Episode 37
अमित खड़ा हुआ और मेरे सामने आकर मेरे बालों में लगी पिन को खोलकर अलग कर दिया और फिर मेरे सर से पल्लू को इस तरह हटाया जैसे घूंघट हटा रहा हो । घोंघट हटने के साथ ही में ऊपर से सिर्फ सेमी ब्लाउज में रह गयी ।
जिसे देखकर अमित बोला ,--सर हट गया घूंघट ।
राजेश ,--हम्म , तुम भी बैठो पास में और देखो इसकी सुंदरता दिन ब दिन निखरती जा रही है ।
अमित ,--वो सर आएगा ही हर औरत शादी के बाद चुदाई करवाने के बाद निखर जाती है रेखा का में पूरा ध्यान रखता हूँ और इसे लण्ड के पानी की कमी नहो होने देता हूँ इसलिए निखर गयी है ।
राजेश मेरी आँखों मे आंखे डालकर मेरी सुंदरता मेरे पति के सामने निहार रहा था और मेरा चूतिया पति अपनी बीबी को उसके यार के सामने अधनंगी अवस्था मे बेठकर अपने लण्ड के सुपाडे को मसल रहा था ।
राजेश मेरे चेहरे पर हाथ फिरा रहा था और मेरे चेहरे के ऊपर कभी गालों को छू रहा था कभी मेरी गर्दन पर हाथ फिरा रहा था ।जो मेरे पति से बर्दास्त नही हुआ और वो बोला ।
अमित ,--सर ,अब आपको नही लगता कि आगे बढ़ना चाहिए ।
राजेश हंसते हुए ,--देखो रेखा अमित तुमको नंगी करना चाहता है ।
में भी पूरी गरम हो चुकी थी चुत पूरी गिली थो और लण्ड मांग रही थी इसलिए मैं बोली ,--तो फिर देर क्यों कर रहे हो ।
राजेश ,--अमित चलो जब मियां बीबी राजी तो आओ तुम ही अपनी बीबी का ब्लाउज खोल दो ।
अमित ने हाथ बढ़ाकर मेरु साड़ी को अलग किया और ब्लाउज के हुक खोलने लगा । मेने छाती को फुला लिया जिससे वो हुक नही खोल पा रहा था तो उसने राजेश को इशारा किया तो राजेश ने मेरे ब्लाउज को खींच कर हुक के पास किया और अमित ने सारे हुक खोल कर ब्लाउज को निकाल कर दूर फेंक दिया ।
राजेश ,--आखिर तुमने ब्लाउज खोल ही दिया ।
अमित ,–सर मेरे अकेले से कहाँ खुला आप की मदद से खुल पाया ।
राजेश -मेरी ब्रा से झांकती निप्पल को देखकर ,--हां ये है इतनी कड़क की तुम्हारे अकेले के बस की बात नही है ।
और फिर राजेश ने हाथ बढ़ा कर मेरी ब्रा को पकड़ा और एक झटके में खींचा जिससे पीछे से ब्रा का हुक टूट गया और ब्रा राजेश के हाथ मे आ गयी और में टॉपलेस हो गयी ।
राजेश मेरी निप्पल पर अंगुली फिराते हुए ,--अमित यार रेखा की चुचियाँ कितनी मस्त हो गयी है।एकदम परफेक्ट साइज ।
अमित ,--हम्म , अभी मसाज शुरू करवाई है बहुत जल्द चालीस की हो जाएगी ।
राजेश ,--गुड , तब तो मज़ा आ जायेगा । मेने इनको बतीस से चौतीस कि कर दिया था।
दोनों मेरे अंदर की संस्कारी नारी को अपने शब्दों से चोद चोद कर मुझे छिहतरी औरत बनाने में लगे थे जो मेरी मुनिया का भा रही थी ।
तभी राजेश ने अपनी शर्ट और बनियान खोल दी और टॉपलेस होकर बोला ,--बेबी अपने इन होठों की छाप मेरी छाती पर लगा दो । और उसमे मेरा चेहरा पकड़कर अपनी चूची पर रख लिया जिससे मेरे होठों की लिपस्टिक उस पर लग गयी फिर उसने वैसे ही दुसरीं निप्पल पर होठों की छाप लग गयी ।जिसे देखकर राजेश बोला ।
राजेश ,--अमित देखो अपनी बीबी के होठों की छाप मेरी छाती पर कितनी मस्त दिख रही है ।
अमित ,--जी सर ।
राजेश ने अपने पेंट और अंडरवेअर निकाल दिया और नंगा होकर सोफ़े पर बेठकर बोला ,--अमित अब रेखा को भी नंगी कर दो और मेरे लण्ड पर बिठा दो देखो कैसे इसकी चुत में जाने को फड़क रहा है ।
मेने राजेश के लण्ड को देखा पूरे रौद्र रूप में तना हुआ था और छत की तरफ देख रहा था तभी अमित ने मुझे खड़ा किया और मेरी साड़ी के साथ पेटीकोट का नाडा खोल दिया जिससे में पेंटी में आ गयी ।
फिर अमित ने मेरी दोनों साइड में हाथ डाला और पेंटी को निकाल कर मुझे न्यूड कर दिया और राजेश की तरफ लेजाकर उसके लण्ड पर बिठाने लगा ।
राजेश ने अपना लण्ड पकड़ा और लण्ड को मेरे गाँड के छेद पर सेट कीया और अमित ने मेरे कंधे पकड़कर नीचे दबाव देना शुरू कर दिया ।
राजेश का लण्ड धीरे धीरे मेरी गाँड में जगह बनाते हुए अंदर घुसने लगा जिससे मेरी हल्की चीख निकल गयी और में राजेश की गोद मे उसके लण्ड पर बैठ गयी तो राजेश बोला ।
राजेश ,--अमित तुम सामने आकर इसकी चुत चाटोगे तो इसको अच्छा लगेगा ।
अमित सोफ़े के पास जमीन पर बैठ गया और अपना मुंह मेरी चुत पर लगाकर चुत को चाटने लगा जिससे मुझे आनंद आने लगा और में आनंद की वजह से उछलने लगी जिससे राजेश का लण्ड मेरी गाँड में आगे पीछे होने लगा और राजेश मेरी दोनों निप्पल को मसलते हुए मेरी गाँड मारने लगा ।
