Episode 45
गिरधारी - हां मैडम आप तो बहुत ही कमाल की हो इस तरह से आप जैसी हसीन औरत को चोदने का कभी सपने में भी नहीं सोच सकते हैं
गिरधारी भी जितेश के लंड के साथ मिलकर दनादन रीमा की गांड में लंड पेल रहा था | रीमा के चूतड़ों पर दनादन ठोकरे मारता हुआ गिरधारी बोला - आह मैडम कितनी देर से आपकी गांड को खोलने कोशिश कर रहा हूं इतनी देर से अपने लंड से रगड़ रगड़ के कूट कूट के कूट कूट के आपकी गांड की कसी हुई गुलाबी दीवारों को नरम बनाने की कोशिश कर रहा हूं अब जाकर आपकी गांड बिल्कुल मक्खन मलाई की तरह खुल रही है और बंद हो रही है लेकिन आपकी गांड का कसा छल्ला अभी भी मेरे लंड पर फांसी का फंदा डालकर मेरे लंड को कस के जकड़े हुए हैं | आपकी गांड तो अब बिल्कुल मक्खन मलाई की तरह नरम हो गई है | आआआह्ह्ह्ह मैडम |
रीमा भी चाहती थी कि उनका जोश कम ना हो |
रीमा -बस ऐसे ही मेरी गांड में अपना मुसल लंड पेलते रहो
गिरधारी रीमा के चूतड़ पर थाप मारता हुआ - मैडम बहुत कसी हुई थी गांड आपकी, अभी भी देखो कैसे लंड की खाल छील के रखे दे रही है |
रीमा कराहती हुई - जमकर मनचाहे तरीके से बाजा बजा दिया है मेरी गांड का | कितनी तेज जलन हो रही, पूरी गांड में आग लगी पड़ी है | इतनी तेज गांड को रगडोगे तो लंड तो छिलेगा ही |
गिरधारी के धक्के बदस्तूर जारी थे - मेरी गांड का पसीना निकल आया मैडम आपकी गांड मारने में |
रीमा - कितने आराम से पूरा लंड पेल रहे हो फिर भी कह रहे हो कसी गांड है मेरी | मुझसे पूछो, गांड तो मेरी मारी है, पूरी गांड में ऐसे लग रहा है जैसे किसी ने नश्तर डालकर चीर डाला हो |
गिरधारी - दम निकाल लिए मैडम आपने गांड में लंड पिलवाने में |
रीमा गर्व से फूली नहीं समायी - किसी ऐरे गैरे की गांड थोड़े मार रहे हो,यह रीमा की गांड है रीमा की कच्ची करारी कोरी गांड |
दोनों के लंड अब बिना किसी रोकटोक के सटासट रीमा के जिस्म में आ जा रहे थे | न केवल गिरधारी का लंड रीमा की नरम होकर फ़ैल गयी गुलाबी गांड में आराम से आ जा रहा था बल्कि जितेश भी रीमा को चूत की गहराइयों तक चोद रहा था |
जितेश भी तो चुदाई की उसी रौ में था रीमा की बाते सुन उसका जोश भी बढ़ा - मुसल लंड से गाड़ फड़वा के मजा आया मोरी रंडी रानी |
रीमा ने भी उसी रौ में जवाब दिया - तुम भी तो मेरी मक्खन मलाई जैसी चूत चोद रहे हो मेरे लंड राजा | मेरी गुलाबी मखमली चूत कूट के मजा आया |
जितेश - हाँ मोरी चुद्द्कड़ रानी तोहरी चूत तो बिलकुल मक्खन मलाई है ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड मक्खन मलाई की गुलाबी सुरंग में जा रहा है, और आ रहा है | इतनी गरम और गुनगुनी कसी हुई मखमली चूत मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं चोदी |
मोरी रानी न केवल तोरी रसमलाई भरी चूत बल्कि तोरा जिस्म और तू भी कमाल की है |
रीमा - तो चोदो ना मोरे राजा, अब बस हचक के चोद के मेरी चूत में अपनी सारी गाढ़ी मलाई उड़ेल दो |
रीमा भी चाहती थी अब वह जल्दी से निपट जाएइसीलिए उनके जोशो खरोश में कोई कमी ना आए इसीलिए उनकी उत्तेजना में अपने शब्दों से आंगर भर रही थी
जितेश - हां मोरी रंडी रानी तेरी चूत लबालब बाहर दूंगा अपने लंड रस से |
दोनों की धक्के और तेज हो गए अब तो सांस लेने की भी फुर्सत नहीं थी ना गिरधारी के पास ना रीमा के पास और ना ही जितेश के पास | अब तो पूरे कमरे में बस चुदाई है और उसकी आवाज ही गूँज रही थी रीमा की ठुकाई आगे पीछे दोनों तरफ से और उसके चूतड़ों पर पड़ती दोनों की करारी ठोकरे . . . रीमा के मुंह से निकलती सिसकारियां और दर्द भरी कराहे | रीमा बस किसी तरह खुद को समेटे चुद रही थी कराह रही थी ये सब उसकी सोच से परे था | वो खुद हैरान थी कैसे उसका शरीर लगातार उन लंडो को निगल रहा है | तीनो की हफाती गरम सांसे एक दुसरे की वासना में घुलकर गायब हुई जा रही थी |
अब तीनों को एक दूसरे का होश नहीं था गिरधारी और जितेश की कमर अपनी फुल स्पीड में चल रही थी रीमा की दोनों गुलाबी सुरंगे अपनी पूरी चौड़ाई तक फैली हुई वासना की आग में भट्गठी बनी खुलेमन से दोनों लंडो को अपने आगोश में लेकर उसके अन्दर की हवस को निचोड़ रही थी |
जितेश अब वासना से कराहने लगा था - आह बेबी अआह्ह आपकी चूत बहुत गर्म और कसी हुई है |
रीमा भी बुरी तरह से हांफती हुई - ओह्ह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्हह बेबी बस मेरी गरम चूत को ऐसे ही चोदते रहो, चोदते रहो , बस चोदते रहो | मुझे कुछ नहीं चाहिए बस मुझे चोदते रहो मोरे राजा |
जितेश - इतनी देर चोदने के बाद भी कितनी गरम चूत है तुम्हारी, इतना पेलने के बाद भी इस चूत की चुदाई खत्म नहीं हुई है देखो मेरी चूत रानी कैसे राजी खुशी मेरे लंड को घोटे जा रही है |
रीमा - अह्ह्ह्हह ओफ्फ्फ्फूफोफोफ़ जिस लंड की चूत दीवानी हो जाती है उसके लिए खुद को भी कुर्बान कर देती है बस ऐसे ही चोदते रहो मेरे राजा | चोद चोद के अपनी रीमा रानी की सारी प्यास बुझा दो |
