Episode 26
सरजू ने सुनील के हाथ से पेंटी लेकर उसे चुत पर लगने वाले हिस्से को फैलाकर सुनील को दिखाया और बोली ,--देखो पूरी भीगी हुई है ये रस से जो इस बात का सबूत है कि बहु पूरी चुदास है और ये हम तीनों का राज किसी को नही बताएगी ।
फिर उसने पेंटी पर लगे चुत रस को सूंघकर सुनील अंकल दे दी तो सुनील अंकल मेरी तरफ देखकर मेरी पेंटी पर लगे चुत रस को चाटने लगे ।
में शरम से अपना चेहरा सरजू की चुचियों में छुपा ली तो सरजू बोली ।
सरजू --क्यों राजा कैसा टेस्ट है मेरी बहु का ।
मेने सरजू को कान में धीरे से कहा मम्मी प्लीज ऐसी बातें मत करो मुझे बहुत शरम आ रही है ।
सरजू ,--चल तेरी शरम को दूर भगाती हूँ मेरी लाडो की, पर तु शरमाने का ढोंग बन्द कर दे क्योंकि तेरी चुत तेरे खिलाफ जा रही है ।
सुनील जरा मेरी भी चुत को चाट लो जिससे अमित निकला है जिससे बहु को समझ आ जाये कि अमित आज बहु का पति है तो इसी चुत की वजह से पैदा हुआ है ।
सुनील ने इतना सुनते ही मुझे हाथ से अलग किया और सरजू की चुत पर जीभ रखकर चाटने लगा ।
सरजू ,--ओह्ह ........अमित के पापा पी लो उसकी मम्मी की चुत का पानी आह.....
में चुपचाप सुनील अंकल को सरजू के विशाल भोसड़े को चाटते देखने लगी ।लगभग पांच मिनट बाद सरजू बोली ,--बस करो रेखा के पापा में झड़ जाऊंगी ।पहले रेखा को अपनी प्रेम कहानी सुना लेने दो ।
सुनील अंकल सरजू की चुत से जीभ निकाल कर उसका स्वाद लेने लगा और बोला ।
सुनील ,--रजु मुझे तो तुम्हारी चुत और रेखा बहु की चुत का स्वाद अलग लगा ।
सरजू ,--वो तो होगा ही मेने भी जितने लण्ड का पानी पिया है सबका टेस्ट अलग ही लगा था ।
सुनील ,--बहु तुझे पता है रजु और में कॉलेज टाइम से एक दूसरे को पसन्द करते है ।
सरजू ,--क्या राजा बहु को खुलकर बताने दो ,रेखा बेटी सुनील और में शादी से पहले एक ही कॉलेज में पढ़ते थे जहां सुनील ने मुझे सत्तरवें साल में औरत बना दिया था वो भी कॉलेज में और तेरे ससुर जी की मदद से ।
में हैरानी से सरजू का मुंह देखने लगी तो सरजू फिर से बोली ,--सुनील तेरे ससुर का जिगरी यार था और उसकी गाँड मारता था। में तेरे ससुर और सुनिलं दोनों को पसंद करती थी और दोनो में से ही किसी एक से शादी करना चाहती थी पर तेरे ससुर ने मुझे प्रपोज किया और फिर वही मुझे धोखे से बुलाकर लाया और कॉलेज के पीछे सुनील को सौंप दिया जहां सुनील ने मेरी नथ उतारी थी वो भी तेरे ससुर के सामने।
में साड़ी के ऊपर से अपनी चुत को धीरे से मसलते हुए ,--रियली ।
सरजू ,--हां ,बहु तेरे ससुर ने कॉलेज में बहुत बार सुनील को मुझे अपने सामने चोदते देखा है ।और वो भी मेरी चुत लेता था ।
में ,--पर ससुर जी ने फिर आपसे शादी भी कर ली ।
सरजू ,--ये तो कुछ भी नही तेरे ससुर ने शादी के बाद सुनील के कहने पर एक बार पूना भी ले जाकर चुद वाया था।
मैं ,--फिर भी आपने ससुर जी से शादी कर ली ।
सरजू ,--में तो शादी सुनील से करना चाहती थी।क्योंकि मुझे इसका लोडा पसंद था। पर जात पात के चक्कर मे सुनील से शादी नही हो पाई इसलिये सुनील के कहने पर तेरे ससुर जी से शादी करनी पड़ी ।
सुनील अंकल ने सरजू को चूमते हुए ,--अरे तेरा ससुर सिर्फ नाम का पति है अमित और रीता मेरे ही लण्ड से पैदा किये हुए बच्चे है ।
में ,--फिर आपने मम्मी को दूसरों के पास क्यों भेजा ।
सुनील ,--गांव में राजनीति करने के लिए समझौते करने पड़ते है और फिर रजु है तो मेरी रखेल ही इसको भी नए स्वाद अच्छे लगते हैं ।
सरजू ,--अब तुमको समझ मे आ गया या कुछ और बोलना है ।
में ,--समझ गयी ।
सरजू ,--अब तो शरम नही आ रही अपनी सास के बारे में सबकुछ जानने के बाद ।
सुनील ,--अब क्या बाकी रह गया ये पढ़ी लिखी है बस बहु तू समझ ले तेरी सास एक रण्डी है और अमित रण्डी का बेटा इसलिए इतना समझ ले अमित के भरोसे अपनी जवानी के अरमान दबाके मत रखना और रजु की तरह खुल कर मज़े कर ।
में ,--पर मुझसे आप लोगों की तरह ये सब नही हो पायेगा ।
सुनील ,--अरे उसके लिए हम हैं ना चल रजु रेखा बहु की आंखों में देख और बहु तू रजु की ठुडी को पकडकर इसकी आंखों में देख ।
