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मेरा नाम राम नाथ है, मेरी उम्र 52 साल है और मेरा जयपुर में कपडे का कारोबार है. मेरी पत्नी मुझे 8 साल पहले छोड़ के चली गई और मैंने अकेले अपने बच्चों का पालन पोषण किया। मेरे दो लड़के हैं राघवेंद्र और राजेश! राघवेंद्र 30 साल का है और अपने परिवार के साथ हैदराबाद में रहता है. छोटा बेटा इंजीनियर है और मैंने 2 साल पहले उसकी शादी करा दी. शादी के बाद नयी बहु मेरे घर आयी। बहु का नाम सपना है और वो देखने में भी एकदम सपना और बहुत ही आकर्षक है. शादी के बाद पास पड़ोस के लड़के तो जैसे उसे देखने के लिए व्याकुल रहते थे. हो भी क्यों न लम्बा कद, गोरा रंग और भरा हुवा बदन. सपना की उम्र 23 साल थी। उसके बूब्स बहुत आकर्षक थे, उसकी गांड भी क़ाफी बड़ी थी। मोहल्ले के सारे लड़के उसकी गांड पे मरते थे. उसका फिगर शायद 34-30-38 होगा। सपना भी दिल खोल के अपनी जवानी मोहल्ले के लड़कों पे लुटाती थे. राजेश अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहता था। घर में मैं और बहु आपस में बातें करते और इस तरह से हम दोनों एक घर में दिन बिता रहे थे.
मैं रोज सुबह मॉर्निंग वाक पे जाता था. अक्सर पार्क में जवान खूबसूरत लड़कियों की जवानी को निहारता . मैं चोर नज़रों से जवान लड़कियों के खुले अंगो को घूर लिया करता था.
मैं वाक पूरा करने के बाद घर आते हैं और मैं बहु को आवाज लगाता हूँ....बहु....
सपना -- जी बाबूजी.
मैं -- थोड़े पराठे तो खिला दो अपने हाथो का बना हुआ.
बहु डार्क पर्पल कलर की साड़ी पहने हुवे डाइनिंग हॉल में आती है, सपना जब वापस जा रही होती है तब उसकी बड़ी बड़ी गांड देख के रहा नहीं जाता ऐसा बॉडी स्ट्रक्चर तो मैंने अभी तक किसी लड़की का नहीं देखा.
साड़ी में सपना की गांड बहुत अच्छी दिख रही हैं..
आज सपना मुझे बाकी दिनों से ज्यादा अच्छी लग रही थी.. उसने एक रेड कलर का शार्ट कुरता और सलवार पहना हुवा था. उसके कुर्ते के साइड से कभी मुझे उसकी गोरी कमर तो कभी उसका पेट नज़र आ रहा था. और रेड सलवार में उसकी मोटी मोटी जांघों को देख मेरे लंड खड़ा होने लगा था.
मैं -- बेटा तुम अभी तक सो रही थी?
सपना -- वो पापा आज आप वाक के लिए जल्दी चले गए थे..
मैं -- सोफे पे बैठ तकिये से अपना टेंट छुपाते हुवे.. अच्छा तू नहा के पूजा कर ले मैं तब तक यहीं आराम करता हूँ.
सपना -- ओके बाबूजी...
थोड़ी देर बाद सपना एक वाइट टाइट टीशर्ट और ब्लैक लेग्गिंग पहनी हुई कमरे में दाखिल हुई. वो अपने बाल पे टॉवल लपेटी थी. गीले बालों के वजह से उसकी टीशर्ट ट्रांसपेरेंट हो गई थी और मुझे उसकी ब्रा की स्ट्रिप साफ़-साफ़ नज़र आने लगी थी. ब्लैक लेग्गिंग में उसकी मांसल जांघों को देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने धीरे से साइड में रखी ब्लैंकेट से अपने आप को कमर तक ढक लिया. डाइनिंग हाल से होते हुवे सपना किचन की ओर बढ़ी और नाश्ता तैयार करने लगी. मैं सोफे पे बैठा उसके कर्व्स को घूरता रहा न जाने कब मैंने अपना लंड ब्लैंकेट के अंदर ही बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा. उसके टाइट बूब्स की गोलाई और जांघें मुझे पागल बना रही थी. और फिर वो हुवा जिसका मुझे डर था मेरे बहुत कोशिश करने के बावजूद मेरे लंड से पानी फव्वारे की तरह बाहर निकल आया. मुझे एहसास हुवा के एक्साइटमेंट की वजह से आज लंड से ज्यादा पानी निकल आया और ब्लैंकेट पे भी बड़े बड़े स्पॉट लग गए हैं. मैंने हाथों से रब करना चाहा लेकिन दो बड़े बड़े गीले स्पॉट साफ़ नज़र आ रहे थे. मैं ब्लैंकेट फोल्ड करके बाथरूम की तरफ बढ़ गया।
मास्टरबेसन का इतना अच्छा एहसास मुझे पहले कभी नहीं हुवा वो भी अपनी बहु को टाइट कपड़ो में देखकर. दोपहर को मैं अपने कमरे में लेटा था तभी बहु कमरे में आयी और मुझे लंच के लिए डाइनिंग हॉल में बुलाने लगी
सपना -- बाबूजी लंच रेडी है!
मैं -- बहु मेरा खाने का मन नहीं हो रहा है तुम खा लो मैं शाम को कुछ खा लूँगा...
सपना -- बाबूजी भूख तो मुझे भी नहीं लग रही नाश्ता काफी कर ली आज़!
मैं -- देखो बहु तुम्हे डाइटिंग करने के जरुरत नहीं है तुम खा लो.. ऐसा करो लंच यहीं ले के आ जाओ।
सपना -- डाइटिंग तो करना है बाबू जी मोटी हो गई हूँ।
मैं -- कौन कहता है तुम मोटी हो गई हो, तुम परफेक्ट हो बहु।
सपना (अपनी कमर पे दोनों हाथ रखते हुवे..) बाबूजी मेरी कमर शादी से पहले 26 थी और अब 30 हो गई है. और आप कहते हैं कि मैं मोटी नहीं हुई?
मैं (उसकी कमर को देखते हुवे..) नहीं बेटी तुम्हारी कमर अच्छी है. तुम बिलकुल मोटी नहीं हो। मोटी तो वो होती हैं जिनका कोई शेप नहीं होता..और पेट बाहर के तरफ निकला होता है.
सपना (मुस्कुराते हुवे.. अपनी टीशर्ट को थोड़ा ऊपर उठाती है और उसकी डीप गोरी नैवेल मुझे नज़र आने लगती है..) पापा मैं डाइटिंग करुँगी देखो मेरा पेट कुछ दिनों में बाहर आ जायेगा.
मैं (बहु के पास बढ़कर और उसकी नवेल को देखते हुवे..) बहु तुम्हारी कमर की शेप अच्छी है और तुम्हारी नवेल भी. तुम्हे डाइटिंग की कोई जरुरत नहीं है.. हाँ अगर तुम चाहो तो मेरे साथ रोज मॉर्निंग वाक पे चल सकती हो.
सपना -- नहीं बाबूजी मैं ज्यादा चलती हूँ तो थक जाती हूँ।
मैं -- क्यों? अब ये मत कहना के तुम्हारी थाइस मोटी हैं इसलिए..
सपना (शर्माते हुवे अपनी टी-शर्ट नीचे करती है.. मेरी बात का कोई जवाब नहीं देती..) तभी डोर बेल बजती है और सपना मेन गेट की तरफ भागती है. मैं भी कमरे से बाहर निकल के आता हूँ शायद दूधवाला है.
