Episode 27
सुनिलं का लण्ड जो काफी देर से खड़ा था उसने मुझे बिस्तर पर गिराया और धीरे धीरे मेरी चुत में घुसने लगा ।हालांकि ये पहली बार नही था पर सुनिलं को ये दिखाने के लिए जरूरी था कि जो वो सोच रहा है वैसे ही उसको कीमत सही लगे ।
पर जैसे जैसे उसने अपना लण्ड मेरी चुत में डाला मुझे एहसास हो गया कि उसका लण्ड एक बार फिर से मेरी चुत को फाड़ रहा हो ।
तभी मुझे उस बूढ़े हीरा लाल की बात याद आई जिसने कहा था कि मेरी चुत ही ऐसी है जो जितनी बार चुदती है उतनी ही बार वापस पैक हो जाती है और चुत पर बना तिल इस बात का गवाह है ।
सुनिलं पूरा लण्ड पेलकर ,--क्यों रानी कैसा है मेरा हथियार ।
में दर्द भरी आवाज में ,--बहुत सॉलिड है राजा पर अब जब घुस गया तो झेलना ही पड़ेगा आह.....
सुनिलं धीरे धीरे से चोदते हुए ,--अरे इसलिए तो धीरे धीरे चोद रहा हूँ मुझे पता है तुमने ऐसा सॉलिड हथियार नही लिया होगा ।
मैं ,--आह थेंक्स राजा तुझे पता है नई चुत कैसे फाड़ी जाती है आखिर तूने पैसे देकर भी मेरी चुत का खयाल रखा हुआ है ।
सुनिलं ,--पैसे तो में वसूल करूंगा ही अभी तेरी चुत को अपने लण्ड के हिसाब से एडजस्ट होने दो ।
मैं ,--यही तो फायदा होता है अनुभव का आखिर तुमने बहुत सील खोली होगी ।मेरी तो फिर भी खुली हुई है ।
सुनिलं ,--हां , पर नई लौंडिया से तो चुदी चुदाई औरत ही ज्यादा मज़े करवाती है ।
सुनिलं अब धीरे धीरे स्पीड बढ़ा रहा था उसको अब बाकी के राज उगलवाने का समय आ गया था इसलिए मेने उसकी गाँड पर हाथ फिराते हुये पुछा।
में, --आह ...राजा चोद मुझे भी सरिता जैसे गर्भवती कर दे आज ।
सुनिलं ,--तू पागल है क्या उस रण्डी की बातों में मत आना अभी तो तेरे खाने पीने के दिन है नए लण्ड खा और उनका ताजा पानी पी ।
मैं ,--पर ये गांव नही है जो किसी की पास भी सेट हो जाओ और मज़े कर लो ।
सुनिलं ,--तो उसके लिए मैं हूँ ना मेरे गांव नेता है यहां तू बोले तो उसको बोल देता हुँ तुझे रोज ऐश करवॉएगा और पैसे भी दिलवा देगा ।
मैं ,--मतलब रण्डी बाज़ी करूँ ।
सुनिलं ,--तो अभी कोनसी कम है तूने मुझसे अपनी कीमत तो ले ही ली ।
में ,--तुमको सब रण्डी ही लगती है क्या ।
सुनिलं ,--सब तो नही पर मेने जिसको भी अपने नीचे सुलाया है वो सब धंधा ही करने लग जाती है ।
मैं ,--तो सुनीता भुआ भी ।
सुनिलं ,--वही नही उसकी बेटी रश्मि भी बड़ी रण्डी बन चुकी है ।
मैं ,--इसका मतलब आप ने रश्मि दीदी की भी नथ उतारी थी ।
सुनिलं ,--मेने सुनीता को औरत बनाया था और शादी के दिन भी उसने फेरे लेने से पहले रजु की मदद से चोदा था जहां तक मेरा मानना है रश्मि भी मेरे ही लण्ड की पैदाइश है पर रश्मि को मेने नही उसको सोलहवें साल में ही चंदा ने किसी से चुदवा दिया था ।
मैं ,--आह ....तो फिर आपने नही भोगा उसको ।
सुनिलं ,--भोगा पर सरजू को नही पता इस बात का ।
मैं ,--वो कैसे संभव है ।
सुनिलं ,--उसको तो मेने सुनीता के घर पर सुनीता को पैसे देकर चोदा है ।
मैं ,---आह ...बड़ा चोदू है तू जो मां बेटी और सास बहू सबको एक ही लण्ड के नीचे सुला लिया ।
सुनिलं ,--अरे रानी ये लण्ड ही ऐसा है कभी मानता ही नही।इसको सिर्फ चुत दिखती है चाहे वो किसी की भी हो ।
