Episode 07


दो घंटे सोने के बाद जब उठी तो घड़ी पांच बजा रही थी जब बैठ कर देखा तो सब बिखरा पड़ा था डिल्डो एक तरफ दुसरीं तरफ क्लिप ब्रा कहीं और पेंटी नीचे ब्लाउज गेट पर तब याद आया कि चुत की आग में कुछ भी याद नही साड़ी शायद हॉल में होगी ।

जल्दी से उठकर सब सामान को छुपाया और नई वाली ब्रा पेंटी पहनकर साड़ी पहनी और रूम को सही करके हाल से साड़ी और पेटीकोट उठाया फिर किचन में जाकर चाय बनाई

और सोफे पर बैठकर चाय की चुस्की के साथ प्रिया को फोन किया प्रिया ने फोन उठाया तो

उसको बोली ,--हाय दल्ली कैसे हो।

प्रिया ,--बोल रंडी ग्राहक भेजू क्या।

मैं,--भेज दे अब रण्डी बना ही दिया तो।

प्रिया ,--बोल दिन में चुदवायेगी या रात में।

में,--रेट बोल

प्रिया ,--दो हज़ार शॉट का रात भर का पांच।

में,--साली ज्यादा नही है क्या।

प्रिया ,--अब घिसी हुई चुत का इससे ज्यादा नही मिलेगा पर मेरा दलाली इसमें नही शामिल है वो में कस्टमर से खुद ले लुंगी।

मैं,--साली तू पक्की हरामजादी है मेरी चुत को फ़्री में घिसवा दिया।

प्रिया ,--तेरी ही चुत में खुजली चली थी घिसवाने की।

मैं,--यार में सोच रही हूँ एक बार सही में पैसे लेकर चुदवाया जाए।

प्रिया,--तू भी मेरी तरह कॉलगर्ल बनना चाहती है

मैं,--तू कब से बन गयी ।

प्रिया ,--अब यार पति से कुछ होता नही तो फोकट में क्यों मरवाऊंगी सोचा साला जब लण्ड ही लेना है तो पैसे क्यों छोड़ू।

मैं,--रियलि ,सच बोल रही हो,मुझे विस्वास नही होता।

प्रिया,--अब तुमसे क्या झूठ बोलना ,जब मूड होता है तो चली जाती हूँ ।

मैं,--कहाँ जाती हो।

प्रिया,--एक एस्कॉर्ट एजेंसी है उसमें रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है जब चुदने की इच्छा हो तो sms कर देती हूँ ।

मैं,--फिर उसमे फोटो भी डाली हुई है ।

प्रिया ,--ये कोई वो वाली एस्कॉर्ट एजेंसी नही है इसमें घरेलू औरतें सिर्फ जब एन्जॉय करने का मन हो तो जाती है फोटो की जरूरत नही बस फिगर डालना पड़ता है बाकी की जानकारी जैसे उम्र शादी का टाइम बच्चे वगेरह डालने से रेट तय होती है।

में ,--मस्त तरीका है यार पर कोनटेक्ट कैसे होता है ।

प्रिया ,-मेसेज से ,उनका मेरे पास आज तक फोन नही आया बस सिधे ग्राहक के पास जाना होता है काम हुआ पैसे लिए और भूल जाओ।

में ,--पर ग्राहक ने कुछ किया तो जैसे वीडियो बनाये या ओर कुछ।

प्रिया ,--उसमे उन लोगों ने ग्राहकों की कुछ लूज़ पॉइंट रखे है आज तक किसी ने मेरा नाम भी नही पूछा बस एक ही नाम होता है हर औरत या लड़की का हनी ।

मैं ,-वाओ तुम महीने के कितने कमा लेती हो,

प्रिया ,--कमाने कोन जाता है अब हर कोई अपनी लाइफ एन्जॉय करना चाहता है में कभी कभी वीकेंड पर जाती हूँ।

मैं,--ठीक है एक बार लिंक भेजना ।

प्रिया ,--पर तु उसमे मत जा ।

मैं,--क्यों ,मुझे एक बार देखना है रण्डी बनकर।

प्रिया ,--तभी बोल रही हूँ तुझे एक ही बार देखना है ना।
जिस दिन करना हो में रियल ग्राहक को बुला दूँगी उसको कुछ बोलना मत ,में तुझे उसके सामने रण्डी बनाकर अपने घर मे ही पेश कर दूंगी ।

मैं ,--ठीक है चल जब मूड होगा बोलूंगी ,
बाय।
फिर मेने सोचा एक बात तो जरूर बनूँगी एक दिन की रण्डी ,आखिर मुझे भी इस अनुभव का मज़ा लेना चाहिए ,चाहे कुछ भी हो।

तभी बेल बजी ,

कमला आयी थी बहुत थकी हुई लग रही थी ।

मेने उसको देखकर बोला ,--क्या हुआ बहुत थकी हुई लग रही हो।

कमला ,--हां ,सीमा भाभी ने थका दिया।

मैं,-ऐसा क्या काम करवा लिया सीमा ने

कमला,--अरे वो आपका दिया हुआ डिल्डो ने पूरा रस निकाल दिया ।

में,--ओह अब समझी मतलब उसका उदघाटन कर दिया आज ही।

कमला,--हां ,जान निकाल दी चोद चोद कर ।

मैं ,-तो क्या जरूरी था जब जान जा रही थी।

कमला,--अरे मज़ा आ रहा था गज़ब का सामान है वो उसमे जो कम्पन्न होता है तो इसा लगता है कि असल मे ही कोई चोद रहा हो ,चार बार झड़वा दिया ।

