारी पूरी सिक्युरिटी फोर्स को
चौकन्ना कर दिया और अपने गंतव्य की तरफ चले थे अनिल पता लगा कि यह तो उन लोगों की बस्ती है जो ड्रग्स और क्रिमिनल दुनिया में सक्रीय है तो उनके अंदर का संदेह और गहरा हो गया | वो इस सोच में पड़ गए कही कोई अनहोनी तो रीमा के साथ नहीं हो गयी | आखिर वह दुनिया इतनी बदनाम मशहूर बस्ती के अंदर क्या कर रही है एक से एक बदमाश रहते हैं आए दिन वहां हत्या होती रहती है जहां के सारे काम और काले धंधे चलते हैं वहां रीमा कैसे पंहुंची |
इधर बाथरूम में कुछ पल का सन्नाटा छाया रहा | रीमा को लगा कही मामला ज्यादा न बिगड़ जाये इसलिए उसने आगे बढ़कर गार्ड का लंड फिर से हाथ में थाम लिया फिर उस पर ढेर सारी लार उड़ेल दी |
गार्ड को भी लगा रीमा मैडम को तकलीफ हुई है इसलिए तो थप्पड़ मारा है - मैडम गलती हो गयी, हम ये सब तो करते नहीं इसलिए कोई अनुभव नहीं है, जोश जोश में गलती हो गयी |
रीमा ने फिर से गार्ड के लंड को मुठियाना शुरू कर दिया | कुछ देर बाद मुहँ में लेने चली | लेकिन ले नहीं पाई | गार्ड के बेतहाशा लंड पेलने से उसके जबड़े में खिचाव आ गया था और रीमा के मुहँ में दर्द होने लगा |
रीमा को पता था गार्ड की उत्तेजना काफी सफ़र तय कर चुकी है इसलिए अब शायद उसे ज्यादा समय ना लगे | गार्ड क्या रीमा भी उत्तेजना के आवेश में पूरी तरह से गरम हो चुकी थी | उसकी चूत में हलचल होने लगी थी उसके माथे पर पसीना आने लगा था
इधर रीमा के मुहँ में दर्द देख गार्ड भी शर्मिंदा था - मैडम जी गलती हो गयी माफ़ कर दो, आपको तकलीफ उठाने की कोई जरुरत नहीं | हमारे जैसे लोग आपके लायक ही नहीं है | मै हाथ से काम चला लूँगा |
इतना कहकर उसने रीमा के हाथ से लंड छुड़ा लिया |
गार्ड थोड़ा निराश होकर - आप कपड़े पहनो, मै बाहर का माहौल देखकर आपको खबर करता हूँ | इतना कहकर गार्ड ने अपने लंड को मुठियाँना शुरू कर दिया | उसका हाथ उसी के लंड पर तेजी से फिसलने लगा इसी के साथ में रीमा के जिस्म का जादू है उसके दिलो-दिमाग पर फिर से छाने लगा | उसने आंखें बंद कर ली |
रीमा को लगा कही बाजी हाथ से फिसल न जाये | रीमा का आखिरी सहारा गार्ड ही था, भले ही उसके लंड की वजह से उसके जबड़े में खिचाव आ गया हो लेकिन वो गार्ड को नहीं नाराज कर सकती थी |
रीमा ने गार्ड के लंड को उसके हाथ से छीन लिया - मेरे होते हुए तुम अपने लंड को खुद ही मुठियाओ इससे बड़ा अपमान मेरा क्या हो सकता है |
गार्ड - रहने दिजियेना मैडम . . . . . . . मुझे कोई शिकायत नहीं है |
रीमा - लेकिन मुझे तो है एक चूत के होते हुए एक लंड हाथ से पिचकारी छोड़े ये तो सरासर चूत की बेइजती है |
गार्ड - क्या फायदा . . . . . . . मै नहीं चाहता आपको कोई और नुकसान या चोट पंहुचे |
रीमा ने इसे जैसे अपनी चूत का सवाल बना लिया - असली चोट तो तब लगेगी ( अपने सीने की तरफ इशारा करती हुई ) जब रीमा के पुरे होशो हावश में रहते हुए तुम हाथ से पिचकारी निकालोगे | बाहर के जख्म तो भर जायेगे अन्दर के जख्म कौन भरेगा | रीमा के रहते हुए खड़ा लंड तुमारे हाथ में अच्छा नहीं लगता |
रीमा ने गार्ड के लंड पर झपट्टा मारा | रीमा ने गार्ड का लंड अपने हाथ में थाम लिया | रीमा नहीं चाहती थी उसका बना बनाया प्उलान बिखर जाये | उसे आजादी चाहिए थी लेकिन साथ ही साथ वो अपनी अनंत वासनाओं के नए नित खेल भी खेल रही थी और इसको लेकर उसके अन्दर न कोई शर्म थी न झिझक | इसलिए वो गार्ड को हर मायूसी से निकालकर फिर से वासना के भंवर में डूबा देना चाहती थी | गार्ड को कैसा भी लगे लेकिन रीमा को इस खेल में रस आने लगा था |
रीमा उसके लंड को मुठियाते हुए - चलो बहुत हुआ ये सब अब ये बतावो अब तक कितनो को चोदा है |
पहले से मायूस गार्ड सकपका रहा था |
रीमा - देखो अभी तुम लंड हो और मै चूत. . . . बस बाकि सब भूल जावो ऐसे बाते करो |
गार्ड रीमा की तरफ देखते हुए |
रीमा ने आंख मारी - क्या देख रहे हो, ऐसे समझो जैसे मै तेरी रंडी चूत और तुमसे चुदने को बेक़रार |