मैं तीनो जगहों पर हो रहे हमले से जन्नत में पहुंच गई और मुंह से अपने आप ही निकल पड़ा ।
मैं ,--आह ह .....चाट गांडू मेरी चुत को जीभ को पूरा डाल दे अंदर साले तू हैं तो चुतिया पर मुझे मज़े करवाने में कोई कसर नही छोड़ता ।
अमित चुत पर से जीभ हटाकर ,--अरे डार्लिंग ये तो मेरा फर्ज है तुमको एन्जॉय कराना ।
मैं ,--मादरचोद फर्ज गया मा चुदाने , मेरी चुत चाट बहुत खुजली हो रही है इसमें ।
राजेश आराम से सोफ़े पर बैठा था और मेरी निप्पल्स को चुटकियों में पकड़कर होले होले मसल रहा था जो मेरी चुत को गरमाये हुए था और चुत में खुजली बढ़ती जा रही थी जो लण्ड से ही मिटने वाली थी ।पर उसको आज बिल्कुल भी जल्दबाजी नही थी वी अपनी तरफ से सिर्फ बूब्स पर ही काम जारी रखे था ।
मुझसे बर्दास्त करना मुश्किल हो गया था क्योंकि दस मिनट से ज्यादा हो गया था लण्ड को गाँड में लिए बैठे तो में राजेश को बोली ,--आह सर प्लीज् अब चुत को चोद दीजिये बहुत खुजली हो रही है ।
राजेश ,--बेबी ऐसी भी क्या जल्दी है देखो अमित कितनी मेहनत कर रहा है तुम्हारी चुत पर ।
मैं ,--ये भोसडी वाला मेरी चुत में और आग लगा रहा है प्लीज् अपने मोटे लण्ड से मेरी चुत की आग बुझा दो।
राजेश ने मुझे खड़ा किया जिससे उसका लण्ड मेरी गाँड से निकल गया अमित भी सोफ़े के पास घुटनो के बल बैठ गया ।
राजेश ,--अमित अब बताओ तुम्हारी बीबी की चुत सबसे पहले किस कोने में मारी जाए ।
अमित लण्ड मुठियाते हुए ,--सर क्यों ना बालकनी से शुरुआत करें ।
मैं ,--साले पागल हो गया क्या किसी ने नीचे से देख लिया तो क्या सोचैगा ।
अमित ,--डार्लिंग में कॉलोनी के गेट वाली बालकनी की बात कर रहा हूँ उधर से सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड को दिखेगा और अभी दीनू काका ड्यूटी पर हैं तो उनसे क्या डर वो तो वैसे भी तुमको नंगी देख चुके।
मैं ,--तो अब उनको चुदवाती हुई भी दिखूं क्या ।
राजेश ,--बेबी क्यों बहस कर रही हो तुम पहले भी क्लब में चुद चुकी सबके सामने अब क्यों नाटक कर रही हो ।
उसके बाद राजेश ने मेरा हाथ पकड़ा और बालकनी का गेट खोलकर बाहर लाया जहां से सिक्योरिटी रूम और रोड का कुछ हिस्सा दिख रहा था । सिक्योरिटी रूम में दीनू काका बैठा था जिसका ध्यान रोड पर था ।
राजेश ने मेरी एक टांग पकड़कर रेलिंग पर रखी और फिर मेरे पास आकर अपना लण्ड मेरी चुत में घुसा दिया जिससे उसका लण्ड मेरी बच्चेदानी से टकराया तो मेरी कामुक चीख निकलने वाली थी जिसे मेने बड़ी मुश्किल से रोका ।
राजेश ने अमित को कुछ इशारा किया जो में समझ नही पाई पर तभी मुझे मोबाइल से किसी को रिंग जाने की आवाज सुनाई दी और फिर फोन पर दीनू काका की आवाज आई । मेने सामने देखा तो दीनू काका बालकनी की तरफ ही देख रहा था । फोन पर
दीनू काका ,--जी अमित बाबू ।
अमित ,--काका देखिये आपकी लाडली बहु को कैसे बालकनी में चुदवा रही है लीजिये बात कीजिये ।
फोन स्पीकर मोड़ पर था और अमित ने फोन मेरे मुंह के पास कर दिया ।
मैं भी अपनी चुदाई का भरपूर आनंद उठा रही थी और इस तरह से बालकनी में चुदने से मेरे मन मे और भी रोमांच भर चुका था इसलिए मन मे सोचा की क्यों ना चुदाई को यादगार बनाया जाए ।
मैं ,--आह ....ससुर जी आपके दोनों बेटे मुझे देखिये कैसे बालकनी में लाकर चोद रहें है प्लीज् इनको समझाइए ।
दीनू काका जो सामने दिख रहा था उसने अपना लण्ड पकड़ लिया और बोला ,--अरे बहु तो तुझे मेरे बेटों से चुदने के लिए ही तो शादी करवाई है ।
मैं ,--आह ससुर जी आपके दोनों बेटे नालायक है देखिये कैसे घर की इज्जत को खराब करने पर तुले है ।
दीनू काका ,--बहु इज्जत तो तब खराब होगी जब दोनों तुझे मा नही बना पाए लोग मेरे बेटों को नामर्द बोलेंगे ।
मैं ,--पर ससुर जी ये काम तो बैडरूम में भी कर सकते है दोनों।
दीनू काका ,--बहु तू मेरे बेटों की ब्याहता बीबी है ये तुझे रोड पर भी चोदें तो कोई बाय नही तुम्हारा फर्ज है मेरे बेटों को खुश रखना ।
मैं ,--ओह.. ससुर जी देखिये कैसे मेरी टांगे चौड़ी करके मेरी चुत फाड़ रहे हैं ये ।
दीनू काका ,--बहु चुत तो फाड़ने के लिए ही होती है जब चुत फटेगी तभी तो मेरा पोता उसमे से बाहर निकलेगा ।
मैं ,--पर ससुर जी ऐसे कोई घरेलू औरत कैसे कर सकती है ।
दीनू काका ,--बहु मुझे और मेरे बेटों को घरेलू नही रंडी बहु चाहिए तुझे ये लोग इसलिए ही बालकनी में लाये हैं कि तेरे बाहर की शरीफ औरत मर जाये और अंदर से छुपी हुई रण्डी बाहर निकले ।
