Episode 40
विलास - मेरा बेटा चला गया और आपको पोलिस की पड़ी है |
मंत्री जी ने बात बदली - मुझे तुमारे परिवार की पड़ी है, दो जवान बेटियों की पड़ी है, उनको तरफ भी तो देखो |
मंत्री जी को डर था, इस बदले की आग में कही बात ज्यादा बढ़ गयी और सिक्युरिटी के ऊपर लेवल के अफसर भी शामिल हो गए तो वो विलास का सारा कच्चा चिट्ठा निकाल लेगे और फिर मंत्री के इतिहास के सारे काले धंधों का कच्चा चिट्ठा सिक्युरिटी के पास खुल जाएगा हालांकि सिक्युरिटी को पता सब होता है लेकिन सिक्युरिटी को जब तक ऊपर से आदेश नहो होता वो किसी को छूती नहीं | अभी जिस तरह से विलास का बेटे की मौत की आग में जल रहा था उसे यह तो साफ था कि वो किसी को भी दिनदहाड़े गोली मार सकता है पहले की बात अलग थी लेकिन अब सिक्युरिटी ने काफी चौकस है और इसीलिए सब करना इतना आसान नहीं होगा |
मंत्री जी - मेरी बात समझो विलास, इतना सब कुछ जो बनाया है यू ही गवां दोगे क्या | होनी को तो कोई नहीं टाल सकता लेकिन अपनी बेटियों का भी ध्यान करो |
विलास - मतलब हिजड़ो की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठा रहू |
मंत्री जी - नहीं बिलकुल नहीं, तुमारे बेटे का बदला लेगे लेकिन अपने गले में फंसी का फंदा डालकर नहीं |
विलास का गुस्सा कुछ कम हुआ - मैं समझता हूं आपकी बात लेकिन खुद को कैसे समझाऊं मेरा एक ही तो बेटा था |
मंत्री जी - हां बस ऐसे थोड़ा सा समय मांग रहा हूं थोड़ा सा संयम रखो सब पता लगा लूंगा
विलास - कहां से लाऊं वह धीरज सुबह जिसका उठते ही चेहरा देखता था शाम जिस को सोने से पहले देखता था अब उसे कभी नहीं देख पाऊंगा कहां से लाऊं धीरज उनसे जी आपका बेटा होता तो भी आप मुझसे ऐसे ही कहते हैं |
मंत्री जी - समझ सकता हूं इस तरह से धीरज खोने से भी तो कुछ नहीं होगा मैं पता लगाता हूं उसके पीछे कौन है |
विलास - मंत्री जी साफ-साफ बताइए कहीं इसके पीछे सूर्यदेव तो नहीं |
मंत्री ये सुनकर अन्दर तक सिहर गए लेकिन घाघ नेता की तरह आश्र्चर्य से - तुम्हें शक है, वो तो तुमारा ही पालतू रहा है |
विलास - अब तो नहीं है जब से आपने उसे एक टुकड़ा खाने को दे दिया है |
मंत्री जी - उसकी इतनी औकात और दुस्साहस नहीं है, मैंने पहले ही कहा है बिज़नस अलग है फैमिली अलग है |
विलास - लेकिन करने को तो कोई भी कर सकता है
मंत्री - तुम्हें सूर्यदेव को लेकर कुछ मिला है, लावो साले की जिन्दा खाल उतार लेगे |
विलास -मेरा बेटा उसी के इलाके में मारा गया है तो मेरा पहला शक उसी पर गया था | मेरे आदमियों ने उसके दो ठिकाने तबाह कर दिए हैं | आपको तो पता ही है एक नंबर का चोर है मेरा माल दबाकर भागना चाहता था |
मंत्री जी - ये तुम बहुत गंभीर बात बोल रहे है | कहाँ की बात है ये |
विलास - मेरा बेटा जंगल घूमने गया होगा अक्सर वह जाता रहता था, इस शहर की भीड़ भाड़ से दूर |
वहां सूर्यदेव एक पुराने मकान को अपने सामान को छुपाने के लिए इस्तेमाल करता है | वहीं पर मेरे बेटे की लाश मिली लेकिन उसके साथ-साथ वहां दो लाशें और मिली जो उसके साथ कामकरने वाले दो लड़कों की थी जो उसके साथ साए की तरह रहते थे जब कभी वो शहर से बाहर जाता था वह दोनों उसके साथ साए की तरह रहते थे |
मंत्री जी - ये तुम मुझे अब बता रहे हो | ये तो बहुत ही गंभीर बात है |
विलास - मेरे बेटे वही गोली मारी गई है मंत्री जी |
मंत्री जी गंभीर हो गए - हमारे इलाके में आकर कोई इतना बड़ा काम कर जाए और हमें चार-पांच दिन हो गए भनक तक नहीं |
विलास - जो भी हो मंत्री जी जल्दी कुछ करना होगा नहीं सब्र का बांध टूट रहा है | मुझे अपने बेटे का चेहरा नहीं भूलता |
मंत्री जी - हम जल्दी ही तुमारे बेटे की मौत का बदला लेंगे |
मंत्री जी कुछ सोचकर- पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ गयी क्या |
विलास - आज सुबह ही आई है, ४ गोलियां के निशान है | इसके अलावा कुछ अजीब बाते भी सिक्युरिटी ने बताई है |
मंत्री जी - क्या |
विलास - जब सिक्युरिटी वहां पंहुची तो तीनो की मौत हो चुकी थी और तीनो के बदन पर कपड़ो का कोई नामोनिशान नहीं था | एक की लाश जग्गू के पड़ोस में मिली और दुसरे की खँडहर मकान के अन्दर | तीनो ही पूरी तरह से नंगे थे | अन्दर वाले को तो पांच गोलियां मारी गयी | इसके अलावा भी गोलियों के खोखे मिले है | मतलब कमरे में और गोलियां भी चली है | लेकिन न तो वो पिस्टल मिली और न ही चलाने वाला का कोई सुराग है | किस पर चलायी गयी इसको लेकर भी पहेली बनी हुई है | क्योंकि अगर जग्गू के साथ वाले लड़के ने बचाव में हमलावर पर गोली चलाई तो एक आध उसको लगी होगी | फिलहाल पोलिस इसकी छानबीन कर रही है |
इसके अलावा जिस बात ने पोलिस को उलझा दिया है वो है वहां कुछ कपड़ो की कतरने मिली है, वो औरत के ब्रा और पैंटी की है |
मंत्री जी - मतलब मामला इतना भी सीधा नहीं है लड़की का एंगेल भी है |
विलास कुछ रूककर फिर बोला - मतलब ही तो नहीं समझ में आ रहा हूं कोई लड़की चाहिए थी तो शहर में क्या कम है इतना पैसा है किसी को भी खरीद लेता और फिर किसी लड़की को उस खंडहर तक ले जाकर . . मुझे नहीं लगता इसका मेरे बेटे से कोई लेना देना है |
मंत्री जी - औरत के कटे हुए कपड़े तो किसी की भी हो सकते हैं |
विलास - कपड़े तो किसी के भी हो सकते हैं लेकिन जो बात सिक्युरिटी ने रिपोर्ट में लिखने की बजाय सीधे मुझे कान में बताई वो ये है की तीनो के लंड मौत के वक्त उनके लंड रस से सने थे | सिक्युरिटी को उनके लंड के सुपाडे पर सीमेन मिला है | और वो उन्ही का है |
मंत्री जी - ये तो कुछ ज्यादा ही उलझाने वाली बात है |
मंत्री जी - कही जग्गू को किसी लड़की के जाल में फंसा कर तो वहां नहीं ले जाया गया |
विलास - पता नहीं लेकिन कुछ दिनों से जग्गू कुछ परेशान तो रहता था | हमने बहुत पूछने की कोशिश की लेकिन वो कुछ बोला ही नहीं | थक गए पूछ पूछकर लेकिन हमेशा बस यही बोलता था डैड अकेला छोड़ दो मुझे, मै अपनी परेशान हल करने लायक बड़ा हो गया हूँ |
मंत्री - तुम परेशान मत हो तुम्हारी बेटे की मौत का बदला लेंगे और ऐसा बदला लेंगे कि पूरा शहर इलाका और आसपास के जिले याद रखेंगे भरोसा रखो यह पर्सनल है मेरे लिए भी | राजनीति अपनी जगह है बिजनेस अपनी जगह है लेकिन परिवार तो हम सबका है, आज तुमारे परिवार को निशाना बनाया है कल को मेरे परिवार को निशाना बनाया जा सकता है |
विलास - आखिरी मै करू तो क्या करू परेशान हो गया हूं लड़कियों का दोनों का रो-रो कर बहुत बुरा हाल है जग्गू की माँ तो होश में आते ही फिर बेहोश हो जाती है |
मंत्री जी - मुझे थोड़ा सा समय दो पूरा पूरा महकमा लगा दूंगा पोलिस सिर्फ पता लगाएगी पर जो भी होगा इंसाफ उसके हम करेंगे सिक्युरिटी नहीं |
विलास - मंत्री जी मेरे पास ज्यादा समय नहीं है बच्चे की 13 तेरहवीं होते ही मैं हथियार उठा लूंगा लोगों को पता चलना चाहिए विलास पर वार करने का क्या अंजाम होता है |
मंत्री जी उसे सांत्वना देकर वहां से चल दिए | मंत्री जी वहां से बाहर निकल आए और अपनी कार में बैठ गए | अपने गार्ड को दूसरी कार में बैठने को कहा था और मंत्री जी अपनी कार में अकेले थे और उनका बहुत खास आदमी था पिछले 20 साल से उनके लिए गाड़ी चला रहा था | गाड़ी में बैठते ही मंत्फोरी जी ने सूर्नयदेव को फोन मिलाया |
मंत्री का फोन देखते सूर्यदेव ने तुरंत फोन उठा लिया और बोला - मंत्री जी क्या आदेश है |
मंत्री जी - यह विलास के बेटे का क्या मामला है |
मंत्री जी के मुहँ से ये सुनकर वह एक दम चौंक गया, ऐसा लगा उसकी चोरी पकड़ी गयी हो सूर्यदेव मिमियाई आवाज में - मंत्री जी आप वापस कब लौटे |
मंत्री - तुमने सुना नहीं मैंने क्या पुछा |
सूर्यदेव ने सफाई दी - मंत्री जी इसके पीछे मेरा कोई हाथ नहीं है
मंत्री जी - मैं यह नहीं पूछा हूं तुम्हारा हाथ है या नहीं है यह मामला क्या है
सूर्यदेव - मतलब मैं समझा नहीं
मंत्री जी - विलास की लाश तुमारे जंगल वाले ठिकाने पर मिली है उसके साथ वहां दो और लाशें मिली हैं और तीनों लाशों पर कपड़े का नामोनिशान तक नहीं था और तीनों के लंड पर वीर्य लगा हुआ मिला है |
सूर्यदेव को माजरा समझते देर नहीं लगी - ऐसा क्या |
मंत्री जी - वहां किसी औरत के कपड़े भी मिले है | मतलब कपड़ो की कतरने मिली है, अन्दर के ब्रा पैंटी की |
उसकी घबराहट अब विश्वास में बदल गयी | क्या बात करें मंत्री जी ऐसा है क्या |
मंत्री जी - क्यों तू चौका क्यों |
सूर्यदेव - चौकने वाली तो बात है ही मंत्री जी सुना है लाश पूरी तरह से नंगी मिली थी, जग्गू के अलावा वहां दो और लाशें मिली थी और वह दोनों भी बिलकुल नंगे ही थे |
सूर्यदेव - वह तेरा इलाका तुझे तो सब पता है फिर इतनी देर से नौटंकी क्यों कर रहा था | मुझसे गेम खेल रहा है |
मंत्री जी - नहीं कैसी बात कर रहे है, मेरी मजाल तो जो ऐसा सपने में भी सोचु |
मंत्री जी - सोचना मत अब सच-सच बता इसके पीछे कौन है देख हमारे बिजनेस और पॉलिटिक्स अपनी जगह है लेकिन यार किसी की फैमिली किसी के बच्चे यह ठीक नहीं है मनी बिलास ने मेरी बेटी उठा लेने की धमकी दी हो लेकिन उसे उठाया तो नहीं उसे भी पता उसका परिवार है |
सूर्यदेव - नहीं मंत्री जी मेरी इतनी मजाल है जो इतने बड़े हाथी से टकरा जाऊं वह तो मुझे चुटकी मसल के रख देगा |
मंत्री - तो बता कौन है ?
