Episode 25
टेक्सी ड्राइवर एक बूढा आदमी था जो गाड़ी चलाने में ध्यान दिये हुए था इसलिए मेने धीरे से सरजू देवी से पूछा ।
मैं ,--मम्मी ये अंदर की क्या बात बोल रही थी सुमन ।
सरजू ,--उसने अंदर भी अपनी कलाकारी की है ।
मैं ,--ऐसी क्या कलाकारी कर दी जो आप मुझे वहां से भगा लायी ।
सरजू ,--अभी होटल में देख लेना ।
में ,--पर होटल में तो सुनील अंकल यानी मेरे असली ससुर जी भी होंगे ।
सरजू ,--तो क्या हुआ अब तो तुझे उनके साथ सबकुछ करना ही है ।
मैं ,--पर मुझे अजीब लग रहा है ।
सरजू ,--कुछ अजीब नही लगेगा आज जो भी होगा तुम्हारे सामने ही होगा ।
मैं ,--आप क्या बोल रही है ऐसा कैसे संभव है ।
सरजू ,--में तुम्हारे ही भले के लिए कर रही हूँ जब तेरी सास तुम्हारे सामने नंगी रहेगी तो तुझे शरम नही आएगी ।
में ,--पर आज तो आप की सालगिरह है।
सरजू ,-मुझे पता है अभी तीन बजे है और आधे घण्टे में हम होटल पहुंच जाएंगे उसके बाद एक बार मे हम दोनों को करना है उसके बाद से तुम्हारी गोद भराई का काम शुरू करना है ।
में ,--पर तब तक शाम हो जाएगी और मुझे घर जाना पड़ेगा क्योंकि आपका बेटा घर आ जायेगा ।
सरजू ,--तू पूरी बात सुनती नही मेरी बात काट देती है अभी तेरे सामने मुझे तेरे ससुर जी करेंगे जो तेरी शरम दूर करने में काम आएगा रात में हम लोग खाना खाकर तेरा इंतजार करेंगे तू अमित को दूध में नींद की टेबलेट मिलाकर दे देना और हमारे पास आ जाना ।
में ,--पर रात को वो उठ गए तो ।
सरजू ,--नही उठेगा हम लोग हर रविवार रीता को टेबलेट देकर रात भर करते है ।
में ,--पर आज ही जरूरी है क्या ।
सरजू ,--अरे दो ही रात तो हम लोग रुकेंगे इसलिए तेरे ससुर जी का जितनी बार पानी निकलेगा तेरे अंदर डलवा दूँगी ।
में ,--और आप की सालगिरह ।
सरजू ,--अरे वो भी हो जाएगी तेरे ससुर जी को कंडोम नही लगाना पड़ेगा उनका स्टेमिना अच्छा है रात भर में मेरे ऊपर भी चढ़ेंगे और जितनी बार पानी निकलेगा तेरे अंदर डाल देंगे ।हो सकता है तीन दिन में तेरी कोख भर जाए ।
मैं ,--पर आप का मज़ा तो खराब हो जाएगा ।
सरजू ,--खराब नही बढ़ जाएगा तेरे ससुर जी को तेरे जैसी नई बहू करने को मिल जाएगी तो वो पूरे जोश के साथ मुझे भी मज़ा कराएंगे ।और में भी दोनों के बीच मज़ा करूँगी ।
में ,--दोनों के बीच कैसे ।
सरजू ,--जब ससुर जी मेरे ऊपर चढ़े होंगे तो तू भी कुछ करेगी ना ।
मैं ,--उसमे मैं क्या करूँगी ।
सरजू ,--तू मेरा दूध पी लेना और ससुर जी अपना काम करते रहेंगे ।
सरजू की बात सुनकर मेरी चुत पूरी गिली हो चुकी थी और मन कर रहा था कि जाते ही शुरू हो जाऊं पर जब मेरी सास खुद मुझे मीका दे रही है तो में जल्दबाजी क्यों करूं ।
में ,--पर ऐसा में कैसे कर सकती हूँ मुझसे नही हो पायेगा ये ।
सरजू ,--अरे तू मुझे सास नही अपनी बड़ी दीदी समझ कर करना और फिर जब में तेरे सामने पहले सब कुछ करवाउंगी तो फिर तेरे को कैसी शरम आएगी ।आखिर मेरे कोनसे असली पति है ।मेरा भी तो एक तरह से यार ही है ।जब तेरी सास अपने यार के साथ मज़ा कर रही है तो तुझे क्या दिक्कत है ।
