Episode 30
बेल की आवाज सुनकर रोनक ने मुझे गोद से उठाकर सोफ़े पर बिठाया और कम इन कहा तो एक बहुत ही स्मार्ट सा दिखने वाला लड़का हाथ मे एक कैरी बैग लेकर अंदर आया और उसने रोनक को नमस्ते करके कहा ,--सर आपका पिज्जा ।
उसमे केरी बेग में से पिज्जा के पैकेट निकालके टेबल पर रखे और फिर रोनक को बोला ।
लड़का ,--सर आज तो बहुत ही गजब का माल बुलाया है आज अकेले ही माल मारेंगे क्या ।
रोनक हँसते हुए ,--नही यार आज पीयूष का बर्थ डे है उसके लिए ये हसीना गिफ्ट करने को बुलाई है ।
लड़का ,--पर ये भाईसाहब नीचे क्यों बैठे है ।
रोनक ,--ये इस हसीना के एजेंट है जो इनकी बुकिंग और सेफ्टी का ध्यान रखते है ।
लड़का ,--क्या सर आप भी साफ बोलिये ना दल्ला है इनका ।
रोनक ,-अब तुमको अंग्रेजी समझ नही आती तो में क्या करूं तुमने जो बोला उसको उसको अंग्रेजी में यही बोलते हैं।
लड़का ,--सर आज मुझे ऐसे ही जाना पड़ेगा ।
रोनक ,--यार आज पीयूष का बर्थ डे है इसलिए इस हसीना को पहली बार पीयूष ही चख कर काम मे लेगा ,उसके बाद किसी और का नम्बर लगेगा, देखो में भी अभी तक लण्ड पकड़े बैठा हूँ ।
लड़के के चेहरे पर मायूसी छा गयी और वो मेरी तरफ देखकर बोला ,--ओ के सर फिर में चलता हूँ आज मेरा दिन ही शायद खराब है जो इतने रफ़चिक माल को टेस्ट नही कर पाऊंगा ।
रोनक ,--साले ज्यादा नोटनकी मत कर और तुझे हाथ से हिलाना है तो ये हसीना तुम्हारी मदद कर देगी।
इतना बोलकर रोनक ने मेरी साड़ी का पल्लू हटा दिया जिससे मेरा ऊपर का शरीर एक ब्रा नुमा ब्लाउज को छोड़कर पूरा नंगा हो गया ।
लड़का मेरे शरीर को घूरते हुए बोला ,--वाह क्या खूब बदन है सर एकदम सॉलिड एक दम दूध जैसा गोरा और भरा हुआ ।
इसके साथ ही वो अपने हाथ पेंट पर ले जाकर अपने लण्ड को सहलाने लगा ।
रोनक ने पिज्जा खाते हुए कहा ,--डार्लिंग गोलू को अंडर आर्म स्मेल बहुत पसंद है अपनी आर्म पिट दिखा दो ।
मेने अपने हाथ ऊपर किये जिससे मेरी क्लिन शेव आर्म पिट उसको दिखने लगी ।
गोलू ने अपनी पेंट की चेन खोलकर अपने साढ़े छह इंच के लण्ड को बाहर निकाला और मुठियाते हुए बोला ,--सर क्या मस्त आर्म पिट है एकदम चिकनी । क्या में स्मेल ले लूं।
रोनक ,--ले लो पर मुंह मत लगाना क्योंकि पीयूष को में झूठा गिफ्ट नही करना चाहता ।
गोलू अपना लण्ड हिलाते हुए मेरे पास आया और झुक कर मेरी बगल के पास नाक लगाकर जोर से सांस खींचने लगा ।उसके चेहरे को देखकर लग रहा था जैसे उसको कोई नशा चढ़ रहा हो ।
तभी रोनक बोला ,--तुमको लड़कियों की बगल में ऐसा क्या मज़ा आता है जो तुम हर लड़की की बगल को चाटते और सूंघते हो ।
गोलू लण्ड मसलते हुए ,--सर इस जगह से लड़की का पसीना निकलता है जिसका स्वाद और गंध मुझे बहुत अच्छी लगती है ।
और गोलू मेरी कांख के पास नाक रखकर लम्बी सास खींचते हुए लण्ड के सुपाडे पर से चमडी को पीछे कर लिया जिससे उसका लाल सुपाड़ा पूरा दिखने लगा ।
मेरी भी हालत एक कमसिन लौंडे के गुलाबी सुपाडे को देखकर खराब हो रही थी और चुत पानी बहा रही थी तभी रोनक ने रिमोट उठाकर उसके बटन को घुमाना चालू किया जिससे मेरी कामुक सिसकियां निकलने लगी और मेरे चेहरे पर कामुक एक्सप्रेस दिखने लगे तो गोलू लण्ड को मुठियाते हुए बोला ।
गोलू ,--सर लगता है मेडम बहुत प्यासी है देखिये कैसे गर्म आहें भर रही है ।
मेने सामने देखा तो अमित ने भी अपना लण्ड पेंट से बाहर निकाल लिया था और गोलू को मेरी बगल की गंध लेते हुए देखकर मूठ मारना चालू कर दिया था ।
तभी रोनक बोला ,--चल जल्दी से अपना काम निपटा ले पीयूष आने वाला होगा ।
गोलू ,--सर आप मेडम को बोलिये ना अपनी चुचियाँ दिखा दे तो मेरा पानी निकल जायेगा ।
रोनक ,--चल इधर सामने आ और उस दल्ले की तरह बैठ जा ।
फिर रोनक ने मुझे अपनी गोद मे बिठाया और पीछे से मेरे ब्लाउज की डोरी खोल दी जिससे मेरा ब्लाउज फिसलकर नीचे गिर गया ।
जब अमित और गोलू ने मेरी नंगी चुचियाँ देखी तो दोनों के हाथ तेजी से अपने लण्ड पर चलने लगे।
तभी गोलू लण्ड मुठियाते हुए बोला ,--आह..... सर क्या मस्त चुचियाँ हैं मेडम की एल दम गोल और तनी हुई साथ ही क्या गजब की मेहंदी लगवाई है इन पर और निप्पल की रिंग तो गलब ढा रही है ।
तभी रोनक ने पीछे से अपना हाथ मेरी सख्त हो चुकी निप्पल पर फिरने लगा जिससे मेरी कामुक सिसकियां तीनो के लण्ड पर असर दिखाने लगी और मेरी गाँड में रोनक का लण्ड चुभने लगा ।