मेने सरजू की ठुडी को पकड़कर उसकी आँखों मे देखने लगी तो सुनील बोला ।
सुनील ,--अब बहु तू इसको बोल रजु रण्डी ।
में चुपचाप सरजू की आंखों में देखती रही तो सरजू बोली ,--बहु तेरे ससुर जी कुछ बोलने को कहे हैं बोल ना प्लीज ।
में ,--र...जु ....र.....न.....डी ।
सरजू ने इतना सुनते ही अपनी चुत का मसलते हुए सुनील से कहा ।
सरजू ,--अमित के पापा अब तो बहु ने भी मुझे रण्डी बोल दिया अब इस रण्डी की चुत को ठंडा कर दी ना।
सुनील ,--पर मेरी बहु बोलेगी तब ।
सरजू ,--भड़वे तुझे अब बहु की चुत प्यारी लगने लगी और में कुछ नही ।
सुनील चाचा ने अचानक अपत्यशित हरकत की और मेरी क्लीवेज पर किश करके कहा ,--जब बहु जैसी हसीन लौंडिया सामने हो तो फिर तेरी घिसी घिसाई चुत को क्यों चोदू।
सरजू ,--बहु प्लीज् आज मेरी सालगिरह पर जो तेरे ससुर चाहते हैं वो बोल दे मेरी चुत पिछले दो घंटे से जल रही है प्लीज ।
में ,--प्लीज ससुर जी मेरी सासु मां को और मत तड़पाइये ।
सुनील ,--नही बहु इस कुतिया को इतनी इज्जत से नही गाली देकर बोल तभी चोदूंगा ।
में कुछ क्षण चुप रही तो सरजु बोली ,--बहु बोल दे मुझे गाली से कोई फर्क नही पड़ता ।
सुनील ,--बहु इसको रण्डी को ऐसी गाली दे कि ये भी याद रखे ।
में भी अब पूरे मूड में थी इसलिए सुनील चाचा के होठो को चूमकर बोली ,--ससुर जी इस हरामजादी कुतिया को आज इतना रगड़कर चोदिए कि ये एकबार फिर से एक नाजायज बच्चा पैदा करे ।
सुनील ,--वाह बहु मज़ा आ गया में अब देख इस बेशर्म औरत को कैसे तेरे सामने कुतिया बनाकर गाँड फाड़ता हूँ ।तू जल्दी से मुझे नंगा कर के मेरा फौलादी लण्ड आज़ाद कर दे बहु ।
मेने आगे बढ़कर सुनील चाचा का कुर्ता और पजामा निकाल दिया फिर बनियान निकालकर जैसे ही चड्डी उतारी तो उनका लण्ड स्प्रिंग की तरह झटके के साथ खड़ा हो गया ।
सुनील चाचा ने सरजू को सुलाया और एक करारा शॉट सरजू की चुत में मारा जिससे सरजू की चीख निकल गयी और वो दर्द भरे स्वर में बोली ,--अमित के पापा प्लीज धीरे करो दर्द हो रहा है ।
सुनील ,--बहु तू इस हरामजादी की चुचियाँ मसल ये साली बरसों से इस लण्ड से चुद रही है फिर भी नाटक कर रही है ।
मेने सरजू की चुचियों को हाथ मे पकड़कर मसलना चालू किया और सुनिलं अंकल को बोली ,--पापा जी चोदे कस कर इस घोडी को आज सालगिरह पर इसको दिन में तारे नज़र आने चाहिए ।
सुनिलं अंकल अपनी स्पीड बढ़ाते हुए ,--अहह ....बहु इस छिनाल ने पता नही कितने लण्ड खाएं है देख इसकी चुत पूरी भोसड़ा हो चुकी है ।
सरजू सिसकते हुए ,--आह ...बहनचोद तूने ही इस चुत का भोसड़ा करवाया है अपने यारों और नेताओं से चुदवा चुदवा कर साले हरामी ।
सुनिलं ,--ओह्ह......साली तेरी भोसडी में इतनी गर्मी है उसको शांत करवाना था इसलिए मेने तुझे नेताओ के साथ भेजा था मुझे तेरी सौतन को भी चोद कर शांत करना पड़ता है .
सरजू ,--अहह...साले दलाल धीरे मार धक्के तूने तो मुझे उन नेताओं से चुदवा कर दलाली खाई है इस चुत की समझे ।
सुनिलं ,--ओह्ह ....तो तू क्या अपनी माँ चुदवाने गयी थी मना कर देती उनको कुतिया ।
सरजू ,--आह ....साले धीरे कर तुझे सामने बैठी बहु के नंगे बोबे दिख रहे है तभी तू मेरी चुत को फाड़ने में लगा हुआ है ।
मेने ये सुना तो सरजू के पास से हटकर बेड के कोने पर चली गयी जहां से दोनों मुझे देख सके और फिर साड़ी का पल्लू हटाकर अपने ब्लाउज़ के बटन खोले और ब्रा को ऊपर करके अपने बोबे मसलते हुए बोली ,--ससुर जी पेलिये कस कर इस छिनाल को आज रात को आपकी बहु इन बूब्स का दूध पिलाएगी जिस पर आपके बेटे का हक है ।
सरजू ,--आह....कुतिया क्यों इस सांड को लाल कपड़ा दिखा रही है ये मेरी चुत का कबाड़ा कर देगा ।
सुनिलं ,--वाह.... बहु मज़ा आ गया तेरे शानदार बूब्स देखकर ।
में ,--ससुर जी आप इस हरामजादी पर रहम मत कीजिये देखिये ये चुत भी आपके लण्ड का इंतजार कर रही है ।मेने अपनी साड़ी और पेटोकोट को ऊंचा करके अपनी रस से भरी चुत दोनों को दिखाई ।
सरजू ,--आह ...बहु इस भड़वे को ज्यादा मत उकसा इसका लण्ड मेरी चुत में ज्यादा मोटा हो गया है ।