में ,--ठीक है अब खाना बना लो और घर जाकर रेस्ट करो ।

कमला खाना बनाने चली गयी।

मैं सोफ़े पर बैठकर मोबाइल में कुछ देख रही थी ।तभी फिर से बेल बजी,

इस बार मेने गेट खोला तो सामने अमित था जो आज जल्दी आ गया था आफिस से ।

उसने गेट बंद किया और मेरे को वहीं पकड़कर चूमने लग गया । में छूटने की पूरी कोशिश करने लगी पर उसने जबरदस्ती पकड़ कर किश करते रहा,

तभी रसोई से कमला तालियां बजाकर बोली ,'गुड शो'
में उससे छुड़ा कर बैडरूम में घुस गई और बेड पर उल्टी गिरकर रोने लगी ।

अमित भी पीछे पीछे रूम में आया और दरवाजा बंद करके मुझे मनाने लगा ।

मेने उसको डांट कर बोला कि पहले गेट खोलो और फिर अपना चेहरा धोकर कमला को अमित के लिए चाय बनाने का बोलने किचन में आ गयी ।

में बाहर सोफे पर आकर बैठ गयी ।

तभी अमित भी बाहर सोफे पर आकर बैठ गया और कमला ने चाय लाकर दी तो वो पीने लगा।दोनों चुपचाप बैठे थे ,

थॉडी देर में कमला खाना बनाकर बोली ,-भाभी मेने खाना बना दिया है, में जा रही हूं

मेने मन मे सोचा कि साली का पूरा पानी निकल गया आज तभी आज बिना कोई बदमासी के चली गयी।

उसके जाते ही अमित बोला ,--क्या हुआ तुम रो क्यों रही थी
मैं ,--तो क्या करूँ ,तुम ने मुझे पता नही क्या समझ के रखा है ।
अमित ,--ऐसा क्या कर दिया मेने।

मैं,--तुम को नही पता क्या किया

अमित ,--यार बताओगी तब ना।

मैं ,-अमित मेने तुमको एन्जॉय कराने में कोई कमी रखी है क्या तुम्हारी खातिर उस हरामी बूढ़े से अपने बूब्स मसलवा लिए।

अमित ,--तो उसमें मज़ा भी दोनों को आया ना।

में ,--तो इसका मतलब तुम कहीं भी चालू हो जाओगे जब कि में कुछ बोलना चाहूं तो बोलने भी नही दो

अमित ,--पर मुझे क्या मालूम कमला अंदर है और तुम्हारे वाट्सएप की वजह से मेरा मूड दूसरा था

में,--तो मूड होने का मतलब क्या हुआ ,अब उस नोकरानी के सामने करो , क्या इज्जत रह गयी मेरी ऐसे ही उसको संभालना मुश्किल है।

अमित ,--तो उसने तुमको ही रखा है ना ।

में ,--तुम बोलो तो निकाल दूँ काम से ,पर उसकी वजह से भी कभी कभी मूड भी बन जाता है और तुमको भी उसे देखकर अच्छा लगता है।

अमित ,--सॉरी यार पर तुम ही उसके बारे में उकसाती रहती हो

में ,--देखो अमित मेने अपने बारे में तुमको सबकुछ बता दिया और अपनी तरफ से तुमको खुश करने की हर संभव कोशिश की है तुमको अच्छा लगता है इसलिए मज़ा लेने के लिये जो भी किया अकेले में किया पर इसका ये तो मतलब नही की तुम उसके सामने सेक्स करो ।

अमित ,-तो चलो सबसे पहले में तुम्हे आज अपने बारे मे सबकुछ बता देता हूँ लेकिन वादा करो कि तुम मुझे उसके लिए बाद में ताने नही मारोगी ।

में ,--जैसे तुम मेरे साथ मेरी कहानी सुनकर ट्रीट करते हो में भी वही करूँगी, प्रोमिस।

अमित ,--ठीक है फिर सुनो मुझे बच्पन से ही सेक्स का ज्ञान हो गया था और वो कराया गांव में पड़ोस वाली चंदा आंटी ने ,।

में एक बार में अपने दोस्त के साथ खेल रहा था तो खेल कुछ ऐसा था कि उसमें एक पत्थर को दूसरे पत्थर से मारना होता था अगर लग गया तो जितनी दूर वो पत्थर जाता उतनी दूर मारने वाले को पीठ पर लाद के ले जाना होता था ।

खेल खेल में हम जब पीठ पर होते तो अपना लण्ड निकाल कर दूसरे की पीठ पर चढ़ते थे ऐसा करने से मजा आता था ।

एक दिन चंदा आंटी ने हमें देख लिया और मुझे अपने घर मे बुलाया, मैं डर गया क्योंकि उसने मुझे लण्ड को उसकी हाफ पैंट पर रगडते देख लिया था।

उसने पहले तो मम्मी को बोलने की धमकी दी फिर जब उसको लगा कि में उसके वश में हूँ तो वो उसने मुझे सेक्स का संसार दिखाया ।

जिसमे सेक्सी कहानियों की किताब से लेकर मेरे चाचा की लड़की को चुदवाना औऱ अंकल से मैरी गाण्ड मरवाने तक पूरा ट्रेंड कर दिया वो खुद भी मुझसे चुदवाती थी लेकिन उसने मुझे गाँड मरवाने का आदि बना दिया ।