सूर्यदेव - आप यकीन नहीं करेगें लेकिन इसके पीछे एक रांड औरत है, साली एक नंबर की छिनार है |
मंत्री जी - क्या बकवास कर रहा है, गांजा चढ़ा रखा है है |
सूर्यदेव - एक औरत है जो जग्गू को जाल में फंसाकर यहाँ तक लायी है, उसकी सिक्युरिटी में भी लम्बी पंहुच है शायद कोई नया गैंग बनाना चाहती है | उसी ने जग्गू और उन दोनों को मौत के घाट उतारा है | अपना नंगा जिस्म दिखाकर लड़को को बहकाया होगा और जब लड़के उसके हुस्न में मदहोश हो गए होंगे तो एक एक करके तीनो को गोली मार दी |
मंत्री जी - एक औरत इतना बड़ा काम अकेले कैसे कर सकती है |
सूर्यदेव - आप मिले है उससे |
मंत्री जी - कौन है वो |
सूर्यदेव - रिवर लाउन्ज में, नाम उसका सीमा . . . . या . . ऐसे कुछ है |
मंत्री जी - क्या बात का रहे हो |
सूर्यदेव - बिल्कुल सच्ची बात कर रहा हूं मंत्री जी , हाँ हाँ याद आ गया रीमा नाम है उसका बला की खूबसूरत है इतनी गहरी मुसीबत में न फंसा होता तो कम से कम अब तक चार पांच बार उसके साथ अपना बिस्तर गर्म कर चुका होता |
मंत्री जी - क्या बकवास किये जा रहा है तू जानता है उसे, मिला है उसे क्या . . . |
सूर्यदेव - वह उसी इलाके में जग्गू को मारने के बाद भाग रही थी तभी मेरे आदमी ने उसको पकड़ लिया |
मंत्री जी - क्या बात कर रहा है |
सूर्यदेव - सही बोल रहा हूं उसी ने जग्गू को मारा है उसी ने एक मेरे आदमी को भी मारा जब मेरा आदमी टाइम पर नहीं पहुंचा | तो मेरे आदमी जंगल में इधर उधर छानबीन करने लगे और तभी मैंने उसे पकड़ लिया |
मंत्री जी - यह तो अच्छी बात है, तूने मुझे अब तक ये बात बताई क्यों नहीं | उसे यहां ले आओ विलास के हवाले कर देते हैं मामला सेटल |
सूर्नयदेव हल्की निराशा से - मंत्री जी वह बहुत चालाक है जितनी खूबसूरत है उतनी ही हरामजादी की पिल्ली है, जहाँ कैद करके रखा था वहां से भाग गई |
मंत्री जी - तुम्हारी कैदसे कैसे भाग गई ये कैसे हो सकता है |
सूर्यदेव - उसने गार्ड को पटा लिया, उसने अपना नंगा जिस्म दिखा दिया और गार्ड पागल हो गया |
मंत्री- क्या बकवास कर रहे हो फ्री में ऐसा कैसे कर सकती जिस्म दिखा दिया और गार्ड पागल हो गया क्या बकवास कर रहे हो |
सूर्यदेव - आप मेरा यकीन कीजिये, मरता आदमी झूठ थोड़े बोल कर जायेगा | साली से गार्ड को अपने दूध और चूतड़ दिखा दिखा कर पगला दिया | गार्ड उसके झांसे में बहक गया |
मंत्री जी - क्या नाम बताया तूने उसका |
सूर्यदेव - रीमा |
मंत्री जी - अब मुझे याद आ गया एक सिक्युरिटी वाले की बेवा है तो गजब की खूबसूरत लेकिन वो तो बहुत शरीफ है | हम तो उसे साड़ी के ऊपर से देखते हैं तब भी कयामत लगती है लेकिन जैसे ही पता चलता कि हम घूर रहे हैं वह अपने पल्लू तक करने लगती है | वो ऐसा नहीं कर सकती | उसका देवर तो एक नम्बर का रंडीबाज है लेकिन वो तो उसे भी नहीं देती ऐसा मैंने औरतो की किटी पार्टी की गॉसिप से सुनकर आई औरते बता रही थी |
सूर्यदेव - मंत्री जी मैंने आपको सब सच सच बता दिया |
मंत्री जी - चल तेरी बात मान भी ले तो रीमा का जग्गू से क्या झगड़ा |
सूर्यदेव - अब जग्गू रीमा को लाया या रीमा जग्गू को लायी, किस बात में दोनों में झगड़ा हुआ ये सब तो वो ही बता पायेगी | उसके अलावा जिनको सच पता है वो दुनिया में नहीं है |
मंत्री जी - उसका बेटा तुम्हारे इलाके में मरा है और उसके दिमाग में पहला नाम तुम्हारा ही आ रहा है किसी तरह से मैंने बात संभाली लेकिन ज्यादा देर तक मैं संभाल नहीं पाऊंगा जितनी जल्दी हो सके उस औरत को विलास के हवाले कर दो | इसी में हमदोनों की जिंदगी की सलामती है |
सूर्यदेव - उसने पहले ही मेरे आदमियों को मार डाला है |
मंत्री जी - मुझे कुछ नहीं पता, उसका गुस्सा ज्यादा देर तक मै रोक नहीं पाउँगा, और उसका पहला शिकार होंगे तुम | भलाई इसी में है रीमा को ढूढो और विलास के हवाले कर दो |
सूर्यदेव - वो औरत मंत्री जी यहां से ऐसे गायब हुई जैसे गधे के सींग पूरे कस्बे नाकेबंदी लगी हुई है सिक्युरिटी की सिक्युरिटी ढूंढ रही है मेरे आदमियों ने कस्बे का एक-एक कोना छान मारा है उसका कहीं कोई अता-पता नहीं चला | उसके खोने की खबर उसके घरवालो ने टीवी पर भी चलवा दी है | मै हैरान हूँ ना तो वह सिक्युरिटी को मिली ना हमारे आदमी को, गई तो गयी कहाँ वो हरामन कुतिया |
मंत्री जी - जो भी हो सूर्य देव मामला बहुत सीरियस है रीमा का जग्गू की मौत से कोई न कोई तो कनेक्शन है पता लगाओ और सच इतनी जल्दी पता लगा दोगे और जितनी जल्दी रीमा को पकड़ लोगे और विलास के हवाले कर दोगे उतनी ही जिंदगी बढ़ जाएगी |
सूर्यदेव - मंत्री जी मेरा इसमें कोई हाथ नहीं है |
मंत्री जी - ये बात विलास को समझाना, मुझसे कहने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा | जग्गू तुम्हारे इलाके में मारा है इसीलिए सबसे पहले विलास का कहर तुम पर ही टूटेगा अब तुम खुद को बचा सकते हो तो बचा लो |
सूर्यदेव - मंत्री जी इस तरह से मेरे सर से हाथ हटा लोगे तो कहाँ जाऊंगा, |
मंत्री - देखो मुझे मत समझाओ मुझे क्या करना है क्या नहीं करना है उस औरत को ढूंढो और विलासके हवाले कर दो समझ गए बाकी विलास उसका क्या करेगा क्या नहीं करेगा यह वह जाने | कान खोल कर सुन लो अगर तुम उस औरत की आड़ में खुद बचने की कोशिश कर रहे हो तो मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा तुम समझ रहे हो ना मेरा मतलब क्या है | अब फोन रखो और जल्दी से जल्दी उस औरत को ढूढना शुरू करो |
सूर्यदेव की पहले से ही फटी पड़ी थी अब तो उसे आँखों के सामने मौत नजर आने लगी |
मंत्री जी ने फिर से इलाज को फोन मिलाया - विलास मैंने सूर्यदेव से बात करी है उसने कसम खाई है कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं है लेकिन जो जानकारी उससे मिली है एक औरत है नाम है उसका रीमा तुम शायद उसको जानते होगे , वही औरत जिसने रिवर लाउन्ज में जग्गू को लेकर हंगामा कर दिया था |
विलास - हाँ हाँ याद है |
मंत्री जी - जिस दिन तुमारे बेटे को गोली मारी गयी उसी दिन से रीमा गायब है तुमने टीवी पर उसकी फोटो देखी होगी |
विलास - नहीं मंत्री जी मैं भी कुछ नहीं देख पा रहा हूं इसीलिए मैं तुम्हें फोन किया हूं जिस दिन से तुम्हारा बेटागायब है उसी दिन से रीमा भी गायब है तुम्हारी बेटी की मौत का और उस औरत के गायब होने का कोई न कोई कनेक्शन तो है जल्दी पता लगा लेगे |
तब तक मेरी एक विनती है बस तुम कुछ मत करो |
विलास - सच कहूं मंत्री जी तो कुछ कह नहीं सकता पूरी कोशिश करूंगा खुद को काबू में रखने की | जल्दी से जल्दी औरत का पता लगाइए |
मंत्री जी - वैसे एक बात बोलूं सच बताओगे वो औरत थी तो बहुत ही मस्त तुम्हें भी पता है कहीं तुम्हारा उसके बेटे के साथ कोई चक्कर तो नहीं हो गया था | जवान विधवा और जग्गू | उसने जग्गू को कॉलेज से भी निकलवाया था |
विलास - जहां तक मुझे पता है मंत्री जी ऐसी कोई बात नहीं थी आपको ऐसा क्यों लगता है कि मेरा बेटा उस औरत के चक्कर में पड़ गया था |
मंत्री - जहाँ तकरार वही प्यार |
विलास - मुझे नहीं लगता रीमा कोई ऐसी औरत थी, लेकिन अगर आपका अंदेशा सच है तो उस औरत की जिंदगी इतनी नरक कर दूंगा अपनी मौत मांगेगी लेकिन उसे मौत नहीं मिलेगी |
मंत्री जी - अपने आप को कंट्रोल में रखो ठीक है हम तुम्हारे बेटे का बदला लेंगे और वह दुनिया देखेगी |
मंत्री जी ने फोन काट दिया उसके बाद फिर से उन्होंने सूर्य देव को फोन मिलाया - सूर्य देव कान खोल कर सुन लो मुझे वह औरत चाहिए हर हाल में चाहिए |
मंत्री जी अभी तक चीजों को समझने की कोशिश कर रहे थे और इतना तो पता चल गया था कि रीमा जग्गू और सूर्यदेव के बीच का सच कुछ न कुछ तो है | असल में हुआ क्या है ये रीमा के मिलने के बाद ही पता चलेगा |
इधर रात के घनघोर अँधेरे में एक गन्दी सी अवैध बस्ती के एक अँधेरे कमरे में अपने ऊपर मंडराते खतरे से पूरी तरह बेखबर रीमा अपनी वासना में गहरे तक डूबी थी | अपनी चूत और जिस्म जितेश को सौपने से पहले अपने मन की असुरक्षा दूर कर रही थी |
दोनों के गिले शिकवे में सारा मूड ही बदल गया था लेकिन जितेश का लंड अभी तना हुआ था | जितेश ने रीमा के ओंठो पर ओंठ रख दिए | उसको कसकर चुमते हुए बोला - हमारे बात करने की जगह अगर हमारे लंड और तुमारी चूत आपस में बात करे तो बेहतर है |
रीमा हल्का सा मुस्कुरा दी | उसकी बांहों का कसाव जितेश की पीठ पर बढ़ गया | ये ग्रीन सिग्नल था आगे बढ़ने का | रीमा के अन्दर घुसने का | रीमा अब तन और मन दोनों से चुदने को तैयार थी | उसके धड़कते दिल की हर धड़कन के साथ उसे पता था जितेश का मोटा मुसल लंड उसके गुलाबी मखमली अंतर को चीरने वाला है | उसके पत्थर जैसे मोटे मुसल लंड की धधकती आग की गर्मी उसको अपने निचले गुलाबी ओंठो पर महसूस हो रही थी | रीमा अपने मन को मजबूत करने लगी, उसे रोहित की चुदाई का अहसास था उसे पता था जितेश के तपते गरम मुसल की भीषण ठोकरे उसकी चीखे निकाल देगी |
जितेश ने एक लम्बी साँस ली | उसने अपने तने हुए लंड के फूले हुए सुपाडे को फिर से रीमा की चूत के छेद पर सटा दिया था | रीमा ने एक लम्बी साँस ली और जितेश की आँखों में आंखे टिका दी | उसने अपने बदन को कड़ा किया, उसे पता था उसकी चूत की फैलती दीवारे उसे सुरुआती तीखा मदहोश करने वाला दर्द देकर जाएगी | जितेश ने रीमा की आँखों में गहराई तक झाँका और उसके बाद में उसने धीरे से एक बार में हल्का सा झटका मारा उसका सुपारा रीमा की कसी हुई गुलाबी चूत को चीरता हुआ अंदर फंस गया |
रीमा के मुहँ से सिसकारी भरी कराह निकल गयी - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह|
रीमा की चूत की गर्मी भी कम हो गयी थी और गीलापन भी | रीमा को लगा किसी ने नस्तर घुसेड दिया है और उसकी चूत को चीर दिया है | रीमा के चेहरे पर दरद की लकीरे उभर आई | जितेश का लंड औसत से ज्यादा लम्बा मोटा और तगड़ा था | रीमा की चूत का गीलापन कब का सुख चूका था इसलिए जितेश के लंड ने रीमा की चूत की दीवारों को अपने अन्दर आने का तीखा अहसास बखूबी करा दिया था | वो तीखा अहसास रीमा के जिस्म में तरंगे बनकर बहता हुआ उसके दिलो दिमाग तक जा रहा था | ऐसा लगा जैसे आग सी धधकती मुसल मांसल मीनार नुमा लंड उसके गुलाबी रसीले अंतर को चीर कर अन्दर तक घुस गया हो |
उसके बाद जितेश ने दो बार फिर से आगे पीछे कमर हिलाई | रीमा सिसक कर रह गई उसने अपनी बाहों का कसाव जितेश की पीठ पर और बढ़ा दिया | रीमा के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ माम्मामामामामाम्म आआआआआआअ | ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई माम्मामामामामाम्मईईईईईईई रेरेरेरेरेरेरेरेरेरेरेरे ममममममममररररररररररररररर गईईईईईईईईईईईईईईईई|
जितेश का हर झटका एक नया अहसास रीमा के रोम रोम में भर रहा था | भले ही उसकी चूत जितेश के लंड के लिए अभी जगह न बना पाई हो लेकिन ये तीखा दर्द भरा अहसास भी कम जादुई नहीं था | अगर औरत ये दर्द महसूस नहीं करेगी तो बाद में हर धक्के पर मिलने वाले उस मादक मीठे अहसास को कैसे महसूस करेगी | रीमा की चूत के ओंठ अपने किनारों तक पूरी तरह फ़ैल गए थे | रीमा की चूत घाटी की गुलाबी दरार में जितेश का लंड पूरी तरह धंस चूका था | अब तो बस आगे का सफ़र करने की देर थी | रीमा के बदन की गरमी और वासना में उसका पूरा बदन नहाया हुआ था | उसके तने हुए सुडौल उरोज और कठोर निप्पल इस बात की निशानी थे की रीमा चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है | उसकी उभरी कठोर छातियाँ, चिकनी कसी हुई गुलाबी चूत, जितेश के लिए रीमा का ये पहला स्पर्श, जितेश के होश उड़ चुके थे | रीमा की चूत की गुलाबी गर्माहट के अहसास और उसके जवान मांसल बदन की कसावट देखकर जितेश से रहा न गया उसने एक जोरदार ठोकर रीमा को मारी और रीमा मुसल लंड की ठोकर से मिले दर्द से नहा गयी |
जितेश ने कसकर रीमा को चूम लिया, लेकिन उसके दर्द भरे चेहरे को देखकर अहसास हुआ कुछ तो गड़बड़ है | तब उसे याद आया रीमा की चूत को गरम करना तो वो बातो ही बातो में भूल ही गया | उसका हाथ तेजी से रीमा के चूत दाने पर गया और वो चूत दाने को तेजी से रगड़ने लगा | काफी देर तक उसके चूत दाने को रगड़ता रहा | आखिर रीमा के जिस्म में वासना की गर्मी फिर लौट आई | उसकी दर्द भरी कराहे बंद हो गयी और उनकी जगह मादक सिसकारियो ने ले ली | उसके बाद में उसने फिर से कमर पर जोर लगाया और अपना थोड़ा सा लंड और रीमा की चूत में घुसा दिया था |
रीमा के मुहँ से हल्की सी जादू भरी सिसकारी मुंह से निकल गई - आआआआआआईईईईईईईईई मामाआआआअ |
इसके बाद में जितेश ने अपने लंड को बाहर खींचा और फिर से रीमा की चूत में पेल दिया था | रीमा के मुंह से फिर से एक कराह निकल गई थी - ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई माम्मामामामामाम्मईईईईईईई |
उसके बाद कुछ देर तक जितेश धीरे-धीरे अपनी कमर को हिलाता रहा और रीमा की चूत को चौड़ा और नरम करने की कोशिश करता रहा था, हर झटके के साथ रीमा की सिसकारी किसी लयदार रायेम की तरह निकलती रही | वह पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में अंदर तक घुसेड सके, इसलिए वो चाहता था रीमा की चूत पूरी तरह से गरम हो जाये ताकि उसकी चूत की दीवारे पूरी तरह से फ़ैल जाये और उसके मुसल लंड को अपने आगोश में ले ले | वो रीमा को बुरी तरह से चूम रहा था | रीमा का एक हाथ जितेश के नीचे उसके चूत दाने को कस के रगड़ रहा था ताकि उसकी चूत गरम बनी रहे और जितेश का पूरा का पूरा लंड निगल ले |
इधर जितेश इंतजार कर रहा था कि रीमा पूरी तरह से फिर से तैयार हो जाए ताकि वह पूरा का पूरा लंड रीमां की चूत में पेल सके | कुछ देर बाद उसे लगा रीमा नॉर्मल हो गई है तो उसने फिर से कमर का एक जोरदार झटका लगाया और आधे से ज्यादा लंड की रीमा की मखमली गुलाबी चूत दीवारों की चीरता हुआ अन्दर तक धंस गया | उसका लंड चूत की गहराइयों में घुस गया |
रीमा के मुंह से एक लंबी चीख निकल गई - आआआआआआआआ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्हीईईईईईईईईईइ मामामामामामामा मामामामामाआआआअ ईईईईईईईईईईई मरररर रर रररर गाअयीईईईईईई | आआआआआआआआ ईईईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |
रीमा ने कराहते हुए एक लम्बी साँस ली और जितेश को कस के भींच लिया और बोला- रुकना मत |
रीमा के मुहँ से निकले इन शब्दों ने जितेश का जोश बढ़ा दिया जितेश ने फिर से पीछे लंड को खींचा और फिर से रीमा की चूत में गहराई तक पेल दिया था |
इसके बाद रीमा के मुहँ से तेज कराह निकली - आआआआआआआआ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्हीईईईईईईईईईइ मामामामामामामा मामामामामाआआआअ ईईईईईईईईईईई मरररर रर रररर गाअयीईईईईईई |
अब समय था रीमा के उन अरमानो के पूरा होने का जिनके बस वो ख्वाब ही देखती रहती थी | उसकी हसरते, उसकी लालसाए, उसकी कामनाये, आज वो एक हट्टे कट्टे मर्द के नीचे है और उसका मोटा मुसल लंड उसकी जांघो के बीच की दरार को चीर कर अन्दर तक धंसा हुआ है | यही तो उसकी स्वनिल ख्वाइशे थी, हाथो से खिलौनों से खेलने का मजा कुछ अलग है लेकिन असली हरम फूले हुए कठोर मुसल लंड का स्पर्श ही कुछ और है | उसकी चूत दीवारों की चाहरदीवारी में सिमटा हो अपनी ही धडकनों से कांपता हुआ लंड रीमा रीमा के अरमानो का हकीकत था | वो हकीकत जो उसके जीवन के ज्यादातर हिस्से में बस सपना बनकर आती थी | जितेश रीमा की कराह सुनकर रुक गया था लेकिन जब रीमा ने उसे थामे हुए देखा तो खुद ही अपने भींचे हुए ओठ खोल दिए | अब इस पल रुकने का थमने का कोई मतलब नहीं था | इंच डर इंच अन्दर घुसते हुए, उसकी गीली गुलाबी सुरंग को चीरते हुए जब लंड उसकी गहरी अँधेरी मखमली गुफा की चढ़ाई कर रहा था तो उसी के साथ रीमा की लालसाए भी अपने परवान चढ़ रही थी | भावुक रीमा पूरी तरह से जितेश की बाहों में समां गयी | उसने खुद को पूरी तरह से जितेश के हवाले कर दिया था | उसे पता था जो उसे चाहिए जितेश वो सब उसे देगा |
रीमा हांफते हुए - डोंट स्टॉप, यस बेबी डोंट स्टॉप, ऐसे ही चोदो मुझे |
जितेश भी हांफते हुए - तुम्हे मजा आ रहा है मैडम |
रीमा - हाँ बहुत मजा आ रहा है |
जितेश - कितना मजा आ रहा है |
रीमा - बहुत बहुत मजा आ रहा है | ऐसे ही करते रहो |
जितेश - क्या करता रहू, खुलकर बोलो न मैडम |
रीमा - बस करते रहो बोलो मत |
जितेश - अब तो जिस्म की गहराई तक का सफ़र तय कर लिया है | अब क्या बचा, अब कौन सा पर्दा है हमारे बीच | हमारे तो लंड और चूत मिल गए है अब तो खुलकर बोलो न मैडम | क्या करता रहू साफ़ साफ़ बोलो |
रीमा समझ गयी थी उसके मुहँ से चूत चुदाई की बकचोदी सुनना चाहता है |
रीमा - मुझे चोदते रहो |
जितेश - बस सिर्फ चोदता रहू |
रीमा - नहीं दिलो जान से चोदो , ढेर सारा प्यार करके चोदो | लम्बे लम्बे धक्के लगाकर चोदो | मेरी चूत की गहराइयो तक लंड पेलकर चोदो |
जितेश के कानो में पड़े ये शब्द उसकी वासना में उत्प्रेरक की तरह थे | उसकी कमर तेजी से हिलने लगी |
जितेश - और ?