मैं ,--पर में आपके बेटे को क्या मुंह दिखाउंगी ।
सरजू ,--तो जिंदगी भर बांझ बने फिरना और अपनी अंगुली से काम चलाना ।
मैं ,--काश आपके बेटे में कमी नही होती ।
सरजू ,--तो उसकी कमी की वजह से तू क्यों अपनी जिंदगी बर्बाद करे तू भी ऐश कर और मस्ती से जी ।
में सरजू के गले लगकर ,--थैंक्स मोम ,मुझे आप जैसी सास मिली ।
सरजू ,--चल तुझे बताती हूँ मेने अपने यार को खुश करने के लिए आज क्या किया है ।
मैं ,--क्या किया है ।
सरजू ,--मेने अपने ऊपर और नीचे अपने यार का नाम लिखवाया है ।
में अनजान बनते हुए ,--कहाँ ऊपर नीचे ।
सरजू धीरे से ,--अपनी चूची और चुत पर ।
सरजू द्वारा खुले शब्दों में चुत औ चूची सुनकर मेरी चूची टाइट हो गयी और चुत भीग गयी थी ।पर सास के सामने संस्कार दिखाते हुए ।
मैं ,--छी मम्मी आप भी मर्दों की तरह ऐसे शब्द बोलती है ।
सरजू ,--बेटी तू भी बोलना सिख ले तेरे होने वाले बच्चे के पिता को खुश करने के लिए क्योंकि उनको यही सुनने की आदत है ।
में ,--पर ऐसा बोलने से क्या होगा ।
सरजू ,--मर्दों को अच्छा लगता है उनका जोश बढ़ जाता है और फिर जम कर चोदते हैं ।
में ,--तो आपने कितने मर्दों से सुनाया है ।
सरजू ,--अब तेरे से क्या छुपाना अब तक सात आठ तो होंगे ही ।
में सरजू का मुंह ताकने लगी जैसे कोई अजीब चीज देख ली हो ।
सरजू ,--जब खुद के पति में दम नही हो तो औरत को अपनी जरूरत पूरा करने के लिए करना पड़ता है ।और फिर अपनी जरूरत पूरा करने के लिए कभी कभी दूसरों की इच्छा का ध्यान भी रखना पड़ता है ।
में ,--वो कैसे ।
सरजू ,--उसके लिए तो में सिर्फ एक प्यासी औरत ही हूँ ना , जिसका पति नपुंसक है तो उसका फायदा उठाकर वो कभी अपने दोस्त को खुश करने के लिए बोल देता है जो करना पड़ता है ।
में ,--ये तो ब्लैक मेल करना हो गया ।
सरजू ,--ये ब्लेक मेल नही है , अपने लिए एन्जॉय करने जैसा है ।
में ,--पर सुनील अंकल क्यों करेंगे ऐसा जब आप उनको सब कुछ सौंप दी ।
सरजू ,--तू बेवकूफ है में एक ही खूंटे से बंध कर क्यों रहूं जब सुनील अंकल को मेरे लिए समय नही तो किसी और के पास तो मेरे लिए समय हो सकता है ना ।
मैं ,--मतलब आपको दिक्कत नही है ।
सरजू ,--देखो हर मर्द का औजार और करने की स्टाइल अलग होती है और नया मर्द किसी नई औरत को जम कर करता है ।
में ,--वो कैसे ।
सरजू ,--अब तुम खुद को ही ले लो अमित तुम्हारी चूची मसलता होगा और तुम थोड़ा सा आह करदो तो वो रूक जाएगा पर पराया मर्द तुम्हारी चूची को पूरा निचोड़ देगा चाहे तुम कितना भी चीखों और औरत को असली मज़ा तभी आता है जब सामने वाला औरत को मसलकर रख दे ।
मैं ,--अब आप मुझसे बड़ी है तो अनुभव भी ज्यादा है ।लेकिन दर्द भी तो होता हैं।
सरजू ,--दर्द में ही असली मज़ा है ,मेने जिंदगी में बहुत मज़े और एक्सपेरिमेंट किये है ये तो अमित ही गांडू है वरना उसको भी मौका देने की कोशिश कि थी ।
में ,--कैसे ।