मैं ,--पर ससुर जी ये लोग ऐसा क्यों करना चाहते है ।
दीहु काका ,--बहु औरत मर्द को असली मज़ा रण्डी बनकर ही दे सकती है तू भी इनका साथ दे ।
तभी मेरी गाँड पर कुछ गीला से महसूस हुआ मेने घूमकर देखा अमित नीचे बैठकर अपनी जीभ से मेरी गाँड चाट रहा था जिससे में गनगना गयी और बोली ।
मैं ,--अहह ....ससुर जी देखिये आपके बेटे कैसे मुझे परेशान कर रहें है बड़ा बेटा चुत फाड़ने में लगा है और छोटा मेरी गाँड चाट रहा है ।
दीनू काका ,--अरे बहुरिया मेरे दोनो बेटे तेरे दीवाने हो चुके है जो तुझे इतना प्यार कर रहे है वरना तुझे क्या पता शरीफ औरतों की गाँड कोई नही चाटता ।
मैं ,--आह.... ससुर जी ये दोनों मुझे पागल कर देंगे दोनों ने वियाग्रा खाई हुई है।
दीनू काका ,--अरे बहु ये तो अच्छी बात है ना औरत को चोदन और भोजन पूरा मिल जाये तो फिर उसको और क्या चाहिए ।
राजेश मेरी चुत में करारे प्रहार कर रहा था जिससे मेरी सिसकियां निकलने लगी और मेरी जगह राजेश बोला ,/-दीनू काका अभी हम आपकी बहु को चोद रहें है सुबह आप के साथ मिलकर इसकी भोसडी चोदेंगे ।
इतना बोलकर उसने फोन काट दिया और लण्ड निकालकर मुझे गोद मे उठा लिया और फिर मुझे किचन की पट्टी पर बैठा दिया ।
अमित भी पीछे पीछे किचन में आ चुका था जिसे देखकर राजेश बोला ,--अमित तुम झुककर इसकी चुत को चाटकर साफ कर दो बहुत गीली हो गयी में तब तक तुम्हारी सुखी गाँड मारता हूँ ।
अमित आज्ञाकारी बच्चे की तरह झुककर मेरी चुत में लगा रज और वीर्य का मिश्रण चाटने लगा पीछे से राजेश ने उसकी गांड को चौड़ा किया और अपना भीगा लण्ड जो चुत और लण्ड के प्रीकम से गिला था उसमे घुसा दिया ।
अमित ने एक झटका खाया और उसकी नाक मेरी चुत में घुस गयी जो चुत रस से भीग गयी में अमित के सर पर प्यार से हाथ फिराकर उसे अपने यार के लण्ड का पानी पिलाने लगी ।
उधर राजेश अमित की गाँड को मारते हुए अपने हाथ अमित के लण्ड पर ले आया और एक हाथ से उसके लण्ड को मुठियाते हुए दूसरे हाथ से उसके अण्डों को सहलाने लगा जिससे अमित के मुंह से गर्म भाप निकलने लगी और मेरी चुत से टकराने लगी ।
लगभग दस बारह मिनटो में तीनों की तेज सांस चलने लगी और सबसे पहले अमित के लण्ड से वीर्य के तेज धार किचन के फर्श पर गिरने लगी । उसके साथ ही राजेश भी रुक गया और उसके चेहरे से लग रहा था कि वो वीर्य की बौछार अमित की गाँड में छोड़ रहा है । जिसे देखकर में भी नही रूक पाई और अपने पति को चुत से निकला अमृत पिलाने लगी ।
तीनो झद चुके थे और किचन से बाहर आकर देखा रात के बारह बजने को था यानी ढाई तीन घण्टे चुदाई का खेल चला था । अमित बिना कुछ बोले गेस्ट रूम में सोने चला गया ।
अमित गेस्ट रूम में जाकर सो गया तो उसके बाद राजेश मुझे फिर से सोफ़े पर लाया और एक पेग बनाया जिसे खुद सिप करके मेरे होठों से लगा दिया तो मेने घूंट पिया और बोली ।
मैं ,--यार तुम मुझे बेवड़ी बनाकर छोड़ोगे ।
राजेश ,--साली अमित तकदीर वाला है जो उसे तुझ जैसी बीबी मिली आल राउंडर जो ना करना जानती ही नही ।
मैं ,--अमित खुशकिस्मत है या चुतिया ।
राजेश ,--बहुत लकी है तुमको नही पता उसके आनन्द का एक कूकहोल्ड के लिए इससे बड़ा सुख नही हो सकता कि उसकी बीबी रंडियों को भी पीछे छोड़ दे । अगर सपना तुम्हारे जैसी होती तो तुम्हारी कसम में भी उसको किसी के साथ चुदते देखना पसंद करता ।
मैं ,--पागल हो क्या ।
राजेश ,--यही समझ लो हर पति ये चाहता है कि उसकी बीबी जो सिर्फ उसी की ब्याहता है उसे कोई और रगड़ कर चोद दे और वो भी उसके सामने तो उसको ऐसी फिलिंग मन मे आती है कि सोचने मात्र से लण्ड खड़ा हो जाता है ।
मैं ,--तुम सारे मर्द एक जैसे ही हो ।
राजेश ,--तो क्यों ना हो पत्नी सिर्फ एक ही लण्ड से क्यों बंधकर रहे उसे भी अलग अलग लण्ड टेस्ट करने चाहिये।
मैं ,--वो तो पत्नी की इच्छा पर है लेकिन पति को अपनी पत्नी दूसरे के पास भेजने से क्या फायदा ।
राजेश ,--यही तो असल मे समझने वाली बात है देखो हर मर्द का लण्ड का साइज अलग अलग होता हूं और हर मर्द को ये देखने मे मज़ा आता है कि वो किसी औरत को बड़े लण्ड से चुदते देखे और जब वो औरत उसकी बीबी हो तो मज़ा दोगुना हो जाता है साथ ही अपनी बीबी जिसे वो ब्याह कर लाया हो किसी और के साथ सेक्स करे तो उसको एक अलग तरह का अहसास होता है कि उसकी प्रोपर्टी को कोई दूसरा काम मे ले रहा है और अपनी बीबी को एन्जॉय करते देख कर उसको भी अच्छा लगता है ।