सपना -- (दूध वाले को डांटते हुवे.. तुम सुबह क्यों नहीं आते ये कोई टाइम है आने का? )
मैं ये सोच के उतावला था के दूधवाला टाइट टी-शर्ट में मेरी बहु के बूब्स को देख रहा है और मैं बहु के मांसल हिप्स को देख रहा हूँ. मेरी बहु एक साथ दो लोगों को अपनी जवानी दिखा रही है. मैंने तो सुबह मास्टरबेट किया था और एक बार फिर मेरा लंड मुझे मजबूर कर रहा था. मैं सोचने लगा शायद दूधवाला भी जब घर जायेगा अपने लंड को हाथों में लिए मेरी बहु के बारे में गन्दा सोच के रगड़ता होगा.. ना जाने अब तक कितने मर्द इसकी जवानी को देख अपने लंड से पानी निकालें होंगे.. न जाने और कौन कौन दूधवाला शायद न्यूज़ पेपर वाला भी या फिर माली, पड़ोस के गुप्ता जी, न जाने कौन कौन. ये सब सोच के मेरा लंड अपनी चरम सीमा पर था.. मैं अब रोज़ाना दिन मे रात मे कई बार बहु के बारे में सोच के मास्टर बेट करने लगा.. कभी कभी वो मेरे सामने होती और मैं दरवाजे के पीछे छुप के उसे देखते हुवे मास्टरबेट करता.. मेरे बेडशीट पे कई स्पॉट पड़ गए थे, शायद बहु ने कभी नोटिस किया हो या फिर नहीं भी... मैं अब किसी ना किसी बहाने से उसे छूने की कोशिश करता.
कामयाब भी हुवा, एक दोपहर में जब वो डाइनिंग हाल में सोफे पे कुछ पढ़ते पढ़ते सो गई तो मैंने उसकी खुली हुई नाभि देखि और मुझसे रहा नहीं गया.. मैं बहु को नींद से जगाने के बहाने उसके पेट पे हाथ फेरा फिर उसकी सॉफ्ट डीप नवेल को भी.. और जब उसकी नींद टूटी तो मैं झट् से अपना हाथ उसके हाथ पे रख के उठाने लगा.. वो उठ के बाथरूम चली गई. उस दिन मैं उसकी नैवेल के बारे में सोच के 4.5 बार मास्टरबेट किया.. अब मैं उसे पाना चाहता था. उसके बूब्स को मसलना चाहता था, उसकी जांघों को रब करना चाहता था। उसकी जूसी चूत को चाटना चाहता था. उसे ख्यालों में तो कई बार चोद चुका था लेकिन हकीकत में शायद अभी देरी थी...............
दूसरे दिन सुबह मैंने बहु को मॉर्निंग वाक पे चलने के लिए राज़ी कर लिया. बहु अपने कमरे में गई और मैं बाहर इंतज़ार करता रहा, थोड़ी देर बाद वो एक पिंक कलर की टाइट टीशर्ट और ट्रैक पैंट में सामने आयी. टीशर्ट थोड़ी छोटी होने की वजह से उसकी नैवेल मुझे नज़र आ रही थी और टाइट-थीं। पैंट में उसकी मांसल जांघें और उसके बीच में उसकी भरी-भरी चूत. थोड़ी देर इंतज़ार के बाद हम वाक के लिए निकल पड़े.. मेरे लंड में थोड़ी इरेक्शन थी, लेकिन मैं अपने टाइट अंडरवियर के अंदर इरेक्शन छुपाने में कामयाब रहा. धूप बहुत तेज़ थी और हम करीब 1 घंटे बाद घर आ गए.
घर पहुंचते ही सपना बेड पे लेट गई...
सपना -- ओह पापा.. बहुत थक गई मैं, कितनी धूप थी बाहर मैं तो काली हो जाउंगी ऐसे.
सपना बिस्तर पे लेटे हुए बोल रही थी। मैंने पीछे मुड़ के देखा तो उसकी टीशर्ट काफी ऊपर थी और उसकी नैवेल खुली थी. मैं बहु के पास बैठ गया और वो लेटी रही. बहु को मैंने कभी इतना खुलते हुवे कभी नहीं देखा था। मैं उसके करीब बैठा था और वो अपनी नैवेल खोले मेरे बगल में बेशर्म हो के लेटी रही.
मैं -- हाँ बहु आज पता नहीं क्यों धूप बहुत तेज़ थे, तुम तो हाँफ रही हो..
सपना -- मुझे इसकी आदत नहीं है पापा मेरी साँस फूल रही है देखिये कितना पसीना आ रहा है.
सपना ने करवट लेते हुवे अपने गले से पसीना पूछते हुवे कहा.. ) सपना -- पूरा अंदर तक पसीना पसीना हो गई हूँ मैं, ये देखिये मेरे पेट कितना गरम है..
मैं बिना देरी किये अपनी हथेली से उसके पेट को छूने लगा... और फिर उसकी नरम मुलायम नैवेल को छुवा..
मैं -- हाँ बहु.. तुम तो बहुत गरम हो गई हो..
(मैंने जानबूझ के डबल मीनिंग में बात की.. )फिर बात करते करते मैंने अपना हाथ उसकी कोहनी पे रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा। उसकी तरफ से कोई ऑब्जेक्शन न देख मैंने अब अपना हाथ उसकी इनर जांघों पे रख दिया और सहलाने लगा. अपनी जवान बहु की मांसल जांघें मैंने पहली बार छुई थी ... मैंने शायद ही किसी लड़की की इतनी मांसल जांघें देखि हो.. और मैं अपनी ही बहु की जांघें सहला रहा था. उसकी गरम चूत बस 2-3 इंच की दूरी पे थे और थोड़ा ऊपर उसके ट्रैक पैंट की डोर बाहर निकली थी. मन हुआ के वो झुक के अपने दांतो से उसकी डोर खींच के खोल दूँ लेकिन नहीं.... मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी. मेरे लंड को तो जैसे सारे दिन खड़े होने की सजा मिल गई हो. अब बहु बिस्तर से उठ के बैठ गई और मैंने अपना हाँथ हटा लिया. मैं उठा और फ्रिज खोल के पानी की बोतल निकालने लगा. बहु अपने कमरे में चली गई, करीब आधे घंटे बाद, मैं बहु के कमरे में गया. बहु नहाने गई थी उसकी ब्लैक ब्रा और ब्लू पैंटी वहीँ बिस्तर पे पड़ी थे.
मैं उसकी पैंटी उठा कर देखने लगा.. पैंटी में कुछ लगा था शायद पसीना या फिर उसकी चूत का जूस. मैं उसकी पैंटी को स्मेल करने लगा.. एक अजीब सी एक्साइट करने वाली स्मेल थी.. मैंने पैंटी को लेफ्ट हैंड में लिया और जीभ से उसकी चूत वाली जगह को चाटने लगा और राइट हैंड में अपना लंड पकड़ के हिलाने लगा.. बस कुछ ही देर में मेरे लंड से पानी निकलके फर्श और मेरे हाथ पे गिर गया. फिर मैंने अपना लंड उसकी पैंटी से पोंछा उससे वहीँ छोड़ कमरे से बाहर निकल आया... बहु ने नहाने के बाद साड़ी पहनी थी, वो भी पहली बार उसने साड़ी को आज अपने नैवेल से करीब 3 इंच नीचे बाँधा था. न जाने क्यों शायद 2 दिन पहले जब मैंने उसकी नैवेल की तारीफ की थी इसलिए. बहु मुझे अपनी नैवेल बड़ी ही बेशर्मी से पूरे दिन दिखाती रही.. किचन में काम करते वक़्त जब उसने पल्लू कमर में बांधा तो उसकी कमर और पेट का हिस्सा पूरा पूरा खुल गया और वो अधनंगे बदन मेरे सामने बड़ी ही बेशर्मी से आती जाती रही..
रात को मैं और मेरी बहु उसके कमरे में बैठ के बातें कर रहे थे.. करीब 10 बजे बहु ने डिनर के लिए पूछा, मैंने उससे कहा के वो डिनर ऐसी कमरे में लेती आये. फिर हम दोनो बिस्तर पे बैठके डिनर किया.. डिनर के बाद बहु किचन में बर्तन साफ़ करने चली गई और मैं वहीँ बहु के कमरे में सो गया.. सुबह के करीब 5 बजे मेरी नींद खुली, कमरे में हलकी हलकी रौशनी थी, मैंने देखा बहु मेरे बगल में मेरी ओर पीठ किये सोई है. मुझे याद आया के रात को डिनर करने के बाद मैं यहीं सो गया और बहु शायद बाद में मेरे बगल में सो गई. मैंने नोटिस किया बहु एक वाइट कलर की टी-शर्ट पहने हुवे है और बेड के बगल में एक चेयर पे बहु के साड़ी पेटीकोट ब्लाउज और सबसे ऊपर ब्लैक कलर के ब्रा पड़ी थे. मैंने धीरे से बहु की पीठ पे हाथ फेरा तो मुझे उसकी पीठ नंगी महसूस हुई। बहु ने ब्रा नहीं पहनी थी. मुझे ये सोच के बहुत एक्साइटमेंट हुवा के मैं बहु के बैडरूम में हूँ और बहु बिना ब्रा के मेरे बगल में लेटी है। मैं अपना लंड बाहर निकाल के मास्टरबेट करने लगा और मैंने अपने लंड का पानी उसके बेड पे निकाल दिया.