सुनिलं को चोदते हुए आधा घंटा हो गया था इससे पहले वो सरजू को ठंडा कर चुका था इसलिए उसका पानी छूटने के कगार पर था और वो फुल स्पीड में लगा हुआ था पर मे वियाग्रा की वजह से अभी झड़ने वाली नही थी।
सुनिलं ने तेज गति से धक्के लगाए और वो मेरे ऊपर ढेर हो गया तो मेने उसके बालों को सहलाते हुए कहा ।
मैं ,--तू तो अभी बड़ी बड़ी डींगें हांक रहा था इतना जल्दी खल्लास हो गया अब में क्या अंगुली करूँ ।
सुनिलं ने मुझे घूर कर देखा और फिर मेरी चूची पर किस करके बोला ,--रण्डी अभी तो एक ही राउंड हुआ है रात कहा बीत गयी ।पर तु भी चुड़कड रांड है जो इतनी देर तक मुझे झेल ली वरना अभी तक तो तीन चार बार झड़ कर पड़ी होती ।
मैं ,--अब तुझे कितनी देर लगेगी तैयार होने में मुझे ठंडा करो ।
सुनिलं ,--बस एक बार बाथरूम से होकर आता हूं फिर बताता हूँ।
सुनिलं उठकर बाथरूम चला गया और मेने घड़ी में देखा तो रात के ढाई बजे थे यानी अभी भी बहुत टाइम था ।
तभी सुनिलं बाहर आया और बोला ,--रेखा तू रीता के बारे में कुछ बोल तो मेरा हथियार अभी खड़ा हो जाएगा।
मैं ,--तुम कहो तो उसके मुंह से कुछ सुनवा दूं ।
सुनिलं ,--अरे तब तो मज़ा आ जायेगा ।
मैं ,--ठीक है पर तुम एकदम चुप रहना ।
उसके बाद मेने अपना फोन उठाया और रीता को डायल करके फोन को स्पीकर मोड़ पर डाल दिता।
रीता ने लास्ट रिंग में फोन उठाया और बोली ।
रीता ,--भाभी इतना रात में कैसे फोन किया ।
में ,--अरे तेरे भैया आज नासिक गए उनकी याद आ रही थी उन्होंने फोन नही उठाया तो सोचा ननद को तंग करूँ।
रीता ,--पर भैया के पास जो सामान है वो मेरे पास थॉडी ही है ।
मैं ,--सामान को खुलकर नही बोल सकती क्या कुतिया।
रीता ,--अरे भाभी मेरे पास भी आपके जैसी चुत ही है भैया जैसे लण्ड थोड़े ही है ।
जब सुनिलं ने रीता के मुंह से लण्ड सुना तो उसके लण्ड में करंट लगा ओर वो सर उठाने लगा ।
मैं ,--लगता है तेरी चुत भी लण्ड मांगने लगी है अब ।
रीता ,--भाभी अब आप से क्या छुपाना अब अंगुली कर कर के थक गई आप ही कुछ करो ।
सुनिलं का लोडा पूरा टाइट हो गया था वो मुझे पकड़कर मेरे पैरों को चौड़ा करने लगा ।
में ,--रीता में तुमको सुबह फोन करूँगी ,तेरे भैया का फोन आ रहा है।
रीता ,--बाय भाभी अब मेरी जगह भैया आपको अंगुली करने में मदद करेंगे।
फोन काटकर मेने साइड में रखा तो सुनिलं फिर से मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चुत की कुटाई करते हुए बोला ,--रेखा तू इसको मेरे नीचे ला सकती है तुझे क्या चाहिए बोल ।
मैं ,--तुम पहले सरजू को तैयार करो इस कली को मुंबई भेजने के लिए फिर में इसकी किसी हैंडसम लौंडे से नथ उतरवाऊंगी ।जब वो लौंडा इसको एक बार मसल कर चला जायेगा तब इसको दूसरे लण्ड से चुदने को तैयार करूँगी तभी ये तुमको मिल सकती है ।
सुनिलं चुदाई रोककर मेरे होठो पर किस करते हुए ,--शाबास मेरी रानी प्लान तेरा अच्छा है ये समझ ले बहुत जल्द ये तेरे पास होगी ।
मैं ,--जिस दिन मेरे पास आ गयी उसी दिन से में इसको तैयार करना शुरू कर दूंगी इसके संतरे जैसे बूब्स को नथ उतरने से पहले बड़े बड़े आम बनवा दूँगी और इसको मुजरा सिखाऊंगी जिससे तेरे जैसे भड़वे खड़े खड़े झड़ जाएंगे ।