रीमा - ओफो बाबा तुम सब मर्द एक जैसे होते हो |
जितेश - बोलो न अच्छा लग रहा है |
रीमा - तुमको अच्छा नहीं लग रहा |
जितेश ने अन्दर लंड ठेलते हुए - अच्छा लग रहा है मैडम, क्या गरम गुलाबी कसी हुई चूत है आपकी | कितना मजा आ रहा है क्या बताऊ आपको |
रीमा - ये मैडम सैदम कहना बंद करो |
जितेश - क्या कंहूँ फिर|
रीमा - जो मै तुमको बुला रही हूँ बेबी |
जितेश - मैडम बेबी जैसी फील नहीं आ रही है, बेबी जैसा फील करावो न मुझे |
रीमा - चल हट शैतान . . . . . . |
जितेश की कमर तेजी से हिलाने लगी और उसका लंड सरपट रीमा की गुलाबी गीली गरम चूत को चीर कर अन्दर बाहर होने लगा |
रीमा - यस यस यस बेबी ऐसे ही चोदो मुझे . . . . . . . हचक हचक के मुसल लंड से मेरी गुलाबी मखमली चूत चीरकर पेलकर मुझे चोदो, बस चोदते रहो | यस बेबी जस्ट लाइक थेट | आआआह्ह्ह बस ऐसे ही मेरी चूत को अपने मुसल लंड से कुचलते रहो | मुझे बहुत अच्छा लग रहा है | बस मुझे चोद चोद कर स्वर्ग की सैर करा दो मेरे लंड राजा | मोरे राजा चोदो मुझे, बेबी चोदो न अपनी डार्लिंग को, उसकी मखमली चूत को, मिटा दो इसकी सारी खुजली आज |
जितेश जैसे बस इन्ही शब्दों की ही राह देख रहा हो | ये सुनते ही जोश से भरे जितेश ने फिर से लंड को बाहर खींचा और रीमा की चूत में पेल दिया | रीमा के अरमानो की एक मंजिल और तय हो गयी | उसके मुहँ से एक लम्बी सिसकारी निकली - आआआआआआईईईईईईईईई मामाआआआअ आआआआआआआआअऊऊऊऊऊऊऊह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह |
उसकी चूत में लगता हर धक्का उसकी ख्वाइशो की मंजिल का एक कदम और तय कर रहा था | रीमा कराहती रही लेकिन जितेश ने धक्के लगाने जारी रखे | वो रीमा को कमर हिला हिलाकर चोदने लगा | रीमा के मुहँ से आआआह्ह्ह्ह ऊऊऊओह्ह्ह्ह आआआआआह्हह्हह्हह्ह निकलता रहा | धीरे-धीरे हलके हलके लम्बे -लंबे धक्के जितेश की रीमा की चूत मारने लगा था | रीमा जितेश से बहुत बुरी तरह से चिपकी हुई थी और कराह रही थी | धीरे धीरे उसकी कराहे मादक होने लगी |
रीमा - यस यस यस यस यस बेबी बस ऐसे ही चोदो मुझे, अन्दर तक चोदो बेबी, बस ऐसे ही चोदो जितेश मोरे राजा, चोद दो अपनी बेबी को |
जितेश भी जोश में था - हाँ रीमा बेबी, क्या नरम मखमली गीली कसी हुई चूत है आपकी | आआआआआअह्मेहह्रेहह्हह्हह्हह मैमैमैमैडम सो ओसो सॉरी बेबी, आपकी कमसिन चूत ने मेरे मुसल लंड को आधे में फंसा रखा है | इस उम्र में भी इतनी कसी चूत है | ऐसा लग रहा है जैसे कुंवारी चूत चोद रहा हूँ |
रीमा भी वासना में बदबदती हुई - हाँ बेबी अपनी बेबी की कसी हुई चूत को ढंग से चोद दो , चीर कर फैला दो, दूर कर दो न इसका कुंवारापन | इसको पूरी तरह से चोद दो और अपने मुसल लंड से चीर कर रख दो |
जितेश हांफता हुआ - अब जगह कहाँ है आपकी गुलाबी मखमली सुरंग में, पूरी तो भर गयी है मेरे मुसल लंड से |
रीमा - तो जगह बनावो न मेरे लंड राजा | ये मुसल सा लंड किस दिन काम आवेगा | अगर चूत चीर कर फाड़ कर अपने लिए जगह नहीं बना सकता, तो पत्थर जैसे सख्त लंड का फायदा क्या |
जितेश - बेबी तुमको तकलीफ होगी आपको |
रीमा - औरत तो तकलीफ बर्दास्त करने के लिए ही बनी है, जब तक चूत चीरेगी नहीं, तब तक चुदाई का मजा अधूरा है | चोद दो अपनी रीमा मैडम को जैसा जी करे चोदने का, मेरी तकलीफ की चिंता न करो | चार धक्को बाद सब ठीक हो जाता है |
रीमा की बाते सुनकर जितेश में एक नया जोश भर गया | जितेश की हिलती कमर से उसका तना हुआ लंड रीमा की कसी चूत में बुरी तरह घिसकर अन्दर बाहर हो रहा था | दोनों वासना में नहाये हुए अपने कामुक शब्में से वासना की आग को भड़का रहे थे | दोनों के बदन वासना की आग में बुरी तरह से तप रहे थे | दोनों की सांसे अपनी उफान पर थी | जितेश का पसीना उसके बदन से फिसलकर अब रीमा के पहले से पसीने से लथपथ जिस्म को भिगोने लगा था | रीमा और जितेश दोनों अब वासना के भंवर के बीचो बीच पहुँच चुके थे | अब वापस आने का कोई रास्ता नहीं बचा था | बस एक ही रास्ता बचा था अपने जिस्मो में लगी आग बुझा ले | और वो आग सिर्फ जोरदार चुदाई से बुझनी थी | जितेश का लंड अभी भी एक तिहाई बाहर था जबकि उसकी चूत पूरी तरह से उसके लंड से भर गयी थी | रीमा की चूत में जितेश का लंड सटासट जा रहा था अब रीमा की भूख और बढ़ गयी थी | रीमा को जितेश का पूरा लंड घोंटे बिना चैन कहाँ था भले ही उसकी चूत फट के फट के चिथड़े हो जाये | जितेश के झटको के साथ आआआआ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ आआआआआअह्आहह्याहह्हह्हह्हह की सिसकारियो की राइम निकलती रीमा अब पुरे लंड की भूखी थी | उसने जितेश के चुताड़ो पर अपनी जांघो की कसावट बढ़ा दी और नीचे से अपनी कमर उचका दी |
सटासट अपनी चूत में जा रहे लंड की ठोकरे से हिलती और हांफती रीमा बोली - अपना पूरा मुसल लंड पेलो न मेरी चूत में |
अब तक जितेश समझ गया था रीमा को चोदना बच्चो का खेल नहीं है | जब वो चुदाई की आग में ताप रही होती है तो पूरी तरह से जंगली हो जाती है | उसकी असीमित ख्वाइशे अपने पंख निकाल उड़ने लगाती है | रीमा को चोदना बच्चो जैसे लंड के बस का नहीं था | उसे एक मर्द चाहिए था मोटे तगड़े लंड वाला और जमकर दमदार चुदाई करने वाला और देर तक न झड़ने वाला | वही रीमा की प्सेयास बुझा सकता था | रीमा को जितेश का पूरा लंड चाहिए और इसलिए उसने उसके नीचे अपनी जांघे खोली है | असल में उसे उसके मुसल लंड से अपनी पूरी की पूरी चूत फड़वानी है | जितेश भी वासना के यौवन पर था उसे भी अब रीमा के दर्द की परवाह नहीं थी | उसने पीछे आखिरी तक लंड को खींचा और एक जोरदार झटका लगाते हुए अपनी कमर पर पूरा जोर डाल दिया | उसका तना हुआ लंड रीमा की चूत की दीवारों को चीरता हुआ उसकी की बच्चेदानी से जाकर टकराया रीमा के मुंह से एक तीखी चीख निकल गई - आआआआआआआआ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी फ़ाआआआआआआआआआ डडडडडडडडडडडडडडडड आआआआआआअ ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ दिदिदिदिद मेंमेंमेंमेंमेंमेंरीरीरीरीरीरी रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी आआआआ आआआआह्हीईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआ आआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |
जितेश समझ गया था, वो सुरंग के आखिरी छोर तक पंहुच गया है | रीमा की चूत अब उसके लंड से पूरी तरह से भर गई है इसके आगे अब लंड के लिए कोई जगह नहीं है लेकिन रीमा भी तो अपनी वासना में पूरी तरह से अंधी हो चुकी थी |
रीमा कामुकता और दर्द से कराहती हुई - क्या बच्चो की तरह मेरी चूत में फुदक रहे हो मर्दों वाला लंड पेलो, पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में पेलो भले ही मेरी जान निकल जाये सांसे अटक जाये चूत फट जाये |
रीमा का ये कहना था कि जितेश जोश में आ गया |
उसने अगली बार फिर से एक जोरदार झटका लगाया और पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में घुसा दिया और इस बार उसका लंड उसकी चूत के आखिरी छोर पर बच्चे दानी से टकराता हुआ उसे पीछे की तरफ ठेलता चला गया | उसकी चूत बछेदानी सहित पीछे की तरफ ठेलती चली गयी | रीमा को लगा जैसे गले तक किसी ने मुसल ठूस दिया हो | वह दर्द और वासना में डूबकर कराह पड़ी वो - मममममममममममममममरररररररररररररररररररररररर गगगगगगगगगगगगगगगगगयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयी आआआआह्हीईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआ आआह्हीईईईईईईईईईइह्ही|
जितेश ने रीमा की चूत में पूरा का पूरा लंड घुसा दिया था उसके बाद उसने दो और करारे झटके मारे | उसका मुसल लंड पूरा का पूरा रीमा की गरम गुलाबी चूत में, उसे खुद पर गर्व महसूस हुआ |
वो रीमा को चूमने लगा - रीमा तुम ग्रेट हो तुम बहुत ही ग्रेट हो तुम बाकि औरतों से बिल्कुल अलग हो | ऐसा कभी नहीं हुआ . . . . . . . मेरे साथ तो कभी नहीं हुआ | तुम पूरा का पूरा मुसल लंड घोंट गयी | तुमारी कसी हुई गुलाबी मखमली चूत मेरी पूरा लंड घोंट गयी | आज मैं धन्य हो गया तुम्हारी चूत को चोद कर इस चूत में मेरा पूरा लंड निगल लिया |
रीमा भी हैरान थी उसने नीचे उंगली लगा कर देखा तो देखा कि जितेश का पूरा लंड तक उसकी चूत में फंसा हुआ है | रीमा के लिए एक गर्व का क्षण था वह जितेश का लंड उसकी चूत पूरा का पूरा निगल गई थी अब रीमा की जोश और उत्तेजना की कोई सीमा नहीं थी |
वह जोश में जितेश से बोली - अब बस कसके चोदो मुझे जितेश, जीतनी तेज चोदना चाहते हो. . . . जैसे चोदना चाहते हो , उठा के बिठा के, लिटा के, बस चोद दो मुझे | अब मुझे कुछ नहीं चाहिए | अब बस चुदना है मुझे | जमकर चोदो मुझे जैसे चोद सकते हो | मेरी चूत की सारी अकड़ निकाल दो अपने मुसल लंड से, मेरी चूत की सारी खुजली मिटा दो, मेरे जिस्म में लगी हवस की सारी आग बुझा दो |
रीमा - यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी मुआआआअह्न माआआआअ आआआ यस बस ऐसे ही
ऐसे ही आआह्ह ऐसे ही आआह्ह आआह्ह आआह्ह आआह्ह |
जितेश - ये लो , ये लो ये लो और लो पूरा लंड लो, सारा का सारा लो अपनी चूत में बेबी | आह क्या मखमली नरम कसी हुई चूत है बेबी मेरी जान मेरी चूत, मेरी डार्लिंग | आह्ह्हह्ह बहुत मजा आ रहा है तुमको चोदने में | आआआह्ह्ह बेबी |
जितेश भी रीमा के शब्दों को सुनकर जोश में आ गया - उसकी कमर जोर जोर से हिलने लगी वह तेजी से धक्के लगाने लगा और रीमा भी नीचे से कमर को उठाकर करके उसके लंड को अपनी गुलाबी चूत गहराइयों की अंतिम सीमा तक लेने लगी | अब बस कमरे में थप थप की आवाजे और रीमा की कराहे और जितेश की हांफती सांसे ही गूँज रही थी | जितेश को जोरो से कमर हिलती रही उसका मुसल लंड रीमा की गीली गरम गुलाबी चूत में सरपट अपनी रेस लगाता रहा |
काफी देर तक जितेश उसे चोदता रहा,उसके गुलाबी चूत सुरंग की रेस में आगे पीछे दौड़ता रहा और वह नीचे लेटी खुद को चुदवाती रही थी, उसका लंड अपनी गुलाबी सुरंग में लेती रही | बेतहाशा पेलम पेल ठुकाई चुदाई का ये सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक दोनों की सांसे नहीं उखड़ने लगी | रीमा को बेतहाशा चोदने से जितेश बुरी तरह से हांफने लगा था जितेश अभी-अभी झड़ा था इसलिए इस बार उसे झड़ने में टाइम ज्यादा लग रहा था | रीमा भी ये बात जानती थी कि जितेश बिलकुल घोड़े की तरह उसे चोदेगा इस बार और वो भी ठीक उसी तरह से चुद रही थी | उसकी सांसे भी उखड़ी हुई थी फिर भी जितेश को सुस्ताने का मौका देने के लिए उसने तेजी से खुद को उठा करके जितेश के ऊपर कर लिया था जितेश भी कुछ आराम करना चाहता था |
रीमा - बेबी अब तुम आराम करो, मै तुमारे लंड को जन्नत की सैर कराती हूँ |
जितेश - आह्ह्हह्ह्ह्ह तुम कमाल की रीमा बेबी, ऐसी औरत तो बड़े नसीबो से मिलाती है | तुम क्या चीज हो, मै पागल हो जाऊंगा |
रीमा - अभी कुछ मत बोलो |
अब रीमा रितेश के ऊपर थी और जितेश रीमा के नीचे था | रीमा ने जितेश का लंड अपनी चूत पर सटआया और कमर का जोर डाल कर के उसे पूरा का पूरा अपनी चूत में घुसा दिया और उसके बाद में अपने चूतड़ हिलाने लगी | रीमा जितेश के ऊपर बैठकर घुड़सवारी करने लगी और जितेश का लंड रीमा की चूत में जा रहा था रीमा अपनी कमर को आगे पीछे करके जितेश के लंड को अपनी चूत में ले रही थी जितेश के हाथ रीमा की उठी हुई छातियों पर थे और कस के उसको उछल रहे थे |
रीमा - कैसा लग रहा है बेबी |
जितेश - जैसे कोई खुद ही लंड पकड़कर स्वर्ग की मखमली सुरंग की सैर करा रहा हो | कितनी कसी चूत है रीमा मेरी जान, आआआआह्आह्जह्ह तो तुम मुझे पागल ही कर दोगी |
रीमा - बेबी मै तुमारे मुसल को निचोड़ रही हूँ तुम भी इनका रस (अपने ओरोजो की तरफ इशारा करते हुए ) निचोड़ो न |