करीब 1 घंटे बाद बहु कमरे में चाय लेके आयी, वो मेरे सामने थीं, टी-शर्ट में झुकी हुई थी और बिना ब्रा के उसके बूब्स के निप्पल इम्प्रैशन साफ़ नज़र आ रहे थे.
कोमल- पापा उठिये आप मॉर्निंग वाक पे नहीं जायेंगे.. -- (बहु अपने दोनों हाथ उठा के अपने बाल बांधते हुवे बोली..)
हाथ उठाने से उसके बूब्स बड़े लग रहे थे और निप्पल भी साफ़ नज़र आ रहे थे..
मैं- हाँ बहु चलो मैं चेंज कर लेता हूँ।
सपना -बाबू जी आप अकेले चले जाईये मैंने कल का ट्रैक सूट वाश के लिए डाल दिया है..
मैं -- तो क्या हुवा बहु तुम यही टी-शर्ट और स्कर्ट पहन के चलो पार्क में तो और भी लड़कियां ऐसे आती हैं.. (मैंने उसके बूब्स की तरफ घूरते हुवे कहा)
सपना -- ठीक है बाबू जी आप चलिए मैं ब्रा पहन के आती हूँ..
बहु के मुँह से ब्रा पहनने की बात सुनके मेरा लंड खड़ा हो गया, बहु ने कितनी बेशर्मी से मुझसे ब्रा पहनने की बात कह डाली.. थोड़ी देर बाद मैंने देखा के सपना बेड पे कुछ देख रही है..
मैं -- क्या हुवा बहु?
सपना -- बाबू जी देखिये ना... यहाँ बेड पे कुछ गिरा है.. (बहु ऊँगली से बेड पे गिरे मेरे लंड के पानी को छू रही थी..)
मैं (मेरी बहु मेरे माल को हाथ से छू रही थी.. ऐसा लक शायद ही किसी का हो.. बहू मुझे लगता है बहु वो कल रात जो हमने पराठे खाये थे, उसी का घी गिर गया होगा..
मैं मन में सोच रहा था के काश बहु मेरे मुठ को घी समझके चाट लेती..
सपना -- (बिस्तर ठीक करने के बाद..) चलिए बाबू जी।
मै -- हाँ बहु जरा एक गिलास पानी ला देना..
मेरा लंड खड़ा था और मैं इस खड़े लंड के साथ नहीं जा सकता था, इसलिए मैंने उसे बहाने से पानी लाने भेज दिया।
सपना -- ये लीजिये बाबू जी।
मै -- थैंक यू बहु...
(मेरा इरेक्शन अब कम हो गया था..)। मैं और बहु मॉर्निंग वाक के लिए चले गए...उस दिन शाम को फिर से हम दोनो बहु के कमरे में बैठ के बातें कर रहे थे.. डिनर करने के बाद जैसे ही मैं अपने कमरे में जाने के लिए उठा..
सपना -- पापा कहाँ जा रहे हैं?
मैं -- बहु नींद आ रही है देर हो गई बात करते-करते सुबह उठना भी है..
सपना -- बाबू जी यहीं सो जाइये ना... मैं भी तो चलूंगी आपके साथ वाक पे कल..
बहु ने मुझे अपने साथ सोने के लिए बोल के मेरी मुराद पूरी कर दी.. अपनी सेक्सी बहु के साथ बेड पे सोने का मौका मैं कैसे छोड़ सकता था... मैंने झट् से हाँ कह दिया और वापस बेड पे बैठ गया.. मुझे आज नींद नहीं आ रही थी। मैं अपनी सेक्सी बहु का वेट कर रहा था. कुछ देर बाद बहु कमरे में आयी और लाइट ऑफ कर दिया अब कमरे में बहुत कम लाइट थी.. बहु ने सोचा के मैं सो गया हूँ, उसने पास आकर मुझे देखा फिर बेड के पास अपनी साड़ी उतारने लगी. मैंने अँधेरे में हल्की सी आँख खोली और मै उसके गोरे बदन को देख रहा था.. फिर उसने अपना ब्लाउज खोला और पीछे हाथ करके अपनी ब्रा भी उतार दी. उसकी पीठ पीछे से पूरी नंगी हो गई.. उसने अब एक टी-शर्ट डाल ली. और फिर से मेरी तरफ मुड़ के देखा.. अगले पल झट से उसने अपने पेटीकोट का डोर खोल दिया और एक झटके में उसकी पेटीकोट जमीन पे गिर गई. अब उसकी मांसल गोरी जांघें मेरे सामने थी पेटीकोट उतार कर वो एक स्कर्ट पहन मेरे बगल में लेट गई.. मैं अपना हाथ अपने अंडरवियर के अंदर डाल अपने लंड को धीरे धीरे मसल रहा था.. मुझे आज सारी रात नींद नहीं आनी थी.. अपनी बहु की नंगी पीठ और नंगी जांघ देखने के बाद नींद आती भी कैसे?
मैं और बहु एक बिस्तर पे करीब 6 इंच की दूरी पे थे। मैं सीधा लेटा ऊपर फैन को देख रहा था.. तभी बहु ने मेरी ओर करवट ली और उसके बड़े बूब्स मेरे एल्बो से टकराने लगे. मैंने अपना हाथ सीधा किया और अब बहु के बूब्स मेरी हथेली को दबा रहे थे.. मैं हलके हाथ से बहु के बूब्स दबाने लगा.. इतनी सॉफ्ट बूब्स वो भी बिना ब्रा के.. मक्खन से मुलायम उसके बूब्स को थोड़ी देर दबाने के बाद मैंने अपना लेफ्ट हैंड उसकी गरम चूत पे रख दिया. मैं बहु के और करीब आ गया। बहु के दोनों हाथ ऊपर थे, मैं धीरे से उसकी नैक के पास गया और अपना चेहरा उसके बूब्स पे रख दिया. मेरा लेफ्ट हैंड अभी भी उसकी चूत को सहला रहा था। तभी शायद बहु की नींद खुली और उसने मेरा हाथ अपनी चूत से हटा दिया और फिर मेरा चेहरा भी अपने बूब्स से दूर कर दिया. मैं थोड़ा डर गया कहीं बहु बुरा ना मान जाए. इसलिए दुबारा कोशिश नहीं किया. मैंने एक हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और बहु की चूचि देख कर रब करने लगा. एक बार फिर मेरे लंड का पानी बिस्तर पे बहु के पेट के पास गिर गया. सुबह होने में अब ज्यादा देर नहीं थी और मुझे नींद आ गई.
सुबह बहु मेरा हाथ जोर जोर से हिला के उठाने लगी..
सपना -- बाबूजी... बाबूजी..
मैं -- क्या हुवा बहु.. ?
सपना -- यहाँ देखिये ना बाबू जी कुछ गीला सा लग रहा है.. और चिपचिपा सा भी.. क्या है ये?
मैं -- अरे बहु लगता है कल रात डिनर करते वक़्त फिर से कुछ गिर गया बिस्तर पे..
सपना -- (अपने हाथ से मेरे माल को छूते हुवे बहु बोली... -- ये देखिये ये कुछ सफ़ेद रंग का चिपचिपा सा है..
मैं -- (मैं मन में सोच रहा था.. बहु इतनी नादान तो नहीं हो सकती.. कहीं ये जानबूझ के अनजान तो नहीं बन रही.. -- लेकिन बहु ऐसा क्यों करेगी? )
सपना -- (सपना ने मेरे माल को स्मेल किया और फिर अपनी ऊँगली पे लगे मेरे माल को चाटने लगी.. -- पापा.. ये कुछ नमकीन सा टेस्ट है.. मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा के ये क्या गिर गया कल रात?
