Update 05


समीर अपना माल खाली करके एक क्रीम निकालता है और उसे अपने लंड पर मलने लगता है। देखते ही देखते समीर का लन्ड एक बार फिर से खड़ा हो जाता है। लेकिन इस बार उसका लन्ड अजीब सा लग रहा था। दरअसल ये भी एक ड्रग ही था। ये लन्ड को ड्राई करने के साथ साथ सेक्सुअल इरेक्शन भी देता है। समीर अपने लंड को हल्का सा लुब्रिकेटे करता है तो देखता है कि 5 से 8 सेकंड मैं उसका लन्ड फिर से ड्राई हो जाता है।

समीर हल्की सी मुस्कान के साथ चनाचल कि दोनों टांगों के बीच जाकर अपने लन्ड को चँचल की चूत पर रगड़ने लगता है। ड्रग के कारण चँचल की चूत बार बार पानी छोड़ रही थी। और समीर के लैंड को गीला कर रही थी। समीर भी देख रहा था कि उसका लन्ड गीला होने के बाद फिर से धीरे धीरे सुख रहा है। समीर चँचल की गर्दन ऊपर उठा कर उसकी आँखों मे आंखें डाल कर देखता है। चँचल की आंखें इस वक़्त सुर्ख लाल थी। ऐसा लग रहा था जैसे चँचल आने वाले लम्हों के लिए पूरी तरह से तैयार थी। समीर ने अपने लन्ड के सुपडे को चँचल की पानी छोड़ती चूत के मुंह पर लगा दिया। चँचल की कमर समीर के लन्ड के स्पर्श मात्र से हवा में उठ गई।

अब आगे. .

समीर बार - बार चंचल की चूत पर अपना लन्ड रगड़ता है। समीर लन्ड के सुपडे को चंचल की चूत के मुहाने से उसके क्लीट तक रगड़ता है।

समीर के बार बार ऐसा करने पर चंचल परेशान हो जाती है। चंचल को इस वक़्त सिर्फ और सिर्फ सेक्स की चाहत थी।

चंचल एक पल को अपनी आंखें खोल कर समीर को देखती है। समीर भी चंचल की आंखों में झांक कर देखता है। चंचल की आंखें इस वक़्त सुर्ख लाल थी। चंचल इस वक़्त पूरी तरह से होश में भी नही थी। चंचल की ये हालत ड्रग के कारण थी।

समीर थोड़ी देर इंतजार करके चंचल की आंखों में देखते हुए अपने लन्ड के सुपडे को चंचल की चूत के मुह पर टिका कर हल्के हल्के की और खिसकने लगता है। समीर चंचल की चूत में कोई धक्का नहीं मरता बल्कि अपने लन्ड को धीरे धीरे चंचल की चूत में स्लिप करवा रहा था जिस से चंचल की चूत की दीवारें रगड़ खा रही थी।

समीर की इस हरकत से चंचल की जांघें कांप जाती है और चंचल का पानी छूट जाता है। चंचल की चूत झड़ते वक़्त समीर के लन्ड को ऐसे जकड़ रखी थी जैसे शेर हिरनी को अपने जबड़े मैं फंसा लेता है।

तकरीब डेड मिनट तक चंचल झड़ती रही। चंचल जैसे ही झाड़ कर शांत हुई समीर के लन्ड ने अपना काम करना शुरू कर दिया। समीर के लन्ड पर जो ड्रग लगा था उसकी वजह से चंचल की चूत का चिकना पानी अब धीरे धीरे गाड़ा होता जा रहा था। या फिर यूँ कहूँ की अब चंचल की चूत हल्की हल्की ड्राई हो गयी थी। समीर को ऐसा महसूस होती है एक हल्की सी मुस्कान के साथ समीर अपना लन्ड ठीक वैसे ही धीरे धीरे बाहर की और खींचता है। इस बार जब समीर ने अपना लैंड बाहर की और खींचा तो चंचल की चूत भी जैसे बाहर को आने को हो गयी। एक दम समीर के लन्ड के चिपक कर।

ये ड्रग जो समीर के लन्ड पर लगा था ये एक्सट्रा टाइटनेस का काम करता है। लन्ड में भी और चूत में भी। चंचल को हल्की सी जलन होती है लेकिन सेक्स के नशे में चूर चंचल को बस सेक्स चाहिए था। एक बार झड़ने के बाद चंचल फिर से गर्म हो चुकी थी।

समीर चंचल के चेहरे की तरफ झुक कर चंचल से बोलता है।

समीर: तो मेरी स्लेव को कैसा लग रहा है?