सुनिलं हांपते हुए ,--ओह...........बहु ऐसे ही गन्दी गालियां दे इस को आज इसकी चुत और गाँड को फाड़ दूंगा ।
मेने भी पूरा मज़ा लेने की ठान ली थी इसलिए अपने पेटोकोट और साड़ी पर से चुत को जोर जोर से मसलने लगी और दोनों का ध्यान खींचते हुए बोली ,--मारिये ससुर जी इसकी फटी हुई भोसडी को फिर आपको मेरी कम चुदी हुई प्यासी चुत को भी चोदना है ।
सरजू की चुत मेरी गालियों और सुनिलं चाचा के जोरदार प्रहार से झड़ चुकी थी तो ससुर जी ने उसको घोडी बना दिया और बोले ,--बहु पास में आ देख इसको मेने कुतिया बना दिया आजा तेरी सासु जी की गाँड में मैं अपना लोडा कैसे पेलता हूँ तुझे पास से दिखाता हूँ ।
में उठकर सरजू की गाँड के पास गई और उनके विशाल कूल्हों के बीच गाँड के सुराख को देखकर बोली ,--पापा जी मम्मी जी की गाँड तो बहुत बड़ी है ।
सरजू ,--ये तेरे पापा ने ही कि है ठोक ठोक कर अपने फौलादी लण्ड से ।
सुनिलं अंकल ने अपना लोडा सरजू की गाँड में धीरे धीरे डालते हुए मेरे कान में फुसफुसा कर कहा ,--बहु अमित तेरी गाँड मारता है कि नही ।
मैंने भी उसी तरह फुसफुसा कर सुनिलं अंकल के कान में ,--ससुर जी आपके बेटे में दम होता तो में आपके पास होती क्या ।
सुनिलं सरजू की गाँड मारते हुए ,--मतलब गाँड कुंवारी है अभी तक तेरी ।
में ,--उसकी नूनी से क्या होने वाला है एक दो बार किया है पर आप समझ लीजिए कुंवारी जैसी ही है ।
सुनिलं अंकल ने इतना सुनते ही सरजू की गाँड को फुल स्पीड में चोदना चालू कर दिया ।
सरजू ,--ओह ...साले तुम दोनों ससुर बहु ऐसे क्या कान में बात कर रहे हो ।बहु तू ससुर को ऐसा क्या बोल दी जो ये सांड बिदक कर मेरी गाँड को फाड़ रहा है ।ओए बहनचोद तू इस बहु की बातों में आकर क्या दुश्मनी निकाल रहा है ,आह.........
सुनिलं ,--साली आज तेरी सारी गर्मी शांत कर दूंगा फिर तू मुझे किसी और से चुद वाने का नही बोलेगी ।
लगभग आधे घंटे तक गाँड मारने के बाद सरजू रोने लगी और बिस्तर पर गिर गयी जिससे सुनिलं अंकल का लण्ड बाहर निकल गया ।
सुनिलं ,--रण्डी मेरा पानी तो निकलने दे ।
सरजू ,--तू अपना पानी बहु की चुत में डाल देना रात में उसको पानी की जरूरत है ।
मैं सुनिलं अंकल के पास से उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी उनकी गर्म चुदाई का शो देखकर मेरी चुतभी ठंडी हो चुकी थी ।
मेने घड़ी में देखा साढ़े सात बजे चुके थे और अमित को आने में आधा घण्टा बचा था ।
सरजू ,--बहु तू रात में दस बजे बाद आ जाना ।
में ,--मम्मी में नही आऊंगी आप लोग मेरे नीचे वाले फ्लेट में खाना खाकर ग्यारह बजे तक आ जाना फ्लेट का ताला खुला मिलेगा । में जाकर ससुर जी के बर्थ डे के लिए केक की व्यवस्था करती हूँ ।
सुनिलं अंकल खड़े हुए और मेरे होठों को चूमकर बोले ,--रजु ने सही कहा था तुम बहुत बुद्धिमान हो ।
ससुर जी से अपनी तारीफ सुनकर में गदगद हो गयी और फिर दोनों के चरण स्पर्श करके होटल से निकलकर सुपर मार्केट की तरफ चल दी ।
सुपर मार्केट पहुंचकर पहले एक केक ऑर्डर किया जिस पर हैप्पी बर्थ डे सुनिलं लिखने को दी और फिर पास में मॉल में जाकर उसी ब्रा पेंटी सेक्शन में पहुंची जहां पर संयोग से एक ही कस्टमर था और वो लड़का खाली था ।
मेने लड़के को दूसरे काउंटर पर बुलाया और उसको अपने ब्लाउज का बटन खोलकर चूची के ऊपरी हिस्से के दर्शन करवाये ।
लड़का ,--अरे आप तो वही है जिसने उस दिन डिल्डो खरीदा था ।
में ,--तुम्हारी याददाश्त कमजोर है उस दिन टॉयलेट में तुम्हारी मुठ मारी थी ।
लड़का ,--अरे भाभी उस दिन के बाद से रोज इंतजार रहता है आपका ।पर उस दिन तो आप बिलकुल अलग दिख रही थी ।
में ,--तो क्या हुआ, तुझे आज भी मुठ मरवानी है क्या ।
लड़का ,--भाभी आज तो आप उस दिन से बिलकुल मूड में लग रही है ।बोलिये आज क्या सेवा करूँ ।
में ,--मुझे फीमेल वियाग्रा टेबलेट चाहिए ।
लड़का ,--देता हूँ पर आज आप गलत समय पर आई हैं इस समय ग्राहक रहते हैं ।
में ,--ठीक है मुझे पांच देबलेट दे दो कभी दिन में आकर तुमको एन्जॉय करवा दूँगी ।
लड़का ,--पर ये बहुत महंगी है फॉरेन से आती है ।