मैं -- नहीं बहु कुछ घी या मक्खन गिर गया होगा.. थोड़ा सा और चाट के देखो पता चल जायेगा..
सपना (सेक्सी तरीके से स्मेल करते हुवे और अपना मुँह खोल मेरा माल चाटने लगी..).. उम्मम्मम बाबूजी..जो भी है ये तो अच्छा टेस्ट कर रहा है..
मैं (बहु की इस हरकत पे मैं सोचने लगा के शायद बहु को सब पता है और वो बेवजह अनजान बनाने की कोशिश कर रही है..
बहु को ऐसे मेरा माल चाटते देख मेरा लंड खड़ा हो गया. दिल में तो ख़याल आया के अपना लंड खोल के बहु के मुँह में दे दूँ और उसके मुँह में अपना पानी छोड़ दूँ. बहु मेरे माल को बहुत ही बेशर्मी से चाट रही थी.. थोड़ी देर बाद बहु बाथरूम जा के फ्रेश हो आयी और मैं भी बिस्तर से बाहर आ गया. डाइनिंग हॉल में बहु चाय लायी.. हमेशा की तरह आज भी बहु ने साड़ी काफी नीचे पहनी थी और मुझे अपना नवेल दिखा रही थे.. बहु चाय के सिप लेते हुवे मेरे बगल में बैठ गई..
सपना -- बाबूजी.. आज मुझे कुछ शॉपिंग करनी है क्या आप चलेंगे?
मैं -- हाँ बहु क्या चाहिए बोलो मैं पेपर पे लिखता हूँ।
सपना -- ओके बाबूजी.. ये लीजिये पेन और पेपर।
मै -- बोलो बहु..
सपना -- मेरे पास एक ही ट्रैक सूट है तो एक एक्स्ट्रा ट्रैक सूट, शूज, हेयर ड्रायर बैंगल्स।
मै -- हाँ ठीक है और बोलो बहु!
सपना -- ब्लैक कलर लेग्गिंग, छोटा टॉवल, पैडिड ब्रा और पैंटी।
सपना -- और हाँ भूल गई एक शेवर भी।
मै -- बेटा तुम शेवर यूस करती हो? तुम हेयर रिमूवल क्रीम क्यों नहीं यूस करती?
सपना -- नहीं बाबूजी उसके लिए नहीं मुझे तो हेयर रिमूवल की जरुरत ही नहीं पडी।
मै -- क्यों? तुम पैरों के बाल नहीं साफ़ करती?
सपना बाबूजी बाल होंगे तब तो करुँगी न.. मेरे पैर पे तो बाल बहुत कम आते हैं.. (बहु ने थोड़ा सा साड़ी ऊपर उठाते हुवे अपने पैर दिखाए..)
सपना और मेरी जांघों पे तो बिलकुल बाल नहीं हैं.. मेरी जांघें एकदम चिकनी और सॉफ्ट है. साड़ी अगर नहीं पहनी होती तो मैं आपको अपनी जांघें दिखाती.. बिलकुल चिकनी है.. मैं बहुत लकी हूँ जो मेरी जांघों पे बाल नहीं हैं.
बहु के मुँह से अपनी जांघें दिखाने की बात सुनकर मेरे लंड में उफान भर आया.. ये मेरी बहु को कुछ दिनों से क्या हो गया है..? इतनी बेशरमी से बातें करती है.. मेरी बहु तो जैसे एक नयी दुल्हन से अब रंडी बन गई हो.... मैं और बहु शाम 5 बजे शॉपिंग के लिए अपनी मारुती स्विफ्ट में निकल गए. बहु मेरे बगल वाली सीट पे डार्क ग्रीन कलर की साड़ी पहने बैठी थी। मैंने नोटिस किया कि बहु ने काफी सादगी से साड़ी पहनी थी। उसकी नैवेल बिलकुल नज़र नहीं आ रही थी और साइड से उसके थोड़े से खुले हुवे पेट नज़र आ रहे थे. घर पे मेरी बहु ऐसी साड़ी को काफी नीचे पहनती थी और इसके नैवेल साफ़ साफ़ नज़र आते थे. बहु के इस दोहरे चरित्र को देख मुझे बहुत अच्छा लगा, ऐसा लगा जैसे बहु को घर पे मुझे अपना बदन दिखाने में कोई प्रॉब्लम नहीं होती या शायद उसे मुझे अपना बदन दिखाना अच्छा लगता है. वहीँ बाहर वो एक घरेलु स्त्री की तरह सादगी से रहती है.
बहु सीट पे बैठे हुवे सामान की लिस्ट निकाल दोहराने लगी और मैंने अपनी कार एक मॉल की तरफ मोड़ ली. मैं गाडी पार्किंग में लगा के बहु को फॉलो करने लगा. बहु ने अपने बदन को साड़ी में तो ढक लिया था लेकिन वो अपने सेक्सी फिगर 34-30-38 को नहीं छुपा पा रही थी और साड़ी में उसके बड़े-बड़े हिप्स किसी को भी पागल बना सकते थे। मॉल में हर उम्र के लोग एक बार मुड़ के मेरी बहु की मटकती गांड को जरूर देखते. लगभग सभी सामान लेने के बाद एन्ड में हम दोनो लेडीज सेक्शन में ब्रा और पैंटी लेने पहुंचे. मेरे चारो तरफ लेडीज के अंडर गार्मेंट्स लटके थे। मेरे अलावा वहां सभी लड़कियां शॉपिंग कर रही थी. बहु कुछ कलरफुल ब्रा और पैंटी सर्च करने लगी। मैंने भी हेल्प करना चाहा तो बहु ने अपना साइज बताते हुवे मुझे 34 साइज ढूंढ़ने के लिए बोला. मैं 2-3 ब्रा उठा कर बहु की तरफ बढ़ाया.
सपना -- ओह पापा ये ब्रा तो अच्छी लग रही है लेकिन ये 34बी है।
मैं -- 34बी, बहु तुमने 34 ही तो बोला था।
सपना -- हाँ लेकिन मुझे कप साइज डी चाहिए।
मैं -- तो क्या 34बी छोटा साइज है?
सपना -- (अपने हाथो को अपने बूब्स के तरफ दिखाते हुवे..) साइज सेम है बाबूजी, लेकिन 34डी का कप बड़ा होता है।
मैं -- बहु के बूब्स को घूरते हुवे.. ओके मैं लाता हूँ।
कुछ ब्रा पैंटी लेने के बाद मैं और बहु घर आ गए.. थोड़ी देर बाद... बहु कमरे से मुझे आवाज़ लगाने लगी...
सपना -- बाबूजी.. बाबूजी!
मै-- क्या हुवा बहु?
बहु अपने कमरे में अपनी ग्रीन साड़ी उतार रही थी और नए कपडे ट्राई करना चाहती थी..(थोड़ी देर में मैंने देखा बहु ग्रीन कलर ब्लाउज और डार्क ब्राउन कलर का ट्रैक पैंट पहने मेरे सामने खड़ी है.. सिर्फ ब्लाउज और ट्रैक पैंट में बहु बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी. उसके डीप नैवेल पुरे खुले हुवे थे..)
सपना -- बाबूजी... ये ट्रैक पैंट तो बहुत टाइट है, मैंने कमर के साइज 30 देख के लिया था. लेकिन यहाँ मेरी जांघो पे पैंट बहुत टाइट है..
मैं -- (टाइट ट्रैक पैंट में बहु की जांघें कसी-कसी थे और उसकी चूत के उभार भी साफ़ नज़र आ रहे थे..) -- हाँ बहु ये तो टाइट है.. लेकिन इसमें तुम्हारी जांघें अच्छी दिख रही है (मैंने मुस्कुराते हुवे कहा..)।
सपना -- बाबूजी मैंने ये ट्रैक पैंट बिना पैंटी के पहनी है फिर भी ये इतनी टाइट है.. तो पैंटी पहनने के बाद और टाइट हो जाएगी.
मैं -- (बिना पैंटी के??? बहु की बात सुनते ही मैंने अपनी नज़र उसकी चूत पे गड़ा ली..