सुनिलं ,--बना इसको टॉप क्लास तवायफ तभी सरजू को पता चलेगा कि दूसरों की औलाद को बिगाड़ने का क्या नतीजा होता है ।
मैं ,--लगता है सरजू ने तुम्हारा कुछ ज्यादा ही बिगाड़ दिया है ।
सुनिलं ,--उसने मेरे बेटे को कमसिन उम्र में ही जवान बना दिया और बिगाड़ दिया ।
मैं ,--तो उसको भी ऐश करने दो ।
सुनिलं ,--वो पढ़ाई लिखाई छोड़कर गांव में चंदा जैसी बिगड़ैल औरतों के पीछे घूमता है ।
मैं ,--तो उसे फिरने दो तुमको क्या फर्क पड़ता है ।
सुनिल,--अब वो मेरी जासूसी करता है और मुझे ब्लैकमेल करता है ।इसलिए मुझे रीता को सरजू से भी भी ज्यादा चुड़कड बनाना है ।
मैं ,--अरे तो राजा तेरी ये रानी है ना उस रीता को ऐसी टॉप की रण्डी बनाउंगी की रंडियाँ भी शर्मा जाएगी बस तू मुझे उसपर लगने वाले खर्चे के पैसे भेज देना ।
सुनिलं ,--अरे उसकी चिंता मत कर में वैसे भी महीने में एक बार तो मुम्बई आता ही हूँ आगे जब भी आऊंगा तुझे बुला लूंगा तू बस अपने साथ एक आध लड़की के जुगाड़ कर ले ।फिर तुझे नेताजी के साथ मज़ा करवाऊंगा और खर्च भी दे जाऊंगा।
मैं ,--हो जाएगा राजा मेरे पास औरतों की कमी थॉडी ही है मेरी जान पहचान की कई घरेलू औरतें यही धंधा करती है उसको बुला लुंगी बस एक दो दिन पहले बोल देना ।
दोनों बातें करते जा रहे थे और सुनिलं मेरी चुत भी मारे जा रहा था अब में भी झड़ने के कगार पर थी इसलिए सुनिलं को दो चार लंबे शॉट लगाने को कहा और झड़ कर हांपने लगी ।
सुनिलं ने कहा कि उसका काम नही हुआ तो उसको हटाकर घोडी बन गयी और उसको गाँड मारने का बोलकर पानी गाँड में गिराने को कहा।
सुनिलं लगभग दस बारह मिनट मेरी गाँड मारकर अपने वीर्य से गाँड को भर दिया और दोनो एक दूसरे की बाहों में समा गए ।
सुनिलं ने मुझे बाहों में भरकर कहा ,--रेखा तू मस्त औरत है मेरी जिंदगी में जितनी औरते आयी है उनमें सबसे गरम औरत है जिसने मुझे थका दिया पर खुद नही थकी ।
में ,--औरत का काम ही यही है आदमी को ठंडा करना ,फिर सारी मेहनत तो आदमी को करनी पड़ती है।
सुनिलं ,--पर तुम पहली औरत हो जिसने खुद आगे बढ़कर गाँड आफर की और मेरी संतुष्टि का ख्याल रखा ऐसा करने वाली तुम पहली औरत हो ।वरना एक बार औरत के झड़ते ही वो ऐसे बिहेव करती है जैसे कोई मजबूरी में कर रही हो।
मैं ,--तुमने मुझे सन्तुष्ट करने की कीमत चुकाई है और जब मेने पैसे लिए तो सन्तुष्ट करना ही था ।
सुनिलं ,--तुझे में अगली बार आऊंगा तो मेरे दोस्त के पास लेकर चलूंगा वो खुश हो जाएगा ।
मैं ,--पर ये कीमत मेने इसलिए कबूल कर ली क्योंकि कोई भी आदमी सर्विस देखकर ही पैसा देता है ।और आगे के लिए कीमत तय करता है।आज तुमको अपनी सर्विस दे दी आगे से कीमत में तय करूँगी।
सुनिलं ,--अरे पैसे तुझे कल् और मिल जाएंगे तूने मुझे खुश कर दिया ।अब तुम्हारी कीमत तुम नही मैं तय करूंगा ।
में ,--तो अब और एक राउंड नही करोगे ।
सुनिलं मुझे चूमकर ,--क्यो नही थोड़ा सा रेस्ट करने के बाद करेंगे पहले कुछ बाते हो जाये ।
मैं ,--बोलो क्या बात करनी है ।
सुनिलं ,--तुम सरजू के सामने बहु बनकर ही रहना उसको पता नही चलना चाहिए हम दोनों के बीच की बातें ।
मैं ,--यही बात में तुमको बोलने वाली थी सरजू को बोल दिया तो वो रीता को कभी नही भेजेगी ।