में,--अरे तुमको में इसकी कीमत से ज्यादा मज़ा करवा दूँगी ।
इसके साथ ही मेने ब्लाउज को पूरा नीचे करके उसको अपनी निप्पल दिखाई तो लड़के ने सामने की तरफ देखा कि कोई देख तो नही रहा फिर चुपके से मुझे पांच टैबलेट पकड़ाई जिसे मेने अपने ब्लाउज में छुपाया और इधर उधर सेल्फ में रखे सामान को देखते हुए बाहर आ गयी ।
फिर सुपर मार्केट से केक लिया और मेडिकल स्टोर से नींद की टेबलेट लेकर जल्दी से फ्लेट पहुंची और फ्लेट का ताला खोलकर केक को फ्रिज में रखा और खाना बनाने में लग गयी ।
थॉडी देर में अमित आया तो दोनों ने एक साथ बेठकर खाना खाया और फिर अमित रूम में जाकर कंप्यूटर में वही कुकहोल्ड वाला स्टोरी पढ़ने बैठ गया और में किचन में बर्तन बगैरह धोकर दूध में टेबलेट मिलाकर लायी तो अमित पेंट को नीचे करके लण्ड को मुठिया रहा था मेने देखा तो उसको कहा ,--आज तो खुद ही चालू हो गए ऐसा क्या पढ़ रहे हो ।
अमित ,--यार गजब की कहानी है इसमें पति अपनी बीबी को डेट पर लेकर जाता है और फिर डेट पर लेजाकर खुद अपनी बीबी को उसके बॉयफ्रेंड से चुदने के लिए तैयार करता है ।
में ,--और तू कुक इसे पढ़कर अपना हिला रहा है ।
अमित ,--आह...मज़ा आ गया ।
इसके साथ ही अमित के लण्ड से वीर्य की धार निकली और वो ठंडा हो गया ।
मेने उसको दूध की ग्लास पकड़ाया और बोली ,--लो दूध पियो फिर वापस एनर्जी आएगी ।
अमित ने दूध का गिलास लिया तो मेंने बाहर आकर सीमा के फ्लैट की चाबी ली और नीचे आकर उसका फ्लेट खोला फिर सीमा का बेड पर नई बेडशीट बिछा कर फ्लेट का गेट खुला छोड़कर वापस ऊपर आयी तो देखा अमित सो चुका था ।
मेने घड़ी देखी तो साढ़े दस बज चुके थे इसलिए जल्दी से कपड़े खोले और नंगी होकर नहाने चली गयी ।
बाथरूम में अच्छे से स्नान किया अपने सारे अंगो को अच्छे से साफ किया और बाहर आकर एक सेक्सी सा ब्रा पेंटी पहना और साड़ी पहनकर खुद को तैयार किया और फिर चौड़ी सी मांग भरी ताकि ससुर जी को लगे कि में उनकी संस्कारी बहू हूँ मुझे तैयार होने में आधा घंटा लग चुका था ।
तभी मेरा फोन बजा तो देखा सरजू देवी थी उसने बताया कि वो नीचे आ चुकि है मेने उनको फोन से पूरे फ्लेट में कहा क्या है वो बताया औऱ एक बार फिर से ना आने की नोटँकी की जिसपर सरजू ने फिर ऊंच नीच समझा कर मुझे समझाया तो मेने दस मिनट बाद आने का बोलकर फोन रख दिया ।
फिर दस मिनट बाद फ्रिज से केक निकाला और फ्लेट को लॉक करके नीचे आयी और सीमा के फ्लैट का गेट खोलकर अंदर आयी तो सरजू देवी हाल में बैठी मेरा इंतजार कर रही थी ।मेने केक टेबल पर रखा औऱ सरजू देवी के पैरों में झुककर प्रणाम किया ।
सरजू देवी ने पहले पुत्रवति होने का आशीर्वाद दिया और मेरे ललाट पर किश करके अपने पास सोफ़े पर बिठा लिया।
मैं ,--मम्मी मुझे अभी भी ये सब अच्छा नही लग रहा ।
सरजू ,--एक बार तुझे सुनिलं ने मसल दिया ना तो फिर देखना तू तो खुद मुझे कहेगी ।
में ,-अभी दिन में आप को देखा था कितना चिल्ला रही थी मुझे तो डर लग रहा है ।
सरजू ,--पागल वो ही मज़ा था जब मर्द रगड़ कर चीखें निकलवा दे उसी में औरत को चुदाई का असली मज़ा आता है ,आज दिन में बहुत दिनों के बाद ऐसा मज़ा मिला है वो भी तेरी वजह से ।
में ,--मेरी वजह से कैसे ।
सरजू ,--सुनिलं चोद मुझे रहा था पर उसकी कल्पना में तुम थी इसलिए वो तुमको सोचकर मेरी मार रहा था ।
मैं ,--पर आपको दर्द नही हुआ उसके बाद ।
सरजू ,--नही रे बस हल्का दर्द है जो सुबह तक ठीक हो जाएगा ।
में ,--रुकिए में आपको टेबलेट देती हूँ किचन में रखती है सीमा ।
फिर में किचन में गयी और ब्लाउज में रखी एक फीमेल वियाग्रा खुद खाई और दुसरीं का रैपर डस्टबिन में डालकर पानी का गिलास लेकर सरजु के पास आई और उसके मुंह मे टेबलेट रखकर पानी पिला दिया ।
सरजू ,--बहु तुझे एक बोलू क्या अगर तू माने तो ।
में ,--आप मेरी सासु मां है फिर मम्मी भी तो आपकी बात क्यों नही मानूँगी।
सरजू ,--फिलहाल तो तू मुझे सहेली या दीदी समझ कर ही बात मान ले ।
मैं ,--पर आप बोलेंगी तब ना ।
सरजू ,--आज दिन में मुझे बहुत अच्छा लगा था जब तुमने मुझे सुनिलं के कहने पर गन्दी गालियों दी थी ।