जितेश - तुमारी चूत की प्यास बुझाने के बाद ही पिचकारी निकलेगी मैडम | इतनी कमाल की चूत है तो मेरा भी कुछ फर्ज बनता है ना आपकी चूत का ख्याल रखने का |
अब तो बस दोनों ही वासना में कुछ भी बडबडा रहे थे | किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कौन क्या कर रहा है क्या बोल रहा है | रीमा के जिस्म में दोनों लंड लगातार जा रह थे |
रीमा - अपने मोटे लंड से कूट-कूट के कचूमर निकाल दिया है मेरी चूत का, देख रही हूँ कैसे ख्याल रख रहे हो |जितेश - मोरी रंडी रानी तुमको हचक हचक के चोदेगें नहीं तो तुमारी चूत की प्यास कैसे मिटायेगें और आराम से चोदते तो तुमको मजा नहीं आता है ना तुमारी प्यासी चूत को मजा आता |
इतना हचक हचक के मोटे लंड से चुदाई से उसके अंदर की प्यास थोड़ा कम होगी | देखो ना मोरी चुद्दकद लंद्खोर रंडी 1 घंटे से ज्यादा देर से चुद रही है तुमारी चूत फिर भी मजाल है कि उफ्फ्फफ्फ्फ़ तक निकली हो | रीमा - निकालने का मौका कहां दे रहे हो वो तो कब से चीख चिल्ला रही है की अब बस करो अब बस करो | तुमारा लंड उसे साँस लेने कहाँ दे रहा है, दनादन तो लंड पेले जा रहे हो |
जितेश - इसमें मेरी गलती क्या है तुमारी चूत ही मेरे लंड को बाहर नहीं निकलने दे रही है यह खुद ही नहीं चाहती मेरा लंड उसे उसे बाहर आए मैं तो बस तुमारी चूत का गुलाम बनके कर उसे सेवा कर रहा हूं मैडम |
रीमा को एक बार गर्व की एहसास हुआ इतनी देर चुदाई के बाद भी उसकी चूत की दीवारें पूरी तरह से लंड को अपने आगोश में जकड़े हुई है
पीछे से रीमा की गांड में दनादन पूरा लंड अंदर बाहर करता हुआ गिरधारी भी हंसता हुआ बोला - कोई अच्छा काम जरूर किया होगा जो आपकी गांड मारने का मौका मिला है आपकी जैसी खूबसूरत गुलाबी गोरी औरत को चोदने का ख्याल ही मेरे जैसे आदमी के लिए बहुत बड़ी चीज है यहां तो आपकी कोरी कोरी गांड को मारने का मौका मिला है |
रीमा - हां बस ऐसे ही मेरी गांड मार के उसकी सारी खुजली मिटा दो बस ऐसे ही पेलते रहो मेरी गांड में लंड |
गिरधारी की ठोकरे रीमा के मुहँ से कराह निकाले दे रही थी - आआआअह्ह्ह मेरी संकरी गुलाबी गांड को चीरता ये लंड मेरे जिस्म में कैसे दर्द भरी तरंगे भर रहा है | ये ऐसे ही गांड मारता रहा तो मुझे पागल कर देगा | ये अहसास अलग है रीमा, इसी दर्द के अन्दर उस अहसास को देखो, इस तुमारी चूत तुम्हे कभी नहीं दे पायेगी | उसकी दीवारों में उठने वाली तरंगे उमंगें अलग तरह की होती है लेकिन मेरी पिछवाड़े की गुलाबी दीवारे इस लंड से टकराकर कुछ अलग ही दर्द भरा मजा दे रही है | अपने इसी दर्द में, इसी कराह में डूब जावो रीमा, यही तुम्हे वासना के इस मकडजाल से बाहर निकलेगा | जमकर अपना हुस्न और जवानी लुटाओ | जितना लुटावोगी, उतना ही मजा मिलेगा | गिरधारी आराम से रीमा की गांड मार रहा था वो नहीं चाहता था पिछली बार की तरह इस बार मामला खराब हो जाये, पिछली बार रीमा की गांड में अपने पुरे लंड की भीषण ठोकरे से रीमा की पिंडलियों में दर्द होने लगा था |
तुमारे जिस्म में कुछ नहीं घटेगा, बल्कि तुम्हे चोदने वाले मर्द न केवल तुमारे बंद छेदों को खोलेगे बल्कि अपनी कीमती मलाई तुम्हे और देकर जायेगे | किस बात से डर रही हो रीमा | आज तक चुदाई से औरत का कभी कुछ घटा है | ये जिस्म ये जवानी लुटाने के लिए ही बनी है, जितना इसे लूटाओगी, उतना वासना की तृप्ति हासिल करोगी | रीमा को न जाने क्यों मुसल लंडो की लगती उन ठोकरे से उसके अन्दर एक नया विस्वास पैदा हुआ | उन दोनों की चुदाई से रीमा अपने अंतर्मन की उहापोह से बाहर आ गयी | आखिर जिस चुदाई का हौवा उसने अपने दिमाग में बना रखा था उसी ने उसके सारे डर को दूर किया |
जितेश अब और रुकने या थमने को तैयार नहीं था | उसे पता था जब तक रीमा उसके ऊपर पड़ी है और गिरधारी दनादन रीमा की गाड़ में लंड पेलता रहेगा उसे रीमा की चूत को गहराई से चोदने का मौका नहीं मिलेगा | आखिरकार रीमा की दो गुलाबी सुरंगे थी तो एक ही जिस्म का हिस्सा | जब चूत में मोटा लंड जाता है तो चूत चारो तरफ को फ़ैल जाती है | जब गांड के छल्ले को चीर कर गांड में मुसल लंड जाता है तो गांड की दीवारे भी अन्दर फ़ैल जाती है | लेकिन यहाँ तो दोनों तरफ से लंड घुसा पड़ा था | अब गाड़ की और चूत की दीवारे फैलकर कहाँ जाये | इसलिए दो लंड लेने में औरत का कलेजा मुहँ को आ जाता है | गिरधारी को पोजीशन रीमा की गांड को बेतहाशा पेलने के लिए सही थी | वो ज्यादा ताकत लगाकर झटके मार सकता था और मार रहा था | ये एडवांटेज जितेश के पास नहीं था | एक तो उसे रीमा के जिस्म को भी संभालना था और नीचे से कमर हिलाने की एक सीमा थी | ऊपर से उसके लंड पेलने मे सबसे बड़ी ठोकर तो गिरधारी का रीमा की गांड में धंसा हुआ लंड था | दोनों रीमा के जिस्म के अन्दर आप में बेतहाशा रगड़ रहे थे | ऐसा लग रहा था जैसे बाहर जितेश और गिरधारी की मर्दानगी की कुश्ती चल रही हो और रीमा के जिस्म के अन्दर उनके लंड आपस में लड़ रहे हो | इस दोनों की नूरा कुश्ती में पिस तो रीमा ही रही थी | आखिर कार जितेश रीमा को हटाकर उसके ऊपर आ गया | गिरधारी रीमा के नीचे जाकर लेट गया | रीमा को गिरधारी की शक्ल ही नहीं पसंद थी भले ही वो उसकी गांड मार रही हो | उसे पता था ये कितना लीचड़ इंसान है पक्का उसे चूमने चटाने की कोशिश करेगा और रीमा को उससे घिन आएगी | इसीलिए रीमा भी जितेश की तरफ मुहँ करके अपने चूतड़ गिरधारी के पेट पर सटा दिए | पलक झपकते ही दोनों के लंड रीमा के जिस्म में गायब हो गए |