जितेश उसके उठे हुए उन्नत सुडौल वक्ष स्थल का रसपान करने लगता | है उसके आगे खरबूजे जैसे झूल रहे रीमा के उरोंजो को जितेश ने कस कर चूमा | इधर काफी देर तक रीमा जितेश के लंड पर बैठकर घुड़सवारी करती रही उसके बाद में रीमा भी बुरी तरह हांफने लगी थी |
अब बारी जितेश की थी तो रीमा जितेश के ऊपर से हटते ही घोड़ी बन गयी | अब जितेश घुटनों के बल पर बैठकर बीमा के पीछे आ गया था और पीछे आते ही उसने जोश में पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में घुसा दिया रीमा ने कराह की लंबी सिसकारी के साथ में उसका पूरा लंड अपनी चूत में निगल लिटा | जितेश ने रीमा के चूतड़ों पर हाथ जमा दिए और उन्हें कस के पकड़ लिया और पीछे से रीमा की चूत को चोदने लगा | रीमा पूरी तरह से घोड़ी बनी हुई थी और जितेश पीछे से रीमा की चूत को चोद रहा था | उसके दोनों बड़े बड़े उरोज झूले की तरह झूला झूल रहे थे उसका पूरा बदन हिल रहा था और जितेश रीमा के चूतड़ों पर कस के ठोक रे मार रहा था पूरे कमरे में थप थप की आवाज आ रही थी | रीमा की चूत पूरी तरह से फ़ैल चुकी थी उसकी खुली गुलाबी चूत में जितेश का लंड अब सटा सट जा रहा था रीमा को जितेश बहुत तेज चोद रहा था जीतनी तेज कमर हिला सकता था उतनी तेज चोद रहा था |
रीमा की चूत में जा रहा सटासट लंड उसके बच्चेदानी पर बार बार ठोकर मार रहा था | इससे रीमा को दर्द हो रहा था | लेकिन रीमा तो इसी हद तक चुदना चाहती थी ऐसे ही गहराई तक बेतहाशा चुदना चाहती थी जब उसकी चूत में कोई लंड पिस्टन की तरह अन्दर बाहर होता रहे | उसे अंदर चूत की गहराइयों तक उसे चोद करके उसकी प्यास मिटा दे | उसके चूत के कोने कोने तक अपने लंड होने का अहसास करा दे | रीमा की सांसें बहुत तेज चल रही थी वह बहुत बुरी तरह हांफ रही थी और जितेश भी बुरी तरह हांफ रहा था लेकिन दोनों की उत्तेजना उनकी सांसों पर भारी थी और वह दोनों एक दूसरे में रमे हुए थे | जल्दी ही जितेश की सांसें उखड़ने लगी और इतनी तेज चुदाई के बाद में वह पस्त होने लगा था और रीमा का भी बुरा हाल था |
दोनों अपनी बेकाबू सांसो को काबू करने के लिए अलग हो गया और दोनों आकर के बिस्तर पर लेट गए थे उसका लंड बहुत तेजी से कांप रहा था | रीमा और रितेश दोनों अपनी सांसे काबू करने लगे तभी रीमा ने जितेश के लंड को अपने मुंह में ले लिया था और उसके जलते हुए लंड को अपने मुंह की चासनी से भिगो भिगो करके थोड़ा सा ठंडा करने लगी | रीमा ने कुछ देर तक हांफते हांफते उसके लंड को सहलाया चूमा और चूसा |
उसके बाद में जितेश ने रीमा को फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी जांघों को ऊपर करके उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया और उसे कसके चोदने लगा था | अब रीमा एक करवट करके लेटी थी और जितेश उसे पीछे से चोद रहा था और उसकी कमर बहुत तेजी से हिल रही थी उसका पूरा लंड रीमा की चूत में सटासट जा रहा था लेकिन जल्दी ही उन दोनों ने पोजीशन बदल दी और रीमा जितेश के नीचे आ गई और फिर से पहले जैसी चुदाई उन्होंने शुरू की थी | इस बार रीमा की टांगे पूरी तरह से हवा में सीधे उठा दी थी और जितेश बहुत तेजी से कमर उठा उठा कर उसकी चूत में धक्के मार रहा था | हर बार जब भी वह धक्का मारता तो उसके पूरे शरीर का भार रीमा के ऊपर आकर गिरता और उसके इतनी भीषण ठोकर से उसका लंड पूरी तरह से रीमा की चूत को कुचलता हुआ उसमे समा जाता था | रीमा को लगातार अपनी चूत में उस मोटे तपते मुसल मीनार का अनुभव हो रहा था , जो उसके अंतर की गहराइयों को चीर रहा था |
उसकी चूत में लग रहा हर झटका उसकी ख्वाइशो की हकीकत की इबारत कह रहा था | हर भीषण ठोकर जो उसकी चूत को चीरते हुए उसकी बच्चेदानी को चोट मार रही थी वो उसे उसकी वासना की मानसिक तृप्ति पहुंचा रहा था | हर ठोकर से उसके शरीर में उठ रही वासना की तरंगे में वह गोते लगाते हुए बार-बार नहा रही थी | उसकी चूत को चीरता लंड उसकी वासना की आग को बुझाने में पूरी ताकत से लगा था | यही तो उसका सपना था आखिरकार उसे उसकी मनपसंद का लंड मिल गया | जो उसे ऐसे चोदे जैसे वह चाहती थी और अब रीमा को सिर्फ यही चाहिए था वह जितेश के नीचे लेटी हुई जितेश के लंड को पूरी गहराई तक अपनी चूत में लेटी रही और जितेश भी उसे बेतहाशा चोदता रहा |
रीमा - चोदो न और कसकर चोद अपनी बेबी को |
जितेश अब अपनी वासना के चरम पर था | इस समय उसके दिमाग में सिर्फ रीमा की चूत और चुदाई ही भरी थी |
जितेश - चोद तो रहा हूँ बहन की लौड़ी |
रीमा ने जो सुना वो उसके लिए हैरान करने वाला था लेकिन उसे हैरानी इस बात की ज्यादा थी की उसे बिलकुल भी बुला नहीं लगा | वो भी तो चुदाई की उसी रौ में थी | उसके मुहँ से भी गालियां निकलने लगी |
रीमा - क्या चोद रहा, कूट न मेरी इस मुई गुलाबी चूत को अपने मुसल लंड से बहन के लौड़े |
जितेश - साली छिनार, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर | ये ले | इतना कहकर उसने पूरा लंड रीमा की चूत पर दे मारा | रीमा सिसक कर रह गयी |
रीमा - आआआआआआआआह्हाँहीईईईईईईईईईइ माआआआ हाँ हाँ मादरचोद ऐसे चोद न, चूत खोर साले, चुदाई से जब तक बच्चेदानी न दुखने लगे, चुदाई कैसी भोसड़ी के |
जितेश - ये ले साली छिनार लंड खोर कुतिया, आज तेरी चूत फाड़ कर ही दम लूँगा |
जितेश भी पुरे जोश में था और रीमा भी | दोनों ही अपने अन्दर जल रही आग का लावा बाहर निकालने में रमे हुए थे | रीमा की चूत लगातार झर रही थी वो इतनी भीषण ठोकरों के बीच कितनी बार कांपी अब तो उसे याद भी नहीं |
रीमा - तो फाड़ न मेरी चूत रंडीबाज, बुरचोद, चीर दे फाड़ दे और अपनी मलाई से भर दे मेरी चूत को |
जितेश - ये ले तू भी क्या या रखेगी बुरचोदी किस लंड से पाला पड़ा था |
रीमा - मुहँ से ही सारी मर्दानगी दिखायेगा या कुछ लंड से भी करेगा |
जितेश - तू सच में एक नंबर की लंड खोर चूत है ऐसे नहीं मानेगी |
जितेश के बेतहाशा ठोकरों से रीमा का जिस्म थरथराने लगा | रीमा जितेश के बाहों में बस हिलती मांस के जिस्म की तरह रह गयी | जितेश के चरम की ठोकरे न केवल भीषण थी बल्कि दर्दनाक भी |
रीमा - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ मामममाआआआआअ रीईईईईई चोचोचोचोचोचोचोदददददददददददददददद रंडी की औलाद और जोर से चोद चीचीचीचीचीरररर डाल फाड़ डाल मेरी चूत |
जितेश - हूऊह्ह्हहं ये ले घोट मेरा लंड, तेरी चूत फाड़ दूंगा साली चुद्दकड़ लंड खोर कुतिया |
जितेश की दनादन ठोकरों ने रीमा की तो जैसे जान निकाल दी | रीमा को हर ठोकर के साथ जितेश की अथाह ताकत का अहसास हो रहा था | अब ये सोचने का वक्त नहीं था | बस अपने चरम पर पहुचने का पागलपन था, हवस की जलती आग को मिटाने की सनक थी |
रीमा - हाँ मोरे राजा हाँ मोरे राजा और जोर से और जोर से आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ रेरेरेरेर्रे हाँ हाँ हाँ और आआअह्ह ऊऊऊह्ह्ह यस यस यस यस बेबी यस बेबी हाँ हाँ यस बेबी हाँ हाँ आआअह्ह यस बेबी हाँ हाँ आआअह्ह आआअह्ह आआअह्ह यस बेबी हाँ हाँ |
आखिर हर चीज का अंत होता है इस चुदाई का भी होना था | जितेश अब काफी देर तक रीमा को चोदते चोदते अपने चरम पर पहुंचने वाला था | इसी बीच में रीमा तीन चार बार अपना पानी बहा चुकी थी | आखिरकार वो घड़ी आ गई जब जितेश की वासना का बांध भी टूट गया और जितेश ने अपने लंड से पिचकारी छोड़ने शुरू कर दी | रीमा ने उसे कस कर जकड़ लिया और उसकी चूतड़ों के ऊपर अपनी जांघो का कसा घेरा बना दिया था | रीमा की चूत की गहराइयों में जितेश की पिचकारिया छूटने लगी थी | जितेश के जिस्म से निकला सफ़ेद लावे का लंड रस फुहारे बनकर हवस की आग में जलती रीमा की गुलाबी चूत में बरसने लगा | रीमाँ को ऐसा लगा जैसे प्यासी धरती को पानी पिलाने खुद मेघ आ गए हो | वो जितेश के लंड से अपनी चूत की गहराई में निकल रही सफ़ेद फुहारे से अपने अंतर्मन को भिगोकर उसकी प्यास मिटाती रही | आखिर उसकी लालसाओ की ये परिणिति होगी उसने कभी नहीं सोचा था | बस कुछ दिनों में ही जितेश एक अजनबी से उसके जीवन का सबसे खास मर्द बन गया था | जिसके साथ उसने अपने जीवन का सबसे अन्तरंग पल जी लिया | एक मर्द और औरत के रिश्ते का सबसे निजी और अन्तरंग पल | जब मर्द अपने जिस्म में मथ रहे लावे की फुहारे औरत की चूत की गहराइयों में उतारता है तो मर्द और औरत दोनों उस पल एक एकाकी हो जाते है | उसके अस्तित्व का भेद मिट जाता है | ये संसर्ग का वो पल होता है जब सब बडो को मिटाकर मर्द और औरत एक सा अनुभव करते है | रीमा और जितेश भी इस पल से गुजर रहे थे |
जितेश भी चरम सुख के इस स्वर्गीय अनुभव में मादक रूप से कराह रहा था | उसके जिस्म में लगी आग का और उसे बुझाने के लिए किये गए वासना मंथन का रस निचुड़ कर रीमा की चूत में झर रहा था |
जितेश का सफेद रस रीमा की चूत में भरने लगा था | दस ग्यारह पिचकारियो में जितेश रीमा की चूत में पूरी तरह से झड गया | उसके लंड से निचुड़ निचुड़ कर एक एक बूंद रीमा की चूत की गहराई में उतर गयी | जितेश उसी तरह रीमा पर निढाल हो गया | जितेश की जब सांसे काबू आई तो वो रीमा के पीछे आकार लेट गया और उसका बांहों में भर लिया | उसके लंडने अपने आप ही अपनी पनाहगाह दूंढ ली और लंड रस से चिकनी उसकी चूत में बिना किसी प्रतिरोध के घुसता चला गया | जितेश पूरी तरह निचुड़ चूका था लेकिन शायद रीमा को भोगने की लालसा नहीं ख़त्म हुई थी | उसने यही सोचकर की कुछ देर बाद एक राउंड शुरू करेगे | उसने अपने लंड को रीमा की चूत और अन्दर गहराई तक ठेल दिया | अब उसके लंड में नरमी आने लगी थी लेकिन इतना खून उसमे भरा था की रीमा की चूत आसानी से फिसल सके |
रीमा के दबे हुए अरमान ने अपनी मंजिल हासिल कर ली थी रीमा की तृप्ति का एहसास सिर्फ सीमा ही महसूस कर सकती थी हालांकि रीमा के नैतिक मन में एक अपराध बोध तो था लेकिन अपनी वासना की तृप्ति के एहसास के आगे उस अपराध बोध का कोई मोल नहीं था रीमा इस तरह से लंड से चुदना पसंद है रीमा को चुदाई पसंद है रीमा को अच्छे-अच्छे हट्टे कट्टे मर्द पसंद है और सबसे बड़ी बात है रीमा को खुद को चुदवाना पसंद यही बात रीमा के मन में सबसे ज्यादा संतोष भर रही थी आखिर उसने खुद से शर्माना छोड़ दिया उसने खुद से छिपना छोड़ दिया आखिर उसने खुद से झिझकना छोड़ दिया | वो नकली मुखौटा लगाकर नहीं जी रही | वह जैसी अंदर है वैसी ही जीना चाहती है और वह अंदर से बहुत ही वाइल्ड वाइल्ड और खुद की जिंदगी जीना चाहती है अपने जिस्म की जवानी जीना चाहती है अपने जिस्म की जवानी की प्यास बुझाना चाहती है उसे प्चायार चाहिए और चुदाई भी | कुछ दिन पहले तक वो जितेश को जानती तक नहीं थी लेकिन कुछ दिनों में इतना गहरा रिश्ता बन गया उसकी जिस्म की गुलाबी मखमली सुरंगों में उसका मोटा मुसल लेटा हुआ आराम फरमा रहा है | उसे अब संस्कारी सुशील बनने की एक्टिंग नहीं करनी पड़ रही है | यही असली रीमा है बोल्ड एंड वाइल्ड एंड ब्यूटीफुल | उसे अपनी ख्वाइशो के लिए किसी अनजान लंड से चुदने में कोई शर्म नहीं है | कितनी अजीब है जिंदगी, रीमा इसका अहसास कर पा रही थी | जिस लंड को गली-गली कोने-कोने , शहर के हर चौराहे पर ढूढती थी वो इस तरह से एक अवैध बस्ती के एक छोटे से लकड़ी के बने हुए कमरे में मिलेगा उसे तो इसका अंदाजा भी नहीं था |