सुनिलं ,--मेरी तरफ से तुम बेफिक्र रहो बस मुझे एक बार उसकी बेटी को चोदना है ।
मैं ,--उसकी बेटी या तुम्हारी खुद की ।
सुनील ,--रजु जैसी औरत का कुछ पता नही, क्या पता किसका बीज डलवाया है उसने।
मैं ,--तुम चिंता मत करो राजा उसकी बेटी खुद बेचैन है चुदने को और मेरे राजा का लण्ड उसकी कमसिन चुत में बहुत जल्द जाएगा ।
सुनील ,--पर उसको तुम अपनी तरह से बनाओ ।मर्द को असली मज़ा तभी आता है जब औरत तुम्हारी तरह बेशर्म और जानकार हो।
मैं ,--उसको में अपने से भी ज्यादा स्मार्ट बनाउंगी ।उस की जवानी मेरे लिए लॉटरी जैसी है जो मुझे जिंदगी भर के लिए ऐश करवाएगी इसलिए मेने उसको पूरा निखार कर मज़े लूटने है।
सुनिलं ने सुना तो वो मुझे चूमकर बोला ,--रेखा तू बहुत आगे जाएगी तेरी जवानी अभी उठाव पर है तेरा शरीर अभी पूरा कसा हुआ है बूब्स और चुत दोनों कसे हुए है और तू जितने जोश के साथ चुदआती है वो एक मर्द को कोठे पर भी नही मिलेगा ।
मैं ,--सब मोबाइल की वजह से है मेने घर मे बैठ कर नेट पर सब पढ़ा और सीखा है कि कैसे खुद के साथ सामने वाले को एन्जॉय करवाया जाए ।
मेने सुनिलं की बाहों से खुद को मुक्त करवाया और उसको बोली ,--राजा में तेरे को दूसरे राउंड में मज़ा करवाने के लिए तैयार होकर आती हूँ बाथरूम से तब तक तुम अपने आप को तैयार करो ।
सुनिलं ,--पर में क्या तैयारी करूँ ।
में ,--दूसरे राउंड में रेखा नही में तेरी बेटी रीता बनकर आऊंगी जो अपने असली पापा से रिकवेस्ट करूँगी की मुझे कुंवारी कन्या से औरत बना दे ।
सुनिलं ने ये सुना तो उसका हाथ अपने लण्ड पर चला गया और वो बोला ,--तू वाकई में आदमी की कमजोरी जानती है देख लण्ड में करंट आ गया ।
फिर मेने सुनिलं को रूम से पन्द्रह मिनट के लिए बाहर जाने को बोला ।सुनिलं नंगा ही सिगरेट का पैकेट उठाकर बाहर चला गया।
मेने सीमा की अलमारी खोली और उसके कपड़े चेक करने लगी तो उसमे एक स्कर्ट टॉप मिल गया जिसे लेकर बाथरूम में घुस गई।
बाथरूम में अच्छे से स्नान करने के बाद खुद को तौलिए से पोंछकर साफ किया फिर बिना ब्रा पेंटी के स्कर्ट टॉप पहना और बाहर आकर गहरा मेकअप किया और बालों को खुला रखकर टॉप का ऊपर का बटन खोलकर हाल में आई जहाँ सुनिलं सिगरेट पी रहा था।
मेने सुनिलं अंकल के हाथ से उनकी आधी सिगरेट ली और उनकी गोद मे बेठकर सिगरेट का लंबा कश लिया और फिर उसका धुंआ सुनिलं अंकल के मुंह पर छोड़ने लगी।
सुनिल ,-वाह रेखा तू तो हर काम मे एक्सपर्ट है इस तरह तो सिगरेट वही पी सकता है जिसने बहुत सिगरेट पी हो ।
मैं ,--अंकल मुझे रेखा नही रीता बोलिये औऱ आप ये बात याद रखिये की आप को अपने पैसे की कीमत वसूल करनी है ।
सुनिलं ,--वो तो है तुम पहली औरत हो जो अपने आप से ज्यादा मेरी संतुष्टि का ध्यान रख रही हो मेरी लाइफ में ऐसा मज़ा कभी नही आया ।
मैं ,--थैंक्स पापा आज ये आपकी बेटी रीता आपको अभी दो दिन और भी मज़े करवाने वाली है ।
मेने सिगरेट के कश लगाते हुए सिगरेट को अंकल के मुंह से लगाकर उनको भी सिगरेट पिला रही थी मेरी गाँड के निचे उनका लण्ड अब चुभने लगा था ।अंकल ने सिगरेट को ऐश ट्रे में डाला और मुझे एक बार फिर से गोद मे उठा लिया ।