जितेश रीमा को चोदने लगा | गिरधारी भी अपनी कमर हिलाने लगा | अब बस चुदाई ही चुदाई हो रही थी | चुदाई के दौर पर दौर बीतते जा रहे थे लेकिन मजाल है जो किसी के लंड से पिचकारी छूटना शुरू हुई हो | रीमा को अब तक तो दर्द के मारे ही होश नहीं था | अब तक वो इतनी लम्बी दोतरफा चुदाई से बुरी तरह थककर पस्त हो चुकी थी | अब उसके हाथ और पैरो में जान नहीं बची थी | वो बस चुदे जा रही थी चुदे जा रही थी | दोनों उसके जिस्म में अपना लंड पेले जा रहे थे पेले जा रहे थे | गिरधारी ने अपना लंड बाहर खीचा था, उसी वक्त रीमा की उंगलियाँ जितेश की गोलियों को सहला रही थी | उसकी उंगलियाँ अपनी खुली गांड की सुरंग को टटोलने लगी | इससे पहले वो मुयाना कर पाती गिरधारी ने फिर से लंड पेल दिया |
तभी रीमा को ख्याल आया आखिर ये लोग इतनी देर से उसे चोद रहे है फिर झड़ क्यों नहीं रहे है | इतनी मर्दाना ताकत वाले लंड तो उसने पहली बार अपनी जिंदगी में देखे थे | उसका चुदवा चुदवा के बुरा हाल हो गया था | उसकी गांड बुरी तरह दुःख रही थी लेकिन गिरधारी का लंड पेलना ख़तम ही नहीं हो रहा था | गिरधारी के लंड ने उसकी गांड की चीथड़े कर दिए थे | उसकी गांड का छेद पूरी तरह चिर कर फ़ैल गया था | जितना मोटा गिरधारी का लंड था इतनी चौड़ी उसकी गांड की सुरंग हो गयी थी | मन ही मन बडबडा रही थी कितनी कसी हुई गांड थी मेरी, इसने चोद चोद कर कैसी सुरंग बना दी है | इतनी कसी गांड को इतनी देर तक बिना थके ये लंड कैसे पेल रहा है | अब तो सटासट इसका लंड जा रहा है, धीरे धीरे मार मेरी गांड मादरजात | अब खुल गयी है तो पूरा एक्सप्रेस ट्रेन बनकर दौड़ रहा है | हाय धीर धीरे ठोकर मार हरामी के लंड मेरी गांड को और कितना दुखायेगा | हरामजादे दर्द हो रहा है | जब तेरी गांड मरूंगी तब पता चलेगा |
अभी जितेश भी तो नहीं थक रहा है | कब से मुझे चोदना शुरू किया था, उसके लंड ने भी मेरी चूत का कूट कूट के बुरा हाल कर दिया था | अब तो चूत की दीवारे भी पस्त हो गयी, उन्होंने भी जितेश के लंड से चिपकना छोड़ दिया है और एक चौड़ी सी सुरंग बना दी है |
चूत के ओंठ ठोकर खा खा कर लाल हो गए है |फिर भी न तो इसका लंड मुरझा रहा है न इसमें से पिचकारी छुट रही है न ये थकावट महसूस कर रहा है | आखिर हो क्या रहा है | जितेश बहुत जोर से रीमा की चूत की कुटाई कर रहा था | उसकी कमर पुरजोर लगाकर रीमा की चूत में लंड पेल रही थी | उसके करारे जोरदार गहरे झटको की पीड़ा रीमा के चेहरे पर साफ़ देखि जा सकती थी |
हाय मेरी कमर दुखाने लगी है तेरे झटके झेल झेल कर आखिर कब तक झेलू इस मर्द के करारे झटके, ऐसा क्या हो गया है, रात में तो सही टाइम पर पिचकारी फुट पड़ी थी अब क्या हो गया है | रीमा के लिए दोनों का इस तरह बिना रुके बिना थके चोदना किसी पहेली से कम नहीं था | उसने पहले भी चुदाई की थी उसे पता था ताकतवर से ताकतवर मर्द भी इतनी देर में निपट जाता है |
इतनी लम्बी चुदाई के बाद अब तो रीमा की चूत की दीवारे भी सुख गयी थी | इसीलिए रीमा की चूत में लंड पेलने को जितेश को ताकतवर झटके मारने पड़ रहे थे | नीचे से गिरधारी ऊपर से जितेश, आखिर और कितना चुदेगी रीमा | कब ये दोनों झडेगें | कब इस दर्द और तकलीफ से छुटकारा मिलेगा | कोई नहीं रीमा जब तक चुद रही हो जवानी के मजे लूटती रहो | अभी तो तुमारे बदन में बहुत जान है | अभी तो घन्टे दो घन्टे लगातार ठोकरे बर्दास्त कर सकती हो | रीमा की कराहे जितेश का जोश और बढ़ा रही थी | जितेश तो रीमा को चोद रहा था लेकिन गिरधारी अपना लंड गांड में थामे बस कमर ही हिला पा रहा था | रीमा को लगा अगर ऐसे ही चलता रहा तो सुबह की शाम हो जाएगी, दोनों में से जब एक मुझे चोदेगा तो दूसरा थमा रहेगा | जब दूसरा चोदेगा तो पहला थमा रहेगा | आखिर ये कब तक चलेगा | ऐसे तो दोनों में से कोई झाड़ेगा ही नहीं | दोनों मिलकर मेरा कचूमर निकालते रहेंगे | लंड तो मेरी चूत और गाड़ में जा रहे है, इन्हें तो बस पेलने से मतलब है, हर करारी ठोकर पर दीवारे तो मेरी मखमली गुलाबी चूत और कसी गांड की छिल रही है | इन्हें क्या है दे ठोकर पर ठोकर लंड पेले जा रहे है | ठोकर तो मेरी पिंडली पर लग रही है | कमर तो दर्द से मेरी सीधे नहीं होगी | गाड़ की दीवारों की जलन अभी कम नहीं हुई है इन्होने चूत को भी चोद चोद कर सुखा डाला है | अब ऐसे सुखी सुरंगों में लगातार धक्के मारते रहेंगे तो मेरी चूत और गांड तो आज ही शहीद हो जाएगी | यही सोचकर रीमा बिना कुछ कहे एक करवट झुकने लगी | उसे घूमता देख जितेश भी उससे आकर चिपक गया | रीमा को अपने चूत में भी जलन महसूस होने लगी थी | उसने ढेर सारी लार निकल कर जितेश के लंड पर मल दी | इधर गिरधारी ने ये देख अपनी ही लार रीमा की गांड के खुले छेद में भर दी | फिर से रीमा की पेलाई का सिलसिला शुरू हो गया | दोनों के चेहरो के हाव भाव बता रह इथे अब उनकी मजिल दूर नहीं है बशर्ते कोई व्यवधान न आये |