जिंदगी कितनी अजीब और अनीयोजित है यहां कुछ भी योजना बनाकर नहीं होता बस हो जाता है आज भी यही हुआ अपने पति की मौत के बाद अपने मन के कोने में दबे जिस सपनों के सौदागर को वह इधर से उधर ढूंढ रही थी जिसको हर रोज हो हर गली हर चौराहे पर ढूंढने की कोशिश करती थी वह जितेश था शायद जितेश था पता नहीं जितेश था भी या नहीं या फिर वह बस भावनाओं के सागर में बह रही थी अगर वह जितेश था तो फिर रोहित क्या है नहीं जितेश रोहित नहीं है और रोहित जितेश नहीं है लेकिन जितेश ही उसकी मंजिल है नही नहीं जितेश उसकी मंजिल कैसे हो सकता है वह तो इस कुटिया में बंद है बस यह बस एक भावनाओं का दौर है जो समय के साथ बह जाएगा और फिर से हकीकत में वापस आना ही होगा रोहित ही उसकी हकीकत है जितेश नहीं उसकी हकीकत है लेकिन जितेश भी उसकी हकीकत में ऐसा हो सकता है नहीं ऐसा नहीं हो सकता है पता नहीं क्या होगा क्या नहीं होगा रीमा के मन में बहुत गड़बड़ चल रही थी और यही सब सोचते सोचते हैं वह सोने की कोशिश करने लगी उसे इस बात का अहसास था कि जितेश उसके जिस्म के अंदर आराम फरमा रहा है और इसमें रीमा को कोई आपत्ति नहीं थी आखिर उसने इतनी देर रीमा के जिस्म के अंदर ही तो सफर तय किया है तो अब उसकी थकान मिटाने के लिए अगर वह चीमा के जिस्म के अंदर ही सो रहा है तो इसमें गलत क्या है | रीमा अपने खयालो में खोयी रही और जितेश उसे चूमता रहा सहलातालाता रहा और उसे चिपका रहा उसका लंड रीमा की चूत में घुसा रहा हालांकि उसमें पहले जैसा कड़ापन नहीं था लेकिन वह इतना भी नरम नहीं था कि रीमा की चूत से फिसल के बाहर आ जाए | रीमा थक गयी थी और तृप्त थी | मन में संतोष का अहसास था वो बेचैनी जो उसे हर वक्त जकड़े रखती थी कही गायब सी हो गयी शायद वो रीमा की दबी वासना थी |
दोनों एक दूसरे की बाहों में उसी तरह से लेटे लेटे एक दूसरे से चिपके रहे और कुछ देर तक एक दूसरे को सहलाते चूसते हुए पता नहीं कब थक हार कर सो गए | जितेश का लंड रीमा की चूत में उसके वासना मंथन से निकले लावे और रीमा के चूत रस से सना हुआ उसी की गुलाबी सुरंग में घुसा हुआ ही पड़ा रहा और दोनों गहरी नींद में सो गए |
दोनों थके हारे एक दूसरे की बाहों में लिपटकर सो गए , शरीर के अपने नियम है, झड़ने के बाद लंड को मुरझाना ही है | मुरझाया लंड चूत में कैसे टिक सकता है | उस चूत में तो बिलकुल नहीं जहाँ सारा का सारा लंड रस अपने अन्दर समेटी बैठी हो | इतनी चिकनी चूत में तो खड़ा लंड फिसल कर बाहर आ जायेगा | कुछ देर बाद जितेश का लंड रीमा की चूत से बाहर आ गया और उसके साथ रीमा की मखमली चूत में भरी हुई सफेद गाड़ी मलाई भी रिस कर बाहर आने लगी | रीमा की जांघो और चुताड़ो को भिगोती हुई बिस्तर को गीला करने लगी |
मंत्री जी ने बात बदली - मुझे तुमारे परिवार की पड़ी है, दो जवान बेटियों की पड़ी है, उनको तरफ भी तो देखो |
मंत्री जी को डर था, इस बदले की आग में कही बात ज्यादा बढ़ गयी और सिक्युरिटी के ऊपर लेवल के अफसर भी शामिल हो गए तो वो विलास का सारा कच्चा चिट्ठा निकाल लेगे और फिर मंत्री के इतिहास के सारे काले धंधों का कच्चा चिट्ठा सिक्युरिटी के पास खुल जाएगा हालांकि सिक्युरिटी को पता सब होता है लेकिन सिक्युरिटी को जब तक ऊपर से आदेश नहो होता वो किसी को छूती नहीं | अभी जिस तरह से विलास का बेटे की मौत की आग में जल रहा था उसे यह तो साफ था कि वो किसी को भी दिनदहाड़े गोली मार सकता है पहले की बात अलग थी लेकिन अब सिक्युरिटी ने काफी चौकस है और इसीलिए सब करना इतना आसान नहीं होगा |
मंत्री जी - मेरी बात समझो विलास, इतना सब कुछ जो बनाया है यू ही गवां दोगे क्या | होनी को तो कोई नहीं टाल सकता लेकिन अपनी बेटियों का भी ध्यान करो |
विलास - मतलब हिजड़ो की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठा रहू |
मंत्री जी - नहीं बिलकुल नहीं, तुमारे बेटे का बदला लेगे लेकिन अपने गले में फंसी का फंदा डालकर नहीं |
विलास का गुस्सा कुछ कम हुआ - मैं समझता हूं आपकी बात लेकिन खुद को कैसे समझाऊं मेरा एक ही तो बेटा था |
मंत्री जी - हां बस ऐसे थोड़ा सा समय मांग रहा हूं थोड़ा सा संयम रखो सब पता लगा लूंगा
विलास - कहां से लाऊं वह धीरज सुबह जिसका उठते ही चेहरा देखता था शाम जिस को सोने से पहले देखता था अब उसे कभी नहीं देख पाऊंगा कहां से लाऊं धीरज उनसे जी आपका बेटा होता तो भी आप मुझसे ऐसे ही कहते हैं |
मंत्री जी - समझ सकता हूं इस तरह से धीरज खोने से भी तो कुछ नहीं होगा मैं पता लगाता हूं उसके पीछे कौन है |
विलास - मंत्री जी साफ-साफ बताइए कहीं इसके पीछे सूर्यदेव तो नहीं |
मंत्री ये सुनकर अन्दर तक सिहर गए लेकिन घाघ नेता की तरह आश्र्चर्य से - तुम्हें शक है, वो तो तुमारा ही पालतू रहा है |
विलास - अब तो नहीं है जब से आपने उसे एक टुकड़ा खाने को दे दिया है |
मंत्री जी - उसकी इतनी औकात और दुस्साहस नहीं है, मैंने पहले ही कहा है बिज़नस अलग है फैमिली अलग है |
विलास - लेकिन करने को तो कोई भी कर सकता है
मंत्री - तुम्हें सूर्यदेव को लेकर कुछ मिला है, लावो साले की जिन्दा खाल उतार लेगे |
विलास -मेरा बेटा उसी के इलाके में मारा गया है तो मेरा पहला शक उसी पर गया था | मेरे आदमियों ने उसके दो ठिकाने तबाह कर दिए हैं | आपको तो पता ही है एक नंबर का चोर है मेरा माल दबाकर भागना चाहता था |
मंत्री जी - ये तुम बहुत गंभीर बात बोल रहे है | कहाँ की बात है ये |
विलास - मेरा बेटा जंगल घूमने गया होगा अक्सर वह जाता रहता था, इस शहर की भीड़ भाड़ से दूर |
वहां सूर्यदेव एक पुराने मकान को अपने सामान को छुपाने के लिए इस्तेमाल करता है | वहीं पर मेरे बेटे की लाश मिली लेकिन उसके साथ-साथ वहां दो लाशें और मिली जो उसके साथ कामकरने वाले दो लड़कों की थी जो उसके साथ साए की तरह रहते थे जब कभी वो शहर से बाहर जाता था वह दोनों उसके साथ साए की तरह रहते थे |
मंत्री जी - ये तुम मुझे अब बता रहे हो | ये तो बहुत ही गंभीर बात है |
विलास - मेरे बेटे वही गोली मारी गई है मंत्री जी |
मंत्री जी गंभीर हो गए - हमारे इलाके में आकर कोई इतना बड़ा काम कर जाए और हमें चार-पांच दिन हो गए भनक तक नहीं |
विलास - जो भी हो मंत्री जी जल्दी कुछ करना होगा नहीं सब्र का बांध टूट रहा है | मुझे अपने बेटे का चेहरा नहीं भूलता |
मंत्री जी - हम जल्दी ही तुमारे बेटे की मौत का बदला लेंगे |
मंत्री जी कुछ सोचकर- पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ गयी क्या |
विलास - आज सुबह ही आई है, ४ गोलियां के निशान है | इसके अलावा कुछ अजीब बाते भी सिक्युरिटी ने बताई है |
मंत्री जी - क्या |
विलास - जब सिक्युरिटी वहां पंहुची तो तीनो की मौत हो चुकी थी और तीनो के बदन पर कपड़ो का कोई नामोनिशान नहीं था | एक की लाश जग्गू के पड़ोस में मिली और दुसरे की खँडहर मकान के अन्दर | तीनो ही पूरी तरह से नंगे थे | अन्दर वाले को तो पांच गोलियां मारी गयी | इसके अलावा भी गोलियों के खोखे मिले है | मतलब कमरे में और गोलियां भी चली है | लेकिन न तो वो पिस्टल मिली और न ही चलाने वाला का कोई सुराग है | किस पर चलायी गयी इसको लेकर भी पहेली बनी हुई है | क्योंकि अगर जग्गू के साथ वाले लड़के ने बचाव में हमलावर पर गोली चलाई तो एक आध उसको लगी होगी | फिलहाल पोलिस इसकी छानबीन कर रही है |
इसके अलावा जिस बात ने पोलिस को उलझा दिया है वो है वहां कुछ कपड़ो की कतरने मिली है, वो औरत के ब्रा और पैंटी की है |
मंत्री जी - मतलब मामला इतना भी सीधा नहीं है लड़की का एंगेल भी है |
विलास कुछ रूककर फिर बोला - मतलब ही तो नहीं समझ में आ रहा हूं कोई लड़की चाहिए थी तो शहर में क्या कम है इतना पैसा है किसी को भी खरीद लेता और फिर किसी लड़की को उस खंडहर तक ले जाकर . . मुझे नहीं लगता इसका मेरे बेटे से कोई लेना देना है |
मंत्री जी - औरत के कटे हुए कपड़े तो किसी की भी हो सकते हैं |
विलास - कपड़े तो किसी के भी हो सकते हैं लेकिन जो बात सिक्युरिटी ने रिपोर्ट में लिखने की बजाय सीधे मुझे कान में बताई वो ये है की तीनो के लंड मौत के वक्त उनके लंड रस से सने थे | सिक्युरिटी को उनके लंड के सुपाडे पर सीमेन मिला है | और वो उन्ही का है |
मंत्री जी - ये तो कुछ ज्यादा ही उलझाने वाली बात है |
मंत्री जी - कही जग्गू को किसी लड़की के जाल में फंसा कर तो वहां नहीं ले जाया गया |
विलास - पता नहीं लेकिन कुछ दिनों से जग्गू कुछ परेशान तो रहता था | हमने बहुत पूछने की कोशिश की लेकिन वो कुछ बोला ही नहीं | थक गए पूछ पूछकर लेकिन हमेशा बस यही बोलता था डैड अकेला छोड़ दो मुझे, मै अपनी परेशान हल करने लायक बड़ा हो गया हूँ |
मंत्री - तुम परेशान मत हो तुम्हारी बेटे की मौत का बदला लेंगे और ऐसा बदला लेंगे कि पूरा शहर इलाका और आसपास के जिले याद रखेंगे भरोसा रखो यह पर्सनल है मेरे लिए भी | राजनीति अपनी जगह है बिजनेस अपनी जगह है लेकिन परिवार तो हम सबका है, आज तुमारे परिवार को निशाना बनाया है कल को मेरे परिवार को निशाना बनाया जा सकता है |
विलास - आखिरी मै करू तो क्या करू परेशान हो गया हूं लड़कियों का दोनों का रो-रो कर बहुत बुरा हाल है जग्गू की माँ तो होश में आते ही फिर बेहोश हो जाती है |
मंत्री जी - मुझे थोड़ा सा समय दो पूरा पूरा महकमा लगा दूंगा पोलिस सिर्फ पता लगाएगी पर जो भी होगा इंसाफ उसके हम करेंगे सिक्युरिटी नहीं |
विलास - मंत्री जी मेरे पास ज्यादा समय नहीं है बच्चे की 13 तेरहवीं होते ही मैं हथियार उठा लूंगा लोगों को पता चलना चाहिए विलास पर वार करने का क्या अंजाम होता है |
मंत्री जी उसे सांत्वना देकर वहां से चल दिए | मंत्री जी वहां से बाहर निकल आए और अपनी कार में बैठ गए | अपने गार्ड को दूसरी कार में बैठने को कहा था और मंत्री जी अपनी कार में अकेले थे और उनका बहुत खास आदमी था पिछले 20 साल से उनके लिए गाड़ी चला रहा था | गाड़ी में बैठते ही मंत्फोरी जी ने सूर्नयदेव को फोन मिलाया |
मंत्री का फोन देखते सूर्यदेव ने तुरंत फोन उठा लिया और बोला - मंत्री जी क्या आदेश है |
मंत्री जी - यह विलास के बेटे का क्या मामला है |
मंत्री जी के मुहँ से ये सुनकर वह एक दम चौंक गया, ऐसा लगा उसकी चोरी पकड़ी गयी हो सूर्यदेव मिमियाई आवाज में - मंत्री जी आप वापस कब लौटे |
मंत्री - तुमने सुना नहीं मैंने क्या पुछा |
सूर्यदेव ने सफाई दी - मंत्री जी इसके पीछे मेरा कोई हाथ नहीं है
मंत्री जी - मैं यह नहीं पूछा हूं तुम्हारा हाथ है या नहीं है यह मामला क्या है
सूर्यदेव - मतलब मैं समझा नहीं
मंत्री जी - विलास की लाश तुमारे जंगल वाले ठिकाने पर मिली है उसके साथ वहां दो और लाशें मिली हैं और तीनों लाशों पर कपड़े का नामोनिशान तक नहीं था और तीनों के लंड पर वीर्य लगा हुआ मिला है |
सूर्यदेव को माजरा समझते देर नहीं लगी - ऐसा क्या |
मंत्री जी - वहां किसी औरत के कपड़े भी मिले है | मतलब कपड़ो की कतरने मिली है, अन्दर के ब्रा पैंटी की |
उसकी घबराहट अब विश्वास में बदल गयी | क्या बात करें मंत्री जी ऐसा है क्या |
मंत्री जी - क्यों तू चौका क्यों |
सूर्यदेव - चौकने वाली तो बात है ही मंत्री जी सुना है लाश पूरी तरह से नंगी मिली थी, जग्गू के अलावा वहां दो और लाशें मिली थी और वह दोनों भी बिलकुल नंगे ही थे |
सूर्यदेव - वह तेरा इलाका तुझे तो सब पता है फिर इतनी देर से नौटंकी क्यों कर रहा था | मुझसे गेम खेल रहा है |
मंत्री जी - नहीं कैसी बात कर रहे है, मेरी मजाल तो जो ऐसा सपने में भी सोचु |
मंत्री जी - सोचना मत अब सच-सच बता इसके पीछे कौन है देख हमारे बिजनेस और पॉलिटिक्स अपनी जगह है लेकिन यार किसी की फैमिली किसी के बच्चे यह ठीक नहीं है मनी बिलास ने मेरी बेटी उठा लेने की धमकी दी हो लेकिन उसे उठाया तो नहीं उसे भी पता उसका परिवार है |
सूर्यदेव - नहीं मंत्री जी मेरी इतनी मजाल है जो इतने बड़े हाथी से टकरा जाऊं वह तो मुझे चुटकी मसल के रख देगा |
मंत्री - तो बता कौन है ?