ओह बहु की चूत के बीच की लाइन नज़र आ रही थी.. मेरा लंड खड़ा होने लगा.)।
सपना -- (उदास होते हुवे...) मुझे सारे कपडे ट्राई कर के लेने चाहिए थे।
मै -- कोई बात नहीं बहु दूसरा ले लेंगे तुम बाकी के कपडे भी ट्राई कर के देख लो, ब्रा और पैंटी भी कहीं वो तो छोटी नहीं है?
सपना -- ठीक है बाबू जी आप यहीं बेड पे बैठिये मैं बाकी के कपडे ट्राई करती हूँ.
मैं बेड पे बैठ गया और बहु पीछे मुड़ कर अपनी ब्लाउज उतारने लगी.. और अब ब्रा भी खोल दिया. उसकी नंगी पीठ मेरे सामने थी.
सपना -- बाबू जी.. वो रेड वाली ब्रा दीजिये ना प्लीज।
मैं रोज सुबह मॉर्निंग वाक पे जाता था. अक्सर पार्क में जवान खूबसूरत लड़कियों की जवानी को निहारता . मैं चोर नज़रों से जवान लड़कियों के खुले अंगो को घूर लिया करता था.
मैं वाक पूरा करने के बाद घर आते हैं और मैं बहु को आवाज लगाता हूँ....बहु....
सपना -- जी बाबूजी.
मैं -- थोड़े पराठे तो खिला दो अपने हाथो का बना हुआ.
बहु डार्क पर्पल कलर की साड़ी पहने हुवे डाइनिंग हॉल में आती है, सपना जब वापस जा रही होती है तब उसकी बड़ी बड़ी गांड देख के रहा नहीं जाता ऐसा बॉडी स्ट्रक्चर तो मैंने अभी तक किसी लड़की का नहीं देखा.
साड़ी में सपना की गांड बहुत अच्छी दिख रही हैं..
आज सपना मुझे बाकी दिनों से ज्यादा अच्छी लग रही थी.. उसने एक रेड कलर का शार्ट कुरता और सलवार पहना हुवा था. उसके कुर्ते के साइड से कभी मुझे उसकी गोरी कमर तो कभी उसका पेट नज़र आ रहा था. और रेड सलवार में उसकी मोटी मोटी जांघों को देख मेरे लंड खड़ा होने लगा था.
मैं -- बेटा तुम अभी तक सो रही थी?
सपना -- वो पापा आज आप वाक के लिए जल्दी चले गए थे..
मैं -- सोफे पे बैठ तकिये से अपना टेंट छुपाते हुवे.. अच्छा तू नहा के पूजा कर ले मैं तब तक यहीं आराम करता हूँ.
सपना -- ओके बाबूजी...
थोड़ी देर बाद सपना एक वाइट टाइट टीशर्ट और ब्लैक लेग्गिंग पहनी हुई कमरे में दाखिल हुई. वो अपने बाल पे टॉवल लपेटी थी. गीले बालों के वजह से उसकी टीशर्ट ट्रांसपेरेंट हो गई थी और मुझे उसकी ब्रा की स्ट्रिप साफ़-साफ़ नज़र आने लगी थी. ब्लैक लेग्गिंग में उसकी मांसल जांघों को देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने धीरे से साइड में रखी ब्लैंकेट से अपने आप को कमर तक ढक लिया. डाइनिंग हाल से होते हुवे सपना किचन की ओर बढ़ी और नाश्ता तैयार करने लगी. मैं सोफे पे बैठा उसके कर्व्स को घूरता रहा न जाने कब मैंने अपना लंड ब्लैंकेट के अंदर ही बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा. उसके टाइट बूब्स की गोलाई और जांघें मुझे पागल बना रही थी. और फिर वो हुवा जिसका मुझे डर था मेरे बहुत कोशिश करने के बावजूद मेरे लंड से पानी फव्वारे की तरह बाहर निकल आया. मुझे एहसास हुवा के एक्साइटमेंट की वजह से आज लंड से ज्यादा पानी निकल आया और ब्लैंकेट पे भी बड़े बड़े स्पॉट लग गए हैं. मैंने हाथों से रब करना चाहा लेकिन दो बड़े बड़े गीले स्पॉट साफ़ नज़र आ रहे थे. मैं ब्लैंकेट फोल्ड करके बाथरूम की तरफ बढ़ गया।
मास्टरबेसन का इतना अच्छा एहसास मुझे पहले कभी नहीं हुवा वो भी अपनी बहु को टाइट कपड़ो में देखकर. दोपहर को मैं अपने कमरे में लेटा था तभी बहु कमरे में आयी और मुझे लंच के लिए डाइनिंग हॉल में बुलाने लगी
सपना -- बाबूजी लंच रेडी है!
मैं -- बहु मेरा खाने का मन नहीं हो रहा है तुम खा लो मैं शाम को कुछ खा लूँगा...
सपना -- बाबूजी भूख तो मुझे भी नहीं लग रही नाश्ता काफी कर ली आज़!
मैं -- देखो बहु तुम्हे डाइटिंग करने के जरुरत नहीं है तुम खा लो.. ऐसा करो लंच यहीं ले के आ जाओ।
सपना -- डाइटिंग तो करना है बाबू जी मोटी हो गई हूँ।
मैं -- कौन कहता है तुम मोटी हो गई हो, तुम परफेक्ट हो बहु।
सपना (अपनी कमर पे दोनों हाथ रखते हुवे..) बाबूजी मेरी कमर शादी से पहले 26 थी और अब 30 हो गई है. और आप कहते हैं कि मैं मोटी नहीं हुई?
मैं (उसकी कमर को देखते हुवे..) नहीं बेटी तुम्हारी कमर अच्छी है. तुम बिलकुल मोटी नहीं हो। मोटी तो वो होती हैं जिनका कोई शेप नहीं होता..और पेट बाहर के तरफ निकला होता है.
सपना (मुस्कुराते हुवे.. अपनी टीशर्ट को थोड़ा ऊपर उठाती है और उसकी डीप गोरी नैवेल मुझे नज़र आने लगती है..) पापा मैं डाइटिंग करुँगी देखो मेरा पेट कुछ दिनों में बाहर आ जायेगा.
मैं (बहु के पास बढ़कर और उसकी नवेल को देखते हुवे..) बहु तुम्हारी कमर की शेप अच्छी है और तुम्हारी नवेल भी. तुम्हे डाइटिंग की कोई जरुरत नहीं है.. हाँ अगर तुम चाहो तो मेरे साथ रोज मॉर्निंग वाक पे चल सकती हो.
सपना -- नहीं बाबूजी मैं ज्यादा चलती हूँ तो थक जाती हूँ।
मैं -- क्यों? अब ये मत कहना के तुम्हारी थाइस मोटी हैं इसलिए..
सपना (शर्माते हुवे अपनी टी-शर्ट नीचे करती है.. मेरी बात का कोई जवाब नहीं देती..) तभी डोर बेल बजती है और सपना मेन गेट की तरफ भागती है. मैं भी कमरे से बाहर निकल के आता हूँ शायद दूधवाला है.
सपना -- (दूध वाले को डांटते हुवे.. तुम सुबह क्यों नहीं आते ये कोई टाइम है आने का? )
मैं ये सोच के उतावला था के दूधवाला टाइट टी-शर्ट में मेरी बहु के बूब्स को देख रहा है और मैं बहु के मांसल हिप्स को देख रहा हूँ. मेरी बहु एक साथ दो लोगों को अपनी जवानी दिखा रही है. मैंने तो सुबह मास्टरबेट किया था और एक बार फिर मेरा लंड मुझे मजबूर कर रहा था. मैं सोचने लगा शायद दूधवाला भी जब घर जायेगा अपने लंड को हाथों में लिए मेरी बहु के बारे में गन्दा सोच के रगड़ता होगा.. ना जाने अब तक कितने मर्द इसकी जवानी को देख अपने लंड से पानी निकालें होंगे.. न जाने और कौन कौन दूधवाला शायद न्यूज़ पेपर वाला भी या फिर माली, पड़ोस के गुप्ता जी, न जाने कौन कौन. ये सब सोच के मेरा लंड अपनी चरम सीमा पर था.. मैं अब रोज़ाना दिन मे रात मे कई बार बहु के बारे में सोच के मास्टर बेट करने लगा.. कभी कभी वो मेरे सामने होती और मैं दरवाजे के पीछे छुप के उसे देखते हुवे मास्टरबेट करता.. मेरे बेडशीट पे कई स्पॉट पड़ गए थे, शायद बहु ने कभी नोटिस किया हो या फिर नहीं भी... मैं अब किसी ना किसी बहाने से उसे छूने की कोशिश करता.