जो गाँव से लेकर पूना में कॉलेज तक चलता रहा कॉलेज में होस्टल में एक साल तक सीनियर लड़का जो मेरा रूम मेट था लगातार मेरी गाण्ड मारता था लेकिन एक साल बाद जब वो आगे की पढ़ाई के लिए निकल गया

तब मेरी दोस्ती लता से हुई और दो साल कॉलेज टाइम में मैने उसको बहुत बार चोदा फिर उसकी शादी हो गयी ओर में पोर्न का आदि हो गया ।

मुझे पोर्न देखकर मूठ मारने के अलावा गाण्ड में भी अंगुली डालने से मज़ा आने लगा बाद में मोमबत्ती डालकर पोर्न स्टोरी पढ़ने लगा ,एक ही तरह की कहानी से बोर होने से वक्त के साथ मुझे कहानियों में भी अलग अलग तरह के बदलाव अच्छे लगने लगे और इन्सेन्ट ,स्वैप ,कूकहोल्ड ,BDSM,सब तरह की कहानियों पढ़ने लगा ।

जो तुम से शादी के पहले तक जारी था ।

पर तुम ने मुझे एक नई दुनिया मे पहुंचा दिया जहां मुझे असली सेक्स का आनंद का पत्ता चला।

इतना बोलकर वो चुप हो गया ,

में तब उठकर रसोई में गयी और खाना निकाल कर दोनों खाने लगे ।

तो में बोली ,--ठीक है मुझे तुमसे इस बात की कोई शिकायत नही है की तुमने पहले क्या किया । पर में भी एक घरेलू लड़की हूँ और तुम ने मुझे एक वेश्या कि तरह ट्रीट करना चालू कर दिया ।

अब में तुम्हारी बोवी हूँ और तुम को जो चाहिए वो तुम बोल भी सकते हो लेकिन तुम खाली मुझे ही बोलो की कहानी सुनाओ तुम भी अपनी चॉइस बता सकते हो कल रीता से बात करके मुझे बहुत अपराध बोध हुआ कि मैने गलत काम किया ,आज दिन में भी कई बार मन मे आया कि मुझे रीता के बारे में तुमको नही बताना चाहिए था।

अमित ,--ठीक है आज के बाद जो भी मुझे अच्छा लगेगा में खुद तुमको बोलूंगा और तुम्हारी इमेज भी बनी रहे उसका ध्यान रखूंगा ठीक है ।

में अमित की कहानी सुनकर मन मे खुश थी कि चलो पता तो चला कि क्या हुआ था पर अमित पर दबाव बनाने का भी क्लू मिल गया कि आगे कैसे ये मेरा गुलाम बनकर रहेगा।

खाना खाकर में किचन में गयी और बरतन धो कर जब बैडरूम में गयी तो अमित उदास बैठा था।

मेने मन मे सोचा कि अब आएगा मज़ा जब तक ये खुद किसी सब्जेक्ट पर अपने मुहँ से नही बोलेगा में अपनी तरफ से पहल नही करूँगी।

मेने बैडरूम में जाकर अपने कपड़े खोले और सिर्फ ब्रा पेंटी में जाकर उसको किश किया और बोला ,--सरप्राइज नही पूछोगे ,।

अमित के चेहरे से उदासी की जगह मुस्कान आ गयी वो मेरी ब्रा खोलने के लिए उठा

मैने उसकी कैप हटा दी दोनों निप्पल बाहर आ गयी फिर पैंटी की कैप खोलकर बोली ,--लो मे नंगी हो गयी अब तुम भी बर्थ सूट में आ जाओ ।

अमित ,--वाओ मस्त ब्रा पेंटी लाई हो खरीद कर ,अब खुल के बोलो ना कि अपनी मोम की चुत से जैसे निकले थे वैसे हो जाओ।

वो तुरंत नंगा हो गया और मेरी चुत को चाटने लगा।

मेने उसको कहा चाट ले इसको बहुत रस भरी है ये।

इसका रस पीने वाले तुम दूसरे मर्द हो और गरम सिसकिया लेने लगी ।

लगभग पंद्रह मिनट तक चुत चाटने के बाद अमित बोला ,--अब सरप्राइज तो बता दो ।

तो मैने कहा कि रीता की सील पैक है तुमको चिंता करने की जरूरत नही है ।

अमित बोला ,--तुम को किसने बताया ।

में ,--रीता ने खुद बताया फिर उसको बिस्तर पर गिराया और बोली अब चोद दो मुझे।

अमित ,--एक शर्त पर ।

में ,-बोलो ।

अमित ,-- मुझे आज भी रीता की बातें सुननी है ।

में ,-बहनचोद है तू ।

अमित ,--हां एक बहन तो चोद चुका हूं और कई बार रीता को सोचकर मूठ मारी है।

और फिर वो मेरे ऊपर आकर लण्ड की चुत में डाल दिया

अमित मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था उसका लण्ड मेरी चुत में था लेकिन वो चोद नही रहा था में सोच रही थी कि देखती हूँ कितना देर तक नही चोदता है

तब मैंने कहा ,"यार मुझे अच्छा नही लग रहा ,जब रीता को पता चलेगा तो में क्या मुंह दिखाउंगी उसको ।