गार्ड के ऊपर जैसे किसी ने जोश का करंट फेंक दिया हो - तीन |
रीमा उसके लंड को मुठी में भरकर रगड़ते हुए - डिटेल में बताओ |
गार्ड - कॉलेज में थी एक, एक दिन खेल खेल में हम दोनों एक खंडहर में छिप गए | वो मुझसे बड़ी थी और २ क्लास आगे थी | हम साथ साथ कॉलेज जाते थे | तभी उसने पहली बार अपनी चूंची मुझे दिखाई थी | उसी ने चुदाई के बारे में बताया |
उसके बाद कॉलेज की एक लड़की को मैंने घर में चोदा था और उसको चोदते देख किसी ने मुझे देख लिया था | इसलिए उसने मुझे डरा धमकाकर अपनी चूत चुदवाई |
रीमा - कैसी चूत पसंद है तुम्हे |
गार्ड फट से बोला - अब से पहले का तो पता नहीं लेकिन आपको को देखने के बाद किसी और के ख्वाब देखने भी बेकार है |
रीमा - इसका मतलब मै तुम्हे अच्छी लगती हूँ |
गार्ड - हाँ |
रीमा - और मेरी चूत |
गार्ड - आपकी चूत तो जन्नत है |
रीमा - मुझे भी ऐसे लंड बहुत पसंद है जो हचक हचक के चोदते हो, चूत को फाड़ के रख देते हो, मोटे मोटे लम्बे लम्बे, अन्दर चूत की गहराई तक चोदने वाले, बिना रुके बिना थके | तुमारे लंड में भी बहुत जोश है ये तो मुझे पता चल गया | मुझे पता है जब मेरी चूत में जायेगा तो पूरा मजा देगा |
रीमा गार्ड के लंड को फिर टनाटन कर चुकी थी अब वो पूरी तरह से फिर से अकड़कर तन गया था, पूरी तरह से फूला हुआ तना हुआ कड़क लंड | अब अगर उसे चूत न मिली चोदने को तो ऐसा लग रहा था जैसे
फट जायेगा |
रीमा - क्या कड़क मोटा तगड़ा लंड है तुमारा |
गार्ड के जोश की सारी सीमाए पार कर गयी - मैडम मै पूरी कोशिश करूंगा आपको अच्छे से चोदने की |
रीमा - कोई गर्लफ्रेंड है |
गार्ड - है लेकिन देती नहीं, कहती है शादी के बाद चोदना|
रीमा - तो चुसवाया करो |
गार्ड - ये सब हमारे यहाँ कहाँ होता | यहाँ तो चुदाई होती है बस वो भी अँधेरे में |
गार्ड फिर से पूरी तरह से उत्तेजना में नहाया हुआ गोते लगा रहा था | उसका लंड पूरी तरह से कड़क था और रीमा के हाथ कसी गिरफ्त से उस पर फिसल रहे थे | गार्ड में मुहँ से फिर से सिसकारियां निकलने लगी |
गार्ड अपनी वासना में गोते लगाता हुआ - मैडम अब रहा नहीं जा रहा, एक बार कर लेने दो, मैडम बस अब चोदने दो , अब रहा नहीं जा रहा |
रीमा अपनी जान छुड़ाती हुई बोली- छतरी बिना कुछ नहीं करने को मिलेगा |
गार्ड उत्तेजना में कराहता हुआ - पिचकारी छुटने से पहले निकाल लूँगा |
रीमा - मै हाथ से हिला तो रही हूँ |
गार्ड उत्तेजना से हाँफता हुआ - कहाँ हाथ मैडम कहाँ आपकी मखमली गुलाबी चूत . . . मैडम हाथ और चूत में वही अंतर है जो कोल्ड्रिंक और शराब में होता है | कभी किसी को कोल्ड्रिंक से बेहोश होते देखा है मैडम |
रीमा समझ गयी अब ये पूरी तरह से उत्तेजना के समुन्दर में गोते लगा रहा है | रीमा सोचने लगी अब इससे कैसे जान छुडाऊ | उसके हुस्न हवस और वासना का जाल अब उसे ही घेरने लगा था |
गार्ड ने हवस की उत्तेजना में अपनी बडबड जारी रखी- जबकि मैडम दारू हो या चूत दोनों का नशा एक बार दिमाग में चढ़ गया तो जिंदगी भर के लिए आदमी उसका गुलाम बन जाता है | मै भी आपकी चूत का गुलाम बन गया हूँ, एक बार अपनी गुलाबी सुरंग के दर्शन करा दो |
रीमा को कुछ नहीं सुझा क्या बोले बात बदलती हुई बोली - मैंने बोला न प्रोटेक्शन नहीं है |
गार्ड जोर देते हुए - मैडम दुनिया में सबके पास प्रोटेक्शन नहीं होता तो क्या वे चुदाई नहीं करते | मै झड़ने से पहले ही लंड बाहर खीच लूँगा मैडम, प्लीज एक बार चूत दे दो | बहुत तड़फ रहा है मेरा लंड | उसे शराब चाहिए और आप कोल्ड्रिंक पिलाये जा रहे हो |
रीमा - जिनको शराब नहीं मिलाती उनका सोचो कैसे काम चलता होगा |
गार्ड - मैडम मेरे सामने तो न केवल शराब की बोतल खुली रखी है बल्कि शराब गिलास में भरी रखी है, बस एक बार पी लेने दो |
रीमा ने खुन्नस में उसके लंड को मसल दिया |
गार्ड ने रीमा को कसकर पकड़ते हुए - आह मैडम बस एक बार अपनी मखमली गुलाबी चूत का जाम इस बदनसीब गरीब लंड को चख लेने दो | हमारे भाग में ऐसे मौके तो सपने में भी नहीं मिलते | जिंदगी भर आपका गुलाम बनकर रंहूँगा |