रोनक मेरी निप्पल में लगी रिंग को पकड़कर धीरे धीरे खींचने लगा जिससे मुझे चुदाई से भी ज्यादा मज़ा आने लगा क्योंकि चुत में डिल्डो वाइब्रेंट कर रहा था और निप्पल की रिंग को खींचने और सामने दो दो लण्ड को मुठियाते देखकर मेरी चुत झड़ने के करीब पहुंच गई ।
तभी रोनक मेरे गले को पीछे से अपनी ठुडी से रगड़ते हुते बोला ,--क्यों अमित कैसी लगी मेडम की चुचियाँ का श्रंगार ।
अमित हांपते हुए कुछ बोलने ही वाला था कि उसके लण्ड ने वीर्य फेंकना चालू कर दिया जो फर्श पर दूर तक जाकर गिरा ।
रोनक हंसते हुए मेरे कान में बोला ,--साला पक्का गांडू है जो अपनी बीबी की चुचियाँ को मसलवाते देखकर झड़ गया । इधर गोलू भी हम दोनों को देखकर झड़ गया और लण्ड को हिला हिला कर पूरा वीर्य जमीन पर गिराकर लण्ड को पेंट में डाल लिया।
उसके बाद गोलू ने रोनक को थेंक्स कहा और रोनक से मुझे चुदवाने के लिए रिकवेस्ट करने लगा तो रोनक ने उसको रात में फार्महाउस पर खाना लेकर आने को कहा तो गोलू खुश हो गया और उसने बाय किया और चला गया ।
अमित भी अपना पेंट ऊपर किया तो रोनक ने पास पड़े कपड़े से दोनों के वीर्य को साफ करने को कहा तो अमित ने दोनों के वीर्य को साफ कर दिया ।
अमित ने टॉयलेट के बारे में पूछा तो रोनक ने एक तरफ इशारा किया अमित टॉयलेट की तरफ चला गया।
अमित के जाते ही मेने रोनक से कहा कि सर प्लीज़ मुझे झड़वा दीजिये बहुत गिली हो गयी हूँ मै नीचे से ।पर रोनक ने जो कहा उसे सुनकर मेरे होश उड़ गए ।
रोनक ,--बेबी तुझे रात में रश्मि ने जो टेबलेट खिलाई थी उसका काम यही है कि तुझे हर वक्त यही लगेगा कि तू झड़ने वाली है पर झड़ेंगी नही जब तक मे तुझे दुसरीं टेबलेट नही दूं । और तुझे में तभी झड़ने दूंगा जब मेरे तीनो दोस्त तुझ पर मेरे खर्च किये गए सारे पैसे वसूल नही कर लें समझी ।नही तो तू ठंडी होकर लाश की पड़ जाएगी।
मैं ,--अब सर में तो ग्रुप के अग्रीमेंट से बंधी हूँ इसलिए आप जो चाहेंगे वही होगा ।
रोनक को हालांकि मेने झड़ने को बोल तो दिया था पर मेरी चुत से रिसने वाले पानी ने मुझे बहुत उतेजित कर रखा था और में भी चाहती थी कि ऐसे ही मेरी चुत पानी बहाकर मुझे जन्नत का अहसास करवाती रहे ।
रोनक ,--तेरा तो ठीक है पर अमित जितना जल्दी खल्लास हो गया उससे उसका इंटरेस्ट खत्म हो जाएगा इसलिए वो झड़े नही उसके लिए कुछ करना पड़ेगा तभी वो खड़े लण्ड लिए हमारी खातिरदारी ठीक से कर पायेगा ।
में ,--में समझी नही सर ।
रोनक ,--अभी समझाता हूँ उसके बाद रोनक उठकर बैडरूम में गया और एक पाउच लाकर मुझे दिया और बोला लो इसे एक बियर के केन में डाल दो साले का लोडा अगले दस बारह घण्टे तक खड़ा रहेगा और उसके लण्ड में खुजली होती रहेगी ।
मैं ,--समझ गयी सर , जब तक उसके लण्ड की गर्मी बनी रहेगी वो कुछ भी करेगा ।
रोनक ,--बहुत समझदार है तू बेबी उसके लण्ड में इतनी आग लगेगी की वो हम लोगो का मूत भी खुसी खुसी पियेगा और टॉयलेट नही पूछेगा ।
मेने पुड़िया को फ्रिज से नया केन निकालकर उसमे मिला दिया और फिर रोनक के साथ बियर पीते हुए पिज्जा खाने लगी । अमित के बाहर आते ही उसे भी एक पिज्जा और बियर का केन पकड़ा दिया जिसे वो मज़े लेकर पीने और खाने लगा ।
हम तीनों ने भरपेट पिज्जा और बियर पी ली थी इसलिए रोनक ने मुझे बैडरूम में जाकर साड़ी खोल कर दुसरीं ड्रेस पहन ने को कहा क्योंकि पीयूष को लड़कियों में ज्यादा इंटरेस्ट है।
फिर उसने अमित को भी सामने के रूम में जाने को कहा जिसमें से बाहर हाल का पूरा सीन दिखाई देता था ।
अमित बिचारा समझ नही पाया कि रोनक उसको हर चीज क्यों दिखाना चाहता है पर मुझे पता था कि वो मेरे कहने पर ऐसा कर रहा है ।
मुझे पूरा यकीन था अगले चौबीस घण्टे बाद अमित मेरा पति से कूकहोल्ड पति बनकर मेरे साथ जाएगा ।
मैं भी उठकर गाड़ी से अपना बैग मंगवाई और और रोनक के दोस्त पीयूष के लिए बर्थडे गिफ्ट बनने के लिए बैडरूम में घुस गई ।
अंदर आकर मेने साड़ी खोली और बेग में से दिन में पहनने के लिए जो ड्रेस थी उसको निकालकर देखा , बहुत सुंदर ड्रेस थी फ्रॉक टाइप जिसमे कंधे पर टांगने की रस्सी थी और पूरी जांघ कवर कर रही थी ।
उसके साथ पहनने को एक थोंग थी, ब्रा नही थी क्योंकि ब्रा की तरह से वो फ्रॉक ऊपर से सिलाई की हुई थी ।