अमित ,--पर उसको पता कैसे चलेगा कोन बोलेगा मैं या तुम ।

मैं,--यार कभी उसके सामने जाना पड़ा तो और फिर एक बात और मेने सोचा है कि जब तक मेरी जॉब नही लगती कुछ दिन उसको बुला लेते है नही तो तुम्हारे मोम डेड के पास भी गलत मेसेज जाएगा कि बहु ने बेटे को परिवार से अलग करके रख दिया ।

अमित ,--तुम सोचती वो बहुत अच्छी बात है पर बात करने से उसकी चुदाई तो नही हो गयी जो इतना चिंता कर रही हो, बस उसके सामने वापस नॉर्मल बिहेव चालू कर देना और तुमको क्या लगता है उसे तुम्हारे अलावा उसे बताएगा कोंन या फिर वो कोई जिन्न है जो इतना दूर से सुन लेगी।

मैं ,--पर अपने दिल को कैसे समझाऊं

अमित ,--कुछ समझाने की जरूरत नही है बस ये मान लो कि वो मेरी बहन नही है तुम्हारी सहेली है बस और तुमको में एक और बात बता देता हूँ मुझे मोम सन की सेक्स स्टोरी भी बहुत अच्छी लगती है और मैने कई बार मोम की कल्पना करके लण्ड हिलाया है ।

मैं ,--तूमको उस चंदा आंटी ने पूरा गांडू बना दिया साला तू अपनी मोम को किसी से चुदवाते सोचकर भी मूठ मारी होगी ।वो अच्छा हुआ कि तेरा लण्ड चोदने लायक है ,नही तो तू गे बन गया होता और मेरी जिंदगी बरबाद हो जाती, ।

फिर कुछ सोचकर मेने अपना फोन उठाया और उसमे रेकॉर्डिंग खोज कर चालू किया औऱ बोली सुन बहनचोद ।

रेकॉर्डिंग फोन में चालू होते ही,

रीता ,--हलो हलो हलो

मैं ,--क्यो चिल्ला रही है

रीता ,-मेने सोचा रात में पूरी बात नही हो पाई थी तो सोचा अभी आप अकेली होगी।

में,--मतलब अभी वापस भाभी बन गयी क्या।

रीता ,--ये मेने कब कहा ।

में ,--रात में तो तू तड़ाक कर रही थी अभी आप हो गयी।

रीता ,--अब एक दिन में आदत थोडे ही जाएगी।

में ,--अब आदत बदल लें बहुत जल्द तुझे भी शादी कर औरत बनना है।और फिर ये बहाना नही चलेगा, कब तक लड़की बनके रहेगी।

रीता ,--तुम तो बस बात करते ही शुरू हो जाती हो।

में ,--तो तूने क्या अपनी चुत मरवाने को रात की बात से शुरूआत की।

रीता ,--ओह्ह साली काश मरवा ली होती ।

में ,- क्यो तुम तो बोली ना रात में की किसी ने पूरे शरीर पर हाथ फिराया है ।

रीता ,--बस हाथ ही फिराने दिया था वो तो पूरा तैयार था बस मेरी ही हिम्मत नही हुई कभी इससे आगे कुछ करने की।

मैं ,--कोन था वो खुश नसीब जो मेरी बहन के कच्चे टिकोरों को पहली बार छुआ था।

अमित ये सुनते ही जोश में आकर चोदते हुए मेरे बूब्स को जोर से मसल दिया ,

मे रेकॉर्डिंग रोक कर बोली ,--

बहनचोद ये रीता के कच्चे टिकोरे नही तेरी बीबी के पके हुए आम है जो तू इतनी जोर से मसल रहा है।

अमित ,--ओह्ह.....बहन को लोड़ी तूने उसे जब बहन बना लिया तो थॉडी देर के लिए साली बन जा

मैं,--आहहहह .…...साले तू रीता के चक्कर मे मेरे बूब्स उखाड़ेगा क्या।

अमित ,--तुझे मज़ा आता हैं ना ऐसी बातें करके वापस चालू कर ना उसको।

मैं,--पक्का गांडू बना दिया उस रण्डी चंदा ने तेरे को जो अपनी बहन की बातें सुनकर मज़ा आता है ।

अमित ,--साली करना है तो कर भाव मत खा ज्यादा ।

मैं ,--ओहो ,जीजाजी तो रूठ गए है प्लीज जीजू चोद दो अपनी इस साली रीता को ।

और फिर वापस रेकॉर्डिंग चालू कर दिया ।

रीता ,--एक तो मेरी सहेली का भाई सलीम नाम था उसका।

में ,--साली इसका मतलब और भी थे हाथ फिराने वाले,वैसे कुल कितनो से करवा लिया अच्छा हुआ तूने सिर्फ हाथ ही फिरवाया नही वो तो सिर्फ तुझे चोद कर छोड़ देता ।कभी शादी नही होती उससे

रीता ,--हम्म, मुझे उसकी बहन सबीना ने उकसाया था जब भी उसके घर जाती वो अपने भाई को मेरे पीछे लगा देती थी।

में ,--फिर ।

रीता ,--एक दिन उसने मेरे बूब्स पकड़ने की कोशिश की लेकिन में भाग आयी उसके बाद सबीना से दोस्ती खत्म कर ली।

मैं,--चलो अच्छा हुआ क्या क्या किया उसने ।

lरीता ,--उसने तो कुछ नही किया था पर सबीना ने किया था पर उसको बूब्स से नीचे कभी छूने नही दिया ।

मैं ,--साली क्यो पका रही है असली बात बता ना।

रीता ,--बहुत जल्दी हो रही है सुनने की।

मैं,--आह....बोलना है तो बोल इस समय मेरी अंगुली चुत में घुसी हुई है ।

रीता,--क्यों रात में मेरे भे......सॉरी जीजु ने ठंडा नही किया ।

मैं ,--अरे तेरी बातें सुनकर गरम हो गयी तू अपने जीजू को बोल दे फोन करके मेरी प्यास भुजा दे आह......