सरजू ,--जब वो अपने दोस्तों से गाँड मरवाकर आता था तब उसको जानबूझकर अपना जिस्म नहाने के बहाने नंगा दिखाती थी पर चंदा ने बताया कि उसको गाँड मरवाना ज्यादा पसंद है ।
मैं ,--चंदा कोन ।
सरजू ,--है गांव में एक औरत जिसके पति के पास अमित गाँड मरवाता था ।
में,--आपको इनके बारे में सब पता है ।
सरजू ,--मेरा बेटा हैइसलिए रखना पड़ता है , चंदा ने मेरी ननद की बेटी रश्मि को अमित से चुदवा कर अपनेबस में कर लिया फिर उसको अपने पति से गांडू बनवा दिया।
में ,--तो आपने रोका क्यों नही ।
सरजू ,--में खुद सुनील के साथ लगी थी इसलिए चंदा को बोल नही सकती थी और चंदा को मेरे बारे में पता था इसलिए चुप रही ।
में ,--तो चंदा भी अपने पति से संतुष्ट नही थी ।
सरजू ,--जरूरी नही सब असंतुष्ट हो तभी ये काम करे चंदा गरीब घर की बेटी थी और उसका पति बहुत चोदू आदमी है इसलिए चंदा को अपने पति को खुश रखने के लिए करना पड़ता था उसका पति कमसिन लड़के और लड़कियों को चंदा से फ़सवा कर उनको ब्लैक मेल करता है ।और फिर उनको काम मे लेता था ।
मैं ,--तो गांव में किसी ने विरोध नही किया ।
सरजू ,--ये सब बातें सबको थोड़े ही पता चलती है वो तो रश्मि की वजह से मुझे पता चली वरना अमित तो उसके दोस्त के साथ लगा था ।
मैं ,--तो आपको रश्मि दीदी ने खुद बताया ।
सरजू ,--वो बार बार अपनी मम्मी से बहाना करके मेरे पास आती थी और शादी के बाद भी वो चंदा के घर जाती थी इसलिए मुझे शक हुआ और एक दिन उसको मेने रंगे हाथ पकड़ लिया ।
में ,--तो फिर रीता कैसे बच गयी ।
सरजू ,--रीता को मेने गांव की हवा नही लगने दी शुरू से ही बोर्डिंग कॉलेज में डलवा दिया ।
में ,--पर अब तो वो गांव में ही है ।
सरजू ,--है लेकिन उसको ज्यादा देर बाहर नही निकलने देती औऱ में खुद भी उसके सामने में धार्मिक औरत के रूप में रहती हूँ और सत्संग के बहाने से सब होता है ।
मैं ,--पर कहीं उसका हाल भी आपके और मेरे जैसा हुआ तो ।
सरजू ,--इसलिए तो सोचती हूँ कि कही नोकरी लग जाये तो फिर किसी के भरोसे नही रहेगी ।
में ,--पर उसकी वजह से आप को कितनी परेशानी होती है आप खुल कर एन्जॉय नही कर पाति है ।
सरजू ,--वो तो है पर डर भी की कहीं गलत रास्ते ना चली जाए इसलिए उसको पूरा कंट्रोल में रखती हूं ।
में ,--मम्मी अब भी बड़ी ही गयी है कितने दिन वश में रहेगी ।
सरजू ,--और उपाय भी नही है ना ।
मैं ,--उपाय है अगर आपचाहें तो ।
सरजू ,--क्या ।
मैं ,--आजकल लिव इन का चलन है लड़कियों को अपने पसन्द के लड़के के साथ रहकर जानने और समझने का अवसर मिल जाता है और फिर समझ मे आये तो शादी कर लेती है ।
सरजू ,--पर ऐसे किसी के साथ कैसे रह सकती है ।
में ,--मेरी दो सहेलियों ने ऐसे ही शादी की है प्राइवेट जॉब करके पहले लड़के पसन्द किये फिर उनके साथ कुछ दिन रहकर शादी कर ली ।
सरजू ,--पर प्राइवेट जॉब के लिए गांव से बाहर जाना पड़ेगा ।
में ,--आप उसको मुंबई भेज दीजिये यहां नोकरियों को कमी नही है ।
सरजू ,--पर यहां तुम को संभाल ना पड़ेगा ।