में ,--पर मेने तो सोचा था आप नाराज हो जाएगी ।
सरजू ,--मुझे चुदवाते समय गाली सुनकर मज़ा आता है और गाली देने में भी ।
में ,--पर आप ने दी तो नही ।
सरजू ,--मुझे डर था तुम पढ़ी लिखी हो कहीं नाराज नही हो जाओ पर में अब चाहती हूं कि जैसे तुमने मुझे गाली दी थी वैसे ही में भी तुमको चुदबाटे समय गन्दी गाली दूं।
में ,--पर दीदी आप को पता है उन गलियों का मतलब क्या होता है।
सरजू,--रेखा तू आज रात मुझे सरजू बोल कर ही बुला और सब गालियों का मतलब मुझे पता है पर चुदने के समय सब अच्छा लगता है ।
मैं ,--पर आप मुझे रण्डी बोलेगी तो आपको क्या अच्छा लगेगा ।
सरजू ,--यही की मेरी बहु भी मेरे जैसी रण्डी बन गयी जो मेरी तरह अपने पति से संतुष्ट नही है ओर अपनी प्यास बुझाने के लिए किसी पराए मर्द का बिस्तर गर्म कर रही है और जो औरत अपने मर्द के अलावा किसी और से चुत मरवाये वो रण्डी से कम नही होती ।
मैं ,--और बाकी गाली ।
सरजू ,--अब मान भी जा ना ।
में ,--ठीक है रजु , तू भी क्या याद करेगी ।
सरजू मुझे गले लगाकर ,--तूने इतनी चौड़ी मांग क्यों भरी है आज ।
मैं ,--ताकि तेरे यार को लगे कि वो अपनी ब्याहता बहु के साथ हमबिस्तर हो रहा है ।
सरजू ,--तुझे भी इन चीजों का बहुत ध्यान रहता है अब तुझे इसका दूसरा मतलब बताती हूँ कुछ जगह चुत को मांग भी बोलते हैं और तेरी ऊपर की चौड़ी मांग का मतलब है कि ऊपर की तरह नीचे की मांग भी चौड़ी कर दो ।
में ,--अब आप ने ठान ली है चौड़ी करवाने की तो में क्या कर सकती हूँ।
सरजू ,---तो फिर तू तैयार है मेरे कहे अनुसार करने को।
में सरजू के कान में ,--हां सरजू मेरी रण्डी सासु तेरी बहु भी आज से तेरे जैसे बेशरम और बाज़ारू औरत बन कर तेरी तरह जियेगी ।
सरजू ,--तो फिर चलें तेरे आशिक के पास।
में ,--नही बारह बजने वाले है पहले तेरे यार का बर्थडे मनाते है उसके लिए केक लायी हूँ वो कटवा लेते हैं यही हॉल में ।
सरजू ,--आज से सुनिलं तेरा भी यार है और तू उसको जब तक हम तीनों के अलावा कोई पास ना हो सुनिलं ही बुलाना।
मेने डिब्बे में से केक बाहर निकाला और उसे टेबल पर रख दिया ।सरजू केक देखकर बहुत खुश हुई और सुनिलं अंकल को आवाज लगाई ।
अंदर से सुनिलं बाहर आया उसने पेंट शर्त पहन रखी थी और बहुत ही हैंडसम लग रहे थे ।में आगे बढ़कर उनके पैरों में झुकी तो सरजू भी मेरे साथ सुनिलं अंकल के पैरों में झुक गयी ।
सुनिलं अंकल ने दोनों के सर पर हाथ रखा और बोले ,--खुश रहो मेरी राण्डों ।
औऱ दोनों को अपनी दोनों बाजुओं मेभरकर बारी बारी से गाल पर किश किया ।
में ,--अंकल केक काटिये ।
सरजू ,--रेखा आज रात ये भड़वा तेरा अंकल नही तेरा ग्राहक है और ग्राहक को उसके नामसे बुलाते है क्यों बे भोसडी वाले ।
सुनिलं ,--रेखा तुम जैसा रजु बोलती है वही करो मुझे अच्छा लगेगा ।
में मनमे सोचने लगी कि अपने बाप से भी बड़ी उम्र के आदमी को उसके नाम से कैसे बुलाऊँ पर फिर सोचा इन दोनों को जवान बने रहना है शायद, पर मुझे क्या ।
मैं ,--सु...नील चल बारह बज गए अब केक काटकर हमारा मुँह मिठा करवा दे ।
सुनिलं टेबल के पास चलकर आया और चाकू ढूंढने लगा ।
सुनिलं ,--चाकू कहा है चाकू तो लाओ ।
में ,--चाकू तेरी पेंट में है सुनिलं पेंट खोलकर निकाल लो।
सरजू ने जब ये सुना तो वो समझ गयी में कोन से चाकू की बात कर रही हूं इसलिए वो सुनिल के सामने गयी और उसकी पेंट की बेल्ट खोलकर उसके पेंट को नीचे सरका दिया औऱ फिर उसकी लंगोट को भी खोल कर पैरों में से निकाल दिया ।
अंकल का लण्ड पूरा अकड़ा हुआ था और टेबल से थोड़ा नीचे था तो मेने पास में पड़ा लकड़ी का पीढ़ा रख दिया जिस पर अंकल खड़े होगये और मेने केक को टेबल के बीच से अंकल के लण्ड के नीचे कर दिया ।जिससे केक के ठीक नीचे केक था ।
रजु ,--सुनिलं अब अपने इस बड़े चाकू से काट दो ।
अंकल ने अपना लण्ड हाथ से पकड़कर नीचे किया तो हम दोनों ने हैप्पी बर्थ डे सुनिलं बोला और अंकल ने अपना लण्ड केक में घुसा कर निकाल लिया उनके लण्ड पर पूरा केक लग चुका था जिसे वो घूमकर सरजू की तरफ हो गए ।