रीता,--हा हा हा चल में ही बोलती हूँ मेरी नीचे वाली पर हाथ फिराया था कॉलेज में एक बॉयफ्रेंड विक्रम ने ।

मैं ,-में तेरी गाँड मार दूँगी बोलना है तो शुरू से बोल वरना छोड़ दे।

रीता ,--मेरा बॉयफ्रैंड था कॉलेज में विक्रम, उसने पहले दोस्ती की फिर वो धीरे धीरे मुझे अच्छा लगने लगा ,में भी उसके साथ घूमने लगी और फिर एक दिन मुझे किश करके प्रपोज किया मेने भी उसे किस करके स्वीकृति दे दी ।

मैं ,--साली कुतिया जल्दी बोल मेरा पानी छूटने वाला है अब।

रीता ,--उसने एक दिन मुझे फ़िल्म देखने के लिए कहा जब सिनेमा हॉल में पहुंचे तो दो सीट वाला केबिन लिया और उसने फ़िल्म भी ऐसी चुनी की खाली गरम सीन से भरी थी उसी दिन उसने पहली बार मेरे बूब्स पर हाथ फिराया और मैने भी पहली बार उसके लण्ड को हाथ से हिलाया था।

मैं,--अहह...आगे बढ़ ।

रीता ,--फिर तो रोज का काम हो गया गार्डन हो या कोई सुनसान जगह ये सिलसिला बढ़ता गया और फिर धीरे धीरे वो मेरे बूब्स को चूसने लगा और मेरी मुनिया को भी हाथ फिराने लगा मुझे भी अच्छा लगता था इसलिए उसको लण्ड को मुहँ में लेकर चूसने लगती ।

मैं ,--अहह.... रुक मत साली नही तो तेरे जीजा से गाँड मरवा दूँगी ।

रीता ,--अब बड़ी बहन हो मुझे तो आप जो आदेश देंगी मानना ही पड़ेगा।

अमित पूरे जोश में चोदे जा रहा था पर आज उसका पानी छूटने का नाम ही नही ले रहा था जबकि मेरी चुत कभी भी पानी बहाने को तैयार थी इधर रिकॉर्डिंग चालू थी।

रीता ,--एक दिन उसको कॉलेज में मौका मिल गया में भी उसके साथ छत पर थी तो उसने मेरे बूब्स चूसकर पूरा गर्म कर दिया था में भी उसके लण्ड को सहला रही थी छत की दीवारें ऊंची थी इसलिए दोनों एक कोने में खड़े होकर चालू थे तभी उसने मेरी जीन्स निचे करके मेरी पेंटी को खिसका कर चुत से मुंह लगा दीया ,मेरी तो हालात खराब हो गयी और चाहती थी कि मुझे वहीं छत पर चोद दे पर तभी सीढ़ी से किसी के आने की आवाज सुनाई दी मेने जल्दी से जीन्स ऊपर की और जल्दी से सीढ़ियों की ओर दौड़कर नीचे आ गयी।

मैं ,--आहह....

उसके बाद रोकॉर्डिंग रूक गई थी और में भी झड़ने के कगार पर थी ।अमित भी लास्ट स्टेज पर था तभी मेने उसकी गांड में अंगुली डाल दी और उंगली डालते ही उसके लण्ड की जोरदार फुहार मेरी चुत में महसूस हुई और दोनों का पानी चुत में मिक्स होने लगा ।

आज अमित ने चुदाई से पहले मेरी चुत को चाटकर मुझे उसके साथ झड़ने पर मजबूर कर दिया अगर में अपने आप को कंट्रोल नही करती तो निश्चित ही दो बार झड़ती लेकिन एक चीज जो मेरे समझ मे आयी वो ये की उसको अगर चुदाई से पहले से कोई उतेजक बात बोल दो तो वो ज्यादा देर नही टिकता।

अमित अब मेरे बगल में सोया था उसका हाथ मेरे पेट पर था और वो थोड़ा नर्वस लगा ।

तो मैने पूछा ,--क्या हुआ जानू ,

अमित ,-सोच रहा हूँ तुम मेरे बारे में क्या सोचती होगी कैसा आदमी है ।

में अपना हाथ उसके छाती पर रखते हुए ,--में सोच रही हूँ इस बहनचोद की गाँड कैसे मरवाऊंगी,

अमित ,--तुम को अजीब नही लगा

मैं,-इसमें क्या अजीब था सब की अपनो फैंटेसी होती है मेने सेक्स कहानियों में पढ़ा है ।

अमित ,-मतलब तुमको मेरे बारे में जानकर बिल्कुल भी हैरानी नही हुई।

मैं ,-- हुई ना अब तुम मेरी मसाज कब करवा रहे हो

अमित ,--मुझे चूमकर जब तुम बोलो।

मे ,--शैतान , वो बूढा बहुत हरामी है

अमित ,--पर है परफेक्ट अपने लिए ।

फिर में उसके सीने से लगकर सो गयी

फ्राइडे रात में अमित आया और अपने कपड़े खोल कर सिर्फ बरमूडा पहनकर रूम से बाहर आया।