में ,--तो में अपनी ननद को नही संभाल सकती क्या वैसे भी में दिन भर अकेली बोर हो जाती हूँ ।
सरजू ,--ठीक है सोचूंगी ।
में,-;सोचना क्या है आप खुल कर सुनील चाचा के साथ घर मे मजे कीजिये ।
सरजू ,--पर तुमको परेशानी होगी उसका ।
में ,--मुझे क्या परेशानी है में उसके साथ दिनभर रहूंगी उसको खाना और घर के काम सीखा दूँगी खाली समय मे डांस वगेरह सिख लेगी । और कोई अच्छी सी प्राइवेट जॉब कर लेगी ।
सरजू ,--ठीक है में जाकर तेरे ससुर जी से बात करके भेज दूँगी ।
बातें करते करते होटल आ गया था टैक्सी रुकते ही उसको भाड़ा दिया और दोनों होटल में चल दी।
होटल में पहुंच कर हम लोग लिफ्ट से दसवें माले पर पहुंचे और सरजू ने पर्स से कार्ड निकालकर गेट खोला और अंदर से गेट बंद करके जब रूम देखा तो रूम जैसा लगा ही नही, बाहर सोफा और टेबल लगे थे एक तरफ छोटा सा फ्रिज रखा था जिसमे पीने की बोतल वगेरह थी पास में चाय बनाने के केतली पड़ी थी एक तरफ टॉयलेट था ।
तभी अंदर से आवाज आई कोंन है तो सरजू ने एक गेट खोला और मुझे अंदर लेकर आई ।अंदर सुनील चाचा पीठ के बल नंगा लेटा था और एक लड़की मसाज कर रही थी जो सिर्फ ब्रा पेंटी पहने थी ।सुनील चाचा हमे देखकर बोले।
सुनील ,--जी आप को किस् से मिलना है ।
सरजू ,--अभी बताती हूँ ए लड़की चल बाहर निकल ।
वो लड़की जल्दी से बाहर निकल गयी ।
सुनील ,--अरे रजु रानी तुम , तुम तो पहचान में ही नही आ रही और ये आइटम कोन है ।
सरजू ,--साले में थॉडी देर बाहर क्या गयी तुमने तो रण्डी बुला ली ।
सुनील ,--तुमने कितनी देर कर दी आने में तो सोचा मसाज करवा लूं आखिर तुमको रात भर करना है ।
सुनील चाचा सीधे हो चुका था उनका विशाल लण्ड तन कर खड़ा था जिसे देखने के बाद मेरी चुत कुलबुलाने लगी और में बाहर की तरफ जाने लगी तो सरजू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली ।
सरजू ,--ये अमित की बीबी रेखा बहु है ।
सुनील अंकल ने इतना सुनते ही पास पड़े तोलिये को उठाकर अपने कमर पर डाल लिया और सरजू को डांटने के अंदाज में बोला ।
सुनील ,--तुमको एक बार फोन करके नही आना चाहिए क्या इज्जत रह गयी मेरी बहु के सामने ।
सरजू ,--मुझे क्या पता तुम यहाँ रण्डी से मसाज करवा रहे होंगे में तो तुम्हारे कल बर्थडे पर नई चुत का इंतजाम करके लायी थी ।जो तीन दिन तक बिना कंडोम चुदवाने वाली है।
सुनील ,--पर तुम तो बहु को लेकर आई हो ।
सरजू ,--तो बहु ही तो है वो।
इतना सुनते ही मेने सरजू से हाथ छुड़ाया और गेट खोलकर बाहर आ गयी जब तक मैं रूम का मैन गेट खोलती सरजू ने मेरा हाथ पकड़ा और सोफ़े पर खींच लिया ।
सोफ़े पर बेठकर सरजू बोली ,--अब क्या हुआ तुमको जो जा रही हो ।
में ,--छि आप तो मुझे बच्चे के नाम पर लायी और चाचा जी को बर्थडे गिफ्ट बोल रही थी ।
सरजू ,--तो तुझे जिंदगी भर बांझ बनकर रहना है या फिर मज़े करने है ।
में ,--और चाचा जी भी मुझे आइटम बोल रहे थे उनको शर्म नही आई ।
सरजू ,--तो उनको क्या पता शादी में वो तुमको घूंघट की वजह से देख नही पाए और तुम्हारा शरीर भी तो भर गया इसलिए नही पहचाना ।