सूर्यदेव - आप यकीन नहीं करेगें लेकिन इसके पीछे एक रांड औरत है, साली एक नंबर की छिनार है |
मंत्री जी - क्या बकवास कर रहा है, गांजा चढ़ा रखा है है |
सूर्यदेव - एक औरत है जो जग्गू को जाल में फंसाकर यहाँ तक लायी है, उसकी सिक्युरिटी में भी लम्बी पंहुच है शायद कोई नया गैंग बनाना चाहती है | उसी ने जग्गू और उन दोनों को मौत के घाट उतारा है | अपना नंगा जिस्म दिखाकर लड़को को बहकाया होगा और जब लड़के उसके हुस्न में मदहोश हो गए होंगे तो एक एक करके तीनो को गोली मार दी |
मंत्री जी - एक औरत इतना बड़ा काम अकेले कैसे कर सकती है |
सूर्यदेव - आप मिले है उससे |
मंत्री जी - कौन है वो |
सूर्यदेव - रिवर लाउन्ज में, नाम उसका सीमा . . . . या . . ऐसे कुछ है |
मंत्री जी - क्या बात का रहे हो |
सूर्यदेव - बिल्कुल सच्ची बात कर रहा हूं मंत्री जी , हाँ हाँ याद आ गया रीमा नाम है उसका बला की खूबसूरत है इतनी गहरी मुसीबत में न फंसा होता तो कम से कम अब तक चार पांच बार उसके साथ अपना बिस्तर गर्म कर चुका होता |
मंत्री जी - क्या बकवास किये जा रहा है तू जानता है उसे, मिला है उसे क्या . . . |
सूर्यदेव - वह उसी इलाके में जग्गू को मारने के बाद भाग रही थी तभी मेरे आदमी ने उसको पकड़ लिया |
मंत्री जी - क्या बात कर रहा है |
सूर्यदेव - सही बोल रहा हूं उसी ने जग्गू को मारा है उसी ने एक मेरे आदमी को भी मारा जब मेरा आदमी टाइम पर नहीं पहुंचा | तो मेरे आदमी जंगल में इधर उधर छानबीन करने लगे और तभी मैंने उसे पकड़ लिया |
मंत्री जी - यह तो अच्छी बात है, तूने मुझे अब तक ये बात बताई क्यों नहीं | उसे यहां ले आओ विलास के हवाले कर देते हैं मामला सेटल |
सूर्नयदेव हल्की निराशा से - मंत्री जी वह बहुत चालाक है जितनी खूबसूरत है उतनी ही हरामजादी की पिल्ली है, जहाँ कैद करके रखा था वहां से भाग गई |
मंत्री जी - तुम्हारी कैदसे कैसे भाग गई ये कैसे हो सकता है |
सूर्यदेव - उसने गार्ड को पटा लिया, उसने अपना नंगा जिस्म दिखा दिया और गार्ड पागल हो गया |
मंत्री- क्या बकवास कर रहे हो फ्री में ऐसा कैसे कर सकती जिस्म दिखा दिया और गार्ड पागल हो गया क्या बकवास कर रहे हो |
सूर्यदेव - आप मेरा यकीन कीजिये, मरता आदमी झूठ थोड़े बोल कर जायेगा | साली से गार्ड को अपने दूध और चूतड़ दिखा दिखा कर पगला दिया | गार्ड उसके झांसे में बहक गया |
मंत्री जी - क्या नाम बताया तूने उसका |
सूर्यदेव - रीमा |
मंत्री जी - अब मुझे याद आ गया एक सिक्युरिटी वाले की बेवा है तो गजब की खूबसूरत लेकिन वो तो बहुत शरीफ है | हम तो उसे साड़ी के ऊपर से देखते हैं तब भी कयामत लगती है लेकिन जैसे ही पता चलता कि हम घूर रहे हैं वह अपने पल्लू तक करने लगती है | वो ऐसा नहीं कर सकती | उसका देवर तो एक नम्बर का रंडीबाज है लेकिन वो तो उसे भी नहीं देती ऐसा मैंने औरतो की किटी पार्टी की गॉसिप से सुनकर आई औरते बता रही थी |
सूर्यदेव - मंत्री जी मैंने आपको सब सच सच बता दिया |
मंत्री जी - चल तेरी बात मान भी ले तो रीमा का जग्गू से क्या झगड़ा |
सूर्यदेव - अब जग्गू रीमा को लाया या रीमा जग्गू को लायी, किस बात में दोनों में झगड़ा हुआ ये सब तो वो ही बता पायेगी | उसके अलावा जिनको सच पता है वो दुनिया में नहीं है |
मंत्री जी - उसका बेटा तुम्हारे इलाके में मरा है और उसके दिमाग में पहला नाम तुम्हारा ही आ रहा है किसी तरह से मैंने बात संभाली लेकिन ज्यादा देर तक मैं संभाल नहीं पाऊंगा जितनी जल्दी हो सके उस औरत को विलास के हवाले कर दो | इसी में हमदोनों की जिंदगी की सलामती है |
सूर्यदेव - उसने पहले ही मेरे आदमियों को मार डाला है |
मंत्री जी - मुझे कुछ नहीं पता, उसका गुस्सा ज्यादा देर तक मै रोक नहीं पाउँगा, और उसका पहला शिकार होंगे तुम | भलाई इसी में है रीमा को ढूढो और विलास के हवाले कर दो |
सूर्यदेव - वो औरत मंत्री जी यहां से ऐसे गायब हुई जैसे गधे के सींग पूरे कस्बे नाकेबंदी लगी हुई है सिक्युरिटी की सिक्युरिटी ढूंढ रही है मेरे आदमियों ने कस्बे का एक-एक कोना छान मारा है उसका कहीं कोई अता-पता नहीं चला | उसके खोने की खबर उसके घरवालो ने टीवी पर भी चलवा दी है | मै हैरान हूँ ना तो वह सिक्युरिटी को मिली ना हमारे आदमी को, गई तो गयी कहाँ वो हरामन कुतिया |
मंत्री जी - जो भी हो सूर्य देव मामला बहुत सीरियस है रीमा का जग्गू की मौत से कोई न कोई तो कनेक्शन है पता लगाओ और सच इतनी जल्दी पता लगा दोगे और जितनी जल्दी रीमा को पकड़ लोगे और विलास के हवाले कर दोगे उतनी ही जिंदगी बढ़ जाएगी |
सूर्यदेव - मंत्री जी मेरा इसमें कोई हाथ नहीं है |
मंत्री जी - ये बात विलास को समझाना, मुझसे कहने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा | जग्गू तुम्हारे इलाके में मारा है इसीलिए सबसे पहले विलास का कहर तुम पर ही टूटेगा अब तुम खुद को बचा सकते हो तो बचा लो |
सूर्यदेव - मंत्री जी इस तरह से मेरे सर से हाथ हटा लोगे तो कहाँ जाऊंगा, |
मंत्री - देखो मुझे मत समझाओ मुझे क्या करना है क्या नहीं करना है उस औरत को ढूंढो और विलासके हवाले कर दो समझ गए बाकी विलास उसका क्या करेगा क्या नहीं करेगा यह वह जाने | कान खोल कर सुन लो अगर तुम उस औरत की आड़ में खुद बचने की कोशिश कर रहे हो तो मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा तुम समझ रहे हो ना मेरा मतलब क्या है | अब फोन रखो और जल्दी से जल्दी उस औरत को ढूढना शुरू करो |
सूर्यदेव की पहले से ही फटी पड़ी थी अब तो उसे आँखों के सामने मौत नजर आने लगी |
मंत्री जी ने फिर से इलाज को फोन मिलाया - विलास मैंने सूर्यदेव से बात करी है उसने कसम खाई है कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं है लेकिन जो जानकारी उससे मिली है एक औरत है नाम है उसका रीमा तुम शायद उसको जानते होगे , वही औरत जिसने रिवर लाउन्ज में जग्गू को लेकर हंगामा कर दिया था |
विलास - हाँ हाँ याद है |
मंत्री जी - जिस दिन तुमारे बेटे को गोली मारी गयी उसी दिन से रीमा गायब है तुमने टीवी पर उसकी फोटो देखी होगी |
विलास - नहीं मंत्री जी मैं भी कुछ नहीं देख पा रहा हूं इसीलिए मैं तुम्हें फोन किया हूं जिस दिन से तुम्हारा बेटागायब है उसी दिन से रीमा भी गायब है तुम्हारी बेटी की मौत का और उस औरत के गायब होने का कोई न कोई कनेक्शन तो है जल्दी पता लगा लेगे |
तब तक मेरी एक विनती है बस तुम कुछ मत करो |
विलास - सच कहूं मंत्री जी तो कुछ कह नहीं सकता पूरी कोशिश करूंगा खुद को काबू में रखने की | जल्दी से जल्दी औरत का पता लगाइए |
मंत्री जी - वैसे एक बात बोलूं सच बताओगे वो औरत थी तो बहुत ही मस्त तुम्हें भी पता है कहीं तुम्हारा उसके बेटे के साथ कोई चक्कर तो नहीं हो गया था | जवान विधवा और जग्गू | उसने जग्गू को कॉलेज से भी निकलवाया था |
विलास - जहां तक मुझे पता है मंत्री जी ऐसी कोई बात नहीं थी आपको ऐसा क्यों लगता है कि मेरा बेटा उस औरत के चक्कर में पड़ गया था |
मंत्री - जहाँ तकरार वही प्यार |
विलास - मुझे नहीं लगता रीमा कोई ऐसी औरत थी, लेकिन अगर आपका अंदेशा सच है तो उस औरत की जिंदगी इतनी नरक कर दूंगा अपनी मौत मांगेगी लेकिन उसे मौत नहीं मिलेगी |
मंत्री जी - अपने आप को कंट्रोल में रखो ठीक है हम तुम्हारे बेटे का बदला लेंगे और वह दुनिया देखेगी |
मंत्री जी ने फोन काट दिया उसके बाद फिर से उन्होंने सूर्य देव को फोन मिलाया - सूर्य देव कान खोल कर सुन लो मुझे वह औरत चाहिए हर हाल में चाहिए |
मंत्री जी अभी तक चीजों को समझने की कोशिश कर रहे थे और इतना तो पता चल गया था कि रीमा जग्गू और सूर्यदेव के बीच का सच कुछ न कुछ तो है | असल में हुआ क्या है ये रीमा के मिलने के बाद ही पता चलेगा |
इधर रात के घनघोर अँधेरे में एक गन्दी सी अवैध बस्ती के एक अँधेरे कमरे में अपने ऊपर मंडराते खतरे से पूरी तरह बेखबर रीमा अपनी वासना में गहरे तक डूबी थी | अपनी चूत और जिस्म जितेश को सौपने से पहले अपने मन की असुरक्षा दूर कर रही थी |
दोनों के गिले शिकवे में सारा मूड ही बदल गया था लेकिन जितेश का लंड अभी तना हुआ था | जितेश ने रीमा के ओंठो पर ओंठ रख दिए | उसको कसकर चुमते हुए बोला - हमारे बात करने की जगह अगर हमारे लंड और तुमारी चूत आपस में बात करे तो बेहतर है |
रीमा हल्का सा मुस्कुरा दी | उसकी बांहों का कसाव जितेश की पीठ पर बढ़ गया | ये ग्रीन सिग्नल था आगे बढ़ने का | रीमा के अन्दर घुसने का | रीमा अब तन और मन दोनों से चुदने को तैयार थी | उसके धड़कते दिल की हर धड़कन के साथ उसे पता था जितेश का मोटा मुसल लंड उसके गुलाबी मखमली अंतर को चीरने वाला है | उसके पत्थर जैसे मोटे मुसल लंड की धधकती आग की गर्मी उसको अपने निचले गुलाबी ओंठो पर महसूस हो रही थी | रीमा अपने मन को मजबूत करने लगी, उसे रोहित की चुदाई का अहसास था उसे पता था जितेश के तपते गरम मुसल की भीषण ठोकरे उसकी चीखे निकाल देगी |
जितेश ने एक लम्बी साँस ली | उसने अपने तने हुए लंड के फूले हुए सुपाडे को फिर से रीमा की चूत के छेद पर सटा दिया था | रीमा ने एक लम्बी साँस ली और जितेश की आँखों में आंखे टिका दी | उसने अपने बदन को कड़ा किया, उसे पता था उसकी चूत की फैलती दीवारे उसे सुरुआती तीखा मदहोश करने वाला दर्द देकर जाएगी | जितेश ने रीमा की आँखों में गहराई तक झाँका और उसके बाद में उसने धीरे से एक बार में हल्का सा झटका मारा उसका सुपारा रीमा की कसी हुई गुलाबी चूत को चीरता हुआ अंदर फंस गया |
रीमा के मुहँ से सिसकारी भरी कराह निकल गयी - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह|
रीमा की चूत की गर्मी भी कम हो गयी थी और गीलापन भी | रीमा को लगा किसी ने नस्तर घुसेड दिया है और उसकी चूत को चीर दिया है | रीमा के चेहरे पर दरद की लकीरे उभर आई | जितेश का लंड औसत से ज्यादा लम्बा मोटा और तगड़ा था | रीमा की चूत का गीलापन कब का सुख चूका था इसलिए जितेश के लंड ने रीमा की चूत की दीवारों को अपने अन्दर आने का तीखा अहसास बखूबी करा दिया था | वो तीखा अहसास रीमा के जिस्म में तरंगे बनकर बहता हुआ उसके दिलो दिमाग तक जा रहा था | ऐसा लगा जैसे आग सी धधकती मुसल मांसल मीनार नुमा लंड उसके गुलाबी रसीले अंतर को चीर कर अन्दर तक घुस गया हो |
उसके बाद जितेश ने दो बार फिर से आगे पीछे कमर हिलाई | रीमा सिसक कर रह गई उसने अपनी बाहों का कसाव जितेश की पीठ पर और बढ़ा दिया | रीमा के मुंह से हल्की सी चीख निकल गई - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ माम्मामामामामाम्म आआआआआआअ | ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई माम्मामामामामाम्मईईईईईईई रेरेरेरेरेरेरेरेरेरेरेरे ममममममममररररररररररररररर गईईईईईईईईईईईईईईईई|
जितेश का हर झटका एक नया अहसास रीमा के रोम रोम में भर रहा था | भले ही उसकी चूत जितेश के लंड के लिए अभी जगह न बना पाई हो लेकिन ये तीखा दर्द भरा अहसास भी कम जादुई नहीं था | अगर औरत ये दर्द महसूस नहीं करेगी तो बाद में हर धक्के पर मिलने वाले उस मादक मीठे अहसास को कैसे महसूस करेगी | रीमा की चूत के ओंठ अपने किनारों तक पूरी तरह फ़ैल गए थे | रीमा की चूत घाटी की गुलाबी दरार में जितेश का लंड पूरी तरह धंस चूका था | अब तो बस आगे का सफ़र करने की देर थी | रीमा के बदन की गरमी और वासना में उसका पूरा बदन नहाया हुआ था | उसके तने हुए सुडौल उरोज और कठोर निप्पल इस बात की निशानी थे की रीमा चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है | उसकी उभरी कठोर छातियाँ, चिकनी कसी हुई गुलाबी चूत, जितेश के लिए रीमा का ये पहला स्पर्श, जितेश के होश उड़ चुके थे | रीमा की चूत की गुलाबी गर्माहट के अहसास और उसके जवान मांसल बदन की कसावट देखकर जितेश से रहा न गया उसने एक जोरदार ठोकर रीमा को मारी और रीमा मुसल लंड की ठोकर से मिले दर्द से नहा गयी |
जितेश ने कसकर रीमा को चूम लिया, लेकिन उसके दर्द भरे चेहरे को देखकर अहसास हुआ कुछ तो गड़बड़ है | तब उसे याद आया रीमा की चूत को गरम करना तो वो बातो ही बातो में भूल ही गया | उसका हाथ तेजी से रीमा के चूत दाने पर गया और वो चूत दाने को तेजी से रगड़ने लगा | काफी देर तक उसके चूत दाने को रगड़ता रहा | आखिर रीमा के जिस्म में वासना की गर्मी फिर लौट आई | उसकी दर्द भरी कराहे बंद हो गयी और उनकी जगह मादक सिसकारियो ने ले ली | उसके बाद में उसने फिर से कमर पर जोर लगाया और अपना थोड़ा सा लंड और रीमा की चूत में घुसा दिया था |
रीमा के मुहँ से हल्की सी जादू भरी सिसकारी मुंह से निकल गई - आआआआआआईईईईईईईईई मामाआआआअ |
इसके बाद में जितेश ने अपने लंड को बाहर खींचा और फिर से रीमा की चूत में पेल दिया था | रीमा के मुंह से फिर से एक कराह निकल गई थी - ऊऊऊऊऊईईईईईईईईईई माम्मामामामामाम्मईईईईईईई |
उसके बाद कुछ देर तक जितेश धीरे-धीरे अपनी कमर को हिलाता रहा और रीमा की चूत को चौड़ा और नरम करने की कोशिश करता रहा था, हर झटके के साथ रीमा की सिसकारी किसी लयदार रायेम की तरह निकलती रही | वह पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में अंदर तक घुसेड सके, इसलिए वो चाहता था रीमा की चूत पूरी तरह से गरम हो जाये ताकि उसकी चूत की दीवारे पूरी तरह से फ़ैल जाये और उसके मुसल लंड को अपने आगोश में ले ले | वो रीमा को बुरी तरह से चूम रहा था | रीमा का एक हाथ जितेश के नीचे उसके चूत दाने को कस के रगड़ रहा था ताकि उसकी चूत गरम बनी रहे और जितेश का पूरा का पूरा लंड निगल ले |
इधर जितेश इंतजार कर रहा था कि रीमा पूरी तरह से फिर से तैयार हो जाए ताकि वह पूरा का पूरा लंड रीमां की चूत में पेल सके | कुछ देर बाद उसे लगा रीमा नॉर्मल हो गई है तो उसने फिर से कमर का एक जोरदार झटका लगाया और आधे से ज्यादा लंड की रीमा की मखमली गुलाबी चूत दीवारों की चीरता हुआ अन्दर तक धंस गया | उसका लंड चूत की गहराइयों में घुस गया |
रीमा के मुंह से एक लंबी चीख निकल गई - आआआआआआआआ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्हीईईईईईईईईईइ मामामामामामामा मामामामामाआआआअ ईईईईईईईईईईई मरररर रर रररर गाअयीईईईईईई | आआआआआआआआ ईईईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |
रीमा ने कराहते हुए एक लम्बी साँस ली और जितेश को कस के भींच लिया और बोला- रुकना मत |
रीमा के मुहँ से निकले इन शब्दों ने जितेश का जोश बढ़ा दिया जितेश ने फिर से पीछे लंड को खींचा और फिर से रीमा की चूत में गहराई तक पेल दिया था |
इसके बाद रीमा के मुहँ से तेज कराह निकली - आआआआआआआआ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्हीईईईईईईईईईइ मामामामामामामा मामामामामाआआआअ ईईईईईईईईईईई मरररर रर रररर गाअयीईईईईईई |
अब समय था रीमा के उन अरमानो के पूरा होने का जिनके बस वो ख्वाब ही देखती रहती थी | उसकी हसरते, उसकी लालसाए, उसकी कामनाये, आज वो एक हट्टे कट्टे मर्द के नीचे है और उसका मोटा मुसल लंड उसकी जांघो के बीच की दरार को चीर कर अन्दर तक धंसा हुआ है | यही तो उसकी स्वनिल ख्वाइशे थी, हाथो से खिलौनों से खेलने का मजा कुछ अलग है लेकिन असली हरम फूले हुए कठोर मुसल लंड का स्पर्श ही कुछ और है | उसकी चूत दीवारों की चाहरदीवारी में सिमटा हो अपनी ही धडकनों से कांपता हुआ लंड रीमा रीमा के अरमानो का हकीकत था | वो हकीकत जो उसके जीवन के ज्यादातर हिस्से में बस सपना बनकर आती थी | जितेश रीमा की कराह सुनकर रुक गया था लेकिन जब रीमा ने उसे थामे हुए देखा तो खुद ही अपने भींचे हुए ओठ खोल दिए | अब इस पल रुकने का थमने का कोई मतलब नहीं था | इंच डर इंच अन्दर घुसते हुए, उसकी गीली गुलाबी सुरंग को चीरते हुए जब लंड उसकी गहरी अँधेरी मखमली गुफा की चढ़ाई कर रहा था तो उसी के साथ रीमा की लालसाए भी अपने परवान चढ़ रही थी | भावुक रीमा पूरी तरह से जितेश की बाहों में समां गयी | उसने खुद को पूरी तरह से जितेश के हवाले कर दिया था | उसे पता था जो उसे चाहिए जितेश वो सब उसे देगा |
रीमा हांफते हुए - डोंट स्टॉप, यस बेबी डोंट स्टॉप, ऐसे ही चोदो मुझे |
जितेश भी हांफते हुए - तुम्हे मजा आ रहा है मैडम |
रीमा - हाँ बहुत मजा आ रहा है |
जितेश - कितना मजा आ रहा है |
रीमा - बहुत बहुत मजा आ रहा है | ऐसे ही करते रहो |
जितेश - क्या करता रहू, खुलकर बोलो न मैडम |
रीमा - बस करते रहो बोलो मत |
जितेश - अब तो जिस्म की गहराई तक का सफ़र तय कर लिया है | अब क्या बचा, अब कौन सा पर्दा है हमारे बीच | हमारे तो लंड और चूत मिल गए है अब तो खुलकर बोलो न मैडम | क्या करता रहू साफ़ साफ़ बोलो |
रीमा समझ गयी थी उसके मुहँ से चूत चुदाई की बकचोदी सुनना चाहता है |
रीमा - मुझे चोदते रहो |
जितेश - बस सिर्फ चोदता रहू |
रीमा - नहीं दिलो जान से चोदो , ढेर सारा प्यार करके चोदो | लम्बे लम्बे धक्के लगाकर चोदो | मेरी चूत की गहराइयो तक लंड पेलकर चोदो |
जितेश के कानो में पड़े ये शब्द उसकी वासना में उत्प्रेरक की तरह थे | उसकी कमर तेजी से हिलने लगी |
जितेश - और ?