मैं ,--पापा आप मुझे अब भी छोटी बच्ची की तरह उठा लेते हो ।
सुनिलं ,--गुड़िया तुझे आज में छोटी बच्ची से औरत बना दूंगा ।
मैं ,--ओह्ह पापा बना दीजिये आखिर आप नही तो आपकी इस बेटी का ख्याल कोन रखेगा।
सुनिलं मुझे गोद मे उठाये बैडरूम में लेकर आ चुका था और फिर उसने मुझे बेड पर बिठाया और मेरा टॉप खोलने लगे ।
मैं ,प्लीज पापा मुझे आपसे शरम आएगी आप मुझे ऐसे ही औरत बना दो ना ।
सुनिलं ,अरे रीता बेटी औरत बनने के लिए लड़की को नंगी होना पड़ता है ।
इसके साथ ही सुनिलं ने मुझे टॉपलेस कर दिया और फिर मेरा स्कर्ट खोलकर फेंक दिया ।
मैं ,--पापा अब जल्दी से मुझे औरत बना दो ।
सुनिलं ,--बेटी इतनी जल्दी क्या है ।
मैं ,--मुझे भी मम्मा जैसे खुलकर घूमना है साड़ी पहनकर और अपनी छाती को मम्मा जैसी बड़ी करवानी है ।
सुनिलं ,--तू चिंता मत कर तेरी चुचियों को तो में तेरी मम्मी से भी बड़ी बना दूंगा ।
सुनिलं अंकल ने मेरी चूची मसलते हुए मुझे बेड पर गिरा दिया और अपना लण्ड एक झटके में मेरी चुत में डालकर बोले ,--ले बेटी तेरे पापा ने तुझे औरत बना दिया है अब तू लड़की से औरत बन गयी ।
मैं ,--थैंक यू पापा,पर में औरत कैसे बनी।
सुनिल,--बेटी ये मूसल तुम्हारी चुत में घुसाया है उससे तेरी चुत फट गई और लड़की से औरत चुत फटते ही बन जाती है।
मैं ,--अहह.......पापा अब अपनी बेटी को कसकर चोद डालिये मेरी चुत में बहुत खुजली होती है आज इसको हमेशा के लिए मिटा दीजिये।
सुनिल ने ये सुनकर मेरी चुत को कूटना चालू कर दिया और लगातार दस पन्द्रह मिनट तक नॉनस्टॉप चुदाई करके मुझे झड़ने के करीब ला दिया ।
मैं ,--अहह.....पापा में झड़ने वाली हूँ आप ने तो मुझे बहुत जल्द झडा दिया ।
सुनिलं ,--ओह......रूक बेटी बस में भी आ ही रहा हूँ मेरा पानी निकलने वाला है कहा गिराऊं ।
मैं ,--अहह....डाल दो पापा अपनी बेटी की चुत में भर दो इसे अपने गर्म पानी से ।
इसके साथ ही मेरी चुत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया और उसकी जगह सुनिलं अंकल का वीर्य मेरी चुत में जमा होने लगा ।
मेने घड़ी की तरफ देखा तो सुबह के साढ़े चार बजे रही थी ।मेने सुनिलं अंकल को किस किया और उनके नीचे से निकलकर खड़ी हुई ,फिर पैसे, सोने की चैन और अपने फ्लैट की चाभी उठायी और फिर सुनिल अंकल को दिन में आने का बोलकर बाहर आई ।
बाहर आकर सरजू के रूम का गेट खोला और नंगी ही फ्लेट खोलकर बाहर आई और नंगी ही ऊपर सीढ़ियों से चढ़कर अपने फ्लैट का ताला खोलकर फ्लेट में घुस आई ।
जब बेडरूम में घुसी तो अमित घोड़े बेचकर सो रहा था मेने अलमारी में पैसे और चैन छुपाई और उसमे से डिल्डो निकाला और उसको अपनी चुत में डालकर सुनिलं के वीर्य से गिला किया और उसे अपने पेट पर रखकर सो गई।
सुबह मुझे किसी ने हिला क़े जगाया तो मेने आंख खोलकर देखा, अमित चाय लेकर खड़ा था उसने गुडमार्निंग कहा और साथ मे सॉरी भी बोल कर चाय पकड़ाई ।
मैं चाय लेकर ,--रात में सपने में तुम किसके साथ सेक्स कर रहे थे ।
अमित ,--पता नही ।
मैं ,--पता है तुम क्या बोल रहे थे नींद में ।
अमित ,--मुझे कैसे पता होगा जब मुझे नींद आ रही थी ।
मैं ,--साले कूक, तुम ये जो नेट पर कहानी पढ़ते हो वही रात में सपने में भी वही देखते हो ।