में ,--पर में नही करूँगी कैसे चाचा जी नंगे लेटे हुये थे बेशर्मो की तरह ।
सरजू ,--तो तू क्या बिना बेशर्म बने ही मां बनना चाहती है क्या ।
में ,--क्या मतलब ।
सरजू ,--मतलब ये की औरत को मां बनने के लिए किसी के सामने नंगी होना पड़ता है उसके लण्ड को अपनी चुत में डलवाकर उसका पानी अपनी चुत में डलवाना पड़ता है तभी मां बनती है । तुझे अभी पता नही है कितने लोग औरत को मा बनाने के नाम पर लूटते हैं ।उसकी इस मजबूरी का फायदा उठाते है जैसे उस डॉक्टर ने उठाने की कोशिश की है ।
में ,--पर इतनी बेशर्म में नही बन सकती ।
सरजू ,--ठीक है फिर जा और बांझ बन कर घूम ।और जिंदगी भर अपनी किस्मत को कोसती रहना।
मैं रोने वाले अंदाज़ में ,--प्लीज् मम्मी ऐसे मत कहो ।
सरजू ,--तो क्या कहूँ फिर में अपने बेटे की कमी की वजह से अपने आप को तुम्हारे सामने नीचा गिराने को तैयार हूँ और तुम को लगता है जैसे में तुम्हारी नजर में बहुत महान बनने वाली हूँ ।
में ,--इतना तो में भी समझती हूँ ।
सरजू ,--तुम कुछ नही समझ रही मेने तुम्हारे साथ सास होते हुए भी हर राज खोल कर रख दिया तुमको क्या लगता है कोई सास अपनी बहू के सामने ऐसी बात कर सकती है भला ।
में ,--वो तो ठीक है पर ।
सरजू ,--पर ये की तुझे मां बनने के लिये अपनी चुत में पानी डलवाना पड़ेगा अगर तुम्हारी नजर में कोई और हौ तो उससे डलवा लो पर मेरा वंश चलाने की जिम्मेदारी तुम्हारी है ।
में ,--मम्मी आप भी कैसी बात कर रही हो मेरा ऐसा कोई नही है ।पर ये काम चुपचाप भी हो सकता है ।
सरजू ,--चुपचाप भी वही करना होगा जो अभी करोगी में बस इतना ही बोल रही हूँ कि यही काम मजे लेकर क्यों नही किया जाए ।
में ,--कैसे ।
सरजू ,--देख में भी औरत हूँ और कोई भी मर्द किसी औरत की तारीफ करता है तो औरत को अच्छा लगता है तू सुंदर है तभी सुनील चाचा ने तुझे आइटम बोला तो क्या गलत क्या बोला , क्या तुझे अच्छा नही लगा ।
और मेने सुनिलं को गरम् करने के लिए बर्थ डे गिफ्ट बोल दिया तो कोनसा पहाड़ टूट पड़ा।
जवाब में में चुप रही तो सरजू फिर से बोली ,--देख में चाहती हूं कि तू मज़ा भी करे और मां भी बन जाये इसलिए मेरी एक रिकवेस्ट है ।
में ,--आप मेरी माँ समान है प्लीज् रिकवेस्ट नही आदेश दीजिये ।
सरजू ,--जब तक हम तीनों साथ है तू मुझे मां नही बड़ी बहन मानकर चल जो तेरी तरह पति की कमजोरी की वजह से तुम्हारे सामने इतना नीचे गिर कर बात कर रही है और दुख की बात ये है कि मेरा बेटा भी नामर्द है ।
मैं ,--नही मम्मी में आपका दुख समझ सकती हूँ ।
सरजू ,--जब दुख समझ रही है तो फिर खुद भी एन्जॉय कर और अपनी दुखियारी सास को भी थोड़ा सा जिंदगी जी लेने दे ।आखिर मेने भी तो अपनी जिंदगी किसी गांडू के साथ बिताए है ।
इसके साथ ही सरजू देवी की आंखों में आंसू आ गए और वो मेरे गले लग गयी ।तो मेने उसको अपने से अलग किया और उनके आंसू पोंछकर बोली ।
में ,--सॉरी मम्मी आज आपकी सालगिरह के दिन आपको रुला दिया प्लीज् आप बोलिये मुझे क्या करना है ।