कामयाब भी हुवा, एक दोपहर में जब वो डाइनिंग हाल में सोफे पे कुछ पढ़ते पढ़ते सो गई तो मैंने उसकी खुली हुई नाभि देखि और मुझसे रहा नहीं गया.. मैं बहु को नींद से जगाने के बहाने उसके पेट पे हाथ फेरा फिर उसकी सॉफ्ट डीप नवेल को भी.. और जब उसकी नींद टूटी तो मैं झट् से अपना हाथ उसके हाथ पे रख के उठाने लगा.. वो उठ के बाथरूम चली गई. उस दिन मैं उसकी नैवेल के बारे में सोच के 4.5 बार मास्टरबेट किया.. अब मैं उसे पाना चाहता था. उसके बूब्स को मसलना चाहता था, उसकी जांघों को रब करना चाहता था। उसकी जूसी चूत को चाटना चाहता था. उसे ख्यालों में तो कई बार चोद चुका था लेकिन हकीकत में शायद अभी देरी थी...............
दूसरे दिन सुबह मैंने बहु को मॉर्निंग वाक पे चलने के लिए राज़ी कर लिया. बहु अपने कमरे में गई और मैं बाहर इंतज़ार करता रहा, थोड़ी देर बाद वो एक पिंक कलर की टाइट टीशर्ट और ट्रैक पैंट में सामने आयी. टीशर्ट थोड़ी छोटी होने की वजह से उसकी नैवेल मुझे नज़र आ रही थी और टाइट-थीं। पैंट में उसकी मांसल जांघें और उसके बीच में उसकी भरी-भरी चूत. थोड़ी देर इंतज़ार के बाद हम वाक के लिए निकल पड़े.. मेरे लंड में थोड़ी इरेक्शन थी, लेकिन मैं अपने टाइट अंडरवियर के अंदर इरेक्शन छुपाने में कामयाब रहा. धूप बहुत तेज़ थी और हम करीब 1 घंटे बाद घर आ गए.
घर पहुंचते ही सपना बेड पे लेट गई...
सपना -- ओह पापा.. बहुत थक गई मैं, कितनी धूप थी बाहर मैं तो काली हो जाउंगी ऐसे.
सपना बिस्तर पे लेटे हुए बोल रही थी। मैंने पीछे मुड़ के देखा तो उसकी टीशर्ट काफी ऊपर थी और उसकी नैवेल खुली थी. मैं बहु के पास बैठ गया और वो लेटी रही. बहु को मैंने कभी इतना खुलते हुवे कभी नहीं देखा था। मैं उसके करीब बैठा था और वो अपनी नैवेल खोले मेरे बगल में बेशर्म हो के लेटी रही.
मैं -- हाँ बहु आज पता नहीं क्यों धूप बहुत तेज़ थे, तुम तो हाँफ रही हो..
सपना -- मुझे इसकी आदत नहीं है पापा मेरी साँस फूल रही है देखिये कितना पसीना आ रहा है.
सपना ने करवट लेते हुवे अपने गले से पसीना पूछते हुवे कहा.. ) सपना -- पूरा अंदर तक पसीना पसीना हो गई हूँ मैं, ये देखिये मेरे पेट कितना गरम है..
मैं बिना देरी किये अपनी हथेली से उसके पेट को छूने लगा... और फिर उसकी नरम मुलायम नैवेल को छुवा..
मैं -- हाँ बहु.. तुम तो बहुत गरम हो गई हो..
(मैंने जानबूझ के डबल मीनिंग में बात की.. )फिर बात करते करते मैंने अपना हाथ उसकी कोहनी पे रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा। उसकी तरफ से कोई ऑब्जेक्शन न देख मैंने अब अपना हाथ उसकी इनर जांघों पे रख दिया और सहलाने लगा. अपनी जवान बहु की मांसल जांघें मैंने पहली बार छुई थी ... मैंने शायद ही किसी लड़की की इतनी मांसल जांघें देखि हो.. और मैं अपनी ही बहु की जांघें सहला रहा था. उसकी गरम चूत बस 2-3 इंच की दूरी पे थे और थोड़ा ऊपर उसके ट्रैक पैंट की डोर बाहर निकली थी. मन हुआ के वो झुक के अपने दांतो से उसकी डोर खींच के खोल दूँ लेकिन नहीं.... मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी. मेरे लंड को तो जैसे सारे दिन खड़े होने की सजा मिल गई हो. अब बहु बिस्तर से उठ के बैठ गई और मैंने अपना हाँथ हटा लिया. मैं उठा और फ्रिज खोल के पानी की बोतल निकालने लगा. बहु अपने कमरे में चली गई, करीब आधे घंटे बाद, मैं बहु के कमरे में गया. बहु नहाने गई थी उसकी ब्लैक ब्रा और ब्लू पैंटी वहीँ बिस्तर पे पड़ी थे.
मैं उसकी पैंटी उठा कर देखने लगा.. पैंटी में कुछ लगा था शायद पसीना या फिर उसकी चूत का जूस. मैं उसकी पैंटी को स्मेल करने लगा.. एक अजीब सी एक्साइट करने वाली स्मेल थी.. मैंने पैंटी को लेफ्ट हैंड में लिया और जीभ से उसकी चूत वाली जगह को चाटने लगा और राइट हैंड में अपना लंड पकड़ के हिलाने लगा.. बस कुछ ही देर में मेरे लंड से पानी निकलके फर्श और मेरे हाथ पे गिर गया. फिर मैंने अपना लंड उसकी पैंटी से पोंछा उससे वहीँ छोड़ कमरे से बाहर निकल आया... बहु ने नहाने के बाद साड़ी पहनी थी, वो भी पहली बार उसने साड़ी को आज अपने नैवेल से करीब 3 इंच नीचे बाँधा था. न जाने क्यों शायद 2 दिन पहले जब मैंने उसकी नैवेल की तारीफ की थी इसलिए. बहु मुझे अपनी नैवेल बड़ी ही बेशर्मी से पूरे दिन दिखाती रही.. किचन में काम करते वक़्त जब उसने पल्लू कमर में बांधा तो उसकी कमर और पेट का हिस्सा पूरा पूरा खुल गया और वो अधनंगे बदन मेरे सामने बड़ी ही बेशर्मी से आती जाती रही..
रात को मैं और मेरी बहु उसके कमरे में बैठ के बातें कर रहे थे.. करीब 10 बजे बहु ने डिनर के लिए पूछा, मैंने उससे कहा के वो डिनर ऐसी कमरे में लेती आये. फिर हम दोनो बिस्तर पे बैठके डिनर किया.. डिनर के बाद बहु किचन में बर्तन साफ़ करने चली गई और मैं वहीँ बहु के कमरे में सो गया.. सुबह के करीब 5 बजे मेरी नींद खुली, कमरे में हलकी हलकी रौशनी थी, मैंने देखा बहु मेरे बगल में मेरी ओर पीठ किये सोई है. मुझे याद आया के रात को डिनर करने के बाद मैं यहीं सो गया और बहु शायद बाद में मेरे बगल में सो गई. मैंने नोटिस किया बहु एक वाइट कलर की टी-शर्ट पहने हुवे है और बेड के बगल में एक चेयर पे बहु के साड़ी पेटीकोट ब्लाउज और सबसे ऊपर ब्लैक कलर के ब्रा पड़ी थे. मैंने धीरे से बहु की पीठ पे हाथ फेरा तो मुझे उसकी पीठ नंगी महसूस हुई। बहु ने ब्रा नहीं पहनी थी. मुझे ये सोच के बहुत एक्साइटमेंट हुवा के मैं बहु के बैडरूम में हूँ और बहु बिना ब्रा के मेरे बगल में लेटी है। मैं अपना लंड बाहर निकाल के मास्टरबेट करने लगा और मैंने अपने लंड का पानी उसके बेड पे निकाल दिया.
करीब 1 घंटे बाद बहु कमरे में चाय लेके आयी, वो मेरे सामने थीं, टी-शर्ट में झुकी हुई थी और बिना ब्रा के उसके बूब्स के निप्पल इम्प्रैशन साफ़ नज़र आ रहे थे.