फ्रॉक की सबसे खास बात ये थी कि उसके सामने एक चैन लगी थी जिसको खोलते ही फ्रॉक पूरी शरीर से अलग हो जाये । मेने फ्रॉक पहनकर खुद को आईने में देखा तो मेरी उम्र किसी सोलह साल की कॉलेज गर्ल की तरह लगने लगी ।
मेने पेंटी खोलकर डिल्डो को निकालने का सोचा पर फिर याद आया कि रोनक ने बिना पूछे कुछ भी करने से मना किया है इसलिय डिल्डो को बिना निकाले ही थोंग को पहन लिया जिसकी रस्सी गाँड की दरार में घुस गई और मेरे दोनों तरबूज नंगे प्रतीत होने लगे ।
तभी मेने घूमकर गाँड पर लिखा पढ़ने की कोशिश की जिस पर लिखा था बर्थडे गिफ्ट फ्रॉम रोनक ।मुझे रोनक ने अपने दोस्त को एक गिफ्ट आइटम बना दिया था और अपने दोस्त को चौबीस घण्टे तक मज़े करने की खातिर साथ मिलकर भोगने वाला है, जिसे पढ़कर मेरी चुत फिर से गिली होने लगी ।
मैं आईने में देखकर खुद का मेकअप दुरस्त कर रही थी तभी बाहर किसी के आने की आवाज सुनाई दी मेने गेट से झांककर देखा तो एक लड़का और लड़की आये थे ।
लड़का आते ही रोनक के गले लग गया तो रोनक ने उसे बर्थ डे विश किया ।मतलब यही पीयूष था जिसका आज बर्थ डे है मेने गौर से देखा तो पीयूष भी रोनक की उम्र का लग रहा था और किसी रईस बाप की औलाद लग रही थी ।लड़की एक बीस इक्कीस साल की छरहरे बदन वाली कमसिन कली की तरह दिख रही थी ।
रोनक ,--ये कोन है ।
पीयूष ,--इसको नही जानता गांडू प्रीति है मेरी पड़ोस में रहती है तुमको बताया था ना इसको पैसों की जरूरत थी तो मेने दिए थे ।
रोनक ,--तो साले यहां क्यो लाया है अभी अनिल आते ही इस पर चढ़ जाएगा।
लड़की ने जब ये सुना तो घबरा कर पीयूष का चेहरा देखने लगी ।
पीयूष ,--यार ऐसे कैसे चढ़ेगा हम लोग है ना ।
रोनक ,--भोसडी के उसकी गर्ल फ्रेंड रेवती को हम दोनों ने चोद चोद कर प्रेग्नेंट कर दिया तुमको क्या लगता है वो इसको छोड़ देगा , देखना आते ही इसको घोडी बना कर चढ़ जाएगा ।
पीयूष ,--तो क्या हुआ प्रीति को पैसे दे देंगे थोड़ा हम सब को एन्जॉय करवा देगी ।
प्रीति के चेहरे पर डर साफ दिखने लगा और वो रोने जैसा चेहरा बना ली तो रोनक बोला ,- सुन इस लड़की को वापस भेज दे इसके बस की बात नही है ।
पीयूष ,--पर यार बर्थ डे सेलिब्रेट कैसे होगा ।
रोनक ने उनको बैठने को कहा और अमित को आवाज लगाई अमित बाहर आया और उन दोनों को एक एक बियर पकड़ाई और लड़की को कोल्ड ड्रिंक दी जिसे पीते हुए रोनक बोला ।
रोनक ,--तेरे बर्थ डे को मेने आज बहुत रंगीन बना देना है ये अमित है लड़की और औरतों का दलाल, इसने एक बहुत ही बढ़िया माल आज के लिए लेकर आया है जिसे देखकर तुमको ये लडक़ी फीकी लगने लगेगी । अमित जा और उस लौंडियाँ को देख तैयार हुई कि नही ।
अमित यस सर बोलकर मेरे रूम की तरफ आया तो में आईने के सामने खड़ी होकर खुद को निहारने लगी। अमित मेरे पास आया और बोला डार्लिंग रोनक पूछ रहा है तैयार हुई कि नही ।
मेने एक नज़र अमित को देखा और आईने में देखते हुए कहा साले कूक तुमको बोला ना मुझे मेडम बोलना है अगर किसी ने सुन लिया तो तेरी और मेरी पोल खुल जाएगी और तू पूछना क्या चाह रहा है यही की तुम्हारी बीबी उन लोगों का बिस्तर कब गर्म करेगी ।
अमित ने मेरी बात सुनी तो चेहरा लटका कर खड़ा हो गया । मेने मुड़कर देखा और उसके पास आकर उसके लण्ड पर हाथ रखा जो पुड़िया की वजह से पूरा तना हुआ था उसको सहलाकर बोली बहनचोद सरजू की नाज़ायज़ औलाद तू सही में भड़वा है जिसका लण्ड अपनी बीबी की चुदाई की सुनकर तन जाता है ।
अमित के चेहरे से तनाव गायब हो गया और वो मुड़कर बाहर की तरफ चला गया ।
बाहर जाकर उसने रोनक को बोला कि मेडम रेडी है तो रोनक ने मुझे आवाज लगाई ।
मेने अपने आप को फिर से एक बार आईने में देखा और होठों पर ग्लॉस लगाकर इठलाती हुई बाहर आई ।
बाहर आकर रोनक की गोद मे बैठने लगी तो रोनक ने मुझे रोक दिया और मुझे उल्टा घुमाकर मेरी फ्रॉक को ऊपर करके मेरी गाँड पर लिखा पढ़ाते हुए कहा हैप्पी बर्थ डे पीयूष ।
पीयूष के साथ अमित ने भी मेरी गाँड पर लिखा हुआ पढा तो दोनों के चेहरे पर चमक आ गयी और पीयूष ने मुझे अपनी गोद मे बिठा लिया ।
रोनक ,--कैसा लगा मेरा बर्थ डे गिफ्ट भाई ।
पीयूष मेरे नंगे कंधे को चूमकर ,--साले ऐसा गिफ्ट ज़िन्दगी भर के लिए मिल जाये तो मज़ा आ जाये ।
रोनक ,--क्यों तुझे अब कोमल में इंटरेस्ट नही रहा ।या ये प्रीति फीकी लगने लगी।
पीयूष ,--साले तेरी पसन्द हमेशा अच्छी रही है मुझसे कहाँ से लाता है तू ऐसे आइटम ।