सरजू ,--तुझे सबसे पहले तो मुझे सास की जगह बड़ी बहन या सहेली समझना पड़ेगा ।
में ,--ठीक है दीदी ।
सरजू ,--मुझे सही में सालगिरह एन्जॉय करवानी है तो तुझे सुनील चाचा को अपनी जवानी के जलवे दिखाने है उनको इतना गर्म करना होगा कि वो मुझे कस कर मसल दे ।
में ,--ठीक है कोशिश करूँगी ।
सरजू मेरा हाथ पकड़कर माथे पर रखते हुए ,--चल अब कसम खा मेरी की दोनों के भले की खातिर शर्म को पास नही फटकने देगी ।
में ,--ठीक है आपकी कसम ।
सरजू ,--अब जा बाथरूम में मुंह धोकर अच्छा सा मेकअप करके आ और फिर अपनी दीदी और जीजू की बातें चुपके से सुनना तेरी शरम का पर्दा हटाने में मदद मिलेगी । में तेरे जीजू को यही बुला रही हूँ चुपचाप बाथरूम से सुनना ।तुझे मज़ा आएगा ।
मेने बाथरूम में जाकर मुंह धोया फिर अच्छे से मेकअप करने लगी तो सरजू ने आवाज लगाई राजा अब बाहर भी आजा ।में चुप होकर मेकअप करते हुए उनकी बातें सुनने को गेट हल्का सा खोलकर खड़ी हो गई ।
तभी बाहर कदमो की आहट सुनाई दी ।
सुनील ,--यार तुम भी कमाल करती हो कम से कम एक फोन तो कर देती ।
सरजू ,--क्यों सालगिरह पर मूड की मां चोद रहे हो देख तेरी रानी ने तेरे लिए कितनी तैयारी की है ।
सुनील ,--सच कहूं तो रीता की मम्मी एक दम टंच माल लग रही है ।
सरजू ,--और वो आइटम के बारे में क्या खयाल है।
सुनील ,--कोन बहु ।
सरजू ,--अरे बहु तो मेरी है तेरे लिए तो कड़क माल ही है खूब मजा देगी अमित ने ज्यादा नही भोगा है ,उसको ।
सुनील ,--पर वो क्यों चुदवाएगी ।
सरजू ,--साले तेरा लोडा तो पेंट में तना हुआ कुछ और बोल रहा है ।
सुनील ,--क्या बोल रहा है ।
सरजू ,--यही की कैसी बहु और किसकी बहु मुझे तो उसकी कड़क चुत में जाना है ।
सुनील ,--अब माल करारा है तो बिचारा लोडा थॉडी ही पहचानता है वैसे लोडा तो तुझे देखकर सलामी ठोक रहा है ।
सरजू ,--भोसडी के गांडू तेरे लिए तो में ब्यूटी पार्लर गयी और तूने रण्डी भी बुला ली ।
सुनील ,--यार तू नही थी तो बुला ली वैसे भी तू रात भर कहाँ टिकती है ।
सरजू ,--पर आज तेरे लण्ड को ठंडा कर दूंगी ।
सुनील ,--तो रानी देर किस बात की है चलो देख लेते है कोन कितने पानी मे है ।
सरजू ,--राजा पानी तो तेरा सारा मेरी बहु की चुत में डल आऊंगी उसे प्रेग्नेंट करना है ।
सुनील ,--फिर अमित क्या करेगा ।
सरजू ,--वो भी तेरे दोस्त की तरह गांडू है उसके बस में नही बहु को माँ बनाना।
सुनील ,--क्या बोल रही हो ।
सरजू ,--सही बोल रही हूँ बहु ने चेक करवा लिया डॉक्टर से, वो उसे मां नही बना सकता।
सुनील ,--तो ये बात अमित को पता है ।
सरजू ,--नही उसको नही पता तुम चुपचाप उसको गर्भवती कर दो फिर बाप तो अमित ही कहलायेगा ।
सुनील ,--पर वो तो चली गयी ।
सरजू ,--साले जवान लौंडिया देखी नही की उसकी चुत फाड़ने को बेचैन हो गया ।
सुनील ,--आज तो तू भी लौंडियों को मात दे रही है कसम से फटाका लग रही है ।
सरजू ,--अब सुनो रेखा बहुत समझदार है वो अमित से प्यार करती है बस अमित के वीर्य में बाप बनने का गुण नही है इसलिए ये कमी तुमको पूरी करनी है उसके बाद ऐश ही ऐश है ।