रीमा को लग गया ये ऐसे नहीं मानेगा लेकिन क्या करे उसे कुछ समझ नहीं आया | उसका लंड मुठियाते हुए बोली - जब शराब नहीं मिलती थी तब |
गार्ड - तब तो कोल्ड्रिंक से ही काम चलाता था लेकिन अभी मुझे शराब चखनी है |
इतना कहकर उसने रीमा के हाथ से लंड झटक दिया | वो पूरी तरह से हवस के नशे में डूब चूका था , उसे रीमा की चूत के अलावा कुछ समझ ही नहीं आ रहा था | रीमा हैरान रह गयी | वो रीमा को खड़ा करने लगा | रीमा समझ गयी अब तो ये उसे चोद कर ही मानेगा | उसे कुछ भी समझ नहीं आय कैसे रोके | गार्ड ने अपनी उंगलियाँ रीमा की चूत घाटी पर सटा दी और उसके चूत के फूले सुपाडे को सहलाने लगा |
गार्ड - आहह्ह्ह्ह मैडम क्या गरम गरम चिकनी चूत है, बिलकुल मक्खन की तरह चिकनी, देखो कैसे मेरी उंगलियाँ फिसल रही है इसकी दरार पर | लंड तो रखते ही फिसल कर सीधे चूत में घुस जायेगा |
रीमा ने क्या सोचा था और क्या हो रहा था | वो तो गार्ड के लंड को हाथ से मसल कर अपनी आजदी का टिकट कटाना चाह रही थी लेकिन यहाँ तो चुदवाने की नौबत आ गयी थी | जल्द ही उसने कुछ न किया तो गार्ड का लंड उसकी गुलाबी चूत को चीरता हुआ अन्दर तक धंस जायेगा | उसे ऐसा लग रहा था जैसे गार्ड की बिल्गाम हवस के आगे वो बेबस हो गयी है अब उसकी चूत का भविष्य गार्ड के रहमोकरम पर निर्भर है |
रीमा को लगा कही चक्कर न आ जाये . . . . . . . . अचानक उसके मुहँ से कुछ ऐसा निकल गया जिसने रीमा के साथ साथ गार्ड को भी हिलाकर रख दिया |
रीमा - अच्छा ये बतावो किसी औरत की गांड मारी है आज तक | रीमा ने उसके लंड को फिर से जकड़ लिया और उस पर दबाव बढ़ा दिया |
हवस की उत्तेजना और गर्मी में पूरी तरह से पागल गार्ड चौंक गया | हैरानी से कराहता हुआ - क्या बात कर रही है मैडम, मै चूत की बात कर रहा हूँ आप गांड की बात कर रही है | असल जिंदगी में कौन गांड मरवाएगी . . . . . वो सब गन्दी फिल्मो में होता होगा |
इतना कहकर गार्ड ने एक लम्बा ठहाका मारा |
रीमा अन्दर तक कुढ़ कर रह गयी , अपनी ही बात को सँभालने की कोशिश में - क्यों किसी औरत की गांड और चूतड़ देखकर खड़ा नहीं होता क्या |
कहाँ रगार्ड रीमा की चूत के पीछे पागल हो गया था इस सवाल ने उसको उलझाकर रख दिया | गार्ड को कुछ जवाब न सुझा |
गार्रीड की हंसी एक दम से थम गयी, रीमा बस उसी रौ में बही जा रही थी | रीमा - अगर आदमी का लंड औरत को आगे से देखकर खड़ा होता है तो समझो आदमी को उसकी चूत पसंद है |
इतना कहकर उसने गार्ड के सुपाडे को बुरी तरह मसल दिया |
गार्ड के मुहँ से एक लम्बी मादक कराह निकल गयी - आआहाअहाहहह्हह्ह्ह्ह मैमैमैमैदमम . . . . . ये कैसा सवाल है मैडम |
रीमा ने बोलना जारी रखा - और अगर आदमी का लंड औरत को पीछे से देखकर खड़ा होता है तो समझो उसको औरत को गांड ज्यादा पसंद है | ऐसे आदमी को औरत के चूतड़ और गांड ही पसंद आते है, उसे औरत की चूत में उतना मजा नहीं आता | रीमा गार्ड से अपना पिंड छुडाना चाहती थी लेकिन उसके लिए वो क्या कर रही थी ये उसके बस में नहीं था | कहाँ वो गार्ड के मजे लेने चली थी लेकिन यहाँ तो लेने के देने पड़ गए |
गार्ड बस कराहे जा रहा था |
रीमा - तुम बतावो, तुमारा लंड मुझे किस तरफ से देखकर खड़ा हुआ था |
गार्ड के मुहँ से वासना के नशे में निकल गया - पीछे से |
रीमा - इसका मतलब तुम मेरी गांड और चुताड़ो के दीवाने हो |
गार्ड तो आधा मधहोश पहले से ही था आधा उसे रीमा ही हद से ज्यादा कामुक बातो ने कर दिया था - मैडम आपके चूतड़ है भी कमाल के, रुई की तरह नरम गद्देदार मांसल चूतड़, जो पीछे से आपको चोदता होगा कसम पैदा करने वाले की उसे तो बहुत मजा आता होगा |
आआह्ह्हह्हहहहहह मैमैमैमै मै द्द्द्दद म्मम्म मै सोच नहीं सकता जो आपको पीछे से चोदता होगा. . आआआअह्ह्ह्ह |
रीमा चाह रही थी गार्ड किसी तरह से झड जाये लेकिन वो एक बार मुठ मार चूका था इसलिए अब उसके लंड से पिचकारी छूटने का नाम ही नहीं ले रही थी |