रोनक हंसते हुए ,--उसके लिए दल्ले ढूंढने पड़ते है इस छमियाँ को अमित लाया है ।
पीयूष ,--वावो यार अमित क्या गज़ब माल लाये हो मन करता है अभी पटककर चोद ने लगूं ।
रोनक ,--अरे आराम से पियेंगे इस छमियाँ का रस अभी उन दोनों को भी आने दे ।
पीयूष ,--पर वो दोनों आते ही चालू हो जाएंगे ।
रोनक ,--साले हरामी तू उन दोनों की गर्ल फ्रेंड को उनके सामने कितनी बार रगड़ चुका आज ऐसा क्या हो गया जो तुझे ये रण्डी अपने दोस्तों से भी प्यारी हो गयी ।
पीयूष ,--सॉरी भाई , में इसकी गदराई जवानी के लोभ में बहक गया ।
रोनक ,--चल कोई बात नही अभी अनिल और शानू के आते ही चलते है इसको लेकर फार्म पर ।
दोनों की बातें सुनकर मुझे लगा था कि अमित को बुरा लगेगा पर उसको कोई फर्क नही पड़ा वो चुपचाप उन दोनों के सामने अपने खड़े लण्ड को पेंट के ऊपर से मसलता रहा ।
तभी रोनक ने प्रीति को ड्रिंक पीने के बाद जाने को कहा तो प्रीति जल्दी से उठकर चली गयी और प्रीति के जाते ही पीयूष को बोला ।
रोनक ,--यार तू एक बार इसके होठों को टेस्ट कर ले में कब से तरस रहा हूँ इन गुलाबी होठों को चूमने के लिए देख कैसे रस टपक रहा है इनसे ।
पीयूष ,--तो साले तेरा और मेरा कुछ बांटा हुआ है क्या जो इतनी देर से तरस रहे हो ।
रोनक ,--यार ये तेरा बर्थ डे गिफ्ट है तो तुझे दिया गिफ्ट में टेस्ट किये बिना कैसे यूज़ करूँ ।
पीयूष ,--थेंक्स भाई , पहले तो ऐसे शानदार आइटम के लिए फिर तुमने इसको मेरी खातिर इतनी देर तक छुआ नहो उसके लिए ।
और फिर पियूष ने मुझे गोद से खड़ा किया और मुझे उल्टा करके बिठा लिया जिससे मेरा मुंह उसके चेहरे के पास आ गया उसने मेरी फ्रॉक को गाँड के ऊपर से ऊंचा किया जिससे मेरी पूरी गाँड थोंग की रस्सी दरार में घुसने के कारण नंगी हो गयी ।
पीछे से अमित और रोनक शायद मेरी गोरी चिकनी गाँड को देख रहे होंगे क्योंकि पीयूष ने रोनक को आंख मारी और मेरे रसभरे होठों का रस निकालने में लग गया तभी एक बार फिर से मेरी चुत में कम्पन होने लगा जिससे मेरी सिसकियां चालू हो गयी जो पीयूष के मुंह मे दबकर रह गयी ।
मेरी चुत में हो रहे कम्पन्न ने मुझे चुदाई का अहसास करवा रही थी और में अपने पति जिसके साथ शादी को एक साल भी नही हुआ था उसके सामने अपनी उम्र से एक दो साल छोटे लड़के की गोद मे बेठकर अपनी नंगी गाँड लिए अपने होठ चुसवा रही थी ।
मुझे पीयूष ने अपने होठों को चुसने के स्टाइल ने पागल बना दिया वो कभी निचले होठ को चूस रहा था कभी ऊपर वाले होठ कोकभी अपनी जीभ को मेरे मुंह मे डालकर चूम रहा था ।
तभी उसने मुझे अपनी जीभ निकालने को कहा मेने जीभ बाहर निकाली तो वो मेरी जीभ को अपने मुंह के अंदर लेकर लॉलीपॉप की तरह चुसने लगा ।मेरी चुत जो पानी तो बहा रही थी और हर वक्त ऐसा लग रहा था कि अभी झड़ जाएगी पर झड़ नही रही थी इसलिए में भी पूरे जी जानसे चुम्बन में लगी थी कि कही झड़ जाऊं।
लगभग आधे घण्टे तक पीयूष मेरे होठो का रस पिता रहा और मेरी पीठ को मसलता रहा पर उसनेमेरे बूब्स को हाथ नही लगाया हालांकि में चाहती थी कि मेरे उरोजों को मसल कर मुझे मज़ा दे पर उसने मेरी उन्नत छाती को एक बार भी नही छुआ ।
आधे घंटे के बाद उसने मुझे उठाया और सोफ़े पर बगल में बिठाकर रोनक से बोला ।
पीयूष ,--क्या रसीले होठ है यार इसके मज़ा आ गया चुसके आ तू भी चूस कर देख ।
रोनक ,--हां यार कब से तड़प रहा हूँ इस हसीना का रस पीने को ।
फिर वो सिंगल सोफ़े से उठकर मेरे बगल में आ गया जिससे में अब उन दोनों के बीचमे आ गयी सामने अमित खड़ा था जिसका खड़ा लण्ड इस बात का गवाह था कि वो अपनी ब्याहता बीबी को दो कमसिन लड़को के बीच देखकर खुश हो रहा था । अब रोनक मेरे होंठों पर अपनी जीभ का जादू दिखा रहा था और रोनक मेरे गाल पर जीभ से चाटते हुए रोनक को गाइड कर रहा था और उसे होठों से पूरा रस पीने को बोल रहा था ।
मेरी सेंसेशन से आंखे बंद थी और चुत अभी भी बहे जा रही थी ये सोचकर कि मेरा गांडू पति देख रहा है और दो कमसिन लौंडे उसकी ब्याहता बीबी को चूम रहे है मेने आंख खोलकर देखा अमित सामने खड़ा था और अपना हाथ अपने लोडे पर फेर रहा था ।
तभी अमित ने मुझे लण्ड को पकड़े हुए आंख मारी जिसका मतलब था उसे बहुत मज़ा आ रहा है मेने उसको ज्यादा मज़ा कराने की सोचकर अपने होठ रोनक से अलग किये और रोनक को कहा ।
में ,--सर क्यों ना अमित के कपड़े खुलवा कर उसे नंगा रखे ।