हम दोनों शराब के दो दो पेग लगा लिए तो अमित ने मुझे सिगरेट जलाने को कहा और फिर एक ही सिगरेट दोनों पीने लगे । राजेश मेरे मुंह पर सिगरेट का धुआं छोड़कर बोला ।
राजेश ,--रेखा काश समता भी तुम्हारे जैसी हॉट वाइफ होती ।
मैं ,--तो क्या होता ।
राजेश ,--तो में उसको सबसे पहले हरमीत से चुदवाता और फिर तुम्हारी तरह मेरे घर पर भी रोज पार्टी होती सेक्स पार्टी ।
मैं ,--चलो अच्छा है कम से कम समता भाभी तो रण्डी बन ने से बची ।
राजेश ,--उसे रण्डी नही हॉट वाइफ बोलते है जो खुद भी एन्जॉय करती और मुझे भी एन्जॉय करवाती । में उसकी एक ही तरह की चुदाई से बोर हो गया हूँ अब तो मुझे उसको चोदने में सिर्फ एक फॉर्मलटी सी लगती है जो उसके साथ निभा रहा हूँ ।
मैं ,--अब छोड़ो उसको और बोलो अब सोना है या एक राउंड और करोगे ।
राजेश ,--अभी कहाँ सोएंगे ,अभी तो रात जवान है कुछ नया एडवेंचर करते हैं ।
मैं ,--क्या ।
राजेश ,--नीचे चलें गार्ड रूम की तरफ ।
मैं ,--पर रात में नीचे कोई कॉलोनी का रहने वाला मिल गया तो ।
राजेश ने मेरा हाथ पकड़ा और बोला ,--चलो फिर छत पर चलते हैं वहां कोई नही आएगा ।
राजेश ने मैन गेट खोला और बिंदास लिफ्ट की तरफ चल दिया मुझे थोड़ा डर लग रहा था कि कही कोई देखे नही पर मन मे अजीब सा रोमांच था कि कहां में एक सुसंस्कृत नारी आधी रात को अपने यार के साथ नंगी होकर घूम रही हूँ ।
लिफ्ट ने घुसते ही राजेश ने टॉप फ्लोर का बटन दबाया और मुझे अपने पास चिपका लिया दोनों के बदन आपस मे मिलते ही जिस्म में एक बार फिर से गर्मी चढ़ गई ।
लिफ्ट के छत पर पहुंचते ही दोनों बाहर निकले ,चांदनी रात थी इसलिए सब कुछ आराम से दिख रहा था छत पर एक छोटी सी कॉटेज के अलावा पानी की टँकीया पड़ी थी । राजेश ने मेरा हाथ पकड़कर छत पर एक चक्कर लगाया ।
चक्कर लगाने के बाद एक टँकी की पीछे जाकर खड़े हुए तो वहां किसी चीज से मेरा पैर टकराया ।मेने झुककर देखा तो मेरे को बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि जिस चीज से मेरा पैर टकराया था वो बियर का केन था ।
उसके बगल में एक दरी बिछी थी और उस के आसपास कंडोम के रैपर और यूज़ किये हुए कंडोम थे जिसे देखकर राजेश बोला ।
राजेश ,--लगता है ये छत प्रेमियों के लिए सेफ जगह है देखो कितने फ्लेवर के कंडोम पड़े है शायद कई लड़कियां यहां पर चुदने आती होगी ।
राजेश की बात में दम था जिस तरह से कंडोम और बाकी चीजे पड़ी थी जरूर ये जगह एक नही कई लड़कियों के लिए चुदवाने के लिए सेफ जगह थी । पर कॉलोनी में इतनी लड़कियां तो थी नही । कही कॉलोनी के बाहर वाले होस्टल की लड़कियां तो यहां नही आती होगी और आती होगी तो जरूर कॉलोनी के सिक्युरिटी गार्ड या सेक्रेटरी की मिलीभगत होगी ।इसका पता करना पड़ेगा ।
मैं ,--अब जिनको चुदाना है वो कहीं तो जगह खोज ही लेते है पर यहां पर लगता है बहुत ज्यादा ही प्रेमी आते हैं।
राजेश ,--तो फिर आज इसी सेज पर ये प्रेमी अपनी प्रेमिका को चोदगा , चलो ।
उसके बाद राजेश दरी पर खड़ा हो गया और में झुककर उसके लण्ड को चुसने लगी ।राजेश मेरे सर पर हाथ फिराते हुए बोला ।
राजेश ,--आह , रेखा कितना मज़ा आ रहा है ना खुले आसमान के नीचे काम क्रीड़ा में ।
मैं लण्ड से मुंह हटाकर ,--क्यों नही आएगा एक ब्याहता औरत को उसी के घर की छत पर लाकर लण्ड चूस वाओ तो इससे बड़ा एडवेंचर क्या होगा ।
राजेश का लण्ड पूरा खड़ा हो चुका था इसलिए उसने मुझे घोडी बनाया और पीछे से मेरी चुत में अपना लण्ड डाल दिया । मेरी कामुक आह निकल गयी और राजेश दनादन मेरी चुत में अपने लण्ड से प्रहार करने लगा ।
में मस्ती के सागर में डूब गई ये सोचते हुए की जो काम मेरा पति नही कर पाया वो मेरा लवर कर रहा है खुले आसमान में नीचे चुत मरवाना अपने आप मे एक अलग रोमांच मेरे मन मे आ रहा था और में मदमस्त होकर अपने नसीब को श्रेय दे रही थी कि कितना अच्छा भाग्य है मेरा जो एक घरेलू औरत सिर्फ एक कमरे में जिंदगी बिता देती है सेक्स के मामले में ।
में अपने सेक्स को कमरे सेबाहर ही नही सब जगह एन्जॉय कर रही हूँ और एक खूंटे से नही कई खूंटे इस चुत में गढ़वा लिए जिसकी खास बात ये थी कि अभी तो जिंदगी की शुरुआत हुई है ।
राजेश मेरी चुत को अब मिशनरी स्टाइल में चोद रहा था और में आसमान में डबल तारे देख रही थी एक तो रात के तारे और दूसरे राजेश के लण्ड से लग रहे धक्कों की वजह से एक तारा दो दिख रहा था ।