रीमा - मुझे अब एक साथ चोदो लगातार, रुकना नहीं | मै इस थोडा आगे थोड़ा पीछे पेलाई चुदाई के खेल से थक गयी हूँ | मुझे आगे पीछे दोनों जगह एक साथ लंड चाहिए | तेज तेज चोदो, जमकर चोदो | जो कुछ होगा देखा जायेगा | अब किसी भी कीमत पर रुकना नहीं | मै नहीं पूरा दिन इस दर्द से गुजर कर नहीं चुदती रहना नहीं चाहती हूँ |
जितेश - ठीक है मैडम जैसा आपका आदेश | ये लो घोटो मुसल लंडो को | इतना कहकर उसने जबरदस्त ठोकर लगायी | उसका लंड रीमा की चूत में पैबस्त हो गया |
रीमा - आआआआआआआआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्ह |
गिरधारी - ये लो मैडम | इतना कहकर उसने भी अपना लंड घुसेड दिया |
रीमा - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ मममममममाआआआआआआआ |
दोनों के लंड रीमा के जिस्म की गहराइयो में फिसलने लगे | ठोकरे जबरदस्त थी दर्द को बर्दास्त करने को रीमा ने मुट्ठियाँ भीच ली | उसकी गांड का दर्द और जलन तो अब जैसे उसके जिस्म का हिस्सा बन गए थे | उसकी जलती गांड की गुलाबी सुरंग पर पड़ती हर ठोकर रीमा को दर्द से कराहने पर मजबूर कर देती | आखिर क्या करे गांड मरवाने पर दर्द तो बोनस के रूप में मिलता ही है | आखिर इतना ही आसान होता तो हर औरत ख़ुशी ख़ुशी अपनी गांड न मरवा लेती | लेकिन उसके साथ तो नियति कुछ ज्यादा ही निष्ठुर हो गयी थी | एक तो उसे मुसल लंड मिला उपर से झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा | उसके गाड़ के दर्द और जलन के जाने का इन्तजार अंतहीन हो गया | आखिर कब तक मुसल लंड उसकी गांड को कूटते रहेंगे | उसकी गांड को कब सुकून मिलेगा लेकिन जीतनी देर तक उसकी गाड़ की कुटाई होगी उतना ही दर्द से भरा मजा भी तो वो लुट रही है, वो गांड की दीवारों से रगड़ खाता उसका मोटा लंड और उसकी सनसनाहट | जितेश भी तो मेरी चूत की दीवारों का कचूमर बनाये दे रहा है | मेरी चूत इतनी देर तक कभी नहीं चुदी | अब शायद महीने 6 महीने चुदाई नहीं मांगेगी | ये दर्द भरी कराहटे ही तो उसके आनंद की निशानी है |
आखिर कब तक इस दर्द में जीकर मजा लेती रहेगी, अपनी वासना की तड़प में ये मत भूल तेरे जिस्म की सुरंगे तेरे ही बदन का हिस्सा है | जब ये हवस की आग शांत होगी, तो इन लंडो से मिले जख्मो को तुझे ही सहलाना होगा | ठीक करना होगा | अभी तो ख़ुशी ख़ुशी गांड मरवाकर, दो दो लंड लेकर उसका दर्द झेलकर मन ही मन खुश हो रही है लेकिन जब तेरी गांड और चूत की दीवारों की गर्मी शांत होगी, तो यही गांड और चूत तुझे इन लंडो से मिले झटको को याद दिलाएगी | परपराएगी, नासूर की तरह दुखेगी, फिर मलहम लगाती हुई इधर उधर कूदती रहना | क्योंकि इतनी कुटाई के बाद तुझे ये शांति से एक जगह तो बैठने नहीं देगी | उठते बैठे, दुखेगी, परपराएगी, इन लंडो की ठोकरों के जख्मो का अहसास कराएगी, अपनी जलती दीवारों की जलन महसूस कराएगी | गांड मरवाने का अहसास सिर्फ गांड मरवाने तक ही सीमित नहीं रहेगा | पुरे बदन को वो दर्द महसूस होगा |
उनकी ठोकरों से कराहती रीमा अपने में ही खोयी थी उधर दोनों के लंड उसकी गांड और चूत की गहराइयों में तेजी से फिसल रहे थे और उनके फिसलने की गर्मी से उसके पूरे तन बदन में आग लगी हुई थी दो 2 लौंडो की चुदाई की भीषण गर्मी से रीमा को भले ही अभी उतना दर्द का एहसास ना हो रहा हो और भले ही अभी वह वासना में नहाई हुई तो दो लंडो को बड़ी आराम से अपनी जिस्म की सकरी कसी हुई सुरंगों में ले रही हो लेकिन उसे भी पता था जब जिस्म ठंडा होगा तब उसे इस मजे की कीमत का एहसास होगा उसके जिस्म का रोया रोया दूखेगा और उसे दर्द का अहसास कराएगा |
रीमा को चोदते चोदते उन दोनों का भी दम निकल गया था लेकिन उनकी कमर थी कि रुकने का नाम नहीं ले रही थी और लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था वह दोनों भी अपनी जवानी और कोकीन के नशे में दनादन रीमा के चूतड़ों पर आगे पीछे दोनों तरफ से ठोकरें मारे जा रहे थे आगे से जितेश और पीछे से गिरधारी दोनों रीमा के चौड़े नरम चूतड़ों और कमर को कस के थामे हुए रीमा के जिस्म की कसी हुई गुलाबी सुरंगों में उतरे हुए जा रहे थे | अपनी जिस्म की हवस की भूख मिटा रहे थे और उनके जिस्म की आग थी कि बुझने का नाम भी नहीं ले रही थी | अपने जिस्म पर पड़ रही है लगातार दो लंडो की ठोकरें का दर्द भरा अहसास अब उसके तन के साथ-साथ उसके मन में भी बसने लगा था | उसे लगने लगा था अब उसके जिस्म ने जवाब देना शुरू कर दिया है |