पीयूष ,--क्यों बेबी ।
मैं ,--सर तभी वो मेरे सामने ज्यादा स्मार्ट नही बनेगा नही तो बाहर जाकर अपने दोस्तों को डिंग हांकेगा की वो लाइव चुदाई देखता है ।
रोनक ,--हां ये ठीक रहेगा फिर वो किसी को कुछ नही बोल सकेगा कि उसकी मेडम उसके सामने चुदवाती है ।
उसके बाद रोनक ने अमित को नंगा होने को कहा तो अमित खुसी खुशी कपड़े खोलकर नंगा हो गया उसका लण्ड जो रात में थॉडी देर में ठंडा हो जाता था वो पूरा नबे डिग्री के एंगल बनाये सख्त होकर खड़ा था ।
तभी रोनक ने उसे पास बुलाया और उल्टा होकर अपनी गाँड दिखाने को कहा तो अमित पास में आया और झुक गया उसका गाँड का होल तीनो को पास से दिखने लगा तो मैने अपनी अंगुली उसकी गाँड में घुसा दी जिससे अमित की आह निकल गयी ।
रोनक और पीयूष मेरी इस हरकत पर हंसने लगे और मुझे चूमने लगे । अमित चुपचाप गाँड पीछे किये खड़ा था और मेरी अगली करवाई का इंतजार कर रहा था ।
में भी दोनों कमसिन लौंडों की तरफ से किये जा रहे चुम्बन का आनंद लेते हुए बोली ,--सर आप लोगों के लिए एक स्किम है एक के साथ एक फ्री, आप को मेरी चुत के साथ अमित की गाँड मुफ्त मारने का फ्री आफर है आज के लिए ।
रोनक ने अमित की गाँड पर एक स्लैप मारा और बोला ,--जरूर मारेंगे बेबी, चल बे खड़ा हो और हमारे लिए सिगरेट सुलगा कर दे हमे हमारी बुलबुल के साथ सिगरेट पीनी है ।
अमित सीधा खड़ा होकर सिगरेट सुलगाने लगा जिसे रोनक ने अपने मुंह मे लगा लिया और एक कश लेकर धुंआ मेरे मुंह पर छोड़ते हुए सिगरेट पीयूष को थमा दी।
दोनों सिगरेट पीते हुए मेरे मुंह मे और छाती पर धुआँ छोड़ रहे थे साथ ही उनका एक एक हाथ मेरे बदन पर घूम रहा था रोनक ने अपने एक हाथ को मेरे गले पर लेजाकर मेरी फ्रॉक की चैन को खोलना शुरू कर दिया जिससे मेरे दूधिया बूब्स खुलकर तीनो के सामने अनावर्त हो गए जिसे देखकर पीयूष बोला ।
पीयूष मेरे निप्पल पर मुंह रख कर चुंबन लेकर बोला ,--वाओ यार क्या बूब्स एक दम परफेक्ट और इस पर लगी मेहंदी और रिंग ने तो इसे पोर्न स्टार से भी सेक्सी बना दिया है ।
रोनक ,--अबे साले गांडू मेरे बेस्ट फ्रेंड का जन्म दिन है तो तोहफा भी बेस्ट होना पड़ेगा ना , क्यो अमित ।
अमित ,--जी सर ।
उसके बाद दोनों ने बारी बारी से मेरी निप्पल को चूमना चाटना चालू कर दिया जिससे मेरे मुंह से गर्म भाप निकलने लगी और चुत से गर्म पानी ।
दोनों पूरी मेहनत कर रहे थे मेरे बूब्स और निप्पल पर जैसे कि मेरा दूध निकालकर ही दम लेंगे ।
तभी एक बार फिर से बाहर से बेल बजी।
बेल बजने से रोनक और अमित को कोई फर्क नही पड़ा। मेने घड़ी की तरफ देखा तो उस समय शाम के चार बजे थे। वो दोनों मेरे बूब्स को चूमना और चाटना जारी रखे हुए थे दोनों मेरी निप्पल में लगी रिंग को होठों से पकड़कर खींच रहे थे और उसको जीभ से चारों तरफ घुमा रहे थे जिससे मेंरी आंखे बंद थी और में जन्नत की अनुभूति महसूस कर रही थी ।
तभी किसी औरत की आवाज़ से मेरी आँखें खुली मेने सामने देखा तो एक पैतीस साल के आसपास की उम्र की औरत खड़ी थी जिसने रोनक को आवाज लगाई थी।
औरत ,--रोनक ये क्या तुम भी पापा की तरह आजकल इसलिये घर कम आते हो।
रोनक जो मेरे बूब्स पर लगा हुआ था उसने जब ये सुना तो तुरंत खड़ा हुआ और उस औरत के पैर छूने के बाद उसके गले लगा और बोला ,--मोम आप यहां ।
और फिर वापस आकर मेरे पास आकर बैठ गया पीयूष भी रोनक के उठते ही उस औरत के पैर छूने लगा तो उसने अपने गले लगाया और प्यार से उसके होंठों पर किश किया ।जिसे देखकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि रोनक की मोम ने पीयूष के होंठ चूमे पर रोनक पर उसका कोई फर्क नही पड़ा।
में अपनी फ्रॉक को जमीन से उठा कर पहनने को हुई तो रोनक ने फ्रॉक को मेरे हाथ से लेकर दूर फेंक दिया ।तभी मुझे उस औरत के पीछे एक आदमी जो धोती कुर्ता पहने था दिखाई दिया ।
औरत मेरी चुचियाँ घूरते हुए बोली ,--ये लड़की ने जिस तरह की तैयारी करवा कर आई है पक्का ये रण्डी है तुम दोनों को कोई बीमारी हो गयी तो ।
रोनक ,--मोम कल् हमने इसका मेडिकल टेस्ट डॉक्टर सेकरवा लिया था आप उसकी टेंसन मत लो ।
तभी रोनक की मम्मी भी एक सोफ़े पर बैठ गयी और साथ मे धोती पहने आदमी जिसको वो रामु काका बोल कर उस को बियर लाने को कहा ।
रामु काका बियर लेकर आया तो वो बियर पीते हुए बोली ,--रोनक तुम यही रुकने वाले हो या कहीं जाना है