चंचल: उम्मम आह कैसे बताऊ। बस करते रहो।

समीर: फिर आज के बाद तो ऐसा मौका नही मिलेगा ना।

चंचल कोई जवाब नही देती। ड्रग के कारण चंचल का शरीर उसके बस में नहीं था लेकिन दिमाग समीर की हर बात समझ रहा था।

समीर एक गहरा धक्का चंचल की चूत में मारता है और पूछता है।

समीर: बोलो ना?

चंचल: क्या पता शायद मिल जाये।

समीर चंचल के ये बात सुन कर 3-4 गहरे धक्के चंचल की चूत में लगाता है। इन धक्कों के कारण चंचल पूरी तरह से सेक्स के नशे में डूब जाती है। चंचल को समीर और अपने पति के बीच हुई चुदाई याद आती है। लेकिन उसे हर बार सिर्फ और सिर्फ समीर ही दिखाई देता है।

अब समीर चंचल को बुरी तरह से चोदने लगता है। जिस से चंचल की सिसकारियां सुरेश के ऑफिस को पूरी तरह से गुंजा देती है।

समीर बुरी तरह से चंचल की चूत को चोद रहा था। और चंचल समीर के हर प्रहार का जवाब दे रही थी। अचानक से चंचल का बदन अकड़ने लगता है और चंचल झड़ जाती है। चंचल झड़ने के साथ ही एक डूबी हुई सी चीख मारती है जो उस आफिस की चार दिवारी में ही कहीं गुम हो जाती है।

चंचल की यह आह से पूरा आफिस गूंज उठा था। तभी समीर अपना लन्ड बाहर निकाल कर चंचल के चेहरे के ऊपर अपना माल खाली करने लगता। अब समीर का भी काम हो चुका था। चंचल गहरी गहरी सांस ले रही थी। इसी बीच समीर के लन्ड से माल निकलना शुरू हुआ तो ऐसा लग रहा था जैसे वीर्य की बरसात हो रही हो। चंचल का पूरा चेहरा समीर के वीर्य से भर चुका था।

चंचल और समीर दोनों वही करीब 20 मिनट तक आराम करके अपनी सांसे दुरुस्त करते है। चंचल का पूरा बदन पूरी तरह से टूट रहा था। और समीर भी लगभग थक चुका था। समीर चंचल को पकड़ कर बाथरूम में ले जाता है। और चंचल के पूरे बदन को साफ करता है। ठंडे पानी के स्पर्श से चंचल को हल्का सा होश आता है। चंचल को अब एहसास हो चुका था कि उसका सब कुछ लूट लिया गया है। लेकिन चंचल इस के लिए खुद को जिम्मेदार मान रही थी।

हालांकि चंचल को इस बात का एहसास तक नही था कि चंचल की समीर ने सेक्स ड्रग दिया था। इसी लिए चंचल खुद को इसके लिए माफ नही कर पा रही थी। और वहीं शावर की बूंदों में उसके आंसू बह गए। समीर चंचल का बदन पौंछ कर चंचल को कपड़े पहनने में मदद करता है और खुद भी तैयार हो जाता है। चंचल को चलने में हल्की सी तकलीफ हो रही थी ।

चंचल आफिस से बाहर निकलने लगती है समीर चंचल का हाथ पकड़ कर चंचल को सोफे पर बिठा देता है। चंचल समीर से नज़रें नहीं मिला पा रही थी। समीर अपनी कोट की जेब से 2 टेबलेट निकाल कर चंचल को देता है।

समीर: ये ले लो । पेनकिलर है। दर्द ठीक हो जाएगा। और चलने में तकलीफ नहीं होगी। वरना इस हालत में बाहर निकलोगी तो लोग सब समझ जाएंगे।

चंचल को समीर का ऐसा सोचना अच्छा लगता है। चंचल को यकीन हो गया था कि समीर चंचल की इज्जत की बहोत परवाह करता है। चंचल चुपचाप वो गोलिया पानी के साथ ले लेती है।

समीर: और हां , कल उस लड़की की बारी है। वैसे तुमने मुझे सिर्फ उसकी फोटो दिखाई है उसके बारे में कुछ बताया नहीं। इसलिए मुझे खुलकर उसके परिवार के बारे में सब बताओ।

चंचल और समीर दोनो क़रीब 30 मिनट तक उस कच्ची कली के बारे में बातें करते है। समीर उसके बारे में सब कुछ जान लेता है।

समीर: तुम देखना चाहोगी उस लड़की को कैसा तैयार करता हूँ इस शहर की टॉप माल बनने में?