रीमा को अहसास होने लगा कही ज्यादा लम्बी चुदाई के चक्कर में उसकी चूत और गांड का वाट न लग जाये | ऐसा ना हो कहीं लंड दनादन ठोकरें मारकर उसकी दोनों गुलाबी मखमली से रंगों को छील कर रख दे और उन से खून निकाल दे हालांकि उसकी गुलाबी रंग के अभी भी वासना की गर्मी से भरी हुई थी और मोटे मुसल जैसे लंडो को अपनी सुरंगों के अंतर में जितना ले सकती थी ले रही थी लेकिन इतनी देर से चुदाई हो रही थी इतनी देर तक कभी उन्होंने लंड की ठोकरे बर्दाश्त नहीं करी थी रीमा इतनी देर तक कभी नहीं चुदी थी इसीलिए उसकी चूत की दीवारों की सहनशक्ति खत्म हो रही थी | अपनी कसी करारी कोरी गांड में तो उसने बस दूसरी बार लंड लिया था इसीलिए उसकी गांड की दीवारें तो पहले से ही दर्द और जलन से हाथ खड़े किये हुए थी रीमा को भी अब इस बात का अहसास होने लगा था कि अगर इसी तरह उसकी चूत और गांड लंड बरसते रहे तो शायद वह उठने के काबिल भी नहीं रहेगी उसको लगने लगा था कि अब तक इन लंडो को झ ड़ जाना चाहिए था
रीमा के दिमाग में बस एक ही सवाल आया - आखिर ये लोग झड़ क्यों नहीं रहे है, आखिर इनकी सफ़ेद मलाई क्यों नहीं निकला रही |
आखिर उसने अपने सवाल को फिर से अपने दिमाग में दोहराया और हैरानी से चुदाई से उसका ध्यान उन लोगों के झड़ने पर चला गया एक पल सोचने के बाद उसने सोचा क्यों ना इन्ही से पूछ लो आखिर ऐसा आज क्या हो गया है | मर्योद तो तो गरम गुलाबी कसी हुई चूत पाकर दनादन चोदते हैं जल्दी से झड़ जाते हैं यहां इन दोनों का यह हाल है कि पहली बार ही मेरी गांड और चूत मार रहे हैं और उसके बावजूद भी झड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं | जितेश तो मुझे लग रहा है घंटे भर से ज्यादा हो गया | रात में इतना वक्त तो नहीं लगाया था | इस तरह से चोदते हुए इन दोनों का भी दम निकल गया होगा और इसकी कमर धक्के मारते मारते टेढ़ी नहीं हो गई होगी लेकिन यह दोनों रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं आखिर ऐसा क्या हो गया है
थकी हारी रीमा कमजोर आवाज में बोली - आखिर तुम लोग इतनी देर से दनादन मेरे जिस्म में लड़ पेल रहे हो फिर भी झड़ने का नाम नहीं ले रहे हो आखिर माजरा क्या है |
गिरधारी रीमा की गांड में लंड पेलता हुआ खीसे निपरोने लगा - मैडम को अब याद आई | लगता है चुदते चुदते थक गयी |
रीमा - थक गयी का क्या मतलब है चुदाई का एक टाइम होता है इतनी देर में तो आदमी 5 बार झड़ जाता है और तुम लोगों की एक बार भी पिचकारी नहीं छुट्टी है |
गिरधारी फिर खीसे निपोर कस हंसने लगा |
रीमा बिलकुल मरी हुई आवाज में धीरे से बोली - अच्छे से अच्छा हट्टा कट्टा मर्द भी आधे घंटे से ज्यादा नहीं चोद पाता है और तुम लोगों को चोदते हुए आधे घंटे से काफी ज्यादा हो गया है आखिर तुम लोग झड़ क्यों नहीं रहे हो | ठोकरे खा खा कर मेरी कमर दुखने लगी है, गांड छिल गयी है और चूत सूजने की कगार पर है |
गिरधारी ही ही ही ही करके हंसता हुआ हंसने लगा उसको हंसता देख रीमा हैरान हो गई | तभी जितेश ने गिरधारी के मुंह पर हाथ लगा दिया और उसे चुप रहने को बोला | दोनों ने दनादन रीमा की गांड और चूत में लंड डालने की स्पीड और बढ़ा दी अब उनके ऊपर भी वासना का सुरूर है जमकर तांडव कर रहा था | दोनों जल्दी से जल्दी रीमा की गहरी गुलाबी सुरंगों में झड़ जाना चाहते थे क्योंकि दोनों रीमा को चोदते चोदते खुद भी बुरी तरह से थक गए थे | सोचो जब चोदने वालो की हालत बुरी हो गयी थी तो रीमा की क्या हालत होगी इसका तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था | बस अब वह दोनों भी झड़ना चाहते थे | इसीलिए रीमा की जिस्म को कसकर थामे दोनों तरफ से उसके जिस्म की सुरंगों में अपनी मुसल लंडो के पेल रहे थे |
रीमा उनकी ठोकरों से कराहती हुई - आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ओह्ह्ह्हह आखिर कोई कुछ मुझे भी बताएगा |
गिरधारी कुछ बोलने को हुआ | जितेश गिरधारी के मुंह पर हाथ लगा कर चुप करता हुआ बोला - कुछ नहीं बेबी बस हम भी अब झड़ने वाले है |
गिरधारी और जितेश दोनों ही दनादन पूरी तेजी के साथ अपनी कमर रहे थे और उनके मुसल हाहाकारी लंड रीमा की सुरंगों में अंदर बाहर हो रहे थे |
रीमा - अब बर्दास्त नहीं हो रहा है | मेरी चूत गांड कमर जांघे सब दुखने लगी है | कितनी देर और चोदोगे मुझे |
जितेश उसे सांत्वना देते हुए बोला - बस थोड़ा सा और बर्दाश्त कर लो | मुझे पता है तुम थक गई हो काफी देर से हम दोनों तुम्हें चोद रहे हैं | तुम्हारी जगह कोई और औरत होती तो शायद बेहोश हो गया होती लेकिन तुम कमाल की रीमा, इतनी भीषण ठोकरे खाने के बाद इतने मोटे मोटे मुसल दो दो लंड एक साथ घोटने के बाद अब तक हमारा साथ दे रही ही | इतनी देर से चोदने के बाद हमारा लंड अपनी चूत में ले रही ही | दो दो लंडो से इतनी देर तक एक साथ चुदवाने के बाद भी पूरे होशो हवास में इस तरह से हमारे साथ राजी खुशी ख़ुशी चुद रही हो | यह किसी चमत्कार से कम नहीं है तुम ना केवल राजी खुशी चोद रही हो अपनी कमर उचका उचका कर हमारे दोनों को एक साथ अपनी चूत और गांड की गुलाबी मखमली गहराई तक ले रही हो | हम किस्मत वाले हैं जो इस तरह से तुम्हे चोदने का मौका मिला है |