कोमल- पापा उठिये आप मॉर्निंग वाक पे नहीं जायेंगे.. -- (बहु अपने दोनों हाथ उठा के अपने बाल बांधते हुवे बोली..)
हाथ उठाने से उसके बूब्स बड़े लग रहे थे और निप्पल भी साफ़ नज़र आ रहे थे..
मैं- हाँ बहु चलो मैं चेंज कर लेता हूँ।
सपना -बाबू जी आप अकेले चले जाईये मैंने कल का ट्रैक सूट वाश के लिए डाल दिया है..
मैं -- तो क्या हुवा बहु तुम यही टी-शर्ट और स्कर्ट पहन के चलो पार्क में तो और भी लड़कियां ऐसे आती हैं.. (मैंने उसके बूब्स की तरफ घूरते हुवे कहा)
सपना -- ठीक है बाबू जी आप चलिए मैं ब्रा पहन के आती हूँ..
बहु के मुँह से ब्रा पहनने की बात सुनके मेरा लंड खड़ा हो गया, बहु ने कितनी बेशर्मी से मुझसे ब्रा पहनने की बात कह डाली.. थोड़ी देर बाद मैंने देखा के सपना बेड पे कुछ देख रही है..
मैं -- क्या हुवा बहु?
सपना -- बाबू जी देखिये ना... यहाँ बेड पे कुछ गिरा है.. (बहु ऊँगली से बेड पे गिरे मेरे लंड के पानी को छू रही थी..)
मैं (मेरी बहु मेरे माल को हाथ से छू रही थी.. ऐसा लक शायद ही किसी का हो.. बहू मुझे लगता है बहु वो कल रात जो हमने पराठे खाये थे, उसी का घी गिर गया होगा..
मैं मन में सोच रहा था के काश बहु मेरे मुठ को घी समझके चाट लेती..
सपना -- (बिस्तर ठीक करने के बाद..) चलिए बाबू जी।
मै -- हाँ बहु जरा एक गिलास पानी ला देना..
मेरा लंड खड़ा था और मैं इस खड़े लंड के साथ नहीं जा सकता था, इसलिए मैंने उसे बहाने से पानी लाने भेज दिया।
सपना -- ये लीजिये बाबू जी।
मै -- थैंक यू बहु...
(मेरा इरेक्शन अब कम हो गया था..)। मैं और बहु मॉर्निंग वाक के लिए चले गए...उस दिन शाम को फिर से हम दोनो बहु के कमरे में बैठ के बातें कर रहे थे.. डिनर करने के बाद जैसे ही मैं अपने कमरे में जाने के लिए उठा..
सपना -- पापा कहाँ जा रहे हैं?
मैं -- बहु नींद आ रही है देर हो गई बात करते-करते सुबह उठना भी है..
सपना -- बाबू जी यहीं सो जाइये ना... मैं भी तो चलूंगी आपके साथ वाक पे कल..
बहु ने मुझे अपने साथ सोने के लिए बोल के मेरी मुराद पूरी कर दी.. अपनी सेक्सी बहु के साथ बेड पे सोने का मौका मैं कैसे छोड़ सकता था... मैंने झट् से हाँ कह दिया और वापस बेड पे बैठ गया.. मुझे आज नींद नहीं आ रही थी। मैं अपनी सेक्सी बहु का वेट कर रहा था. कुछ देर बाद बहु कमरे में आयी और लाइट ऑफ कर दिया अब कमरे में बहुत कम लाइट थी.. बहु ने सोचा के मैं सो गया हूँ, उसने पास आकर मुझे देखा फिर बेड के पास अपनी साड़ी उतारने लगी. मैंने अँधेरे में हल्की सी आँख खोली और मै उसके गोरे बदन को देख रहा था.. फिर उसने अपना ब्लाउज खोला और पीछे हाथ करके अपनी ब्रा भी उतार दी. उसकी पीठ पीछे से पूरी नंगी हो गई.. उसने अब एक टी-शर्ट डाल ली. और फिर से मेरी तरफ मुड़ के देखा.. अगले पल झट से उसने अपने पेटीकोट का डोर खोल दिया और एक झटके में उसकी पेटीकोट जमीन पे गिर गई. अब उसकी मांसल गोरी जांघें मेरे सामने थी पेटीकोट उतार कर वो एक स्कर्ट पहन मेरे बगल में लेट गई.. मैं अपना हाथ अपने अंडरवियर के अंदर डाल अपने लंड को धीरे धीरे मसल रहा था.. मुझे आज सारी रात नींद नहीं आनी थी.. अपनी बहु की नंगी पीठ और नंगी जांघ देखने के बाद नींद आती भी कैसे?
मैं और बहु एक बिस्तर पे करीब 6 इंच की दूरी पे थे। मैं सीधा लेटा ऊपर फैन को देख रहा था.. तभी बहु ने मेरी ओर करवट ली और उसके बड़े बूब्स मेरे एल्बो से टकराने लगे. मैंने अपना हाथ सीधा किया और अब बहु के बूब्स मेरी हथेली को दबा रहे थे.. मैं हलके हाथ से बहु के बूब्स दबाने लगा.. इतनी सॉफ्ट बूब्स वो भी बिना ब्रा के.. मक्खन से मुलायम उसके बूब्स को थोड़ी देर दबाने के बाद मैंने अपना लेफ्ट हैंड उसकी गरम चूत पे रख दिया. मैं बहु के और करीब आ गया। बहु के दोनों हाथ ऊपर थे, मैं धीरे से उसकी नैक के पास गया और अपना चेहरा उसके बूब्स पे रख दिया. मेरा लेफ्ट हैंड अभी भी उसकी चूत को सहला रहा था। तभी शायद बहु की नींद खुली और उसने मेरा हाथ अपनी चूत से हटा दिया और फिर मेरा चेहरा भी अपने बूब्स से दूर कर दिया. मैं थोड़ा डर गया कहीं बहु बुरा ना मान जाए. इसलिए दुबारा कोशिश नहीं किया. मैंने एक हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और बहु की चूचि देख कर रब करने लगा. एक बार फिर मेरे लंड का पानी बिस्तर पे बहु के पेट के पास गिर गया. सुबह होने में अब ज्यादा देर नहीं थी और मुझे नींद आ गई.
सुबह बहु मेरा हाथ जोर जोर से हिला के उठाने लगी..
सपना -- बाबूजी... बाबूजी..
मैं -- क्या हुवा बहु.. ?
सपना -- यहाँ देखिये ना बाबू जी कुछ गीला सा लग रहा है.. और चिपचिपा सा भी.. क्या है ये?
मैं -- अरे बहु लगता है कल रात डिनर करते वक़्त फिर से कुछ गिर गया बिस्तर पे..
सपना -- (अपने हाथ से मेरे माल को छूते हुवे बहु बोली... -- ये देखिये ये कुछ सफ़ेद रंग का चिपचिपा सा है..
मैं -- (मैं मन में सोच रहा था.. बहु इतनी नादान तो नहीं हो सकती.. कहीं ये जानबूझ के अनजान तो नहीं बन रही.. -- लेकिन बहु ऐसा क्यों करेगी? )
सपना -- (सपना ने मेरे माल को स्मेल किया और फिर अपनी ऊँगली पे लगे मेरे माल को चाटने लगी.. -- पापा.. ये कुछ नमकीन सा टेस्ट है.. मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा के ये क्या गिर गया कल रात?
मैं -- नहीं बहु कुछ घी या मक्खन गिर गया होगा.. थोड़ा सा और चाट के देखो पता चल जायेगा..
सपना (सेक्सी तरीके से स्मेल करते हुवे और अपना मुँह खोल मेरा माल चाटने लगी..).. उम्मम्मम बाबूजी..जो भी है ये तो अच्छा टेस्ट कर रहा है..
मैं (बहु की इस हरकत पे मैं सोचने लगा के शायद बहु को सब पता है और वो बेवजह अनजान बनाने की कोशिश कर रही है..