रीमा - ओफो बाबा तुम सब मर्द एक जैसे होते हो |
जितेश - बोलो न अच्छा लग रहा है |
रीमा - तुमको अच्छा नहीं लग रहा |
जितेश ने अन्दर लंड ठेलते हुए - अच्छा लग रहा है मैडम, क्या गरम गुलाबी कसी हुई चूत है आपकी | कितना मजा आ रहा है क्या बताऊ आपको |
रीमा - ये मैडम सैदम कहना बंद करो |
जितेश - क्या कंहूँ फिर|
रीमा - जो मै तुमको बुला रही हूँ बेबी |
जितेश - मैडम बेबी जैसी फील नहीं आ रही है, बेबी जैसा फील करावो न मुझे |
रीमा - चल हट शैतान . . . . . . |
जितेश की कमर तेजी से हिलाने लगी और उसका लंड सरपट रीमा की गुलाबी गीली गरम चूत को चीर कर अन्दर बाहर होने लगा |
रीमा - यस यस यस बेबी ऐसे ही चोदो मुझे . . . . . . . हचक हचक के मुसल लंड से मेरी गुलाबी मखमली चूत चीरकर पेलकर मुझे चोदो, बस चोदते रहो | यस बेबी जस्ट लाइक थेट | आआआह्ह्ह बस ऐसे ही मेरी चूत को अपने मुसल लंड से कुचलते रहो | मुझे बहुत अच्छा लग रहा है | बस मुझे चोद चोद कर स्वर्ग की सैर करा दो मेरे लंड राजा | मोरे राजा चोदो मुझे, बेबी चोदो न अपनी डार्लिंग को, उसकी मखमली चूत को, मिटा दो इसकी सारी खुजली आज |
जितेश जैसे बस इन्ही शब्दों की ही राह देख रहा हो | ये सुनते ही जोश से भरे जितेश ने फिर से लंड को बाहर खींचा और रीमा की चूत में पेल दिया | रीमा के अरमानो की एक मंजिल और तय हो गयी | उसके मुहँ से एक लम्बी सिसकारी निकली - आआआआआआईईईईईईईईई मामाआआआअ आआआआआआआआअऊऊऊऊऊऊऊह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह |
उसकी चूत में लगता हर धक्का उसकी ख्वाइशो की मंजिल का एक कदम और तय कर रहा था | रीमा कराहती रही लेकिन जितेश ने धक्के लगाने जारी रखे | वो रीमा को कमर हिला हिलाकर चोदने लगा | रीमा के मुहँ से आआआह्ह्ह्ह ऊऊऊओह्ह्ह्ह आआआआआह्हह्हह्हह्ह निकलता रहा | धीरे-धीरे हलके हलके लम्बे -लंबे धक्के जितेश की रीमा की चूत मारने लगा था | रीमा जितेश से बहुत बुरी तरह से चिपकी हुई थी और कराह रही थी | धीरे धीरे उसकी कराहे मादक होने लगी |
रीमा - यस यस यस यस यस बेबी बस ऐसे ही चोदो मुझे, अन्दर तक चोदो बेबी, बस ऐसे ही चोदो जितेश मोरे राजा, चोद दो अपनी बेबी को |
जितेश भी जोश में था - हाँ रीमा बेबी, क्या नरम मखमली गीली कसी हुई चूत है आपकी | आआआआआअह्मेहह्रेहह्हह्हह्हह मैमैमैमैडम सो ओसो सॉरी बेबी, आपकी कमसिन चूत ने मेरे मुसल लंड को आधे में फंसा रखा है | इस उम्र में भी इतनी कसी चूत है | ऐसा लग रहा है जैसे कुंवारी चूत चोद रहा हूँ |
रीमा भी वासना में बदबदती हुई - हाँ बेबी अपनी बेबी की कसी हुई चूत को ढंग से चोद दो , चीर कर फैला दो, दूर कर दो न इसका कुंवारापन | इसको पूरी तरह से चोद दो और अपने मुसल लंड से चीर कर रख दो |
जितेश हांफता हुआ - अब जगह कहाँ है आपकी गुलाबी मखमली सुरंग में, पूरी तो भर गयी है मेरे मुसल लंड से |
रीमा - तो जगह बनावो न मेरे लंड राजा | ये मुसल सा लंड किस दिन काम आवेगा | अगर चूत चीर कर फाड़ कर अपने लिए जगह नहीं बना सकता, तो पत्थर जैसे सख्त लंड का फायदा क्या |
जितेश - बेबी तुमको तकलीफ होगी आपको |
रीमा - औरत तो तकलीफ बर्दास्त करने के लिए ही बनी है, जब तक चूत चीरेगी नहीं, तब तक चुदाई का मजा अधूरा है | चोद दो अपनी रीमा मैडम को जैसा जी करे चोदने का, मेरी तकलीफ की चिंता न करो | चार धक्को बाद सब ठीक हो जाता है |
रीमा की बाते सुनकर जितेश में एक नया जोश भर गया | जितेश की हिलती कमर से उसका तना हुआ लंड रीमा की कसी चूत में बुरी तरह घिसकर अन्दर बाहर हो रहा था | दोनों वासना में नहाये हुए अपने कामुक शब्में से वासना की आग को भड़का रहे थे | दोनों के बदन वासना की आग में बुरी तरह से तप रहे थे | दोनों की सांसे अपनी उफान पर थी | जितेश का पसीना उसके बदन से फिसलकर अब रीमा के पहले से पसीने से लथपथ जिस्म को भिगोने लगा था | रीमा और जितेश दोनों अब वासना के भंवर के बीचो बीच पहुँच चुके थे | अब वापस आने का कोई रास्ता नहीं बचा था | बस एक ही रास्ता बचा था अपने जिस्मो में लगी आग बुझा ले | और वो आग सिर्फ जोरदार चुदाई से बुझनी थी | जितेश का लंड अभी भी एक तिहाई बाहर था जबकि उसकी चूत पूरी तरह से उसके लंड से भर गयी थी | रीमा की चूत में जितेश का लंड सटासट जा रहा था अब रीमा की भूख और बढ़ गयी थी | रीमा को जितेश का पूरा लंड घोंटे बिना चैन कहाँ था भले ही उसकी चूत फट के फट के चिथड़े हो जाये | जितेश के झटको के साथ आआआआ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ आआआआआअह्आहह्याहह्हह्हह्हह की सिसकारियो की राइम निकलती रीमा अब पुरे लंड की भूखी थी | उसने जितेश के चुताड़ो पर अपनी जांघो की कसावट बढ़ा दी और नीचे से अपनी कमर उचका दी |
सटासट अपनी चूत में जा रहे लंड की ठोकरे से हिलती और हांफती रीमा बोली - अपना पूरा मुसल लंड पेलो न मेरी चूत में |
अब तक जितेश समझ गया था रीमा को चोदना बच्चो का खेल नहीं है | जब वो चुदाई की आग में ताप रही होती है तो पूरी तरह से जंगली हो जाती है | उसकी असीमित ख्वाइशे अपने पंख निकाल उड़ने लगाती है | रीमा को चोदना बच्चो जैसे लंड के बस का नहीं था | उसे एक मर्द चाहिए था मोटे तगड़े लंड वाला और जमकर दमदार चुदाई करने वाला और देर तक न झड़ने वाला | वही रीमा की प्सेयास बुझा सकता था | रीमा को जितेश का पूरा लंड चाहिए और इसलिए उसने उसके नीचे अपनी जांघे खोली है | असल में उसे उसके मुसल लंड से अपनी पूरी की पूरी चूत फड़वानी है | जितेश भी वासना के यौवन पर था उसे भी अब रीमा के दर्द की परवाह नहीं थी | उसने पीछे आखिरी तक लंड को खींचा और एक जोरदार झटका लगाते हुए अपनी कमर पर पूरा जोर डाल दिया | उसका तना हुआ लंड रीमा की चूत की दीवारों को चीरता हुआ उसकी की बच्चेदानी से जाकर टकराया रीमा के मुंह से एक तीखी चीख निकल गई - आआआआआआआआ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी फ़ाआआआआआआआआआ डडडडडडडडडडडडडडडड आआआआआआअ ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ दिदिदिदिद मेंमेंमेंमेंमेंमेंरीरीरीरीरीरी रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी आआआआ आआआआह्हीईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआ आआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |
जितेश समझ गया था, वो सुरंग के आखिरी छोर तक पंहुच गया है | रीमा की चूत अब उसके लंड से पूरी तरह से भर गई है इसके आगे अब लंड के लिए कोई जगह नहीं है लेकिन रीमा भी तो अपनी वासना में पूरी तरह से अंधी हो चुकी थी |
रीमा कामुकता और दर्द से कराहती हुई - क्या बच्चो की तरह मेरी चूत में फुदक रहे हो मर्दों वाला लंड पेलो, पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में पेलो भले ही मेरी जान निकल जाये सांसे अटक जाये चूत फट जाये |
रीमा का ये कहना था कि जितेश जोश में आ गया |
उसने अगली बार फिर से एक जोरदार झटका लगाया और पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में घुसा दिया और इस बार उसका लंड उसकी चूत के आखिरी छोर पर बच्चे दानी से टकराता हुआ उसे पीछे की तरफ ठेलता चला गया | उसकी चूत बछेदानी सहित पीछे की तरफ ठेलती चली गयी | रीमा को लगा जैसे गले तक किसी ने मुसल ठूस दिया हो | वह दर्द और वासना में डूबकर कराह पड़ी वो - मममममममममममममममरररररररररररररररररररररररर गगगगगगगगगगगगगगगगगयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयीयी आआआआह्हीईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआ आआह्हीईईईईईईईईईइह्ही|
जितेश ने रीमा की चूत में पूरा का पूरा लंड घुसा दिया था उसके बाद उसने दो और करारे झटके मारे | उसका मुसल लंड पूरा का पूरा रीमा की गरम गुलाबी चूत में, उसे खुद पर गर्व महसूस हुआ |
वो रीमा को चूमने लगा - रीमा तुम ग्रेट हो तुम बहुत ही ग्रेट हो तुम बाकि औरतों से बिल्कुल अलग हो | ऐसा कभी नहीं हुआ . . . . . . . मेरे साथ तो कभी नहीं हुआ | तुम पूरा का पूरा मुसल लंड घोंट गयी | तुमारी कसी हुई गुलाबी मखमली चूत मेरी पूरा लंड घोंट गयी | आज मैं धन्य हो गया तुम्हारी चूत को चोद कर इस चूत में मेरा पूरा लंड निगल लिया |
रीमा भी हैरान थी उसने नीचे उंगली लगा कर देखा तो देखा कि जितेश का पूरा लंड तक उसकी चूत में फंसा हुआ है | रीमा के लिए एक गर्व का क्षण था वह जितेश का लंड उसकी चूत पूरा का पूरा निगल गई थी अब रीमा की जोश और उत्तेजना की कोई सीमा नहीं थी |
वह जोश में जितेश से बोली - अब बस कसके चोदो मुझे जितेश, जीतनी तेज चोदना चाहते हो. . . . जैसे चोदना चाहते हो , उठा के बिठा के, लिटा के, बस चोद दो मुझे | अब मुझे कुछ नहीं चाहिए | अब बस चुदना है मुझे | जमकर चोदो मुझे जैसे चोद सकते हो | मेरी चूत की सारी अकड़ निकाल दो अपने मुसल लंड से, मेरी चूत की सारी खुजली मिटा दो, मेरे जिस्म में लगी हवस की सारी आग बुझा दो |
रीमा - यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी यस बेबी मुआआआअह्न माआआआअ आआआ यस बस ऐसे ही
ऐसे ही आआह्ह ऐसे ही आआह्ह आआह्ह आआह्ह आआह्ह |
जितेश - ये लो , ये लो ये लो और लो पूरा लंड लो, सारा का सारा लो अपनी चूत में बेबी | आह क्या मखमली नरम कसी हुई चूत है बेबी मेरी जान मेरी चूत, मेरी डार्लिंग | आह्ह्हह्ह बहुत मजा आ रहा है तुमको चोदने में | आआआह्ह्ह बेबी |
जितेश भी रीमा के शब्दों को सुनकर जोश में आ गया - उसकी कमर जोर जोर से हिलने लगी वह तेजी से धक्के लगाने लगा और रीमा भी नीचे से कमर को उठाकर करके उसके लंड को अपनी गुलाबी चूत गहराइयों की अंतिम सीमा तक लेने लगी | अब बस कमरे में थप थप की आवाजे और रीमा की कराहे और जितेश की हांफती सांसे ही गूँज रही थी | जितेश को जोरो से कमर हिलती रही उसका मुसल लंड रीमा की गीली गरम गुलाबी चूत में सरपट अपनी रेस लगाता रहा |
काफी देर तक जितेश उसे चोदता रहा,उसके गुलाबी चूत सुरंग की रेस में आगे पीछे दौड़ता रहा और वह नीचे लेटी खुद को चुदवाती रही थी, उसका लंड अपनी गुलाबी सुरंग में लेती रही | बेतहाशा पेलम पेल ठुकाई चुदाई का ये सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक दोनों की सांसे नहीं उखड़ने लगी | रीमा को बेतहाशा चोदने से जितेश बुरी तरह से हांफने लगा था जितेश अभी-अभी झड़ा था इसलिए इस बार उसे झड़ने में टाइम ज्यादा लग रहा था | रीमा भी ये बात जानती थी कि जितेश बिलकुल घोड़े की तरह उसे चोदेगा इस बार और वो भी ठीक उसी तरह से चुद रही थी | उसकी सांसे भी उखड़ी हुई थी फिर भी जितेश को सुस्ताने का मौका देने के लिए उसने तेजी से खुद को उठा करके जितेश के ऊपर कर लिया था जितेश भी कुछ आराम करना चाहता था |
रीमा - बेबी अब तुम आराम करो, मै तुमारे लंड को जन्नत की सैर कराती हूँ |
जितेश - आह्ह्हह्ह्ह्ह तुम कमाल की रीमा बेबी, ऐसी औरत तो बड़े नसीबो से मिलाती है | तुम क्या चीज हो, मै पागल हो जाऊंगा |
रीमा - अभी कुछ मत बोलो |
अब रीमा रितेश के ऊपर थी और जितेश रीमा के नीचे था | रीमा ने जितेश का लंड अपनी चूत पर सटआया और कमर का जोर डाल कर के उसे पूरा का पूरा अपनी चूत में घुसा दिया और उसके बाद में अपने चूतड़ हिलाने लगी | रीमा जितेश के ऊपर बैठकर घुड़सवारी करने लगी और जितेश का लंड रीमा की चूत में जा रहा था रीमा अपनी कमर को आगे पीछे करके जितेश के लंड को अपनी चूत में ले रही थी जितेश के हाथ रीमा की उठी हुई छातियों पर थे और कस के उसको उछल रहे थे |
रीमा - कैसा लग रहा है बेबी |
जितेश - जैसे कोई खुद ही लंड पकड़कर स्वर्ग की मखमली सुरंग की सैर करा रहा हो | कितनी कसी चूत है रीमा मेरी जान, आआआआह्आह्जह्ह तो तुम मुझे पागल ही कर दोगी |
रीमा - बेबी मै तुमारे मुसल को निचोड़ रही हूँ तुम भी इनका रस (अपने ओरोजो की तरफ इशारा करते हुए ) निचोड़ो न |
जितेश उसके उठे हुए उन्नत सुडौल वक्ष स्थल का रसपान करने लगता | है उसके आगे खरबूजे जैसे झूल रहे रीमा के उरोंजो को जितेश ने कस कर चूमा | इधर काफी देर तक रीमा जितेश के लंड पर बैठकर घुड़सवारी करती रही उसके बाद में रीमा भी बुरी तरह हांफने लगी थी |
अब बारी जितेश की थी तो रीमा जितेश के ऊपर से हटते ही घोड़ी बन गयी | अब जितेश घुटनों के बल पर बैठकर बीमा के पीछे आ गया था और पीछे आते ही उसने जोश में पूरा का पूरा लंड रीमा की चूत में घुसा दिया रीमा ने कराह की लंबी सिसकारी के साथ में उसका पूरा लंड अपनी चूत में निगल लिटा | जितेश ने रीमा के चूतड़ों पर हाथ जमा दिए और उन्हें कस के पकड़ लिया और पीछे से रीमा की चूत को चोदने लगा | रीमा पूरी तरह से घोड़ी बनी हुई थी और जितेश पीछे से रीमा की चूत को चोद रहा था | उसके दोनों बड़े बड़े उरोज झूले की तरह झूला झूल रहे थे उसका पूरा बदन हिल रहा था और जितेश रीमा के चूतड़ों पर कस के ठोक रे मार रहा था पूरे कमरे में थप थप की आवाज आ रही थी | रीमा की चूत पूरी तरह से फ़ैल चुकी थी उसकी खुली गुलाबी चूत में जितेश का लंड अब सटा सट जा रहा था रीमा को जितेश बहुत तेज चोद रहा था जीतनी तेज कमर हिला सकता था उतनी तेज चोद रहा था |