सुनील ,--कैसे ।
सरजू ,--अपनी बेटी रीता को रेखा अपने पास मुम्बई बुलाने का बोल रही है फिर तुमको घर पर खुलकर चुदाई का मौका मिल जाएगा ।और तुझे खेलने के लिए रेखा की नई चुत भी मिल जाएगी जिसको तू गांव में या यहां आकर मार लेना ।
सुनील ,--फिर तो तू उस गांडू की नही मेरी बीबी बनकर रहेगी ।और तुझे पूरे घर मे नंगी घुमा कर चोदूंगा।
सरजू ,--हां , बीबी किसी की और बनकर रहेगी किसी और की ।
सुनील ,--चल आज तो तुमने मुझे खुश कर दिया अब ये ब्रा पेंटी भी निकाल देता हूँ।
सरजू ,--आज सालगिरह को भी पूछेगा क्या साड़ी और पेटीकोट ब्लाउज की तरह निकाल दे इनको भी ।
में चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी और बातों बातों में मेरी सास नंगी भी हो चुकी थी ।
तभी सुनील की आवाज आई ,--वाओ डलिंग तुमने तो चूची पर मेरा नाम भी लिखवा लिया ।
सरजू ,--साले पेंटी तो खोल वहाँ भी तुझे सरप्राइज मिलेगा ।
सुनील शायद पेंटी खोलने में व्यस्त था तभी उसकी आवाज आई ,--क्या सरप्राइज है रानी ,रानी की चुत राजा के लिए । आज तो जम कर चोदना पड़ेगा तुझे ।और पुच पुच की आवाज आई ।
तो सरजू बोली ,--ऐसी भो क्या जल्दी है तुमको पता है ये किसका आईडिया है ।
सुनील ,--किसका है ।
सरजू ,--रूको बताती हूँ ।रेखा बेटी बाहर आ जाओ ।
में धीरे से गेट खोलकर बाहर आई तो सरजू देवी ने मुझे प्रणाम करने का इशारा किया ।और बोली इसका ।
में आगे आयी और सुनील चाचा को झुककर उनके पैर छुए तो उन्होंने खुश रहने का आशीर्वाद दिया ।
सरजू ,--कम से कम आशीर्वाद तो ढंग से दे दो बहु ने पहली बार आपको प्रणाम किया है ।
सुनील ,--और किस तरह का आशीर्वाद दूं ।
सरजू ,--गांडू जवान लड़की कदमो में झुकी है और तुमको कैसे आशीर्वाद देना है वो भी बताना पड़ेगा ।
रेखा बेटी ससुर जी को फिर से प्रणाम करो ।और तब तक झुकी रहना जब तक अच्छा आशीर्वाद नही मिल जाता।
जब में दुबारा झुकी तो सुनील अंकल ने मेरी गाँड पर हाथ फिराया और फिर बूब्स के नीचे हाथ घुसा कर सीधा करके मेरे होठो को चूमकर प्यार से चूमकर कहा तेरी मस्त जवानी ऐसे ही बनी रहे ।
उसके बाद सरजू ने सुनील अंकल का हाथ पकड़ा और मुझे अंदर आने का इशारा करके बेडरूम में जाने लगी ।
अंदर सरजू नंगी किंग साइज बेड पर पूरी बेशर्मी से नंगी बैठी थी।
सुनील चाचा ने कुर्ता पजामा पहन रखा था और वो उनके पास बैठ चुके थे, में गेट पर खड़ी थी तो सरजू ने मुझे पास बुलाया तो में शरमाने का नाटक करते हुए पास गई तो सरजू ने मुझे पास बैठा लिया ।
तभी सुनील बोला ,--रजु सालगिरह का केक कब काटना है ।
सरजू ,--अब ये काम मेरी बहु का है आज रात में सालगिरह का केक अभी मेरी चुत में लण्ड डालकर मां लो और कल् तुम्हारे बर्थ डे का केक कब और कैसे कटेगा वो रेखा ही बताएगी क्यों बहु ।
सरजू नंगी होकर बार बार अपनी चुत को मसल रही थी और बार बार मुझे बेटी की जगह बहु बुला रही थी जो मेरी चुत को फड़का रही थी पार्लर से अब तक मेरी पेंटी कई बार गिली हो चुकी थी जो सूखने के नाम ही नही ले रही थी ।