राजेश आज अलग ही मूड में था लगभग बीस मिनट उसको हो चुके थे पर झड़ने का नामोनिशान ही नही दिख रहा था शायद वियाग्रा का असर था जो लेट से हुआ है , में दुसरीं बार झड़ चुकी थी जो राजेश को पता था ।
मैं ,--यार तुम पहले तो बहुत जल्द झड़ गए थे लभी क्या हो गया ।
राजेश ,--पहले में एक सुहागिन औरत को उसके पति के सामने चोद रहा था इसलिए ज्यादा एक्साइट हो गया था पर अब अपनी प्रेमिका को प्यार कर रहा हूँ ।
मैं ,--अब नीचे चलो मुझे इस दरी पर मज़ा नही आ रहा है ।
राजेश को भी शायद घुटनो में दरी चुभ रही होगी उसलिये वो अपना लण्ड निकालकर खड़ा होगया और मेरा हाथ पकड़कर मुझे खड़ा किया और लिफ्ट की तरफ ले आया ।
लिफ्ट में घुसते ही उसने एक बार फिर मेरा एक पैर हाथ मे पकड़ा और खड़े खड़े अपना लण्ड मेरी चुत में घुसाकर चलती लिफ्ट में चोदने लगा ।
मैं एक्साइटमेंट में पागल हो रही थी कि कही लिफ्ट से निकलते समय किसी ने देख लिया तो मेरी इमेज एक रण्डी से ज्यादा नही रहेगी और कॉलोनी के लोग क्या सोचेंगे कि पति के होते हुए गैरमर्द से चलती लिफ्ट में चुद रही हूँ ।
लिफ्ट मेरे फ्लोर पर लग चुकी थी पर राजेश पांच मिनट मुझे लिफ्ट में चोदने के बाद बाहर निकला ।पर मेरा किस्मत साथ दे रहीथी की किसी ने मुझे आते जाते नही देखा था ।
फ्लेट में आकर राजेश मुझे गेस्ट रूम में ले गया जहां अमित सो रहा था और उसको हिलाकर बोला ।
राजेश ,--अमित में रेखा को सोसायटी के केम्पस में ले जाकर चोद लूं क्या ।
अमित ने बिना आँखे खोले ही कहा ,--ले जाइए सर आप की मर्जी हो जहां , बस आप प्लान के हिसाब से इसकी चुत के साथ इसकी आत्मा , मन और इसके जज्बात को पूरा चोद कर अंदर की शरम को पूरा खत्म कर दीजिये ।
राजेश ने मुझे ये सुनवाया और मुझे बैडरूम में ले आया और बेड पर सुलाकर मेरी चुत में लण्ड घुसा दिया जिससे मेरी आह निकली और में बोली ।
मैं ,--आह , तुम दोनों ने क्या प्लान बनाया हुआ है ।
राजेश ,--अमित चाहता है कि तुम शरम हया को भूल जाओ और घर मे सिर्फ ओर सिर्फ एक वेश्या बनकर रहो इसलिए तुम्हारे अंदर ये बात बिठा लो , भले ही तुम दुनिया की नजर में उसकी बीबी हो पर अमित के सामने एक रण्डी की तरह रहो ।रण्डी जैसा व्यवहार करो।
मैं ,--आह ....साला वो मुझे तन से ही नही मन से भी रण्डी बनाना चाहता है ।
राजेश धक्के लगाते हुए ,--वो तो ये भी चाहता है कि अब तक जितने लोगों ने तुमको शादी से पहले भोगा है वो शादी के बाद यहां आकर तेरी चुत जो अब भोसड़ा बन चुकी है उसको चोद कर जाए ।
मैं ,--अहह....अब बचा ही कोन है पुष्पेंद्र के अलावा तुम और हरमीत तो मुझे उसके सामने चोद ही चुके हो ।
राजेश ,--तो उसको भी बुला लो अमित चाहता है कि जो लोग तुमको लड़की के रूप में चख चुके अब औरत का भी स्वाद टेस्ट कर ले ।
मैं ,--आह......में आज चौथी बार झड़ गयी और तुम लगे हुए हो लभी तक ।
राजेश ,--डार्लिंग तुमको तो पता है मेरा स्टेमिना कैसा है लगता है आज पहली बार वियाग्रा खाई है उसी की वजह से लण्ड झड़ने का नाम नही ले रहा अब तुम ही कुछ ऐसा बोलो कि लण्ड पानी छोड़ दे ।
मैं ,--तो सुनो तुम्हारे लिए खुशखबरी है अमित की बहन रीता सोमवार को यहां आ रही है एकदम अनटच लौंडिया है अभी बतीस के भी बूब्स नही है उसको तुम्हारी रखेल बना देती हूँ ।
राजेश हांपते हुए ,--कुछ नमक मिर्च लगाकर बोलो ना बेबी ।
मैं ,--उस कमसिन लौंडिया को में ट्रेंड करकर तुम्हारे पास भेज देती हूँ नोकरी के बहाने फिर तुम उसकी नन्ही सी चुत को शादी तक चोद चोद कर भोसड़ा कर देना और अपने यारों के साथ मिलकर अपनी मर्जी जैसे चोदना ।
राजेश मेरी बात सुनकर तेजी से शॉट मारने लगा और फिर मेरे ऊपर गिरकर मेरे चेहरे को जहां तहां चूमते हुए अपने अण्डकोष में भरा पानी मेरी चुत में भरने लगा ।
रात के ढाई बजे गए थे और दोनों उसी तरह से सो गए ।
सुबह रोज की तरह अमित ने उठाया और चाय की ट्रे टेबल पर रखकर खुद एक चाय उठाकर पीने लगा ।में राजेश के लण्ड की तरफ झुकी तो राजेश ने मना कर दिया और बोला ।
राजेश ,--बेबी आज रहने दो अभी जूस निकल जायेगा तो दिन भर क्या पियोगी ।
मेने हाथ बढाकर चाय उठाई और पीने लगी राजेश भी अपने लण्ड को सुबह वाले उठाव को मसलकर चाय उठाई और चाय पीने लगा ।
अमित ,--सर रात को कितने बजे सोए ।
राजेश मुझे आंख मारकर ,--यार रेखा पांच भर झड़ गयी तो फिर ढाई बजे के आसपास सो गए ।
अमित ,--फिर तो सर काम अधूरा रह गया होगा ।