सरजू ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे भी अपने साथ झुका लिया और लण्ड से केक चाटने का इशारा किया ।
दोनों सास बहू ने एक साथ जीभ निकाली और सुनिलं अंकल के लण्ड पर लगे केक को दोनों तरफ से चाटने लगी ।दोनों ने पूरा केक चाट लिया तो सुनिलं अंकल ने एक बार फिर से लण्ड को केक मे घुसाया और दोनों को केक खिलाया। दोनों ने पूरा लण्ड चाट चाट कर साफकर दिया जिसमे सुनिलं अंकल का प्रीकम भी मिक्स हो गया और सुनिलं अंकल के लण्ड को लोहे की तरह शख्त बना दिया।
सुनिलं ,--अब मुझे भी केक खाना है ।
मैं ,--अरे राजा तुझे भी खिलाएंगे पर हाथ से नही दूध मिक्स करके और तुमको भी सीधे मुंह से खाना पड़ेगा क्यों रजु रानी ।पहले आप खिलाओ फिर में क्यों ।
इसके साथ ही मेने सरजू की साड़ी पिन खोली और उसके ब्लाउज को निकालकर फेंक दिया और ब्रा को खोलकर टॉपलेस कर दिया और सरजू के बूब्स को केक पर झुका कर उसके बूब्स को केक लगा दिया ।
में ,--सुनिलं तेरी रानी आज तुझे बर्थडे पर अपने बूब्स से केक खिलाएगी ले राजा खा लो ।
सुनिलं सरजू के बूब्स पर झुक गया और अपनी जीभ से दोनों चूची को चाटने लगा ।
सरजू लंबी सिसकियां लेते हुए एक हाथ चुत मसलते हुए ,--आह ....खा ले राजा मेरी पढ़ी लिखी बहु ने क्या गजब का बर्थडे मनाया है तेरा राजा मज़ा आ गया ।
सुनिलं अंकल ने ये सुनते ही मेरे हाथों को चूम कर ,--आखिर बहु किसकी है जैसी सास वैसी बहु ।
सुनिलं ने पूरा केक चाट लिया तो सरजू बोली ,--रेखा तू भी अपने यार को केक खिला दे ।
में ,--क्यों नही आखिर अंकल का बर्थडे स्पेशल जो बनाना है ।
और फिर मेने अपनी साड़ी और ब्लाउज ब्रा को खोलकर अपनी पूरी छाती को केक पर रखकर केक लगाया और सुनिलं अंकल के सामने खड़ी हो गयी ।सुनिलं अंकल ने बड़े ही सेंसिटिव तरीके से केक को चाटना शुरू कर दिया जिससे मेरी सिसकी रोकना मुश्किल हो गया।
सुनिलं अंकल ने मेरी पूरी छाती पर लगे केक को चाट लिया था और में अपनी सास के साथ टॉपलेस खड़ी होकर सुनिलं अंकल से अपनी निप्पल चुसवा रही थी इधर सुनिलं अंकल भी आधे नंगे थे उनका पेंट और लंगोट गायब थे शर्ट पहने थे ।उनका विशाल लण्ड पूरा खड़ा था जो सख्त होकर शर्ट को ऊपर उठाएं हुआ था।और वो पूरी मेहनत से मेरी नंगी छाती को चाट रहे थे।
सरजू जो मुझे सुनिलं अंकल से मुझे बूब्स चटवाते देख रही थी अपनी चुत को साड़ी के ऊपर से मसल रही थी उसको वियाग्रा खाये काफी देर हो चुकी थी उसके जैसी गर्म औरत जो चुदने के लिए अपने यार के साथ मुंबई आ गयी थी निश्चित ही पहली बार वियाग्रा से हालत खराब होनी ही थी ।
में जानबूझकर सुनिलं को अपने से चिपकाए खड़ी थी ताकि सरजू थोड़ा सा तड़पे ।पर सरजू से बर्दाश्त नही हुआ और वो बोली ।
सरजू ,--सुनिलं अब तो केक खत्म हो गया अब बहु को छोड़ दो ।
सुनिलं ,-रजु आज बहुत दिन बाद संतरे चुसने को मिले हैं आम चूस चूस कर मुंह का स्वाद कुछ अलग टेस्ट को तरस गया है ।
सरजू ,--तो अंदर चलकर आराम से पियो ना ।
मैं ,--आह ....सुनिलं पी लो सारा रस इन संतरों का इसके बेटे में दम नही संतरे का जूस पीने का ,आज इनमें एक भी बूंद रस कि मत छोड़ना ।
सरजू ,--सुनिलं अब मुझसे बर्दास्त नही हो रहा प्लीज ।
मैं ,--अरे रजु रानी तुझे चुदवाने की कितनी जल्दी हो रही है पहले सुनील का बर्थडे तो ठीक मना लेने दो ।
और फिर में सुनिलं से अलग हुई और सरजू की साड़ी और पेटोकोट को खोलकर रख दिया और उसको डाइनिंग टेबल पर सुला दिया और केक को मुठी मैं भरके उसकी चिकनी चुत पर मल दिया और सुनिलं को बोली ,--राजा लो अब केक को मलाई के साथ खाओ ।
सुनिलं सरजू की चुत पर झुक गया और सरयू को चुत पर लगे केक के साथ चुत चाटने लगा जिससे सरजू की आहें पूरे हॉल में गूंजने लगी ।
मैं टेबल के दूसरे सिरे जिधर सरजू का सर था उधर गयी और अपने होठों को सरजू के होंठ पर रखकर चुसने लगे और अपने दोनों हाथों से सरजू के बड़े बड़े बूब्स को मसलने लगी ।सरजू की सिसकियां मेरे मुंह मे दबकर रह गई और वो कसमसाने लगी ।