रीमा उसके लंड को मसलते हुए - तुम भी वो मजे लेना चाहते हो |
गार्ड - मैडम आप तो हर मर्द के ख्वाइश हो, कौन इनकार करेगा, आपको चोदना तो बिलकुल जन्नत की अप्सरा को चोदने जैसा है | |
गार्ड के लंड को कसकर रीमा ने भींच लिया, गार्ड कामुकता के दर्द से कराहता हुआ - आआआआआआआआआआआअ मैईईइ द्द्द्दद्द्द्दम्म्मम्म्म्मम्म मुझे आपकी गांड मारनी है, आपकी गद्देदार मुलायम चुताड़ो के बीच की कसी गांड |
रीमा के कानो में जब ये शब्फिद पड़े तो उसे एक बरगी को यकीन नहीं हुआ | क्या गार्ड ने क्या गांड कहा मेरी गांड रीमा की कमसिन कसी हुई गांड . . . . . नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता है | ये दो टके का चपरासी गार्ड और मेरी गांड . . नहीं नहीं ये तो मैंने रोहित को भी हाथ नहीं लगाने दी | बस रोहिणी दीदी ने ही इसकी सील खोली है | नहीं नहीं नाही नाही रीमा खुद को समझाने लगी | रीमा ने गार्ड का लंड छोड़ दिया | पहली बार उसे गार्ड से डर महसूस हुआ उर उसके रोये खड़े हो गए |
रीमा ने अपनी चूत को गार्ड के लंड से किसी तरह बचा लिया लेकिन जो भी हुआ वो अच्छा नहीं हुआ | चूत के बदले गांड का सौदा भी तो महंगा और तकलीफ देह था | रीमा को अपनी आजादी की ये कीमत अखरने लगी | क्या वो सोच कर बैठी थी और क्या हो गया | उसे एक बार को घिन आ गई, वो इस दलदल से निकलने की बजाय अन्दर ही धंसती जा रही थी | अब उसके ये दिन आ गए के एक दो टके का गार्ड भी उसकी गांड मारेगा | वो मन ही मन में परेशान हो गयी | आपका डर ही आपकी हिम्मत बन जाता है रीमा के साथ भी यही हुआ |
रीमा ने अन्दर से हिम्मत जुटाई - देखो अब तुम सर पर चढ़कर मूत रहे हो | औकात में रहो अपनी | तुमारा लंड क्या हाथ से पकड़ लिया तुम तो अपनी रंडी समझ बैठे मुझे |
गार्ड पूरी तरह से जोश में था, उसे लगा मैडम उसे जोश में उकसा रही है , उसने रीमा को आगे बढ़कर अपनी बांहों में ले लिया और उसके चुताड़ो पर अपनी दोनों हथेलियाँ जमा दी और रीमा को अपनी तरफ कसकर भीच लिया |
गार्ड - मैडम आपने ही तो बोला था मै तुमारी रंडी चूत, अब जब चूत चुदवाने का फाड़वाने का टाइम आया तो चूतड़ मटका के नखरे दिखा रही हो |
रीमा कसमसा कर रह गयी, वो गार्ड की सख्त गिरफ्त से खुद को छुड़ाने लगी | इधर गार्ड रीमा के चुताड़ो को नापता हुआ रीमा की पिछली सुरंग के मुहाने तक पंहुच गया |
रीमा ने उसे धमकाया - छोड़ो मुझे वरना मै सूर्यदेव से तुमारी शिकायत कर दूँगी |
गार्ड - मैडम अब गर्दन काट जाये कोई गम नहीं, आपकी चूत का नशीला रस तो पीकर ही रंहूँगा, आपकी गांड की कसी सुरंग में लंड पेल कर उसकी गहराई नाप कर ही रहूँगा |
इतना कहकर गार्ड ने अपनी एक उंगली रीमा की पिछली सुरंग् के कसे छल्ले पर सटा दी और जोर देकर अन्दर ठेलने लगा |
रीमा के मुहँ से हल्की सी चीख निकल गयी - आआआऊऊऊऊचचचचचचचचचचचचचचचचचच |
रीमा अन्दर तक काँप गयी | उसकी चूत जांघो पिंडलियों में अजीब सी सिहरन दौड़ गयी | रोहिणी ने जब उसकी गांड को रबर के लंड से पेला था तभी ऐसी सनसनाहट हुई थी |
रीमा अन्दर से रो पड़ी, उसका प्रतिरोध एक पल में स्वाहा हो गया, उसका चट्टानी फौलादी इरादा बस जिस्म एक तरंग के भंवर में उड़ गया | मन में घनघोर निराशा भर गयी | उफफ्फ्फ्फ़ नानानान्नाहीहीहीहीहीहीहीहीहीहीहीहीहीहीही क्या मेरा बदन भी . . उफ्नफ्हींफ्फफ्फ्फ़ नहींहीहीहीहीहीही रीमा ये नहीं हो सकता . . इसको वही मिलेगा जो मै चाहूंगी | रीमा को यकीन नहीं हुआ उसके बदन की छुपी हुई खवाइश इस तरह की निर्लज्जता की हद तक बदरंग और डार्क हो सकती है | अब क्या बस यही दिन देखना बचा था उसे | एक गार्ड से गांड मरवाने का ख्याल ही उसको इतना घटिया लगा कि उसका मन कसैला हो गया लेकिन उसके बदन की प्रतिक्रिया कुछ और ही थी, आखिर हवस की दुनिया में दिमाग का क्या काम विचारो का क्या काम | उसके मन के कोने में दबा ये अनोखी वासना का डार्क रोमांच उसके शरीर का रोम रोम खड़ा हो गया | नहीं नहीं ये संभव नहीं है बिलकुल नहीं . . . . . .