राजेश ,--कुछ अधूरा नही रहा रेखा बहुत इंटेलिजेंट औरत है उसको मेने सब कुछ बता दिया । वो रेडी है सब कुछ करने को जो तुम चाहते हो ।रेखा बताओ रात में तुमको कहा कहा पर चोदा था ।
मैं ,---हॉल , किचन ,छत ,लिफ्ट और बैडरूम ।
अमित,--पर वो काम ।
राजेश ,--यार वो भी हो गया रेखा सिर्फ शरीर से ही नही मन से भी अपने आप को रण्डी मान चुकी है चाहो तो रेखा से पूछ लो नही तो दिन में देख लेना ।
मैं ,--दिन में क्या ।
राजेश ,--तुमको दिन में दीनू काका के सामने दिखाना है कि तुम क्या हो और कैसे बिहेव करना है ।
तभी डोर बेल बजी तो राजेश ने अपना बरमूडा पहना और मुझे फटाफट तैयार होने का बोलकर अमित को बोला।
राजेश ,--चलो दीनू काका को रोल समझा देते है तब तक।
में उठकर बाथरूम में घुस गई और फटाफट फ्रेश होने के बाद नहाकर बाहर आई और फिर एक बड़े से गले का ब्लाउज और साड़ी पहना और गेट पर आकर तीनो की बातें सुनने लगी ।उनकी बातें पहले से चल रही थी पर जब मेने कान लगाया तो अमित बोल रहा था ।
अमित ,--दीनू काका, आप चिंता मत कीजिये वो नाराज नही होगी बल्कि उसको मज़ा आएगा ।
राजेश ,--दीनू काका आप अमित की बात को समझिए अमित उसको कई लोगों से चुदवा चुका और उसको अब चुदवाने में शर्म नही है बस उसके दिल मे ये बैठ जाना चाहिए कि वो अमित की बीबी है पर उसके अंदर एक बहुत बड़ी रण्डी भी रहती है।
दीनू काका ,--ठीक है फिर आप लोग नाश्ता कीजिये में एक घण्टे में आता हूँ ।
दीनू काका के जाने की बात सुनकर में भी अपने बाल सुखाकर मेकअप करने लग गयी । अमित रूम में आया और मुझे बोला कि राजेश सर नहाने गए है तुम जल्दी से तैयार होकर बाहर आ जाओ ।
मैं ,--दीनू काका साफ सफाई कर लिए क्या ।
अमित ,--डार्लिंग आज सारा काम मे करने वाला हूँ तुम भूल गयी आज दीनू काका तुम्हारे ससुर का रोल प्ले करने वाले है । वो एक घण्टे में आएंगे तब तक नास्ता कर लेते हैं ।
मेने डार्क सा मेकअप किया और फिर साड़ी का पल्लू इस तरह से पिन किया कि मेरे खुले गले ब्लाउज से आधी से ज्यादा दिख रही चुचियाँ साड़ी से बिल्कुल नही छुपे । खुद को आईने में देखकर संतुष्ट हुई और बाहर आई ।
अमित किचन से नास्ता लेकर आ रहा था राजेश भी अच्छी सी ड्रेस पहनकर आकर सोफ़े पर बैठ गया तो अमित ने ब्रेड पकोड़े और साथ मे चाय रखी ।जिसे देखकर मेने अमित को अपना रूप दिखाने का सोचा।
मैं ,--ओए, मादरचोद तुझे पता नही क्या मेरा यार मुझे रात भर चोद रहा था उसको दूध कोन देगा पीने को ।
अमित को शायद ऊमीद नही थी कि में इतनी जल्द उसे इस तरह से गाली देने वाली हूँ पर उसने गाली सुनकर लण्ड मसला और बोला ,--आप लोग नास्ता खत्म कीजिये दूध गर्म हो रहा है ।
मेने नास्ता शुरू किया और साथ ही एक हाथ राजेश के पेंट के ऊपर रखकर उसके लण्ड को टटोल कर देखा जो सेमी हार्ड पोजिशन में था ।
अमित तीन ग्लास दूध लेकर आया और बेठकर नास्ता करने लगा तीनो नास्ता खा चुके तो अमित ने बर्तन उठाये और टेबल साफ किया ।
मेने राजेश का हाथ पकड़ा और उसे अपनी अर्धनग्न चूचियो पर रखते हुए अमित से कहा ,--ओए गांडू चल सिगरेट जला कर दे मेरा यार नास्ते के बाद सिगरेट पीएगा।
अमित सिगरेट जलाने लगा और राजेश मेरी छाती पर हाथ फिराने लगा अमित ने सिगरेट जला कर दी तो मैं उसे खुद के साथ राजेश को पिलाने लगी ।
दोनों सिगरेट खत्म कर चुके थे कि तभी गेट खुला और दीनू काका अंदर आते दिखा जो नया धोती कुर्ता पहने थे और नहा कर साफ सुथरा दिख रहे थे ।
तभी राजेश उठा और दीनू काका को झुककर प्रणाम किया तो में भी उठी और झुकने के बजाय सीधे उनके होठों पर एक चुम्बन कर दिया जिससे दीनू काका गनगना गया ।
राजेश और अमित मुझे दीनू काका को चुम्बन करते देखकर अवाक रह गये की में इतनी जल्द दीनू काका को किश करूंगी ।
राजेश ,--आइए दीनू काका बैठिए , अमित तुम दीनू काका को पानी पिलाओ बिचारे को प्यास लगी होगी ।
दीनू काका राजेश के बगल में सोफ़े पर बैठ गए और में सामने की तरफ बैठ गयी मेरे सामने बैठने से उन दोनों को मेरी अर्धनग्न चुचियाँ साफ दिख रही थी जिससे दोनों के लण्ड में तनाव शुरू हो चुका था ।
अमित ने पानी का गिलास दीनू काका को पकड़ाया जिसे लेकर वो पानी पीने लगे । पानी पीकर दीनू काका बोले ।
दीनू काका ,--बहु शादी को एक साल होने को आया अब खुशखबरी कब सुनाएगी ।
मैं अपने ब्लाउज को नीचे खींचकर ,--कहा ससुर जी अभी चार दिन पहले ही तो माहवारी खत्म हुई है ।
दीनू काका ,--तुम कहीं गर्भ रोकने की दवा तो नही खा रही हो ।