सुनिलं अंकल ने चुत के ऊपर से पूरा केक चाट लिया तो अपनी जीभ को नुकीली करके सरजू की चुत में घुसा दिया और सरजू की चुत से निकलने वाले पानी को स्वाद लेकर खा रहे थे जिससे सरजू पूरी मदहोश होकर अपने हाथ इधर उधर पटक रही थी ।उसने अपना मुंह मेरे होठों से अलग करके सुनिलं से कहा।
सरजू ,--साले अब अपना लण्ड डालकर चोद दे मुझसे अब बर्दाश्त नही हो रही है।
मैं सरजू के कान में मुंह लगाकर ,--रानी सुनिलं तुझे तभी चोदेगा जब तू मेरी बात मानेगी ।
सरजू ,--बोल मुझे तेरी सब बातें मंजूर है ।
में ,--तू सुनिलं से चुदवाकर चुपचाप दूसरे कमरे में जाकर सो जाना में वापस जाने के समय तुझे तेरे यार के हवाले कर दूंगी ।
सरजू ,--ठीक है पर अब मुझसे तुझे क्या शरम ।
में ,--मुझे भी तेरे यार के साथ एन्जॉय करना है और तेरे सामने में पूरा खुल कर बोल नही पाऊंगी ।
सरजू ,--ठीक है मे खुद ही दूसरे कमरे में चली जाऊंगी वैसे भी दिन भर से थकी हुई हूँ ।
में ,--सुनिलं अंकल अब आप रजु की चुत से जीभ निकाल लीजिए और ऐसे ही खड़े खड़े अपना हथियार इसकी चुत में डालकर पेलिये ।
सुनिलं ने इतना सुनते ही खड़े होकर अपना लवड़ा सरजू की चुत पर लगाया और सरजू के पैरों को हाथ से पकड़कर धीरे धीरे से सरजू की चुत में लण्ड डालकर चोदने लगे ।
मेने भी अपने हाथ सरजू की विशाल चुचियों पर तेजी से चलाने शुरू किए और उसकी निप्पल को पकड़कर जोर जोर से खींचने लगी जिससे सरजू की चीखें निकलने लगी ।
सरजू ,--उफ......बहु मेरी निपल उखाड़ेगी क्या सुनिलं पेलो कसकर में ज्यादा देर नही टिक पाऊंगी ।
मैं ,--ससुर जी जोर से चोदिए मेरी सासू मां को आज आपकी बहु आप से अपनी सासु की चुदाई की भीख मांग रही है ।
सुनिलं ,--आह ह ह ...…...ले रजु रण्डी तेरी चुत को चोदते हुए तीस साल होगये पर तेरी चुत आज भी उतनी ही गर्म है ले रानी अब झेल मेरे लण्ड को ।
सुनिलं ने अपनी स्पीड बढाई और राजधानी एक्सप्रेस की तरह सरजू को पेलना शुरू कर दिया ।लगभग दस बारह मिनट में सरजू की चुत ने पानी बहा दिया और वो मुझे हाथ से दूर कर दी ।
सुनिलं भी समझ गया और वो अपना लण्ड जिस पर रजु की चुत का सफेद पानी लग गया था उसको बाहर निकाल लिया ।
सरजू टेबल से उठकर खड़ी हुई और बोली ,--सुनिलं में दूसरे रूम में सोने जा रही हूँ तुम बहु को आराम से करना और सारा पानी मेरी बहु की चुत में गिराना ।
उसके बाद सरजू दूसरे रूम में नंगी ही जाकर बेड पर गिर गयी तो मेने बाहर से गेट को लॉक कर दिया ।
सुनिलं मेरे पास आया और मेरी साड़ी को खींचकर शरीर से अलग किया और मुझे गोद मे उठाकर लाया और मुझे बेड पर बिठा दिया ।फिर अपना शर्ट खोलने लगा ।
मैं ,--राजा ऐसी भी क्या जल्दी है अभी पूरी रात बाकी है आराम से मज़े करेंगे ।
सुनिलं ने शर्ट के बटन वैसे ही छोड़ दिये और मेरे पास आकर बैठ गया ।
सुनिलं ,--रेखा एक बात तो पक्की है तू सरजू से कम खिलाड़ी नही है ।
मैं ,--खिलाड़ी क्या होती है जो बोलना है खुलकर बोलो अब जब तुमने देख लिया तो शब्दों का सही इस्तेमाल करो ।
सुनिलं ,--तुमभी रजु से कम चुड़कड नही हो ।
में ,--अच्छा ऐसा क्या देखा जो ये उपाधि दे रहे हो ।
सुनिलं ,--आज दिनमे तुमने रजु को चोदते समय अपनी चूची और चुत दिखाई उसी समय मुझे लग गया कि तुम भी ऊंची खिलाड़ी हो ।
में ,--उसे खिलाड़ी बोलते हैं क्या रजऊ ।
सुनिलं ,--बोलते तो उसे रण्डी है पर ये बात मुझे अच्छी नही लग रही तुम जैसी घरेलू औरत के लिए ।
में ,--तो सरजू घरेलू औरत नही है ।
सुनिलं ,--वो तो रण्डी है उसका पेट मेरे अकेले से नही भरता ।
में ,--फिर ।
सुनिलं ,--उसको नए नए लण्ड चाहिए जिसके कारण मुझे उसको कई दोस्तो के पास भेजा है ।
मैं ,--ओह तो ये बात है ।
सुनिलं ,--सिर्फ यही नही उसने मुझे भी खुश रखने के लिए कई लड़कियां फ़साई है मेरे लिए ।
मैं ,--जैसे मुझे ।
सुनिलं ,--देख मेने ये अपनी झांट के बाल ऐसे ही सफेद नही किये ।में अमित की शादी अपने दोस्त की सुशील कन्या से करवाना चाहता था पर अमित ने उसको इसलिए रिजेक्ट कर दिया क्योंकि उसका किसी के साथ अफेयर नही था ।अमित को एक चालू लड़की से शादी करनी थी ।जो तुम से पहली बार मिलते ही समझ मे आ गयी ।