में,--अब केक तो काटना ही पड़ेगा आखिर मेरी सास का और प्यारे चाचा जी सालगिरह और जन्मदिन दोनों है जिनको खास बनाना है ।
सरजू ,--चाचाजी नही बहु ये ही तुम्हारे असली ससुर जी है क्यो राजा मेरी बहु को हकीकत नही बताओगे ।
सुनील ,--बहु रजु मेरी भाभी नही, बीबी है। में तेरी सास को शादी से पहले से प्यार करता हूँ ।
सरजू ,--क्या सुनील में मेरी बहु से कुछ भी छुपाना नही चाहती और एक जवान औरत के सामने बच्चों जैसी बात कर रहे हो उसको खुलकर क्यों नही बताते ।
सुनील ,--पर बहु को अच्छा लगेगा वो सब ।
सरजू ,--मेरी बहु सिर्फ मेरी बहु ही नही छोटी बहन और मेरी सहेली भी है तुमचाहो तो उसे साली की तरह भी बात कर सकते हो वो तुमको मना नही करेगी ।क्यो रेखा बहन ।
में सरजू को गले लगते हुए ,--अरे आप को जो समझना है उसके लिए आपकी बहु तैयार है आप बस आदेश दीजिये मम्मी जी ।
सरजू ,--तो फिर कुछ देर के लिए मुझे सहेली ही समझ ले और मुझे मेरे नाम से बुला कर दिखा दे तेरे जीजू को की तू भी अपनी सहेली के खातिर कुछ भी कर सकती है ।
में ,--जीजू मेरी सहेली सरजू आपके सामने नंगी बैठी है और आप कपड़े पहन कर बैठे है ।
जब मेने सरजू को उसके नाम से बुलाया तो सरजू ने मेरी साड़ी को ब्लाउज़ के ऊपर से हटाया और ब्लाउज के ऊपर के दो बटन खोलकर क्लीवेज पर किस करते हुए बोली ।
सरजू ,--देख राजा मेरी सहेली की चुचियाँ भी मस्त है इनका उठाव भी गजब है ।
सुनील ने मेरी चुचियाँ के ऊपर का हिस्सा देखते हुए सरजू की निप्पल मुंह मे लेकर चुसने लगा ।
सरजू ,--राजा में रेखा से कुछ भी छुपाकर रखना नही चाहती उसे सब कुछ बता देना चाहती हूं ।
सुनील ,--फिर उसके सामने तुम्हारी क्या इज्जत रह जायेगी ।
सरजू ,--मुझे इज्जत की नही रेखा को अपने बारे में सब कुछ बताकर उसको ये बताना है कि वो अपनी सास की कहानी सुनकर उसे सास समझना बन्द कर दे ।
सुनील ,--फिर तो तुम रण्डी के सिवॉय कुछ नही ।
सरजू ,--हां , मुझे रण्डी कहलवाने में दिक्कत नही पर रेखा को अपनी सास का इतिहास जानकर अपराध बोध नही हो में यही चाहती हूं ।
सुनील ,--पर रेखा को अच्छा लगे ये जरूरी थोड़े ही है ।
सरजू ,--अभी पता चल जाएगा । रेखा बेटी एक बार खड़ी होना तो ।
फिर सरजू ने मुझे खड़ा करके खुद भी सामने खड़ी हो गयी और मेरे दोनों हाथ को अपने सर पर रखकर।
बोली ,--बेटी मेरे सर पर हाथ रखकर बोल तू मेरा राज तेरे सिवॉय किसी को नही बताएगी ।
में ,--नही दीदी आप का राज मेरे पास ही रहेगा और आप भी मेरा राज किसी को नही बताएगी ।
सरजू ने मेरे दोनों हाथ कसकर पकडलिये और बोली ,--ये वादा है मेरा तुझसे और उसने सुनील को आंख मारी ।
तभी पिछे से मेरी साड़ी ऊपर हुई और जब तकमे कुछ समझ पाती मेरी पेंटी मेरे गाँड से निकलकर पैरों में गिर चुकी थी ।इसके साथ ही सरजू ने मुझे बेड पर बिठा दिया जिससे मेरे पैर उठ गए और पेंटी सुनील अंकल के हाथ मे पहुंच गई ।