मैं ,--नही ससुर जी , में तो खुद सत्ताईस साल की हो चुकी और मां बनने को तरस रही हूँ इसलिए आपके बेटे के लण्ड के पानी की एक भी बून्द अपनी चुत से बाहर नही गिरने देती । पर लगता है आपके बेटे के वीर्य में ही कमी है ।
इसके साथ ही मेने अपने ब्लाउज को इतना नीचे कर लिया था कि मेरी निप्पल का कुछ हिस्सा ब्लाउज की किनारों से दब कर दिखने लगा था । जिससे दीनू काका लण्ड धोती को ऊपर उठाकर खड़ा हो गया ।
राजेश ,--रेखा तुम चिंता मत करो अब में आ गया हूँ ना ।
मैं अपने होंठ पर जीभ फिराकर ,--आप को भी तो दो रात हो गए कोशिश करते हुए , मेने आप का पूरा साथ दिया है चुदाई में जिससे में प्रेग्नेंट हो जाऊं ।
दीनू काका अपने लण्ड को पकड़कर ,--बहु ये दोनों को अनुभव की कमी है इसलिए दोनों अभी बाप नही बन पाये पर अब में आ गया हूँ आज में इन दोनों को सीखा दूंगा की कैसे एक औरत को गर्भवती किया जाता है ।
अमित चुपचाप हम तीनों की बातें सुनकर अपने लण्ड को मसल रहा था उसका लण्ड पेंट में से पूरा तना हुआ दिख रहा था । दीनू काका फिर से बोला ।
दीनू काका ,--बहु तुम्हारी चुचियाँ अभी छोटी है इनको गर्भवती होने से पहले बड़ा करना होगा वरना बच्चा होने के बाद उसको पीने को भरपूर दूध नही मिलेगा तो बच्चा पूरा तंदुरुस्त कैसे होगा ।
मैं ,--अब ससुर जी मुझे इन सब बातों का पता नही है आप देख लीजिये और कितनी बड़ी होनी चाहिए ।
ये बोलकर मेने अपने ब्लाउज़ के हुक खोल दिये और अपनी छतीस की बूब्स तीनो के सामने बेपर्दा हो गयी जिससे तीनो मर्द मेरी उन्नत और पूर्ण विकसित छातियों को घूरने लगे ।
दीनू काका ,--बहु इन चुचियों से सिर्फ तुम्हारे बच्चे का पेट भरेगा पर जब मेरे बेटे का नम्बर आएगा तो इनमें दूध खत्म हो जाएगा इसलिए बड़ा होना जरूरी है और ये चूचक भी अभी मटर के दाने जैसे है इनको भी मूंगफली जितना बड़ा करना पड़ेगा ।
तीन तीन मर्द मेरी चुचियों को देख रहे थे औऱ दीनू काका मेरी निप्पल की बात कर रहा था इसलिए मेरे बोबे फूलकर बड़े ही गए थे और निप्पल तन चुके थे ।जिसे देखकर अमित बोला ।
अमित ,--तो काका फिर आप कीजिये इनका कुछ ।
दीनू काका ,--हां , थोड़ा सरसों का तेल लाओ हल्का गर्म होना चाहिए ।
अमित दीनू काका की बात सुनकर किचन में गया और कुछ देर में एक कटोरी में तेल लेकर आया और दीनू काका को पकड़ाया जिसे लेकर दीनू काका मेरे सोफ़े के पीछे आया ।
दीनू काका के दोनों हाथ मेरी निपल्स पर आ चुके थे उन्होंने दोनो हाथ की अंगुलियों में तेल लगाया हुआ था जो निप्पल को लगाकर मसलना चालू कर दिया जिससे मेरी आह निकल गयी ।
मेने सामने बैठे राजेश और अमित को सुनाने के लिए जानबूझकर कर जोर जोर से सिसकने लगी और अपने चेहरे पर सेक्सी एक्सप्रेसन बनाने लगी । दीनू काका थॉडी देर तक मेरी निप्पल्स को मसलते रहे फिर उन्होंने जोर से आगे की तरफ खींचना शुरू कर दिया ।जिससे मेरे चीखे निकलने लगी और में बोली ।
मैं ,--आआ.....ससुर जो मेरी निप्पल उखड़ जाएगी प्लीज् धीरे करिए ।
दीनू काका ,--बहु धीरे धीरे करने से ही तेरी निप्पल बड़ी नही हुई देखना में इनको कितनी जल्द मोटी और लंबी बना दूंगा ।
मैं ,--पर बहुत दर्द हो रहा है मुझे ।
दीनू काका ,--बहु दर्द तो बर्दास्त करना पड़ेगा नही तो ऐसे ही निप्पल पूरी विकसित नही हो पाएगी ।
हालांकि मुझे दर्द से ज्यादा मज़ा आ रहा था और आये भी क्यों नही सामने मेरा यार और मेरा पति मुझे एक नोकर से जोबन मसलवाते देखकर अपने लण्ड पेंट के ऊपर से पकड़े बैठे थे और अमित को में दिखाना चाहती थी कि उसके लिए में कितना दर्द सह रही हूँ ।
दीनू काका मेरी निप्पल को पांच सात मिनट तक नोचते रहे फिर उन्होंने अमित को कहा कि बहु को नंगी कर दो वरना इसकी साड़ी तेल से खराब हो जाएगी ।
अमित ने मुझे साड़ी और पेटिकोट खोलकर मादरजात नंगी कर दिया तो दीनू काका ने कटोरी से तेल लियाँ और मेरी दोनों चुचियों को पूरा तेल लगा दिया ।
तेल मेरी चूची पर इतना लग चुका था कि बह कर चुत तक पहुंच गया तो दीनू काका बोला ।
दीनू काका ,--अब आप लोग भी नंगे हो जाइए । बहु को मसाज करने में तीनों को काम करना पड़ेगा ।
अमित और राजेश तुरन्त नंगे हो गए दोनों के लण्ड अंडरवेअर खुलते ही स्प्रिंग की तरह झटका ख़ाकर खड़े हो गए थे ।
नंगे होने के बाद दीनू काका बोले ,--अब दोनों को जैसे में बताता हूँ वैसे एक एक चूची को मसाज करना है और तब तक करना है कि बहु की चुचियों पर लगा तेल एक दम साफ हो कर इसके शरीर मे समा जाए ।