अमित ,--अब तुमको सब पता है मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने से ज्यादा मज़ा तुम्हारी चुदाई देखने मे आता है ।
अमित बेचारा रात में नींद की टेबलेट खाकर बेशुध होकर पड़ा था लेकिन मुझे उसको झूठ बोलकर उसके दिमाग मे कूक होने का फिट बिठाना था जिसे वो सच मान रहा था।
मैं ,--तुम्हारी बातें सुनकर देखो मुझे इस डिल्डो से काम चलाना पड़ा ।
अमित ,-पर ऐसा क्या बोल रहा था मैं ।
मैं ,--तुम बोल रहे थे बॉस आप कुछ दिन मेरी बीबी को अपने घर मे अपनी बीबी बना कर रख लीजिए और जब ये प्रेग्नेंट हो जाये तो मुझे लोटा देना तब तक मे नेहा को अपने घर रख लेता हूँ।
अमित ,--पर मैं ऐसा कैसे बोल सकता हूँ ।
मैं ,--जैसे तुम आदमी से कुछ भी उम्मीद की जा सकती है जो गांड मरवाने के लिए अपनी बीबी को एक ड्राइवर से चुदवा सकता है।
अमित ,--अच्छा सॉरी यार , मुझे नींद की बात याद नही पर आगे से जो तुम्हारी मर्जी होगी वही करूंगा । मुझे ऑफिस जाने में देर हो रही है रात को बात करेंगे ।
मैं ,--हां , जल्दी करो ऑफिस में नेहा तुम्हारा इंतजार कर रही होगी ।
अमित ,--ऐसा कुछ नही है और होगा तो तुम्हारी जानकारी के बिना कुछ नही होगा , बाय ।
अमित इतना बोलकर बाहर निकल गया मेने भी चाय पीकर बाथरूम में जाकर स्नान किया,फिर साड़ी पहनी और बाहर आई तो किसी ने डोरबेल बजाई ।मेने गेट खोला तो सामने सुनिलं अंकल खड़े थे ।मेने झुककर उनके पैर छुए तो सुनिलं अंकल बोले।
सुनिलं ,--रेखा तुम पक्की छिनाल औरत हो रात में कैसे मस्ती से चुत मरवा रही थी और अभी पूरी संस्कारी औरत बन के पैर छू रही हो ।
मैं ,--अब वो तो अंकल रात की बात थी ,अब दिन में तो में आपकी बहु हूँ ।
सुनिलं अंकल मुझे एक लिफाफा देते हुए ,--ये रखो इसमें कुछ पैसे हैं अभी मुझे एक अर्जेंट काम आ गया इसलिए गांव निकलना पड़ेगा ।
मैं बाहर इधर उधर झांककर ,--और सासु मां कहाँ है ।
सुनिलं ,--अरे हम तो सुबह ही होटल चले गए थे सरजू को नहाने के लिये छोडकर आया हूँ अभी तुरंत निकलना पड़ेगा । इसलिए सोचा जब तक सरजू तैयार हो जाती है तब तक तुमको रात में मज़ा कराने का इनाम दे कर आ जाऊं ।
में ,--थैंक्स अंकल ।
सुनिलं ,--लिफाफे में तुम्हारे रात के इनाम के अलावा एडवांस भी है बहुत जल्द आऊंगा वापस तब तुमको अपने दोस्त के बंगले पर बुलाऊंगा। तब तुम को आना है।
मैं ,--स्योर अंकल , जरूर आऊंगी ।
सुनिलं ,--और रीता को भी तुमको तैयार करना है उसके लिये तुमको एडवांस दिया है ।
मैं ,--ठीक है ,पर उसके लिए रीता को मुम्बई भेजना पड़ेगा ।
सुनिलं ,--में करता हूँ उसके लिए व्यवस्था ,तुम्हारे ससुर और सरजू के लिए कुछ स्पेशल करना पड़ेगा ।
मैं ,--सासु मां का तो समझ मे आ गया आप मना लोगे पर ससुर जी को कैसे तैयार करोगे ।
सुनिलं ,--अरे मेरा लंगोटिया यार है एक दिन पार्टी करनी पड़ेगी बस ।
मैं ,--ठीक है मुझे रीता को तैयार करने में दो महीना लग जायेगा ।
सुनील ,--दो महीना ज्यादा नही है ।
मैं ,--अरे अंकल दो महीने से ज्यादा भी लग सकता है उसको अभी डांस सिखाना है शरीर को भी निखारना है चुचियों को 32 से अड़तीस की साइज में लाना है और सब से इम्पोर्टेन्ट उस को ग्राहक को संतुष्ट करने के तरीके सिखाने है ।