गार्ड ने रीमा की पिछली सुरंग की फौलादी जकड़न को चीरते हुए उसकी सुरंग में एक उंगली घुसेड़ दी |
रीमा ने मुहँ से एक लम्बी चीख निकल गयी - आआआआआआआआआआआअ ईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआ |
उसका लंड रीमा की चूत की दरार पर रगडन खा रहा था | रीमा जिस्म के अन्दर की अनजानी सी वासना की तरंग से सिहर उठी लेकिन अगले ही पल वो अपनी नैतिकता की आवाज सुनकर अपनी चेतना में लौटी |
रीमा ने अपने अन्दर का सारा आत्मबल इकठ्ठा किया और गार्ड को जोर से झटका दिया - छोड़ो मुझे वरना मै शोर मचा दूँगी, फिर सारे गार्ड आ जायेंगे और तुमारा वो हस्र करेगें . . . . जिंदगी भर . . . . . . |
गार्ड का वासना का नशा काफूर हो गया . . . . गार्ड एक झटके में पीछे हट गया | कुछ देर तक रीमा की गुस्से से लाल लाल आंखे देखता रहा | फिर निराश होकर - क्या मैडम दिखा दी न अपनी औकात | इससे अच्छी तो रंडी होती है पैसे भले ही लेती हो लेकिन कम से कम खड़े लंड को धोखा तो नहीं देती |
रीमा वैसे भी गुस्से से लाल थी गार्ड की बातो ने उसमे और पेट्रोल छिड़क दिया | रीमा ने उसे एक करारा चाटा रसीद कर दिया |
गार्ड भी झुन्झुला गया - एक तो अपना जिस्म दिखा दिखा कर लंड खड़ा कर देती हो और ऊपर से चोदने भी नहीं देती | क्या चाहती हो मैडम |
रीमा भी गुस्से की वजह से अपने काबू में नहीं थी - औकात में रह अपनी |
गार्ड - ठीक है मैडम, इतना कहकर गार्ड अपने कपड़े समेटने लगा |
गार्ड - अपनी चूत अपनी गांड में घुसेड़ लो, रखो अपनी चूत और गांड अपने पास, हाथ से काम चला लूँगा |
गुस्से में रीमा वही नंगी खड़ी कांपती रही | रीमा को लगा वो जीती बाजी जीतते जीतते हार गयी | गार्ड अपने कपड़े पहनने लगा, रीमा के लिए करो या मरो की स्थिति थी | आखिर क्या करे वो | गार्ड ने उसकी गांड में उंगली घुसेड़ कर उसके कुछ अनजाने अरमान जगा दिए थे | आग तो उसके तन बदन में भी लगी हुई थी लेकिन सबसे जरुरी था उसके लिए आजाद होना | वासना और आजादी के मानसिक द्वन्द के ताने बाने में रीमा उलझ कर रह गयी | एक गार्ड के साथ वो इस हद तक चली गयी यही क्या कम था लेकिन आगे जो भी वो सोच रहा था उसको करने की हिम्मत रीमा में नहीं थी |
गार्ड अपनी शर्ट पहन चूका था, वो अपने खड़े लंड को थामते हुए पेंट पहनने लगा |
रीमा को कुछ तो करना था वर्ना अब तक का किया सब ख़त्म - बस औरत की एक न पर सारी मर्दानगी लंड में जाकर घुस गयी |
गार्ड कुछ नहीं बोला |
रीमा - बड़ी कसमे खा रहे थे मुझे आजाद करवाने की, अब क्या निचुड़े लंड की तरह सारा जोश ख़तम हो गया |
गार्ड भी आवेश में - आप ने भी तो वादा किया था चूत मिलेगी चोदने को, आपके बस का कुछ है नहीं, आप रहने दो सारे बड़े लोग ऐसे ही होते है, लंड भी घोटना है और चूत के फटने से भी फटती है | |
रीमा - तुम न एक नंबर के गड फट्टू हो, तुमारे बस का ही नहीं था मुझे यहाँ से निकाल पाना | तुमसे अच्छे हिजड़े होते है कम से कम अपना वादा तो निभाते है |
गार्ड - मैडम आपके बस का नहीं है किसी से चुदवाना | फटती आपकी है चुदवाने में, शायद इसीलिए आपको आपके पति का लंड भी नसीब नहीं हुआ | मुझे छोड़ो आप अपने पति के ;लंड को नहीं खुस रख पाती होंगी शायद इसलिए जल्दी चले गए दुनिया से |
गार्ड की इस बात ने रीमा को अन्दर तक हिलाकर रख दिया |
गार्ड यही नहीं रुका - चूत कितनी भी खूबसूरत हो, कितनी भी अमीर हो चोदेगा तो उसे लंड ही | आपको अपने ऊपर इतना गुमान है लेकिन ऐसे गुमान का क्या फायदा तो चूत लंड खाने को ही तरस जाए | मेरी ख्वाइश का तो छोड़िये आप तो अपने मरहूम पति को भी नहीं देती होंगी | आप अपने रूप में अन्धी हो चुकी है |
रीमा के सब्र का बांध टूट गया , ऐसे उसे आजतक किसी ने चुनौती नहीं दी थी रीमा को अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा गुमान अपनी खूबसूरती और चूत पर ही था | गार्ड की इस बात ने रीमा के अस्तित्व की नीव ही हिला दी | एक औरत एक चूत के रूप में उसके अस्तित्व को ही नकार दिया | रीमा का पूरा वजूद ही हिल गया | | रीमा गार्ड की तरफ लपकी और एक जोरदार झन्नाटेदार झापड़ उसे रसीद कर दिया | उसके बाद बाथरूम में गहरी ख़ामोशी पसर गयी | रीमा और गार्ड दोनों ही सर झुकाए नीचे फर्श को देखते रहे |
कुछ देर बाद गार्ड बस अपने गाल को सहलाता अपनी पेंट ऊपर चढ़ाने लगा |