बहु को ऐसे मेरा माल चाटते देख मेरा लंड खड़ा हो गया. दिल में तो ख़याल आया के अपना लंड खोल के बहु के मुँह में दे दूँ और उसके मुँह में अपना पानी छोड़ दूँ. बहु मेरे माल को बहुत ही बेशर्मी से चाट रही थी.. थोड़ी देर बाद बहु बाथरूम जा के फ्रेश हो आयी और मैं भी बिस्तर से बाहर आ गया. डाइनिंग हॉल में बहु चाय लायी.. हमेशा की तरह आज भी बहु ने साड़ी काफी नीचे पहनी थी और मुझे अपना नवेल दिखा रही थे.. बहु चाय के सिप लेते हुवे मेरे बगल में बैठ गई..
सपना -- बाबूजी.. आज मुझे कुछ शॉपिंग करनी है क्या आप चलेंगे?
मैं -- हाँ बहु क्या चाहिए बोलो मैं पेपर पे लिखता हूँ।
सपना -- ओके बाबूजी.. ये लीजिये पेन और पेपर।
मै -- बोलो बहु..
सपना -- मेरे पास एक ही ट्रैक सूट है तो एक एक्स्ट्रा ट्रैक सूट, शूज, हेयर ड्रायर बैंगल्स।
मै -- हाँ ठीक है और बोलो बहु!
सपना -- ब्लैक कलर लेग्गिंग, छोटा टॉवल, पैडिड ब्रा और पैंटी।
सपना -- और हाँ भूल गई एक शेवर भी।
मै -- बेटा तुम शेवर यूस करती हो? तुम हेयर रिमूवल क्रीम क्यों नहीं यूस करती?
सपना -- नहीं बाबूजी उसके लिए नहीं मुझे तो हेयर रिमूवल की जरुरत ही नहीं पडी।
मै -- क्यों? तुम पैरों के बाल नहीं साफ़ करती?
सपना बाबूजी बाल होंगे तब तो करुँगी न.. मेरे पैर पे तो बाल बहुत कम आते हैं.. (बहु ने थोड़ा सा साड़ी ऊपर उठाते हुवे अपने पैर दिखाए..)
सपना और मेरी जांघों पे तो बिलकुल बाल नहीं हैं.. मेरी जांघें एकदम चिकनी और सॉफ्ट है. साड़ी अगर नहीं पहनी होती तो मैं आपको अपनी जांघें दिखाती.. बिलकुल चिकनी है.. मैं बहुत लकी हूँ जो मेरी जांघों पे बाल नहीं हैं.
बहु के मुँह से अपनी जांघें दिखाने की बात सुनकर मेरे लंड में उफान भर आया.. ये मेरी बहु को कुछ दिनों से क्या हो गया है..? इतनी बेशरमी से बातें करती है.. मेरी बहु तो जैसे एक नयी दुल्हन से अब रंडी बन गई हो.... मैं और बहु शाम 5 बजे शॉपिंग के लिए अपनी मारुती स्विफ्ट में निकल गए. बहु मेरे बगल वाली सीट पे डार्क ग्रीन कलर की साड़ी पहने बैठी थी। मैंने नोटिस किया कि बहु ने काफी सादगी से साड़ी पहनी थी। उसकी नैवेल बिलकुल नज़र नहीं आ रही थी और साइड से उसके थोड़े से खुले हुवे पेट नज़र आ रहे थे. घर पे मेरी बहु ऐसी साड़ी को काफी नीचे पहनती थी और इसके नैवेल साफ़ साफ़ नज़र आते थे. बहु के इस दोहरे चरित्र को देख मुझे बहुत अच्छा लगा, ऐसा लगा जैसे बहु को घर पे मुझे अपना बदन दिखाने में कोई प्रॉब्लम नहीं होती या शायद उसे मुझे अपना बदन दिखाना अच्छा लगता है. वहीँ बाहर वो एक घरेलु स्त्री की तरह सादगी से रहती है.
बहु सीट पे बैठे हुवे सामान की लिस्ट निकाल दोहराने लगी और मैंने अपनी कार एक मॉल की तरफ मोड़ ली. मैं गाडी पार्किंग में लगा के बहु को फॉलो करने लगा. बहु ने अपने बदन को साड़ी में तो ढक लिया था लेकिन वो अपने सेक्सी फिगर 34-30-38 को नहीं छुपा पा रही थी और साड़ी में उसके बड़े-बड़े हिप्स किसी को भी पागल बना सकते थे। मॉल में हर उम्र के लोग एक बार मुड़ के मेरी बहु की मटकती गांड को जरूर देखते. लगभग सभी सामान लेने के बाद एन्ड में हम दोनो लेडीज सेक्शन में ब्रा और पैंटी लेने पहुंचे. मेरे चारो तरफ लेडीज के अंडर गार्मेंट्स लटके थे। मेरे अलावा वहां सभी लड़कियां शॉपिंग कर रही थी. बहु कुछ कलरफुल ब्रा और पैंटी सर्च करने लगी। मैंने भी हेल्प करना चाहा तो बहु ने अपना साइज बताते हुवे मुझे 34 साइज ढूंढ़ने के लिए बोला. मैं 2-3 ब्रा उठा कर बहु की तरफ बढ़ाया.
सपना -- ओह पापा ये ब्रा तो अच्छी लग रही है लेकिन ये 34बी है।
मैं -- 34बी, बहु तुमने 34 ही तो बोला था।
सपना -- हाँ लेकिन मुझे कप साइज डी चाहिए।
मैं -- तो क्या 34बी छोटा साइज है?
सपना -- (अपने हाथो को अपने बूब्स के तरफ दिखाते हुवे..) साइज सेम है बाबूजी, लेकिन 34डी का कप बड़ा होता है।
मैं -- बहु के बूब्स को घूरते हुवे.. ओके मैं लाता हूँ।
कुछ ब्रा पैंटी लेने के बाद मैं और बहु घर आ गए.. थोड़ी देर बाद... बहु कमरे से मुझे आवाज़ लगाने लगी...
सपना -- बाबूजी.. बाबूजी!
मै-- क्या हुवा बहु?
बहु अपने कमरे में अपनी ग्रीन साड़ी उतार रही थी और नए कपडे ट्राई करना चाहती थी..(थोड़ी देर में मैंने देखा बहु ग्रीन कलर ब्लाउज और डार्क ब्राउन कलर का ट्रैक पैंट पहने मेरे सामने खड़ी है.. सिर्फ ब्लाउज और ट्रैक पैंट में बहु बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी. उसके डीप नैवेल पुरे खुले हुवे थे..)
सपना -- बाबूजी... ये ट्रैक पैंट तो बहुत टाइट है, मैंने कमर के साइज 30 देख के लिया था. लेकिन यहाँ मेरी जांघो पे पैंट बहुत टाइट है..
मैं -- (टाइट ट्रैक पैंट में बहु की जांघें कसी-कसी थे और उसकी चूत के उभार भी साफ़ नज़र आ रहे थे..) -- हाँ बहु ये तो टाइट है.. लेकिन इसमें तुम्हारी जांघें अच्छी दिख रही है (मैंने मुस्कुराते हुवे कहा..)।
सपना -- बाबूजी मैंने ये ट्रैक पैंट बिना पैंटी के पहनी है फिर भी ये इतनी टाइट है.. तो पैंटी पहनने के बाद और टाइट हो जाएगी.
मैं -- (बिना पैंटी के??? बहु की बात सुनते ही मैंने अपनी नज़र उसकी चूत पे गड़ा ली..
ओह बहु की चूत के बीच की लाइन नज़र आ रही थी.. मेरा लंड खड़ा होने लगा.)।
सपना -- (उदास होते हुवे...) मुझे सारे कपडे ट्राई कर के लेने चाहिए थे।
मै -- कोई बात नहीं बहु दूसरा ले लेंगे तुम बाकी के कपडे भी ट्राई कर के देख लो, ब्रा और पैंटी भी कहीं वो तो छोटी नहीं है?
सपना -- ठीक है बाबू जी आप यहीं बेड पे बैठिये मैं बाकी के कपडे ट्राई करती हूँ.
मैं बेड पे बैठ गया और बहु पीछे मुड़ कर अपनी ब्लाउज उतारने लगी.. और अब ब्रा भी खोल दिया. उसकी नंगी पीठ मेरे सामने थी.
सपना -- बाबू जी.. वो रेड वाली ब्रा दीजिये ना प्लीज।