रोनक ,--मोम आज पीयूष का बर्थडे है इसलिए हम लोग इस लड़की के साथ फार्म हाउस पर जा रहे है ।
मोम ,--अरे मुझे तो पता ही नही था पीयूष का बर्थडे है पीयूष बेटा हैप्पी बर्थडे इधर आओ तुमको बर्थडे विश कर ना है ।
पीयूष उठकर रोनक कि मोम के पास गया तो रोनक की मोम ने उसको अपनी गोद मे बिठाया और उसके होठों को चुसने लगी साथ ही उसका हाथ पीयूष के लण्ड को पेंट के ऊपर चलने लगा।
जब मेने ये देखा तो मेरे लिए अजूबे से कम नही था कि रोनक की मम्मी जो उम्र में भले ही कितनी भी हो पर देखने मे पैतीस साल की लग रही थी वो रोनक के सामने ही उसके दोस्त को किश भी कर रही और उसके लण्ड को भी मसल रही थी और सामने बैठा रोनक देख रहा था । पास में खड़े रामु काका की धोती में भी उठाव चालू हो चुका था और वो कभी उनको और कभी मेरी चुचियाँ को घूर रहा था। तभी रोनक बोला ।
रोनक ,--मोम आप इस समय यहां किसलिए आयी थी ।
रोनक की मम्मी ,--तुम दोनों बाप बेटे सिर्फ अपनी ही ऐयाशियों में लगे रहते हो । तो मे भी आज थोड़ा एंटरटेनमेंट करने के लिए इधर आ गयी ।
रोनक ,--अब मोम आप को रामु काका की आदत पड़ गयी आप हम लोगों से कहां ठंडी हो पायेगी ।
रोनक की मम्मी आराम से पीयूष के लण्ड से खेल रही थी जैसे उसके लिए कोई नई बात नही थी पीयूष भी झुककर उसकी साड़ी के ऊपर का पल्ला हटाकर मोटे मोटे बूब्स को ऊपर से चुसने में लग गया ।
तभी रोनक की मम्मी ने अप्रत्याशित काम किया और पीयूष के मोटे लण्ड को चैन खोलकर बाहर निकाला और उसे झुककर मुंह मे ले लिया जिसे देखकर रोनक भी मेरी निप्पल को मुंह लगाकर चुसने लगा ।
अब हॉल की स्थिति ये थी कि इधर हम लोग दो जोड़े अपनी काम क्रीड़ा में लगे थे उधर अमित और रामु काका हम लोगों को देखकर अपने लण्ड को सहला रहे थे ।
थॉडी देर में पीयूष के हांपने की आवाज तेज हो गयी और फिर उसका शरीर जोर से काँपने लगा और फिर वो ठंडा पर गया तो रोनक को मम्मी ने अपना मुंह हटाया जिसमे पीयूष का वीर्य भरा था ।
जिसे जीभ से चाटते हुए वो बोली ,--तुम मुझे केक तो खिलाते नही इसलिए मेने अपना केक निकाल कर खा लिया ।
उसके बाद उसने रामु काका का हाथ पकड़ा और सीढ़ी चढ़कर ऊपर चली गयी उसके जाते ही पीयूष बोला ।
पीयूष ,--यार मोम ने पूरा ज्यूस निकाल कर पी लिया ।
रोनक ,--अब साले ज्यूस तो फिर से बन जायेगा ।
पीयूष ,--यार इस छमियाँ को देखकर कंट्रोल नही हुआ लण्ड तो पहले से फटने को तैयार था और मोम ने मौके का फायदा उठा लिया ।
रोनक ,--भोसडी वाले मेरे पास पुड़िया है डाल के पी ले बियर के साथ अभी लोडा फिरसे टनटना जाएगा ।
मेने जब पीयूष का लण्ड देखा तो हैरानी हुई कि झड़ने के बाद भी उसका लण्ड अमित जितना लग रहा था ।
रोनक खड़ा हुआ और कमरे से एक पुड़िया लाकर पीयूष को दी जिसे वो बियर के केन में डालकर पीने लगा ।और बोला ।
पीयूष ,--रोनक यार मोम कितनी गरम औरत है जो हमेशा प्यासी रहती है ।
रोनक ,--तो क्या हो गया जिंदगी बस एन्जॉय करने के लिए होती है ।
पीयूष ,--वो तो है तुम्हारे परिवार में सब खुले विचारों के है और खुल कर एन्जॉय करते है ।
रोनक ,--ये तेरा विशाल लण्ड भी मोम की वजह से है मालूम है ना हम दोनों के लण्ड को बचपन मे रोज रामु काका मसाज करते थे ।
पीयूष ,--तभी तो आज हम मिलकर इस हसीना को दिन में तारे दिखाएंगे ।
दोनो को बियर का नशा चढ़ चुका था इसलिए दोनों खुलकर बातें कर रहे थे तभी रोनक अमित से बोला चल बे गांडू कपड़े पहन अब निकलते है उस दोनों भडवो को उनके घर से उठा लेते हैं ।उसके बाद वो किसी से बात करने लग गया ।
रोनक उठकर अपने कपड़े पहनने चला गया इधर अमित भी अपने कपड़े पहनने लगा मेने भी अपनी फ्रॉक पहनी और रूम से बेग लाकर अमित को थमाया जिसे लेकर वो गाड़ी में चला गया ।
मेने रोनक से टॉयलेट जाने की परमिशन मांगी क्योंकि मुझे जोर की पिशाब लगी थी पर रोनक ने मुझे कहा कि चलो बाहर कर लेना ।
उसके बाद रोनक जो एक बड़ी ही सुंदर ड्रेस पहनकर बाहर आया उसने मेरा हाथ पकड़ा और पीयूष के साथ घर से बाहर निकलने लगा तो ऊपर के कमरे से चीखने की आवाज सुनाई देने लगी जिसे सुनकर पीयूष बोला ।
पीयूष ,--लगता है आंटी की गाँड फाड़ने में लगा है रामु काका ।
रोनक ,--तभी तो मोम यहां आती है घर मे चुदते समय मॉम की चीखें पूरे घर को हिला देती है ।
पीयूष ,--बहुत चुदकड है आंटी यार ।
रोनक ,--साले तभी तो खुलकर एन्जॉय करने का मज़ा आता हैं ।