रीमा पछताने लगी उसे गार्ड की थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था | रीमा ने अपने हाथो अपनी आजदी का टिकट फाड़ दिया था | रीमा का गुस्सा अब उसकी लाचारी और पछतावे में बदलने लगा | उतर गया | रीमा पछताने लगी | आखिर गार्ड गलत क्या कह रहा है | अगर उसे चुदवाना नहीं था तो उसने उसको झूठी दिलासा क्यों दी उसके अरमान क्यों जगाये | क्अया गलती है गार्पड की | उसकी तो इतनी हिम्नीमत नहीं थी की रीमा के बदन को हाथ से छूकर तक देख सके | उसी ने तो उकसाया उसे | उसी ने गार्ड की हिम्मत को चार चाँद लगाये | अब उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गयी की वो उसकी गांड में लंड पेलने के सपने देखने लगा | वो गांड जिसको रीमा ने आजतक किसी मर्द को हाथ नहीं लगाने दिया लंड पेलना तो द्दो की बात है | अपनी आजादी के लिए वो इतनी स्वार्थी हो जाएगी की किसी की भी भावनाओं से खेलेगी | ये जो भी हुआ, उसकी वजह से हुआ , बात यहाँ तक कभी पहुँचती ही नहीं अगर वो गार्ड को उसकी औकात में रखती और सच दिखाती | अब झूठ के तो पैर होते नहीं, एक झूठ को बचाने के लिए दूसरा बोलना पड़ा और नौबत यहाँ तक आ गयी | फिर भी उसकी उंगली गांड में जाते ही उसकी पिंडलियों और चूत में होने वाली सनसनाहट क्या थी | कही वो भी तो . . . . नहीं रीमा बिल्कुल नहीं | आखिर अपने आत्मसम्मान को गिरवी रखकर रीमा वो ये काम कैसे कर सकती है जो उसने आज तक कभी नहीं किया | करना तो दूर कभी उसके गलती से भी ख्वाब नहीं देखे | क्या इसके बाद वो खुद से नजरे मिला पायेगी | वो अपने अतीत में घूमने लगी |
रीमा की दुनिया में वासना और हवस और सेक्स की दुनिया में सब कुछ गलत ही लगता था | उसे लगता था एक बार शादी के बाद सिर्फ पति के साथ ही चुदाई करनी चाहिए और पति के जाने के बाद वह इसी चीज दिमाग में भरकर जीती रही | रीमा को कभी एहसास ही नहीं हुआ कि औरत की ख्वाहिश भी हो सकती हैं औरत की वासना भी हो सकती है और उस वासना को औरत अकेले ही बुझा सकती है उसे पहली बार अपने अंदर की वासना का अहसास प्रियम और रोहित ने कराया | रोहित और प्रियम ने उसके मस्तिष्क की वर्जनाओं को तोड़ा जिनको लेकर वह काफी सालों से जी रही थी | प्रियम का लंड चूसकर और उसके बाद में रोहित के साथ में चुदाई करने के बाद में भी रीमां को समझ में आया कि सेक्स के कई रूप होते हैं पहले ही रीमां को लगता था सिर्फ चूत की चुदाई ही सेक्स का एक रूप है और बाकी सब गलत है लेकिन प्रियंम का लंड चूसने के बाद में उसके मन के अंदर का ये बंधन टूट गया इसी तरह से रोहित के साथ चुदाई करने के बाद में दूसरे पुरुष के साथ में लंड से चुदाई का खुला खेल करने का उसके मन का भरम टूट गया |
जब उसने रिवर लाउन्ज में मालविका और कामिनी को बेधड़क गांड में लंड लेटे देखा था | कितनी बिंदास होकर कितनी बेफिक्र होकर वो अपनी गांड चुदवा रही थी मोटा मुसल लंड अपनी गुलाबी सुरंग की गहराइयो में उतार रही थी तो उसे देख देख कर रीमा हैरान हो रही थी | उसने मालविका और कामिनी को एक निचले दर्जे की चुद्द्कड़ औरते मान लिया था | उसे उस समय लग रहा था वो जो भी कर रही है वो घटिया है और इसलिए वो दोनों औरते भी घटिया है | लेकिन रोहिणी ने उसके दिमाग का ये चट्टान की तरह मजबूत बंधन भी तोड़ दिया | | रोहिणी ने रीमा के अंदर के और भी मानसिक बंधनों को तोड़ दिया रोहिणी ने उसे एक नया रास्ता दिखाया वह रास्ता था उसकी पिछली सुरंग का | रीमा को यकीन ही नहीं हुआ गाड़ की कुटाई से भी उसकी चूत में हलचल मच सकती है, न केवल हलचल बल्कि चूत का पानी छुडवा सकती है | रीमा के लिए ये सब एक अलग अनुभव था उर जब वो खुद इस अहसास से गुजारी तो उसे मालविका और कामिनी होने का मतलब समझ आया | रीमा को यकीन ही नहीं था कि इस तरह की वासना का भी कोई रूप होता है | लेकिन एक बार जब रीमा को एहसास हो गया उसके बाद उसके लिए सेक्स का एक नया मोर्चा खुल गया था | रीमा समझ गयी वासना में कुछ भी सही गलत नहीं होता | वासना की आग बस वासना की ही आग होती है, जो इसमें जलता है उसे ही पता होता है की वो क्या महसूस कर रहा हिया | बाकि दुनिया के लिए ये समझ पाना मुश्माकिल था | जिसने कभी चूत गांड में लंड नहीं लिया वो इसकी प्यास तड़प और दर्कोद को कैसे जान सकता है | रीमा को भी ऐसी ही एक अनजान सी तड़प ललचा रही थी | अब तो रीमा को किसी तरह की कोई शर्म और हया नहीं थी वह सेक्स के पूरी तरह से महसूस करने के चक्कर में रहती थी को सेक्स के पूरे मजे लेती थी और यही बात आज उसके काम आ रही थी आज वह इस गार्ड के साथ में वासना के जिस भंवर में फंसी फस करके अपनी आजादी की राह देख रही थी वहां पर उसे रोहिणी के सिखाये गुर बहुत काम आ रहे थे | शायद उसके अन्दर गांड में लंड लेने की लालसा शायद रोहिणी की ही पैदा की हुई थी या शायद उसे मालविका या कामिनी याद आ रही होंगी | रिवर लाउन्ज के वो सीन कभी भी रीमा की दिलो दिमाग से मिटे ही नहीं | शायद वहां वो सब कुछ इसीलिए इतने गौर से पूरी तरह से डूब कर देख रही थी | शायद उसे हमेशा के लिए सहेज लेना चाहती थी | आज जैसे ही मौका लगा अब सब कुछ आँखों के सामने तैर गया |
वो अपनी वासना के आगे लाचार थी | उसकी अनचाही लालसा उसे उसी तरफ खीचे लिए जा रही थी | उसने आजतक कभी किसी का असली लंड अपनी गांड में नहीं लिया था लेकिन यही मौका था जब वो एक अनजान आदमी का लंड अपनी गांड में महसूस कर एक नया अनुभव ले सकती थी | उसने सोचा जब कामिनी अपनी गांड में लंड ले सकती है मालविका ले सकती है तो वो क्यों नहीं | क्या वो उनसे कम मॉडर्न है कम पढ़ी लिखी है | रोहिणी दीदी ने भी तो बोला था कट्टो अपने पिछवाड़े को मजबूत कर | एक बार लत लग गयी तो चूत चुदवाना भूल जाएगी | मजबूरी में ही सही लेकिन अपनी उन जंगली वासनाओं का पता आज तक रीमा को भी नहीं चला और रीमा की इस छिपी वासना का आगे भी किसी को पता तक नहीं चलेगा | रीमा ने सोचा कि इस वक्त उसके पास सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है, उसकी आजादी की आखिरी उम्मीद वही है | क्यों ना एक नया प्रयोग किया जाए उसे पता था गार्ड इसके बाद उसके लिए मर मिट जाने को राजी होजायेगा | वो किसी भी हाल में गार्ड को यहाँ से जाने कैसे दे सकती है
रीमा के बदन में भी तो आग लगी थी हालाँकि इस तू तू तू मै मै में सब नशा उतर गया लेकिन अन्दर तो आग जल रही थी रीमा ने भी सोचा जब जिन्दा रहूंगी तभी आगे कुछ सोच पाउंगी | यहाँ तो सूर्यदेव पता नहीं कब क्या करे | उसने यहाँ से निकलने का फैसला कर लिया चाहे जो करना पड़े |
रीमा - मुझे माफ़ कर दो, मुझे गुस्सा आ गया था |
गार्ड - हमें तो बड़े लोगो की गालियां थप्पड़ खाने की आदत है मैडम |
रीमा ने अपनी मुठ्ठी भींचकर सारी हिम्मत जुटाकर - चलो फिर मै तुमारी ख्मेवाइश पूरी कर देती हूँ मेरी गांड मारो, पेलो उसमे लंड लेकिन आराम से |
अभी हुए घट्नाक्रम से निराश हताश गार्ड को यकीन नहीं हुआ, यकीन तो रीमा को भी नहीं हो रहा था आखिर वो क्या करने जा रही है लेकिन रीमा ने यही कहा था और गार्ड ने भी सही सुना था | रीमा को यहाँ से निकलना था और उसके अन्दर की चूत में मची हलचल ने उसके पुरे बदन में हवस की आग जला दी थी | उसकी चूत में तरंगे उठ रही थी | गार्ड से हुई मुहँ चिरौरी के बाद भी उसके अन्दर लगी आग कम जरुर हुई लेकिन शांत नहीं हुई | उसका चेतन मन ये सब करने से रोक रहा था लेकिन रीमा को कुल मिलाकर यही रास्ता नजर आया | शायद उसकी कोने में दबी जंगली वासनाए जाग गयी थी | वैसे भी रोहिणी उसे काफी कुछ सिखा चुकी थी पिछली सुरंग के बारे में | अब जब मुहँ से निकल ही गया है तो रोहिणी का सिखाया आजमाने में क्या हर्ज | रीमा को एक पल लगा खुद को समझाने में | उसके बाद उसने ढेर सारी लार अपने गांड के छेद पर लगा दी |
गार्ड हैरान था उसे अपने कानो पर यकीं नहीं हुआ |
रीमा - जल्दी से आकर मेरी गांड में लंड पेलो नहीं तो मै तुमारी गाड़ मारना शुरू कर दूँगी |
गार्ड जैसे नीद से जागा हो उसने झटपट अपनी पेंट उतारी | अपने लंड पर ढेर सारी लार उड़ेली और रीमा के पास आ गया | गार्ड का लंड पकड़कर उसने अपने गांड के छेद पर लगा दिया |
रीमा - आराम से, मेरी कोमल कसी गांड में अब तक कोई लंड गया नहीं है बिलकुल कोरी कुंवारी गांड है | आज तेरा लंड पहली बार इस सुरंग का फीता कटेगा | आराम से करना धीरे धीरे . . |
रीमा की हिदायत का गार्ड पर कोई असर नहीं हुआ | वो बस पाए मौके को झपट्टा मार कर खा लेना चाहता था | पता नहीं कब मैडम का मन बदल जाये | उसने रीमा की बात सुनी लेकिन वासना के नशे में उसे कुछ समझ नहीं आया न उसने समझने की कोशिश की |