रीमा की चूत में जा रहा सटासट लंड उसके बच्चेदानी पर बार बार ठोकर मार रहा था | इससे रीमा को दर्द हो रहा था | लेकिन रीमा तो इसी हद तक चुदना चाहती थी ऐसे ही गहराई तक बेतहाशा चुदना चाहती थी जब उसकी चूत में कोई लंड पिस्टन की तरह अन्दर बाहर होता रहे | उसे अंदर चूत की गहराइयों तक उसे चोद करके उसकी प्यास मिटा दे | उसके चूत के कोने कोने तक अपने लंड होने का अहसास करा दे | रीमा की सांसें बहुत तेज चल रही थी वह बहुत बुरी तरह हांफ रही थी और जितेश भी बुरी तरह हांफ रहा था लेकिन दोनों की उत्तेजना उनकी सांसों पर भारी थी और वह दोनों एक दूसरे में रमे हुए थे | जल्दी ही जितेश की सांसें उखड़ने लगी और इतनी तेज चुदाई के बाद में वह पस्त होने लगा था और रीमा का भी बुरा हाल था |
दोनों अपनी बेकाबू सांसो को काबू करने के लिए अलग हो गया और दोनों आकर के बिस्तर पर लेट गए थे उसका लंड बहुत तेजी से कांप रहा था | रीमा और रितेश दोनों अपनी सांसे काबू करने लगे तभी रीमा ने जितेश के लंड को अपने मुंह में ले लिया था और उसके जलते हुए लंड को अपने मुंह की चासनी से भिगो भिगो करके थोड़ा सा ठंडा करने लगी | रीमा ने कुछ देर तक हांफते हांफते उसके लंड को सहलाया चूमा और चूसा |
उसके बाद में जितेश ने रीमा को फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी जांघों को ऊपर करके उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया और उसे कसके चोदने लगा था | अब रीमा एक करवट करके लेटी थी और जितेश उसे पीछे से चोद रहा था और उसकी कमर बहुत तेजी से हिल रही थी उसका पूरा लंड रीमा की चूत में सटासट जा रहा था लेकिन जल्दी ही उन दोनों ने पोजीशन बदल दी और रीमा जितेश के नीचे आ गई और फिर से पहले जैसी चुदाई उन्होंने शुरू की थी | इस बार रीमा की टांगे पूरी तरह से हवा में सीधे उठा दी थी और जितेश बहुत तेजी से कमर उठा उठा कर उसकी चूत में धक्के मार रहा था | हर बार जब भी वह धक्का मारता तो उसके पूरे शरीर का भार रीमा के ऊपर आकर गिरता और उसके इतनी भीषण ठोकर से उसका लंड पूरी तरह से रीमा की चूत को कुचलता हुआ उसमे समा जाता था | रीमा को लगातार अपनी चूत में उस मोटे तपते मुसल मीनार का अनुभव हो रहा था , जो उसके अंतर की गहराइयों को चीर रहा था |
उसकी चूत में लग रहा हर झटका उसकी ख्वाइशो की हकीकत की इबारत कह रहा था | हर भीषण ठोकर जो उसकी चूत को चीरते हुए उसकी बच्चेदानी को चोट मार रही थी वो उसे उसकी वासना की मानसिक तृप्ति पहुंचा रहा था | हर ठोकर से उसके शरीर में उठ रही वासना की तरंगे में वह गोते लगाते हुए बार-बार नहा रही थी | उसकी चूत को चीरता लंड उसकी वासना की आग को बुझाने में पूरी ताकत से लगा था | यही तो उसका सपना था आखिरकार उसे उसकी मनपसंद का लंड मिल गया | जो उसे ऐसे चोदे जैसे वह चाहती थी और अब रीमा को सिर्फ यही चाहिए था वह जितेश के नीचे लेटी हुई जितेश के लंड को पूरी गहराई तक अपनी चूत में लेटी रही और जितेश भी उसे बेतहाशा चोदता रहा |
रीमा - चोदो न और कसकर चोद अपनी बेबी को |
जितेश अब अपनी वासना के चरम पर था | इस समय उसके दिमाग में सिर्फ रीमा की चूत और चुदाई ही भरी थी |
जितेश - चोद तो रहा हूँ बहन की लौड़ी |
रीमा ने जो सुना वो उसके लिए हैरान करने वाला था लेकिन उसे हैरानी इस बात की ज्यादा थी की उसे बिलकुल भी बुला नहीं लगा | वो भी तो चुदाई की उसी रौ में थी | उसके मुहँ से भी गालियां निकलने लगी |
रीमा - क्या चोद रहा, कूट न मेरी इस मुई गुलाबी चूत को अपने मुसल लंड से बहन के लौड़े |
जितेश - साली छिनार, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर | ये ले | इतना कहकर उसने पूरा लंड रीमा की चूत पर दे मारा | रीमा सिसक कर रह गयी |
रीमा - आआआआआआआआह्हाँहीईईईईईईईईईइ माआआआ हाँ हाँ मादरचोद ऐसे चोद न, चूत खोर साले, चुदाई से जब तक बच्चेदानी न दुखने लगे, चुदाई कैसी भोसड़ी के |
जितेश - ये ले साली छिनार लंड खोर कुतिया, आज तेरी चूत फाड़ कर ही दम लूँगा |
जितेश भी पुरे जोश में था और रीमा भी | दोनों ही अपने अन्दर जल रही आग का लावा बाहर निकालने में रमे हुए थे | रीमा की चूत लगातार झर रही थी वो इतनी भीषण ठोकरों के बीच कितनी बार कांपी अब तो उसे याद भी नहीं |
रीमा - तो फाड़ न मेरी चूत रंडीबाज, बुरचोद, चीर दे फाड़ दे और अपनी मलाई से भर दे मेरी चूत को |
जितेश - ये ले तू भी क्या या रखेगी बुरचोदी किस लंड से पाला पड़ा था |
रीमा - मुहँ से ही सारी मर्दानगी दिखायेगा या कुछ लंड से भी करेगा |
जितेश - तू सच में एक नंबर की लंड खोर चूत है ऐसे नहीं मानेगी |
जितेश के बेतहाशा ठोकरों से रीमा का जिस्म थरथराने लगा | रीमा जितेश के बाहों में बस हिलती मांस के जिस्म की तरह रह गयी | जितेश के चरम की ठोकरे न केवल भीषण थी बल्कि दर्दनाक भी |
रीमा - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ मामममाआआआआअ रीईईईईई चोचोचोचोचोचोचोदददददददददददददददद रंडी की औलाद और जोर से चोद चीचीचीचीचीरररर डाल फाड़ डाल मेरी चूत |
जितेश - हूऊह्ह्हहं ये ले घोट मेरा लंड, तेरी चूत फाड़ दूंगा साली चुद्दकड़ लंड खोर कुतिया |
जितेश की दनादन ठोकरों ने रीमा की तो जैसे जान निकाल दी | रीमा को हर ठोकर के साथ जितेश की अथाह ताकत का अहसास हो रहा था | अब ये सोचने का वक्त नहीं था | बस अपने चरम पर पहुचने का पागलपन था, हवस की जलती आग को मिटाने की सनक थी |
रीमा - हाँ मोरे राजा हाँ मोरे राजा और जोर से और जोर से आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ रेरेरेरेर्रे हाँ हाँ हाँ और आआअह्ह ऊऊऊह्ह्ह यस यस यस यस बेबी यस बेबी हाँ हाँ यस बेबी हाँ हाँ आआअह्ह यस बेबी हाँ हाँ आआअह्ह आआअह्ह आआअह्ह यस बेबी हाँ हाँ |
आखिर हर चीज का अंत होता है इस चुदाई का भी होना था | जितेश अब काफी देर तक रीमा को चोदते चोदते अपने चरम पर पहुंचने वाला था | इसी बीच में रीमा तीन चार बार अपना पानी बहा चुकी थी | आखिरकार वो घड़ी आ गई जब जितेश की वासना का बांध भी टूट गया और जितेश ने अपने लंड से पिचकारी छोड़ने शुरू कर दी | रीमा ने उसे कस कर जकड़ लिया और उसकी चूतड़ों के ऊपर अपनी जांघो का कसा घेरा बना दिया था | रीमा की चूत की गहराइयों में जितेश की पिचकारिया छूटने लगी थी | जितेश के जिस्म से निकला सफ़ेद लावे का लंड रस फुहारे बनकर हवस की आग में जलती रीमा की गुलाबी चूत में बरसने लगा | रीमाँ को ऐसा लगा जैसे प्यासी धरती को पानी पिलाने खुद मेघ आ गए हो | वो जितेश के लंड से अपनी चूत की गहराई में निकल रही सफ़ेद फुहारे से अपने अंतर्मन को भिगोकर उसकी प्यास मिटाती रही | आखिर उसकी लालसाओ की ये परिणिति होगी उसने कभी नहीं सोचा था | बस कुछ दिनों में ही जितेश एक अजनबी से उसके जीवन का सबसे खास मर्द बन गया था | जिसके साथ उसने अपने जीवन का सबसे अन्तरंग पल जी लिया | एक मर्द और औरत के रिश्ते का सबसे निजी और अन्तरंग पल | जब मर्द अपने जिस्म में मथ रहे लावे की फुहारे औरत की चूत की गहराइयों में उतारता है तो मर्द और औरत दोनों उस पल एक एकाकी हो जाते है | उसके अस्तित्व का भेद मिट जाता है | ये संसर्ग का वो पल होता है जब सब बडो को मिटाकर मर्द और औरत एक सा अनुभव करते है | रीमा और जितेश भी इस पल से गुजर रहे थे |
जितेश भी चरम सुख के इस स्वर्गीय अनुभव में मादक रूप से कराह रहा था | उसके जिस्म में लगी आग का और उसे बुझाने के लिए किये गए वासना मंथन का रस निचुड़ कर रीमा की चूत में झर रहा था |
जितेश का सफेद रस रीमा की चूत में भरने लगा था | दस ग्यारह पिचकारियो में जितेश रीमा की चूत में पूरी तरह से झड गया | उसके लंड से निचुड़ निचुड़ कर एक एक बूंद रीमा की चूत की गहराई में उतर गयी | जितेश उसी तरह रीमा पर निढाल हो गया | जितेश की जब सांसे काबू आई तो वो रीमा के पीछे आकार लेट गया और उसका बांहों में भर लिया | उसके लंडने अपने आप ही अपनी पनाहगाह दूंढ ली और लंड रस से चिकनी उसकी चूत में बिना किसी प्रतिरोध के घुसता चला गया | जितेश पूरी तरह निचुड़ चूका था लेकिन शायद रीमा को भोगने की लालसा नहीं ख़त्म हुई थी | उसने यही सोचकर की कुछ देर बाद एक राउंड शुरू करेगे | उसने अपने लंड को रीमा की चूत और अन्दर गहराई तक ठेल दिया | अब उसके लंड में नरमी आने लगी थी लेकिन इतना खून उसमे भरा था की रीमा की चूत आसानी से फिसल सके |
रीमा के दबे हुए अरमान ने अपनी मंजिल हासिल कर ली थी रीमा की तृप्ति का एहसास सिर्फ सीमा ही महसूस कर सकती थी हालांकि रीमा के नैतिक मन में एक अपराध बोध तो था लेकिन अपनी वासना की तृप्ति के एहसास के आगे उस अपराध बोध का कोई मोल नहीं था रीमा इस तरह से लंड से चुदना पसंद है रीमा को चुदाई पसंद है रीमा को अच्छे-अच्छे हट्टे कट्टे मर्द पसंद है और सबसे बड़ी बात है रीमा को खुद को चुदवाना पसंद यही बात रीमा के मन में सबसे ज्यादा संतोष भर रही थी आखिर उसने खुद से शर्माना छोड़ दिया उसने खुद से छिपना छोड़ दिया आखिर उसने खुद से झिझकना छोड़ दिया | वो नकली मुखौटा लगाकर नहीं जी रही | वह जैसी अंदर है वैसी ही जीना चाहती है और वह अंदर से बहुत ही वाइल्ड वाइल्ड और खुद की जिंदगी जीना चाहती है अपने जिस्म की जवानी जीना चाहती है अपने जिस्म की जवानी की प्यास बुझाना चाहती है उसे प्चायार चाहिए और चुदाई भी | कुछ दिन पहले तक वो जितेश को जानती तक नहीं थी लेकिन कुछ दिनों में इतना गहरा रिश्ता बन गया उसकी जिस्म की गुलाबी मखमली सुरंगों में उसका मोटा मुसल लेटा हुआ आराम फरमा रहा है | उसे अब संस्कारी सुशील बनने की एक्टिंग नहीं करनी पड़ रही है | यही असली रीमा है बोल्ड एंड वाइल्ड एंड ब्यूटीफुल | उसे अपनी ख्वाइशो के लिए किसी अनजान लंड से चुदने में कोई शर्म नहीं है | कितनी अजीब है जिंदगी, रीमा इसका अहसास कर पा रही थी | जिस लंड को गली-गली कोने-कोने , शहर के हर चौराहे पर ढूढती थी वो इस तरह से एक अवैध बस्ती के एक छोटे से लकड़ी के बने हुए कमरे में मिलेगा उसे तो इसका अंदाजा भी नहीं था |
जिंदगी कितनी अजीब और अनीयोजित है यहां कुछ भी योजना बनाकर नहीं होता बस हो जाता है आज भी यही हुआ अपने पति की मौत के बाद अपने मन के कोने में दबे जिस सपनों के सौदागर को वह इधर से उधर ढूंढ रही थी जिसको हर रोज हो हर गली हर चौराहे पर ढूंढने की कोशिश करती थी वह जितेश था शायद जितेश था पता नहीं जितेश था भी या नहीं या फिर वह बस भावनाओं के सागर में बह रही थी अगर वह जितेश था तो फिर रोहित क्या है नहीं जितेश रोहित नहीं है और रोहित जितेश नहीं है लेकिन जितेश ही उसकी मंजिल है नही नहीं जितेश उसकी मंजिल कैसे हो सकता है वह तो इस कुटिया में बंद है बस यह बस एक भावनाओं का दौर है जो समय के साथ बह जाएगा और फिर से हकीकत में वापस आना ही होगा रोहित ही उसकी हकीकत है जितेश नहीं उसकी हकीकत है लेकिन जितेश भी उसकी हकीकत में ऐसा हो सकता है नहीं ऐसा नहीं हो सकता है पता नहीं क्या होगा क्या नहीं होगा रीमा के मन में बहुत गड़बड़ चल रही थी और यही सब सोचते सोचते हैं वह सोने की कोशिश करने लगी उसे इस बात का अहसास था कि जितेश उसके जिस्म के अंदर आराम फरमा रहा है और इसमें रीमा को कोई आपत्ति नहीं थी आखिर उसने इतनी देर रीमा के जिस्म के अंदर ही तो सफर तय किया है तो अब उसकी थकान मिटाने के लिए अगर वह चीमा के जिस्म के अंदर ही सो रहा है तो इसमें गलत क्या है | रीमा अपने खयालो में खोयी रही और जितेश उसे चूमता रहा सहलातालाता रहा और उसे चिपका रहा उसका लंड रीमा की चूत में घुसा रहा हालांकि उसमें पहले जैसा कड़ापन नहीं था लेकिन वह इतना भी नरम नहीं था कि रीमा की चूत से फिसल के बाहर आ जाए | रीमा थक गयी थी और तृप्त थी | मन में संतोष का अहसास था वो बेचैनी जो उसे हर वक्त जकड़े रखती थी कही गायब सी हो गयी शायद वो रीमा की दबी वासना थी |
दोनों एक दूसरे की बाहों में उसी तरह से लेटे लेटे एक दूसरे से चिपके रहे और कुछ देर तक एक दूसरे को सहलाते चूसते हुए पता नहीं कब थक हार कर सो गए | जितेश का लंड रीमा की चूत में उसके वासना मंथन से निकले लावे और रीमा के चूत रस से सना हुआ उसी की गुलाबी सुरंग में घुसा हुआ ही पड़ा रहा और दोनों गहरी नींद में सो गए |
दोनों थके हारे एक दूसरे की बाहों में लिपटकर सो गए , शरीर के अपने नियम है, झड़ने के बाद लंड को मुरझाना ही है | मुरझाया लंड चूत में कैसे टिक सकता है | उस चूत में तो बिलकुल नहीं जहाँ सारा का सारा लंड रस अपने अन्दर समेटी बैठी हो | इतनी चिकनी चूत में तो खड़ा लंड फिसल कर बाहर आ जायेगा | कुछ देर बाद जितेश का लंड रीमा की चूत से बाहर आ गया और उसके साथ रीमा की मखमली चूत में भरी हुई सफेद गाड़ी मलाई भी रिस कर बाहर आने लगी | रीमा की जांघो और चुताड़ो को भिगोती हुई बिस्तर को गीला करने लगी |