दोनों बातें करते करते बाहर तक आ गए और अमित को बाहर लगी एक बड़ी सी आठ सीटर गाड़ी में आने को कहा तो अमित मेरा बेग लेकर गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया ।
गाड़ी में अमित ड्राइविंग सीट पर बैठ चुका था पीछे बीच मे रेखा और रेखा के दोनों तरफ रोनक और बर्थडे बॉय पियूष बैठ चुके थे गाड़ी बंगले से बाहर आ चुकी थी ।
अब आगे की कहानी अब अमित की जुबानी ।
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अमित सिंह है उम्र उनतीस साल फेयर और हेंडसम । हेंडसम इतना कि बचपन में कॉलेज के समय टीचर से बच्चों तक मुझे चिकना बोलके बुलाते थे ।
जैसे ही मूंछ के रोएं या यूं कहिए झांट के बाल भी आने शुरू नही हुई कि कॉलेज में नम्रता मेडम ने मुझे पहला शिकार बनाया वो मुझे ट्यूशन पढ़ने के बहाने बुलाती और मेरे चिकने शरीर के साथ छेड़छाड़ करती कभी मेरे नाजुक होठों को चूमती तो दिन में दो चार बार मेरे गालों को किश जरूर करती थी ।
उस की हरकतों का असर ये हुआ कि की मेरी नूनी में तनाव आना शुरू हो गया और नम्रता मेडम ने मुझे सबसे पहले औरत के अंगों के दर्शन करवाये वो मेरे सामने सिर्फ गाउन पहनकर आ जाती जिससे उसके शरीर का हर कटाव और नंगी चुत तक के दर्शन गाउन में से हो जाते थे।
धीरे धीरे मेडम ने मुझे तैयार किया और वो मुझे गोद मेछोटे बच्चे की तरह अपनी चूचियो से दूध पिलाती और साथ मे मेरे लण्ड को हाथ से मसलती जो मुझे बहुत अच्छा लगता ।
समय के साथ नम्रता मेडम ने ज्यादा एक्सपोज़ करना शुरू कर दिया वो मुझसे नंगी होकर मसाज करवाने लगी , ट्यूशन के नाम पर मेडम मुझे सेक्स का पूरा कौर्स करवाने लगी और जितनी देर ट्यूशन चलती उतनी देर सिर्फ यही चलता रहता ।
लगभग छह महीने बाद नम्रता मेडम ने मुझे सागर जो मेरा क्लास मेट भी था से अपना परिचय करवाया । सागर उम्र में मेरे से दो साल बड़ा था वो भी मेडम से ट्यूशन पढ़ता था पर उसकी क्लास मेरे सेभी आगे की पढ़ाई होती थी यानी उनकी ट्यूशन क्लास में चुदाई और रगड़ाई होती थी ।
मेडम मेरे से अपनी मसाज करवाने के बाद सागर को ट्यूशन के लिए बुलाती थी और सागर से खूब चुद्वती थी सागर का लण्ड मेरे से बड़ा था क्योंकि वो मुझसे उम्र में भी बड़ा था इसलिए वो मेडम को जमकर चोदता था ।मेडम भी मस्त होकर चुद वाती थी औऱ मुझे भी सागर जैसे बनने को बोलती थी ।
मेडम मेरे चिकने शरीर से प्रभावित थी और मुझे बहुत प्यार करती थी वो मुझे अपने घर मे पोष्टिक चीजें खाने को देती थी और मुझे जबर्दस्ती खिलाकर बोलती थी कि इससे मेरे अंदर ताकत आएगी ।में भी मज़बूत और ताकतवर होने के लिए मेडम की दी हुई हर चीज खा जाता था ।
लगभग एक साल तक मेडम के दिये पोष्टिक आहार की वजह से मेरे शरीर मेबदलाव आ चुका था और मेरे लण्ड में भी बदलाव हो रहा था मेरा कौमार्य मेडम ने ही उतारा था और एक दिन उसने सागर से चुदने से पहले मुझे लड़के से मर्द बना दिया मेने अपनी उम्र से बीस साल बड़ी औरत नम्रता मेडम से पहली बार संभोग किया।
हमारा ये सिलसिला साल भर चलता रहा और मेडम के साथ लगभग रोज थ्रीसम चलता रहा ।
लेकिन एक दिन मेडम का ट्रांसफर दुसरीं जगह हो गया ,कॉलेज की छुट्टियां चल रही थी और मेडम मुझे छोड़ कर चली गई उसके जाने के दो दिन बाद तक मेने दो दिन तक खाना नही खाया तो मम्मी ने सागर को बुलाया और अपने साथ ले जाकर मन बहलाने को कहा ।
सागर मुझे अपने घर लेकर आया जहां उसके घर मे वो अपनी मोम के साथ रहता था उसके पापा पूना में जॉब करते थे इसलिए सप्ताह में एक दिन रविवार को घर आते थे ।
सागर मुझे अपने रूम में जो फर्स्ट फ्लोर पर ले गया उसकी मम्मी नीचे ग्राउंड में रहती थी जब उसके रूम में गए तो सागर ने मुझे अपना रूम दिखाया अटेच बाथरूम वाले रूम में अच्छा फर्नीचर लगा था ।
रूम दिखाने के बाद उसने मुझे मस्तराम की किताबें निकाल कर दी जिसमें नंगी लड़कियों के साथ कहानियां भी थी जिसे पढ़कर मेरा सारा तनाव दूर हो गया और में उनको पढ़ने में लीन हो गया और अपना लण्ड मसलने लगा ।
में पढ़कर लण्ड मुठिया रहा था तभी सागर ने मुझे आवाज लगाकर अपनी तरफ देखने को कहा ।
जब मेने सागर की तरफ देखा तो वो पूरा नंगा बेड पर बैठा था और किसी किताब को पढ़कर अपने लोडे को सहला रहा था । उसने मुझे पेंट खोलकर आराम से मूठ मारने को कहा मेने गेट की तरफ देखा तो गेट बंद था इसलिए मैंने भी अपनी पेंट खोलकर मुठ मारते हुए सेक्सी कहानी पढ़ने लगा ।