में बाहर हॉल में टेलीविजन देख रही थी वो सीधा किचन में गया और अपना पीने का सामान फ्रिज से निकाल कर लाया, फिर सोफे पर बैठकर दो पेग बनाने लगा ।

में उसको चोर नजर से देख रही थी और उसको दिखा रही थी जैसे मेरा ध्यान सिर्फ़ टी वी देखने मे हौ ।

उसने कुछ पावडर जैसा मेरे पेग में डाला और फिर बोला ,--डार्लिंग चियर्स।

मैं,--मेने तुमको बोला था ना में नही पियूंगी और तुम भी फिर से पीने को बैठ गए ।

अमित ,-पर तुमने जो कारण बताया था वो तो अब समस्या ही नही है।

मैं ,-पर तुमने उस दिन प्रोमिस किया था कि वो लास्ट पेग था ।

अमित सोफ़े से उठा और मुझे बाहों में उठाकर गोद में बिठा लिया और बोला ,--अब चुपचाप पीयेगी या जबर्दस्ती मुँह में डालू ।

मैं ,-पर मुझे पीने के बाद होश नही रहता ।

अमित ,-तो हो जा ना मदहोश।

मैं,-पिछली बात पी थी तो तुम बाद में शिकायत कर रहे थे की गालियां दी थी।

अमित ,--तो दे ना किसने रोका है अच्छी लगती है तुम्हारे मुंह से गाली ।

चल अब बन्द कर अपनी नोटँकी।

फिर उसने अपने हाथ से एक गिलास उठाकर मेरे मुंह से लगाया और मुझे पिलाने लगा ।

में उसकी गोद से उठकर बगल में बैठ गयी और उसको भी दूसरा गिलास पकड़ाया ,

दोनी धीरे धीरे घूंट लेने लगे और साथ मे पास में रखे ड्राई फ्रूट खाने लगे तभी अमित ने मुझे साइड में रखा सिगरेट का पैकेट पकड़ाया ,

में उसके मुंह की तरफ देखने लगी कि कुछ बोलेगा लेकिन जब वो कुछ नही बोला तो मेने एक सिगरेट निकाली और जलाकर एक बार पीकर उसके मुंह मे लगा दी।

वो सिगरेट पीने लगा और मुझे भी अपने हाथ से पिलाने लगा ,सिगरेट खत्म होते ही उसने मेरी साड़ी पिन निकाल दी और खड़ा करके साड़ी निकाल कर फेंक दी।

और अपनी गोद मे बिठा लिया और अपना एक हाथ मेरे बूब पर रखकर दूसरे हाथ से गिलास उठाकर मेरे होठों पर लगा दिया मेने एक घूंट पिया और बोली ,जानू कितनी पिलाओगे ।

अमित ,--यार कोनसा रोज पीते है वीकेंड में एक दिन ही तो पीना है इसमें भी तुमको लगता है कि ये भी इमेज खराब करने वाला काम है

उसका दूसरा हाथ मेरे ब्लाउज के बटन खोलने में व्यस्त था मेने हाथ पकड़ना चाहा तो उसने कहा ,अब तो कमला भी नही है अब क्यों रोक रही हो।

मेने सोचा अगर जरूरत से ज्यादा संस्कार दिखाए तो काम खराब हो सकता है इसलिए खुद ही बाकी बटन खोलकर ब्लाउज को बाहर कर दिया और उसको निकाल दिया ।

उसने अपना हाथ ब्रा में घुसा दिया और निप्पल से खेलते हुए सिगरेट सुलगाने को कहा और दूसरे हाथ से गिलास उठाकर खुद भी पी रहा था और मुझे भी पिला रहा था मेने सिगरेट सुलगायी और जब देखा कि उसके दोनों हाथ बिजी है तो खुद भी पीने लगी और उसको भी पिलाने लगी।

तभी मेने नशा होने की एक्टिंग की और खड़ी होकर अपना पेटीकोट का नाडा खोल दिया पेटीकोट जमीन पा गिर गया और फिर मेने दोनों पैर को साइड में रखके उसके मुहँ की तरफ मुह करके उसके पैरों पर बैठ गयी

अब दोनों के मुह के बीच सिगरेट जितना फासला था और एक दूसरे का छोड़ा हुआ धुँआ सीधे एक दूसरे के मुंह पर टकरा रहा था तभी अमित ने शराब मुँह में भर ली और मेरे मुंह पर टिकाकर सीधे मुहं में पीला दी मेने भी अपने मुंह मे भरकर उसको पिलाई ।लगभग एक डेढ़ घंटे तक दोनों एक दूसरे के साथ छेड़छाड़ करते हुए पीते रहे ।इस तरह से दोनों ने पूरी बोतल शराब की खाली कर दी थी ।

तभी अमित बोला ,-डार्लिंग पहले खाना खा लेते है ।

मुझे शराब का नशा चढ़ चुका था पर इतना भी नही की नही की होश न रहे।

पर मैने अपने आप को जितना नशा था उससे ज्यादा दिखाते हुए कहा ,-ब..ह..न चो...द
खाना तेरी बहन आके लगाएगी जा लेकर आ और गोद से फिसलकर गिरने का नाटक किया ।

अमित ने जल्दी से मुझे संभाला और पकड़कर सोफ़े पर बैठाया । में सोफे पर पीछे पीठ टिका कर बैठ गयी और पैर टेबल पर फैला लिए।