मैं ,--क्या समझ आयी मुझे भी समझाइए ।
सुनिलं ,--अमित की मम्मी को में शादी से पहले से चोद रहा हूँ अब उसकी बदकिस्मती कहो कि गलती से उसकी बच्चेदानी में मेरी जगह तेरे असली ससुर का वीर्य चला गया और वो अपने बाप की तरह गांडू बन गया ।
मैं ,--और फिर रीता ।
सुनिलं ,--रीता को रजु ने एक चिड़िया की तरह पिंजरे में रखा है उसको समझदार होते ही होस्टल में रख दिया और अब उसको घर में कैद किया हुआ है ।
में ,--अगर उसको खुला छोड़ दे तो ।
सुनिलं ,--अगर उसमे हम दोनोमे से किसी के भी अनुवांशिक गुण आये तो पक्का वो गर्म लड़की होगी ।
में ,--पर मम्मी बोल रही थी अमित के जन्म के बाद तो उसने ससुर जी से चुद वाया ही नही ।
सुनिलं ,--हां, पर मेरे जैसे कई यार रहे हैं उसके पता नही किसका बीज है ।
मैं ,--मतलब अगर आपको रीता मिले तो उसको भी ।
सुनिलं ,--तो साफ साफ सुन सरजू मेरी नज़र में एक रांड से ज्यादा कुछ नही जो अपनी प्यास बुझाने के लिए मुझसे पूरी की मत वसूल करती है ।
मैं ,--वो कैसे ।
सुनिलं ,--उसके दोनों बच्चे मेरे ही पैसों से पढ़े है उसके खुद के खर्चे मेरे दिए पैसों से चलते है ।
में ,--और आप को जो नए नए आइटम दिलवाती है उसका क्या ।
सुनील ,--उसने सिर्फ एक ही अच्छी लड़की मुझे दिलवाई है तुम्हारे सिवॉय ।
मैं ,--जब इतना बता दिया तो वो भो बता दीजिए ।
सुनिलं ,--पर तुम सरजू को नही बोलोगी ना ।
में ,--सोच लीजिये अगर रीता की फ्रेश चुत चाहिए तो बता दीजिए ।
सुनिलं ,--मुझे नही लगता सरजू ऐसा करने देगी ।
मेने अपना मोबाइल उठाया और उसमे सीक्रेट फोल्डर खोलकर रीता की नंगी फोटो दिखाई जिसे देखकर सुनिलं कि आँखो में चमक आ गयी ।
सुनिलं ,--तुम्हारे पास ये फ़ोटो कैसे आई ।
में ,--रण्डी की बेटी रण्डी ही होगी ना ये तो फड़फड़ा रही है अपनी नथ उतरवाने को और मेरे पास आते ही इसको आज़ाद कर दूंगी ।
सुनिलं ,--पर तुमको फायदा ।
में ,--जिस घर मे ससुर गांडू सास रण्डी और पति हिजड़ा हो तो ननद को रण्डी बनते ही मुझे ऐश करने से कोन रोकेगा ।
सुनिलं ,--तुम बहुत समझदार हो अगर रीता को मेरे नीचे ले आओ तो तुमको मुंह मांगी कीमत दूंगा ।
में ,--ऐसी क्या खास बात है रीता में ।सिवॉय सुंदर चेहरे के ।
सुनिलं ,--उसने मेरे बेटे को बिगाड़ दिया पर में कुछ कर नही सका ।
मैं ,--ठीक है पर नथ नही उतरवा सकती क्योंकि कोई भी लड़की पहली बार किसी हम उम्र लड़के के साथ ही सोना पसन्द करेगी ।उसको पहली बार मे कोई जवान आदमी ही पसन्द आएगा ।
सुनिलं ,--ठीक है पर बाद में तो हो सकता है ।
मैं ,--पक्का ,पर उसको अभी ट्रेंड करना पड़ेगा इसकी छाती को मसाज करके बड़ा करना होगा उसमे समय और ख़र्चा लगेगा ।
सुनिलं ,-ठीक है तुमको जो खर्च लगे वो में दूंगा मुझे बस एक बार रीता को करना है ।
मैं ,--डन, पर अब तो बता दो सरजू ने किस किस को चुदवाया तुमसे ।
सुनिलं ,--फ्रेश माल तो सरिता ही थी ।
मैं ,--सरिता भुआ जी ।
सुनिलं ,--हां उसको मेने ही जवान किया था पहली बार और रश्मि भी मेरी ही देन है ।
मैं ,--तुम तो पक्के जिगरी दोस्त निकले अपने दोस्त के परिवार में उसकी बहन बीबी के अलावा आज दोस्त की बहू को चोद कर दोस्ती निभा रहे हो।
सुनिलं ,--मत भूल की तेरी सास एक रण्डी है ।
में ,--ओर में ।
सुनिलं ,--तुम कोनसी रण्डी से कम हो ।
मैं ,--ठीक है फिर में जा रही हूँ ।
सुनिलं ,--क्यों ,क्या हुआ ।
मैं ,--ये रण्डी अब बिना पैसे कुछ नही करेगी ।
सुनिलं ने अपनी सोने की चैन गले से निकाली और
मुझे पहना कर बोला ये इनाम आज दिनमे मुझे एन्जॉय कराने का और फिर जेब से नोटों की गड्डी पकड़ा कर बोला ,--ये तेरी आज रात की कीमत अब बोल ।
मैं नोटों की गड्डी को साइड में रखकर ,--तो फिर कर ले अपनी कीमत वसूल ।
सुनिलं ने अपनी शर्ट के बटन खोले और फिर बनियान निकाल कर बोला ,--रण्डी अब नंगी होकर मुझे मज़ा दे।
मेने एक झटके में अपना पेटीकोट का नाडा खोला और बोली ,-ले राजा तेरी रानी तैयार है ।
सुनिलं मेरे को पास खींचकर ,--पक्की वेश्या है तू जो बिना पेंटी के ही इतनी देर से मेरे पास बैठी हैं ।