उसके बाद दीनू काका सामने आए तो मेने देखा वो भी पूरे कपके खोलकर नंगे थे उनका हबलबी लण्ड फन उठाये मेरे बिल में घुसने को तैयार था । दीनू काका मेरे बगल में आ कर एक चूची को दोनों हाथ से पकड़ लिए और उसको अपनी हथेली में भरकर आगे की तरफ खींचते हुए मसाज करने लगे ।
मेरे मुंह से मादक सिसकारी फुट पड़ी और में दीनू काका के फ़ंनफनाते नाग को देखकर अपने होठ काटने लगी । जिसे देखकर दीनू काका बोले ।
दीनू काका ,--बहु ये लोग नालायक है तभी तुम प्रेग्नेंट नही हो रही इनको लगता है कि लण्ड खड़ा हुआ और चुत में डालकर चोदने लगो लेकिन ये नही पता की अपने लण्ड का पानी कब बच्चेदानी में डालना है ।
दीनू काका ये बात बोलकर हट गए और दोनों को इशारे से एक एक चूची की मसाज की जिम्मेदारी संभला दी उसके बाद वो मेरे पैरों के पास बैठ गए और नवल और उसके नीचे की मसाज करने लगे ।
तीन मर्द मेरे शरीर से खिलवाड़ कर रहे थे दो मेरी चुचियों को मसल रहे थे और दीनू काका नवल से चुत के छेद के ऊपर तक मुझे मसल रहे थे ।
मेरी हालत तड़पती मछली जैसी हो चुकी थी जैसे मछली जल बिन तड़पती है में तीन तीन लण्ड सामने खड़े होने के बाद भी तड़प रही थी ।मेरे मुंह से कामुक सिसकियां पूरे घर मे गूंज रही थी ।
तभी दीनू काका ने अपना हाथ नीचे किया और जांघो और चुत के आसपास अपने हाथ से फिराना शुरू कर दिया जिससे मेरे पूरे शरीर मे करंट दौड़ने लगा ।
मैं चाहती थी कि बूढा मेरी चुत में अंगुली घुसा दे ।पर बुढ़ऊ बहुत चालू था वो चुत की फांकों के ऊपर हाथ फिरा रहा था अंगुली नही डाल रहा था जिससे मेरी चुत बहे जा रही थी ।
में उतेजना से कसमसा रही थी और जब बर्दास्त नही हुआ तो बोली ।
मैं ,--ससुर जी अब बर्दास्त नही हो रहा प्लीज् अंगुली डाल कर चुत को चोदिये ।
दीनू काका ,--अरे बहु थोड़ा बर्दास्त करो । तुम लोग यही गलती करते हो इसलिए तुम मां नही बन पा रही । तुमको एक बार ऐसे ही झडना होगा तब फिर तेरी बच्चेदानी का मुंह खुलेगा तब उसमे लण्ड का पानी गिरेगा तब गर्भ ठहरेगा ।
मुझसे बर्दास्त करना मुश्किल हो चुका था में हिल। भी नही पा रही थी क्योंकि अमित और राजेश मेरी दोनों चुचियों को पकड़े हुए थे और उनको आगे की तरफ खींच रहे थे ।
मैं ,--भोसडी के बूढ़े मेरी उतेजना से जान जा रही है और तुम ज्ञान बांट रहे हो । अब चोद दे मुझे हरामी ।
दीनू काका ने मेरे मुंह से गाली सुनकर अपने हाथ हटा लिए और पैरों कप चौड़ा किया और फिर मेरी चुत को फेला कर मेरी क्लीट पर अपनी जीभ रखकर उसे जीभ से छेड़ने लगा ।
में आनन्द के सागर में डूब गई और जोर जोर से सिसकते हुए बोली ।
मैं ,--आह........मादरचोदो ,तुम मुझे पागल कर दोगे ।
अमित और राजेश लगातार मेरे निपल और चुचियों को खींच रहे थे और मेरे छट पटा हट को एन्जॉय कर रहे थे उनके लोडे पूरे गर्म थे दोनों हमारी बातें सुनकर मन ही मन मुस्करा रहे थे । तभी राजेश बोला ।
राजेश ,--तुझे पागल नही करना बस तुम्हारे मुंह से ये सुनना है कि तुम आज के बाद अमित के साथ उसकी बीबी नही रण्डी बनकर रहोगी और रण्डी की तरह व्यवहार करोगी ।आज से।
मैं ,--हां अमित में तेरी बीबी की जगह रण्डी बनूंगी तुम को वेश्या की तरह प्यार करूंगी तू जिसके नीचे लेटने को कहेगा में लेट जाऊंगी प्लीज् अब मुझे लण्ड से चुदवा दो।
मेरे बोलते ही दीनू काका ने अपनी जीभ मेरी चुत में घुसा दी और मेरी चुत को अपनी जीभ से चोदने लगा दो चार बार जीभ के आगे पीछे होते ही मे चीखते हुए दीनू काका के मुंह मे झड़ने लगी ।
दीनू काका मैरी चुत के रस को स्वाद ले लेकर पीने लगा और पूरी चुत को इस तरह से चाटते रहे जैसे कि मलाई चाट रहे हों ।
दीनू काका ,--साली रण्डी की चुत का पानी बहुत टेस्टी है क्या मस्त स्वाद है ।
अमित और राजेश मेरे बूब्स को छोड़कर सामने सोफ़े पर बैठ चुके थे अमित बहुत खुश लगा रहा था दीनू काका के मुंह से गाली निकलने पर । में निढाल होकर सोफ़े पर टांगे पसारे पड़ी थी तो दीनू काका बोला ।
दीनू काका ,--इसका पानी गिरने से ये सुस्त हो गयी है इसको एनर्जी ड्रिंक पिलाना पड़ेगा ।
अमित ,--क्या लेकर आऊं काका इसके लिए ।
दीनू काका ,--औरत के लिए सबसे बड़ा एनर्जी ड्रिंक तो लण्ड का पानी ही होता है उसको अगर दारू में मिक्स करके पिला दो तो भरपूर चुद्वती है ।
अमित ,--ठीक है में इसके लिए पेग बनाता हूँ आप उसमे डाल दीजिए ।
आमिट ये बोलकर किचन में चला गया।