कुछ देर बार सागर मेरे पास आया और फोनों एक दूसरे के लण्ड को पकड़कर किताब पढ़ने लगे । मुझे कहानी में बहुत मज़ा आ रहा था वो देवर भाभी की चुदाई की कहानी थी जिसमे जब देवर ने भाभी की चुत में लण्ड घुसाया तो मेरे भी लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी ।
उसके बाद दोनों खाना खाकर सो गए में सागर के घर तीन दिन रहा और दिनभर मस्त राम की अलग अलग किताबें पढ़कर लण्ड मुठियाते थे ।
सागर ने ही मुझे नम्रता मेडम के बाद अलग अलग चार पांच लड़कियों और भाभियों की चुदाई का मज़ा दिलवाया ।
अब मेरा ज्यादातर समय पढ़ाई के नाम पर सागर के घर ही बीतने लगा जहां मुझे अलग अलग तरह की कहानियां पड़ने का चस्का लग गया एक दिन मुझे गे वाली कहानी पढ़ते देखकर सागर मेरे पास आया और मेरा लण्ड पकड़कर मुझे उसने अपनी गाँड में डालने को बोला । उस दिन मेने पहली बार उसकी गाँड मारी थी जो आखरी बार भी थी क्योंकि उसने अपनी गाँड मुझसे मरवाकर मेरी गाँड मारने का रास्ता खोल लिया और उसके बाद उसी दिन मेरी छोटी सी गाँड को मार कर बड़ी कर दिया ।
मुझे भी गाँड मारने से ज्यादा मज़ा अपनी गाँड मरवाने में आता था । सागर ने पूरी छुटियों में वो मेरी गाँड को मार मार कर खोल दिया जब वो मेरी गाँड मारने लगता तो वो मेरे लण्ड को मुठियाते रहता जिससे मुझे बहुत आनन्द आता था ।
एक दिन सागर मेरी गाँड मार रहा था तभी चंदा चाची ने देख लिया और फिर उसने धमका कर मुझे अपने इशारों पर नचाने लगी उसने मेरी भुआ किबेटी जो छुटियों में हमारे घर आई थी उसकी नथ मेरे से उतरवाकर मुझे अपना गुलाम बना लिया और मेरे को अंकल का खिलोना बना दिया ।
अंकल का जबभी मूड होता मेरी गाँड मार लेते चंदा चाची मुझे खुश करने के लिए अपनी जवानी के जलवे दिखाया करती और भुआ की बेटी को भी अंकल से चुदवाया करती ।
बुआ की बेटी के जाने के बाद आंटी ने खुद के अलावा गांव की एक लड़की को मुझसे चुदवाया ।मुझे चंदा चाची ने किशोर अवस्था मे पूरा माहिर बना दिया था।
एक दिन मम्मी ने मुझे चंदा चाची के घर से निकलते हुए देख लिया और उसके बाद मुझे पूना होस्टल में पढ़ने के लिए भेज दिया ।
होस्टल में मुझे एक दोस्त मिला जो गाँड मारने का शौकीन था वो रात में मेरी गाँड मारता था साथ ही एक लड़की ने मुझे प्रपोज किया उसका मेने कौमार्य भंग किया और तीन साल तक उसको खुद भी चोदा और मेरे रूम मेट से भी ठंडा करवाया ।
कॉलेज में आने के साथ ही मेरे सेक्स कहानियों का चस्का बढ़ता गया और मुझे कूकहोल्ड कहानियों में मज़ा आने लगा ।
में अपनी होने वाली बीबी की कल्पना करके कूकहोल्ड स्टोरी पढ़ता और एक चुड़कड लड़की से शादी करने की सोचने लगा ।
कॉलेज खत्म होते ही मेरी मुम्बई जॉब लग गयी और घर वाले मेरे लिए एक एक बढ़कर एक लड़की की फोटो भेजने लगे । मेने बहुत सी लड़कियों को देखा और उनके शर्मीले स्वभाव की वजह से रिजेक्ट करता रहा ।
फिर मुझे एक बार नाशिक में किसी शादी के फंक्शन में रेखा की बड़ी बहन सुलेखा मिली जो पूरी शादी का आकर्षण बनी हुई थी ।मेरे रिश्तेदार जिनके यहां में शादी में गया था उन्होंने मेरा परिचय सुलेखा से करवाया ।सुलेखा ने मुझे रेखा के बारे में बताया तो मैने खुलकर अपने दिल की बात उसे बताई तो सुलेखा ने मुझे रेखा के बॉयफ्रेंड होने के बारे में बताया ।
रात में सुलेखा ने मुझे अपनी जवानी का स्वाद चखाया और रेखा के बारे में बताया कि वो उसके हिसाब से दो तीन लोगों के साथ रातें रंगीन कर चुकी है ।
वहीं से मेरा सपना रेखा के माध्यम से पूरा होता दिखा और रेखा ने पहली मुलाकात में अपने बॉयफ्रेंड से अफेयर का बोलते ही मेने उससे शादी करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
शादी होने के बाद मेने रेखा का फोन चेक किया रेखा को शायद पता नही था कि में इंजीनियरिंग का स्टूडेंट रहा हूँ इसलिए जब मेने उसके मोबाइल का सीक्रेट फोल्डर खोला तो समझ मे आ गया कि रेखा मेरी फैंटेसी आराम से पूरा कर देगी ।
उसके बाद सब कुछ अपने आप होते चला गया आज रेखा का ड्राइवर बनकर उसको चार नए लौंडों से चुदवाने ले जा रहा था दो लोग मेरी बीबी रेखा को बिच में बैठाए हुए थे अब में गाड़ी चलाते हुए सोच रहा था वो कैसे होंगे कि मेरी बीबी को किस तरह से प्यार करेंगे यही सोचकर मेरा लण्ड पूरे शबाब पर था।