सुनिलं अंकल ने गेट पर ही मेरे होठो को चूमकर ,--मुझे पूरा विस्वास है तुम उसको टॉप की माल बनाकर छोडोगी ।
मैं ,--अंकल टॉप का माल नही ,टॉप की रण्डी
सुनील ,--मुझे बहुत अफसोस रहेगा आज जाना पड़ रहा है पर बहुत जल्द मुम्बई आऊंगा ।होटल में सरजू तैयार हो गयी होगी में निकलता हूँ बाय ।
मेने भी सुनील अंकल को झुक कर प्रणाम किया तो सुनिलं अंकल मेरी गांड पर हाथ फेरकर निकल गए ।
मेने गेट बंद करके लिफाफा चेक किया तो वो नोटो से भरा था जिसे मेने अलमारी में रात के पैसों के साथ रखा और मन मे सोचने लगी ,रेखा आज से चुत को मुफ्त में नही पैसों से ही चुद वाना है ।
तभी फोन की घण्टी बजी ।फोन उठाकर देखा तो सरजू देवी का था।
सरजू ,--सॉरी बेटी हमें अर्जेंट काम से निकलना पड़ रहा है ।
मैं ,--कोई बात नही मम्मी ,इसमें सॉरी की क्या बात है।
सरजू ,--तुम्हारा काम अधूरा रह गया दो दिन और रुकते तो शायद कुछ उम्मीद बनती ।
में ,--अरे मम्मी ऐसी भी क्या जल्दी है आप ने आकर मेरी हताश और निराश जिंदगी में नया जोश भर दिया ।
सरजू ,--तू बेटी ऐसे ही खुश रहे यही मेरी इच्छा है ।
मैं ,--मम्मी में दिन भर घर पर अकेली रहती हूँ इसलिए मन मे अजीब अजीब ख्याल आते रहते हैं ।
सरजू ,--अब तुझे में ज्यादा दिन अकेली नही रहने दूँगी में गांव जाकर तेरे ससुर जी से बात करके रीता को तेरे पास भेज देती हूँ ।
मैं ,--थेंक्स मम्मी, फिर मुझे दिन भर बोरियत नही महसूस होगी ।
सरजू ,--हम्म , ओर मुझे भी खुलकर जिंदगी जीने का मौका मिलेगा ।
मैं ,--वो तो मिलेगा ही सुनील अंकल आपके साथ घर मे खुलकर आपको मज़े करवाएंगे ।
सरजू ,--हां ,बेटी में भी छुप छुप कर मिलने से परेशान हो गयी हूँ और रीता का डर हमेशा बना रहता है ।
मैं ,--आप रीता की चिंता छोड़ दीजिए में उसको यहां पर जॉब भी लगवा दूँगी और उसे नई नई चीजों की क्लास भी जॉइन करवा दूँगी ।
सरजू ,--थैंक्स बेटी ,अब में रखती हूं।लगता है बाहर तेरे असली ससुर जी आ गए है हमे तुरंत निकलना है में गांव पहुंच कर तुझे फोन करूँगी।
मेने फोन को स्विच ऑफ किया और सो गई ।लगभग पांच बजे मेरी आँख खुली तो फोन को ऑन किया और देखा उसमे प्रिया के मैसेज आये हुए थे।
प्रिया से फोन पर लम्बी बात करके मेने उसको रात में फोन करने को कहा तो वो बोली कि तेरे को रात में यस या नो में जवाब देना है ।मेने कहा ठीक है और फोन काटकर खाने की तैयारी करने लगी।
रात में अमित खाना खाकर वही सेक्स स्टोरी पढ़ने बैठ गया मेने उसको दूध पीने की दिया और उसके पास बेठकर कहानी पढ़ने लगी ।
अमित उसी कहानी को पढ़ रहा था जो उसने कल पढ़ी थी ।मेने हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और मुठियाते हुए बोली ।
मैं ,--डलिंग बहुत मज़ा आता है तुमको ऐसी कहानी पढ़ने में ।
अमित ,--हां बेबी ,
मैं ,--तुम को रियल लाइफ में ऐसा करना है ।
अमित ,--अगर हो जाये तो मज़ा आ जायेगा ।
मैं ,--तो फिर सुनो प्रिया का फोन आया था दिन में एक पैसे वाले को एक दिन के लिए भाड़े पर गर्ल फ्रेंड चाहिए ।
अमित ,--मतलब तुम ।
मैं ,--तो तुमको क्या लगता है तुम्हारी नज़र में दुसरीं कोई है क्या ।