अमित किचन में गया और खाना लाकर टेबल पर रखा में सोफ़े पर सिर रख कर आँखे बंद किये सोने का एक्टिंग करने लगी ।

अमित मुझे हिलाते हुए बेबी खाना खा लो
मैं ऊंघते हुए ,--खिला दे ना अपने हाथ से मुझे

अमित को में इस तरह से आदेश दे रही थी जैसे में उसकी मालकिन हूँ और वो मेरा गुलाम हो।

अमित अपने हाथों से मुझे खाना खिला रहा था साथ ही खुद भी खा रहा था खाना खिलाने के बाद उसने बरतन उठाये और किचन में रखने गया वापस आया।

तो मैने कहा चल ये अपना बरमूडा खोल और मुझे एक सिगरेट दे जला के ।

अमित को बहूत जोर का झटका लगा ये सुनकर पर उसने जो गलती की थी मुझे शराब पिलाने की उसकी सजा तो उसको भुगतनी ही थी इसलिए बेचारा अपना बरमूडा खोलकर नंगा हो गया

उसका लण्ड पूरा सख्त था फिर उसने एक सिगरेट जला कर मुझे दी मेने सिगरेट लेकर पीना चालू किया और बोली ,--चल अब बेठकर मेरी चुत चाट ।

अमित मेरे पैरों के बीच मे आ गया और मेरी पेंटी को साइड में करके चुत चाटने लगा में उसके मुंह पर सिगरेट को धुँआ छोड़ते हुए चुत चटवाती रही ,

सिगरेट खत्म हुई तो मैने उसको बोला,--हरामी की औलाद तुझे चुत चाटना नही आता क्या ये पेंटी तेरा बाप खोलेगा क्या ।

औऱ लड़खड़ाते हुए खड़ी होने लगी अमित ने तुरंत मुझे पकड़ा और फिर पेंटी को नीचे खिसकाया तो मैने दोनों पैरों को एक एक करके ऊपर किया और पेंटी को दूर उछाल दिया फिर अपनी ब्रा का हुक खोल कर उसे भी दूर फेंक दिया

और डाइनिंग टेबल की तरफ जाकर उस पर लेट गयी और बोली चल अब ठीक से चाटना नही तो तेरी गाण्ड फाड़ दूँगी।

अमित बेचारा मरता क्या न करता टेबिल पर झुककर मेरी चुत चाटने लगा जीभ निकाल कर और में नशे में जोर जोर से चिल्लाती रही ओर गालियां भी देती रही।

उसको चुत चाटने हुए 10 मिनट हुए होंगे कि मैने उसको लात से दूर किया और टेबल से लड़खड़ाते हुए नीचे उतरने लगी,

उसने फिर मुझे सहारा देकर खड़ा किया तो में बालकनी की तरफ जाने लगी ।

अमित भी मेरे पीछे पीछे आया हाथ पकड़ा और बोला,-- क्या कर रही हो ।
नीचे से लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे ।

में ,--मुझे बालकनी में चुदवाना है चल ।

अमित ,--पागल हुई है क्या नीचे रोड से लोग को दिखेगा।

मैं नशे में होने की एक्टिंग करते हुए ,--साले फट्टू ,बालकनी की लाइट बन्द करलो अंधरे में क्या घंटा दिखेगा चल।

फिर मेने उसका हाथ पकड़कर लाइट बंद की और रैलिंग पकड कर नीचे देखकर झुक गयी और अपनी गांड पीछे की और कर दी ।

अमित पीछे से आया और मेरी चुत में लण्ड लगाकर एक जोर से शॉट मारा ,जिससे मेरी चीख निकल गयी।

निचे रोड पर कुछ लोग थे जो इधर उधर जा रहे थे लेकिन किसी का ध्यान मेरी चीख पर नही गया ,में अब इतना ही जोर से सिसकिया ले रही थी कि अमित तक ही पहुंचे और नीचे देखते हुए चुद रही थी।

मुझे एक अलग तरह का रोमांस अपने मन मे महसूस हो रहा था कि कैसे बालकनी में खड़े होकर पीछे से चुद रही हूं।और अगर रोड के उस तरफ सामने वाली बिल्डिंग से कोई भी देखकर समझ सकता है कि सामने वाली बिल्डिंग में चुदाई हो रही हैं पर अंधेरे की वजह से पहचान नही सकता ।और अगर किसी को दिख भी रहा होगा तो वो दुआ कर रहा होगा कि काश लाइट जल जाए ताकि लाइव शो देखने को मिल जाये

अमित भी लगातार शॉट लगाए जा रहा था शायद उसने भी कभी नही सोचा होगा कि कभी इस तरह भी अपनी बीबी को चोदेगा ।

लगभग दस पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद मुझे झुके रहने से दर्द होने लगा तो में खड़ी हुई जिससे अमित का लण्ड बाहर निकल गया तो मैने उसका हाथ पकड़ा और गेस्ट रूम में लेकर आई ।

फिर उसको गेस्ट रूम में बेड पर धक्का देकर गिराया और उसके लण्ड पर बैठ गयी और बैठे बैठे चुदते हुए बोली ,-साले तूने वियाग्रा खाई है ना ,अब देखते है कोन पहले डाउन होता है ।

अमित भी नीचे से धक्का लगा रहा था और उसका हाथ मेरी उन्नत चुचियों पर था वो भी लगातार मेरी चुत को भोसड़ा बनाने में लगा था।

अमित ,--ओहो......साली तू दारू पीकर नशीली हो जाती है और पीने के बाद ज्यादा मज़ा देती है