गिरधारी - हां मैडम आप तो बहुत ही कमाल की हो इस तरह से आप जैसी हसीन औरत को चोदने का कभी सपने में भी नहीं सोच सकते हैं
गिरधारी भी जितेश के लंड के साथ मिलकर दनादन रीमा की गांड में लंड पेल रहा था | रीमा के चूतड़ों पर दनादन ठोकरे मारता हुआ गिरधारी बोला - आह मैडम कितनी देर से आपकी गांड को खोलने कोशिश कर रहा हूं इतनी देर से अपने लंड से रगड़ रगड़ के कूट कूट के कूट कूट के आपकी गांड की कसी हुई गुलाबी दीवारों को नरम बनाने की कोशिश कर रहा हूं अब जाकर आपकी गांड बिल्कुल मक्खन मलाई की तरह खुल रही है और बंद हो रही है लेकिन आपकी गांड का कसा छल्ला अभी भी मेरे लंड पर फांसी का फंदा डालकर मेरे लंड को कस के जकड़े हुए हैं | आपकी गांड तो अब बिल्कुल मक्खन मलाई की तरह नरम हो गई है | आआआह्ह्ह्ह मैडम |
रीमा भी चाहती थी कि उनका जोश कम ना हो |
रीमा -बस ऐसे ही मेरी गांड में अपना मुसल लंड पेलते रहो
गिरधारी रीमा के चूतड़ पर थाप मारता हुआ - मैडम बहुत कसी हुई थी गांड आपकी, अभी भी देखो कैसे लंड की खाल छील के रखे दे रही है |
रीमा कराहती हुई - जमकर मनचाहे तरीके से बाजा बजा दिया है मेरी गांड का | कितनी तेज जलन हो रही, पूरी गांड में आग लगी पड़ी है | इतनी तेज गांड को रगडोगे तो लंड तो छिलेगा ही |
गिरधारी के धक्के बदस्तूर जारी थे - मेरी गांड का पसीना निकल आया मैडम आपकी गांड मारने में |
रीमा - कितने आराम से पूरा लंड पेल रहे हो फिर भी कह रहे हो कसी गांड है मेरी | मुझसे पूछो, गांड तो मेरी मारी है, पूरी गांड में ऐसे लग रहा है जैसे किसी ने नश्तर डालकर चीर डाला हो |
गिरधारी - दम निकाल लिए मैडम आपने गांड में लंड पिलवाने में |
रीमा गर्व से फूली नहीं समायी - किसी ऐरे गैरे की गांड थोड़े मार रहे हो,यह रीमा की गांड है रीमा की कच्ची करारी कोरी गांड |
दोनों के लंड अब बिना किसी रोकटोक के सटासट रीमा के जिस्म में आ जा रहे थे | न केवल गिरधारी का लंड रीमा की नरम होकर फ़ैल गयी गुलाबी गांड में आराम से आ जा रहा था बल्कि जितेश भी रीमा को चूत की गहराइयों तक चोद रहा था |
जितेश भी तो चुदाई की उसी रौ में था रीमा की बाते सुन उसका जोश भी बढ़ा - मुसल लंड से गाड़ फड़वा के मजा आया मोरी रंडी रानी |
रीमा ने भी उसी रौ में जवाब दिया - तुम भी तो मेरी मक्खन मलाई जैसी चूत चोद रहे हो मेरे लंड राजा | मेरी गुलाबी मखमली चूत कूट के मजा आया |
जितेश - हाँ मोरी चुद्द्कड़ रानी तोहरी चूत तो बिलकुल मक्खन मलाई है ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड मक्खन मलाई की गुलाबी सुरंग में जा रहा है, और आ रहा है | इतनी गरम और गुनगुनी कसी हुई मखमली चूत मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं चोदी |
मोरी रानी न केवल तोरी रसमलाई भरी चूत बल्कि तोरा जिस्म और तू भी कमाल की है |
रीमा - तो चोदो ना मोरे राजा, अब बस हचक के चोद के मेरी चूत में अपनी सारी गाढ़ी मलाई उड़ेल दो |
रीमा भी चाहती थी अब वह जल्दी से निपट जाएइसीलिए उनके जोशो खरोश में कोई कमी ना आए इसीलिए उनकी उत्तेजना में अपने शब्दों से आंगर भर रही थी
जितेश - हां मोरी रंडी रानी तेरी चूत लबालब बाहर दूंगा अपने लंड रस से |
दोनों की धक्के और तेज हो गए अब तो सांस लेने की भी फुर्सत नहीं थी ना गिरधारी के पास ना रीमा के पास और ना ही जितेश के पास | अब तो पूरे कमरे में बस चुदाई है और उसकी आवाज ही गूँज रही थी रीमा की ठुकाई आगे पीछे दोनों तरफ से और उसके चूतड़ों पर पड़ती दोनों की करारी ठोकरे . . . रीमा के मुंह से निकलती सिसकारियां और दर्द भरी कराहे | रीमा बस किसी तरह खुद को समेटे चुद रही थी कराह रही थी ये सब उसकी सोच से परे था | वो खुद हैरान थी कैसे उसका शरीर लगातार उन लंडो को निगल रहा है | तीनो की हफाती गरम सांसे एक दुसरे की वासना में घुलकर गायब हुई जा रही थी |
अब तीनों को एक दूसरे का होश नहीं था गिरधारी और जितेश की कमर अपनी फुल स्पीड में चल रही थी रीमा की दोनों गुलाबी सुरंगे अपनी पूरी चौड़ाई तक फैली हुई वासना की आग में भट्गठी बनी खुलेमन से दोनों लंडो को अपने आगोश में लेकर उसके अन्दर की हवस को निचोड़ रही थी |
जितेश अब वासना से कराहने लगा था - आह बेबी अआह्ह आपकी चूत बहुत गर्म और कसी हुई है |
रीमा भी बुरी तरह से हांफती हुई - ओह्ह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्हह बेबी बस मेरी गरम चूत को ऐसे ही चोदते रहो, चोदते रहो , बस चोदते रहो | मुझे कुछ नहीं चाहिए बस मुझे चोदते रहो मोरे राजा |