गार्ड को गांड मारने का कोई अनुभव नहीं था | रीमा इस जंगली वासना के बारे में ही सोचकर रोमांचित थी | गार्ड ने पूरा जोर लगाकर लंड को ठेल दिया | रीमा की गांड की दीवारों पर जबरदस्त दबाव पड़ा | रीमा दर्द से बिलबिला गयी लेकिन वासना की गर्मी में दर्द के ऊपर वासना हावी हो गयी | रीमा की पिछली सुरंग का छेद टाइट था | रोहिणी की सीखे और लगातार प्रैक्टिस से रीमा ने अपने पिछली सुरंग को भी अपने वासना के खेल में पूरी तरह शामिल कर लिया था | इसके बाद भी रीमा की गांड का छेद बहुत टाइट था | उसे रोहिणी ने ही बताया था अगर कोई अच्छे गांड में लंड पेले तो भी चूत की खुजली मिटती है | इसके गाड़ ने पूरा जोर भींच दिया और रीमा का फौलादी छल्ला फैलाता हुआ गार्ड के लंड का सुपाडा रीमा की पिछली गुलाबी सुरंग में गायब हो गया |
रीमा चीख उठी आआआआआआआआआआआअराराराराराराराराम्म्म्मममममममममममम स्स्से | ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ ममामाममामा ईईईईईईईईई माआआआआआअरररररररररररररररररररररररर डाडाडाडाडाआआआआअलालालालालाल |
रीमा दर्द से बिलबिलाकर रह गयी - चीचीचीचीईईईईईईईईईईईइ रररररररररररररररररररररररररर डाडाडाडाडाआआआआ अलालालालालाल आआआआआऐईईईईईईईईईईइ ममामामामामामाममरररररररररररररररररररररररर गाआआआआआआआआआयियियियियियीय |
रीमा की आँखों में आंसू आ गए | वो दर्द से दोहरी हो गयी | खुद की मुट्ठियाँ भींच कर दर्द को बर्दाश्त करने लगी | रीमा की कमर खुद बखुद आगे को खिसक गयी | रीमा गार्ड से दूर हो गयी, गार्ड का सुपाडा रीमा की गांड के छल्ले की कसी जकड़न से आजाद होकर बाहर आ गया | रीमा की गांड के मुहाने पर जैसे आग लग गयी हो, इतनी जलन होने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने नश्तर घुसेड़ उसकी गांड के मुहाने को चीर दिया हो ऐसा तीखा दर्द उठ रहा था | गार्ड ने जोश जोश में के ही झटके में रीमा की गांड का छल्ला चीर के रख दिया था | वो अलग बात थी रीमा इस तीखे दर्द और भीषण जलन से अर्द्ध मूर्छा की हालत में पंहुच गयी |
रीमा - आआआआआऐईईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ मादरचोद तुझे अपनी कुंवारी करारी गांड क्या दी, तूने तो एक ही बार में नस्तर डाल कर चीर दिया भोसड़ी के | मादरचोद गांड है मेरी, वो भी कुंवारी बोला था न, फिर भी अपना गधे जैसा लंड घोड़े की तरह पेल कर जान निकाल दी मेरी |
रीमा - आआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ओओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह गागागागागाडडडडडडडडडड आआअह्ह्ह्ह |
आआआअराम से नहीं पेल सकता था मादरचोद, कम से कम एक बार छेद खुल तो जाने देता | तुझे कितनी जल्दी है हर बात की |
उसकी गांड ले तीखे दर्द से उसके चूतड़ जांघे कमर पिंडलियाँ सब काँप गए | जब दर्द को सहने की हालत में रीमा आई तो रीमा ने दर्द से सिसकारते हुए ढेर सारा लार अपनी गांड के जलते छेद पर लगाया और सहलाने लगी | रीमा ये देखकर हैरान रह गयी की उसकी चूत झर झर कर बह रही है | रीमा की चूत पानी का झरना बनी हुई है | रीमा ये देख फिर से वासना में डूबने लगी | उसकी गांड की जलन और दर्द अभी बरक़रार थे लेकिन अब बर्दास्त के बाहर नहीं थे | उस दर्द के कारन उसकी जांघे नहीं कांप रही थी | रीमा को अपनी बहती चूत देख हिम्मत मिली | उसने चूत दाने पर अपनी उंगली जमा दी |
रीमा - इस आराम से घुसेड़, अनाड़ी लंड की तरह मत चोद, मुहँ में भी इतनी तेज ठोकर मरी थी की जबड़ा खिच गया था | गांड में ठोकर मारी गांड चीर के रख दी मेरी जान निकाल दी | भोसड़ी के कौन सी तेरी अम्मा चुदने जा रही है जो उसे बचाने जाना है | आराम से चोद | जब मुझे . . . . चुदवाने वाने वाले को जल्दी नहीं तो तू काहे हड़बड़ी मचाये है |
रीमा को इस तरह से दर्द से तड़पता देख गार्ड की मर्दानी और लंड पूरी तरह से अकड़े हुए थे - मैडम जैसे ढेर सारा सोना किसी भिखारी के सामने रख दो तो पगला जाता है ऐसे ही आपको देखकर मेरे हाथ पाँव लंड सब काबू में ही नहीं है |
रीमा - इतना उतावला काहे हो रहा है, ऐसा नाजुक बदन छूने को मिल रहा है, सहलाने को मिल रहा है तेरा लंड चूस रही थी और अब ऐसी कमसिन कसी गुलाबी चूत की करारी कुंवारी गांड की मख्खन मलाई भी फ्री में मिल रही है . . आखिरी बार बोल रही हूँ काबू में रख अपने जोश को वरना लंडो की गांड मारना भी आता है |
रीमा की बात सुनकर गार्ड को हंसी आ गयी |