में ,-आह ......अभी देखा कहाँ है तूने साले तेरी माँ चुदवा दूँगी देखना ।

दस मिनट चुदवाने के बाद मेने सोचा अब गेस्ट रूम का भी चुदाई से उदघाटन हो गया इसलिए अब दूसरा रूम जो बचा है उसमें भी चुदवा लिया जाए इसलिए अमित के लण्ड पर से खड़ी हुई और बोली चल आज घर के हर कोने में चुदना है इसलिए दूसरे बैडरूम में चल कर चोद ।

बाहर हाल में आई तो गला सूखने लगा इसलिए नंगी ही किचन में गयी और पानी की बोतल निकाल कर पूरी बॉटल पी गयी ,पीछे से अमित भी आ गया और बोला,--- एक राउंड किचन में हो जाय।

फिर उसने मुझे किचन में स्लैब पर बिठाया और खड़े खड़े चुत में लण्ड डालकर चोदने लगा ।आज पहली बार बैठ कर चुदवा रही थी जो चुत में अलग ही सेन्सेसन पैदा कर रहा था ।

मेने अपने हाथ उसकी छाती पर रखे और उसकी निप्पलों को जोर जोर से मसलने लगी पर उसके हाथ मेरी गाँड को पकड़े थे उसके हर बार घक्के से में पीछे हो जाती थी जिससे वो अपने दोनों हाथों को गाँड से पकड़ कर वापस आगे ला रहा था,।

वो चोदते समय मेरी आँखों मे देख रहा था में भी उसकी आंखो में देखकर चुदवा रही थी पूरी बेशर्मी के साथ ।

तभी मेने अपना एक हाथ उसकी गोटियों पर रखा और बोली,--- साले देखती हूँ तेरी इन गोटियों में कितनी देर तक पानी रुकता है अभी सारा पानी एक साथ निकलने वाला है।

जब रसोई में काफी देर चुदाई हो गयी तो वो बोला,-- चल अब दूसरे बेडरूम में तुझे कुतिया बनाकर चोदता हूँ।

में भी नशे में एक्टिंग करते बोली ,--बना ले कुत्ते चल देखती हूँ तू कितना बड़ा कुत्ता है

में उसके साथ दूसरे रूम की और चलने लगी तभी मुझे लगा एक बार टॉयलेट जाना पड़ेगा तो में थोड़ा लड़खड़ाने लगी । जिससे अमित ने मुझे पकड़ लिया ।

तो मैने कहा,-- पहले मुझे टॉयलेट लेकर चल वो मुझे सु सु करनी है ।वो मेरा हाथ पकड़कर बाथरूम में लाया तो मेने कहा,-- तूने किसी को औरत को मूतते हुए देखा है क्या।

अमित ने ना में सिर हिलाया तो मैने कहा,-- चल देख कैसे एक औरत की चुत से मूत्र निकलता है ।

फिर उसका हाथ पकड़ के सामने बैठने को कहा और सामने में खड़ी होकर अपनी चुत को दोनों हाथों से चोडा करके उसको बोली,-- देख इधर मेने अपने दोनों हाथ से चुत को पूरा खोल कर लाल रंग दिखाया ।

तभी मूत्र की धार निकली और मूत्र की धार सीधी उसके मुंह पर गिरी क्योकि मेने पहले शराब पी ली थी फिर खाने के बाद पानी पी लिया और फिर पूरी पानी की बोतल खाली कर दी थी इसलिए टंकी फुल थी।

मुत्त कि धार भी बहुत दूर तक गयी जौ उसके मुंह के अलावा पूरे चेहरे को भिगो दिया वो भी चुत को देखने के चक्कर मे वही बैठा रहा जब तक मेरी टंकी खाली नही हुई और जब तक टंकी खाली होती वो पूरा मेरे मूत्र से भीग गया।

मेने मन मे सोचा साला को मुत्त पिला दिया तभी अमित खड़ा हुआ और शॉवर चालू किया और मुझे भी अपने साथ पानी के नीचे छींच लिया दोनों पानी मे नहाने लगे ।

उसका लण्ड पूरा सीधा खड़ा था शायद उसने आज कुछ दूसरा टेबलेट खाया था तभी डाउन नही हो रहा था तभी मेने उसका लण्ड अपनी चुत में लेने के लिए अपनी चुत को लण्ड पर दबाया वो समझ गया और पानी के नीचे ही लण्ड को चुत में डालकर खड़े खड़े चोदने लगा।

दोनों के शरीर चिपक गए थे इसलिए पानी बीच मे से होता हुआ लण्ड पर गिरकर चुत में जाने लगा जिस से चुदने का मज़ा बढ़ गया ।

जब दोनों खड़े खड़े चुदाई से थक गए और अलग होकर तोलिये से शरीर को पोंछा और फिर बैडरूम में पंहुच गए ।

बैडरूम में बेड पा गिरकर अमित ने मेरी टांगों को मोड़ दिया जिसे मेने अपने हाथ मे पकड़ लिया और फिर अमित ने अपना खूंटा मेरी चुत में गाड़ दिया और गाड़ी चलाने लगा ।

थॉडी देर बाद उसने पोजीशन बदली और वापस मिसनरी स्टाइल के चोदने लगा ।मेने भी अपना हाथ उसकी गाँड पर लेजाकर अपनी एक अंगुली उसकी गाँड में घुसा दी। अमित के मुँह से कामुक सिसकारी निकल गयी ....
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