जितेश - इतनी देर चोदने के बाद भी कितनी गरम चूत है तुम्हारी, इतना पेलने के बाद भी इस चूत की चुदाई खत्म नहीं हुई है देखो मेरी चूत रानी कैसे राजी खुशी मेरे लंड को घोटे जा रही है |
रीमा - अह्ह्ह्हह ओफ्फ्फ्फूफोफोफ़ जिस लंड की चूत दीवानी हो जाती है उसके लिए खुद को भी कुर्बान कर देती है बस ऐसे ही चोदते रहो मेरे राजा | चोद चोद के अपनी रीमा रानी की सारी प्यास बुझा दो |
जितेश - तुमारी चूत की प्यास बुझाने के बाद ही पिचकारी निकलेगी मैडम | इतनी कमाल की चूत है तो मेरा भी कुछ फर्ज बनता है ना आपकी चूत का ख्याल रखने का |
अब तो बस दोनों ही वासना में कुछ भी बडबडा रहे थे | किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कौन क्या कर रहा है क्या बोल रहा है | रीमा के जिस्म में दोनों लंड लगातार जा रह थे |
रीमा - अपने मोटे लंड से कूट-कूट के कचूमर निकाल दिया है मेरी चूत का, देख रही हूँ कैसे ख्याल रख रहे हो |जितेश - मोरी रंडी रानी तुमको हचक हचक के चोदेगें नहीं तो तुमारी चूत की प्यास कैसे मिटायेगें और आराम से चोदते तो तुमको मजा नहीं आता है ना तुमारी प्यासी चूत को मजा आता |
इतना हचक हचक के मोटे लंड से चुदाई से उसके अंदर की प्यास थोड़ा कम होगी | देखो ना मोरी चुद्दकद लंद्खोर रंडी 1 घंटे से ज्यादा देर से चुद रही है तुमारी चूत फिर भी मजाल है कि उफ्फ्फफ्फ्फ़ तक निकली हो | रीमा - निकालने का मौका कहां दे रहे हो वो तो कब से चीख चिल्ला रही है की अब बस करो अब बस करो | तुमारा लंड उसे साँस लेने कहाँ दे रहा है, दनादन तो लंड पेले जा रहे हो |
जितेश - इसमें मेरी गलती क्या है तुमारी चूत ही मेरे लंड को बाहर नहीं निकलने दे रही है यह खुद ही नहीं चाहती मेरा लंड उसे उसे बाहर आए मैं तो बस तुमारी चूत का गुलाम बनके कर उसे सेवा कर रहा हूं मैडम |
रीमा को एक बार गर्व की एहसास हुआ इतनी देर चुदाई के बाद भी उसकी चूत की दीवारें पूरी तरह से लंड को अपने आगोश में जकड़े हुई है
पीछे से रीमा की गांड में दनादन पूरा लंड अंदर बाहर करता हुआ गिरधारी भी हंसता हुआ बोला - कोई अच्छा काम जरूर किया होगा जो आपकी गांड मारने का मौका मिला है आपकी जैसी खूबसूरत गुलाबी गोरी औरत को चोदने का ख्याल ही मेरे जैसे आदमी के लिए बहुत बड़ी चीज है यहां तो आपकी कोरी कोरी गांड को मारने का मौका मिला है |
रीमा - हां बस ऐसे ही मेरी गांड मार के उसकी सारी खुजली मिटा दो बस ऐसे ही पेलते रहो मेरी गांड में लंड |
तीनों वासना में पूरी तरह से डूब गए थे और दोनों रीमा के जिस्म से चिपके हुए रीमा के जिस्म में पूरा का पूरा समा जाने को पूरा जोर लगा रहे थे | जैसे-जैसे का चरम आ रहा था वैसे-वैसे उनके धक्के तेज हो रहे थे और वह पूरा का पूरा सीमा के जिस्म में समा जाने में की पूरी कोशिश कर रहे थे रीमा के गहरे गुलाबी अंतर में बहुत तेजी से दोनों के तने हुए मुसल लंड तेजी से अंदर बाहर हो रहे थे|
दोनों के मोटे लंड दनादन ठोकरे मार रहे थे और रीमा के दोनों गुलाबी छेदों दोनों के मुसल लंडो को पूरी तरह से अपने में समाये ले रहे थे | रीमा कराह रही थी और वह दोनों रीमा को जी भर के दना दन चोद रहे थे |
रीमा का थका हारा पस्त जिस्म दनादन लंड की ठोकरों से फिर से गरम हो गया था | रीमा भी उनके लंड को कसकर अपने जिस्म के अन्दर भींच रही थी |
रीमा - आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ आआआआह्बह्सह्ह बस ऐसे ही चोदते रहो ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क, यस बेबी यस बेबी यस बेबी यसओह माय गॉडओह माय गॉडओह माय गॉडओह माय गॉड बेबी |
रीमा की नजर घडी की तरफ गयी जब उसकी आंख खुली थी, तब से अब तक दो घन्टे हो चुके थे - दो घन्टे से चुद रही हूँ मुझे यकीन नहीं हो रहा मुझे ये लोग दो घन्टे से चोद रहे है |
रीमा - आआआहाआआह्इह्तह्नीह गॉड गॉड गॉड गॉड गॉड गॉड तेजी से कितनी तेजी चुद रही हूं मै | दो दो लंडो से चुद रही हूँ मै मेरे जिस्म के गुलाबी अंतरों को चीर के रख दिया है तुम दोनों | आआआआह्हा आअह्ह्हा आआह्हा आह्ह्ह फिर भी मेरे अंदर अभी भी तुम दोनों के लंड से चुदने की चाहत मची हुई है |
आआह्ह आःह्ह आआह्ह आआईइ आईई बस जी भर के चोद डालो मुझे | जितना तुम्हारे जिस्म में जान है जितना तुम्हारे लंड में जान है मेरे जिस्म की इन गुलाबी सुरंगों को चीर के रख दो | आआह्ह आःह्ह आआह्ह आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ . . बस ऐसे ही चोदते रहो ऐसे दनादन दनादन चोदते रहो मुझे |
रीमा का जिस्म पस्त हो गया था लेकिन उसके अंदर की हवस और दो लंडो की दोतरफा भीषण ठोकरे उसके जिस्म को गरमाए हुए थी | रीमा पूरी तरह से वासना में नहाई हुई थी और वह चाहती थी जल्दी से जल्दी अब उसके जिस्म में जा रहे दोनों मुसल लंड अपने गर्म लावे को उसकी तपती हुए सुरंगों में उतार दें | अब वह दोनों लंडो के के गर्म सफ़ेद उबलते लावे से नहा कर अपनी चूत और गांड की सुरंगों की आग को बुझाना चाहती थी इसीलिए चाहती थी दोनों जल्दी से जल्दी झड़ जाए | इधर तो वह दोनों भी अपने लंड को रीमा की गुलाबी सुरंगों में मसल मसल के अपने जिस्म में उबल रहे सफेद गरम लावे को रीमा के जिस्म की गुलाबी सुरंगों में उड़ेल देना चाहते थे |