अमित ,--नही , मुझे पूरी बात बताओ ।
मैं ,--एक लड़का रईस है उसको अपने दोस्तों के साथ बर्थ डे मनाना है ।
अमित ,--तो तुम को कॉल गर्ल बनकर जाना है ।
मैं ,--अकेले नही तुम भी साथ रहोगे ड्राइवर बनकर ।
अमित ,--तो फिर उसको तुमने क्या जवाब दिया ।
मैं ,--मेने प्रिया को तुमसे पूछकर जवाब देने का बोला है।
अमित मुझे चूमकर ,--तो प्रिया को बोलो में तैयार हूं ।
मैं ,--में प्रिया को फोन लगाती हूँ तुम ही बात कर लो। बाद में मुझे जिम्मेदार मत ठहराना।
मेने अपना फोन उठाया और प्रिया को फोन लगाकर स्पीकर मोड़ में डाल दिया दो तीन रिंग के बाद प्रिया ने फोन उठाया।
प्रिया ,--हेलो ।
मैं ,--हेलो प्रिया मेरी अमित से बात हो गयी लो तुम अमित को बताओ क्या प्रोग्राम है और कब का है ।
मेने अमित को बोलने का इशारा किया ।
अमित ,--हेलो प्रिया जी ।
प्रिया ,--हां, अमित मेरे बॉस का बेटा है उसका बर्थ डे है जिसे वो अपने दोस्तों के साथ एक लड़की के साथ सेलिब्रेट करना है ।जो घरेलू टाइप हो।
अमित ,--कब है बर्थडे ।
प्रिया ,--परसों शनिवार को , वो जुहू फ्लेट पर मिलेगा जहां उसके दोस्त मिलकर रेखा के साथ एन्जॉय करेंगे ।
अमित ,--पर रेखा तो बोली कि मुझे भी जाना पड़ेगा ।
प्रिया ,--हां, वो लोग को एक ड्राइवर भी चाहिए। क्योंकि उनको ऐसा आदमी चाहिए जिससे उनको परेशानी नही हो ,वो दिन मे फ्लेट पर रहेंगे और शाम में फार्म हाउस पर जाकर पार्टी करेंगे रात भर और उनको रेखा के साथ किसी के होने से कोई आपत्ति नही है ।
अमित ने मुझे इशारे से पूछा क्या करना है तो मैं अमित के लण्ड को मुंह मे ले ली ।
अमित ,--ठीक है ।
प्रिया ,--पर उनकी कुछ शर्तें हैं जो माननी पड़ेगी ।
अमित ,--क्या शर्तें हैं ।
प्रिया ,-;पहली बात उनको चौबीस घण्टे के लिए लड़की चाहिए ।जो एक बार जाके उनको भूल जाये।
अमित ,--तो उसमे शर्त जैसी क्या बात है ।
प्रिया ,--पूरी बात तो सुन लो चौबीस घण्टे का मतलब उसको चौबीस घण्टे तक एंटरटेन करना है और उन चौबीस घण्टो में रेखा को वही पहनना है जो वो कहेगा वही करना है जो वो चाहेगा और उसके लिए कल् से तैयारी करनी पड़ेगी ।
अमित ,--ठीक है और कुछ ।
प्रिया ,--कल सुबह दस बजे रेखा को लेने एक लड़की आएगी जो उसे दिन भर के लिए तैयार करेगी और कल् रात तुम रेखा के साथ सेक्स नही करोगे ।
अमित ,--ठीक है ।
उसके बाद मेने रेखा का फोन काट दिया और अमित को बिस्तर पर खींच लिया ।अमित ने दो तीन मिनट में अपना पानी छोड़ दिया पर मेरा काम नही हुआ तो मेने अमित को बाहों में कस कर पकड़ लिया और कान में बोली ।
मैं ,--प्लीज् मुझे ठंडा करो आज दिन भर प्रिया की बातों से में पूरी गर्म हो गयी हूँ ।
अमित ,--पर में प्रिया की बातों से में भी जल्दी झड़ गया।
मैं ,--मुझे पता नही अब मुझे ठंडा करो तुम तो दिन में ऑफिस में पता नही क्या क्या करते हो और रात में दो मिनट में झड़ कर सो जाते हो ।में रात भर तड़पती रहती हूँ।
अमित ,--पर तुम बहुत ज्यादा गरम औरत हो इसमें में क्या करूं।
में ,--तो तू अपनी ऐसी तैसी करा पर मुझे सन्तुष्ट कर अब।
अमित ,--पर कैसे ।
मे ,--जा नीचे जाकर दिनु काका को बुलाकर ला ।वही अब मुझे शांत करेगा ।
अमित उठकर कपड़े पहनने लगा।