रीमा भी यही चाहती थी वो जल्दी से झड़ जाए इसीलिए उनमें जोश भरने में लगी हुई थी |
रीमा - आआह्ह आआईइ आआह्ह आआईइ आआह्ह आआईइ यस बेबी चोदो चोदो चोदो चोदो चोदो चोदो चोदो चोदो ओह माय गॉड यस यस यस यस यस यस यस यस यस | बस ऐसे ही चोदते रहो, चोद चोद के अपनी रीमा रानी को अपने सफ़ेद रस से नहला दो |
दोनों के लंड सटासट रीमा के मांसल चौड़े चुताड़ो पर ठोकर मार रहे थे और उसके जिस्म की सुरंगों में गायब हो जा रहे थे | इतने मोटे मोटे लंड जिस तरह से पूरी तरह से उसके जिस्म में गायब हो जा रहे थे उसे ऐसा लग रहा था जैसे रीमा की जिंदगी का बस यह आखिरी पल है | इसे वो जीभर के जी लेना चाहती है |
दोनों मनचाहे तरीके से रीमा को ठोकरे मार रहे थे | दोनों ने रीमा को कसकर थाम रखा था और उसके चूतड़ों पर अपनी कमर की बेतहाशा झटके लगा रहे थे | दोनों के लंड रीमा के जिस्म में बहुत तेजी से गायब हो जा रहे थे | रीमा का पूरा जिस्म इतनी तेज ठोकरों से कांप रहा था | दोनों ने रीमा को कसकर दोनों तरफ से थाम रखा था इसके बावजूद उसका पूरा शरीर भीषण झटको से थरथरा रहा था हिल रहा था काँप रहा था और रीमा अपने जिस्म की बची खुची ताकत बटोर अपने जिस्म की सुरंगों को तो दो मुसल लंडो से चीरवा रही थी चुदवा रही थी | अपनी रीमा के बस में कुछ नहीं था यह रीमा को भी पता था | अब वह उन दो जिस्मों के बीच में किसी सैंडविच की तरह पिस रही थी | वह दोनों उसे दोतरफा धक्के मार के चोद रहे थे और वह उन दोनों के लंड को अपने जिस्म में पूरा का पूरा उतारने को मजबूर थी | मजबूर क्या यही तो उसकी चाहत थी दो मोटे लंड उसे ऐसे ही बेतहाशा चोदे और अब उसे दो मोटे लंड बेतहाशा ही चोद रहे थे | रीमा का उन लंडो पर कोई जोर नहीं था मुसल लंड अपनी सारी गर्मी की रीमा की चूत और गांड में उतारे दे रहे थे | जितनी ताकत गिरधारी और जितेश के जिस्म थी सारी ताकत अपने लंड पर लगाकर कर रीमा को पेल रहे थे | उनके जिस्म का सारा अस्तित्व ही रीमा के जिस्म के गुलाबी अंतर में उतर जाने में लगा हुआ था | उन्हें अब और कुछ नहीं चाहिए था बस रीमा के अंदर उसके गुलाबी छेदों की गहराई के आखिरी छोर तक उतर जाना चाहते थे और दनादन उतर भी रहे थे |
रीमा बस उन दोनों के रहमों करम पर उनके जिस्म से चिपकी हुई थी कि गिरधारी के पास ज्यादा जगह थी कमर हिलाने के लिए इसलिए उसकी कमर तो बिल्कुल सुपर फ़ास्ट स्पीड से हिल रही थी और उसका लंड रीमा की गांड में किसी इंजन में चलते हैं तेज पिस्टन की तरह चोद रहा था | रीमा बुरी तरह से हिल रही थी |
रीमा चुद रही थी और वह चोद रहे थे और वह भी बेतताशा चोद रहे थे कैसे चोद रहे थे जैसे उन्होंने कभी किसी औरत को नहीं चोदा था | रीमा भी ऐसे ही चुद रही थी जैसे वो जिंदगी में कभी नहीं चुदी थी | बिल्कुल बेतरबीब फुल स्पीड में नॉन स्टॉप दनादन सटासट अपना सब कुछ झोंक कर . . . सब कुछ गवा कर . . सब कुछ न्योछावर कर के . . पूरी तरह से उन दो मर्दो की गुलाम बनकर अपना पूरा जिस्म उन्हें सौंप दे रही थी ताकि अपने जिस्म की वासना मिटा सके | ये ऐसी चुदाई थी जो शायद रीमा को बरसों बरसों तक याद रहेगी क्योंकि इस तरह से दो मर्दो के हाथ की कठपुतली बनकर इतनी बेरहमी से . . इतनी बेदर्दी से . . इतनी वाहियात पाशविक तरीके. से शायद उसको भी अंदाजा नहीं था वैसे कुछ जानवरों की तरह चुद रही थी |
इस तरह की पासविक वासना को लेकर वह भी हैरान थी लेकिन जो भी हो रहा था और रीमा की मर्जी और मन के खिलाफ तो नहीं था | अपने मन की ही तो कर रही थी उसका जिस्म पूरी तरह से पस्त हो गया था . जिस्म पूरा थका हुआ था . . और पूरी तरह से जितेश और गिरधारी के हाथ में था | उसके हाथ पाँव जांघे कमर पूरी तरह से पस्त थे | उसके जिस्म की दो सुरंगे थी जो अभी पूरी तरह से आग की भट्ठी बनी हुई थी और उनको आग की भठ्ठी बनाने में बड़ा हाथ था इतनी तेज धक्कों का, जो रीमा की चूत और गांड में लगी आग को बुझाने की बजाय और भड़का रहे थे | उसने सपने में भी नहीं सोचा था ये वासना की यह आग रीमा को पूरी तरह से जलाकर खाक कर देने वाली थी ऐसी चुदाई होगी उसने भी नहीं सोचा था और ना ही उसको चोदने वालों ने सोचा था लेकिन वह सब हो रहा था जो उनमे से किसी ने नहीं सोचा था | वह दोनों की रीमा को दनादन सो चोद रहे थे और रीमा उन दोनों के जिस्म के बीच में पिसती हुई पूरी तरह से खुद को उनके हवाले करके उनसे बेतहाशा चुद रही थी |
रीमा के जिस्म पर पड़ रही दनादन ठोकरें रीमा के लिए बर्दाश्त से बाहर थी लेकिन मजाल है जो रीमा के मुंह से उफफ्तफ्कफ्फ़ निकल जाए वह अपने जिस्म की सारी ताकत बटोर के बस उन दोनों के मुसल लंडो को अपने जिस्म गुलाबी सुरंगों की गहराइयों को चीरता हुआ महसूस कर रही थी