चंचल: हाँ. .

ये पहला शब्द था जो समीर के साथ हुई चुदाई के बाद चंचल में नार्मल हाव भाव में दिया था। ना तो चंचल इस वक़्त समीर के साथ हुई चुदाई के ग़म में थी और ना ही अपने बदले की भावना से ग्रस्त। वो इस समय फिर से तड़प रही थी।

समीर : तो फिर ठीक है , कल तुम आफिस नहीं जाओगी बल्कि मेरे फार्म हाउस पर मिलोगी। और हां उस लड़की को तुम ही अपने साथ लाओगी वो भी सुबह जल्दी ठीक उसके कॉलेज के टाइम में। मुझे काम से कम 8 घंटे चाहिए। और हां रही बात उसकी कॉलेज की और किसी की तो तुम उसकी टेंशन मत करना बस काल से किसी भी हाल में फार्म हाउस ले आना । उसे लेकर आने की जिम्मेदारी तुम्हारी है। बाकी सब मैं देख लूंगा।

अचानक से घड़ी की बेल बज पड़ती है। शाम के 7. 30 बज रहे है।

समीर: लो तुम्हारा घर जाने का वक़्त हो गया। और तुम्हारा दर्द भी अब तो 100%, सही हो गया होगा। है ना?

चंचल: (शर्म से ) हम्म

समीर: तो चलो मैं निकलता हूँ। मेरे जाने के ठीक 10 मिनट बाद तुम निकल जाना।

समीर निकल जाता है आने फार्महाउस ओर चंचल निकल जाती हैअपने घर।

अचानक से घड़ी की बेल बज पड़ती है। शाम के 7. 30 बज रहे है।

समीर: लो तुम्हारा घर जाने का वक़्त हो गया। और तुम्हारा दर्द भी अब तो 100%, सही हो गया होगा। है ना?

चंचल: (शर्म से ) हम्म

समीर: तो चलो मैं निकलता हूँ। मेरे जाने के ठीक 10 मिनट बाद तुम निकल जाना।

समीर निकल जाता है आने फार्महाउस ओर चंचल निकल जाती है अपने घर।

अब आगे. . .

चंचल घर पहुंचती है जहां पर सरिता चंचल का ही इंतजार कर रही थी। चंचल जैसे ही घर पहुंचती है ठीक सरिता चंचल के गले लग जाती है। चंचल भी सरिता को गले लगा लेती है। सरिता चंचल को जल्दी आने को बोलती है। चंचल फीकी से मुस्कान के साथ अपने बेडरूम की तरफ चल देती है।

सरिता चंचल के लिए चाय बनाने को रानी से बोल कर अपने बेडरूम में चली जाती है। हाल फिलहाल रानी सरिता के तो बहित क्लोज हो गयी थी लेकिन चंचल????? अभी तक वो चंचल से ठीक से बात तक नही कर सकी थी। इसी लिए रानी को थोड़ा बहुत डर था तो सिर्फ और सिर्फ चंचल का था। रानी चुपचाप चंचल के लिए चाय बनाने चली जाती है।

वहीं दूसरी और चंचल अपने बेडरूम में जाकर के अपना बैग बिस्तर पर रख देती है। और वाशरूम में जाकर के शावर के नीचे खड़ी हो जाती है। चंचल अपने कपड़ों तक को नहीं उतारती। शायद चंचल को अपने किये पर पछतावा हो रहा था। अब ये कह पाना मुश्किल था कि जो चंचल के गालों से टपक कर बह रहा था वो पानी था के आंसू. .

खैर कैसे जैसे चंचल खुद को समझा बुझा कर डिनर के लिए तैयार करती है और खाना खाने को नीचे आ जाती है।

रात को करीब 1 बजे. . .

समीर: वेलकम डॉक्टर, वेलकम. .
डॉक्टर. . :- हेलो मिस्टर समीर कहिये आपने मुझे अर्जेंट क्यों बुलाया।

समीर: यार छोड़ ये फालतू की फ़ॉर्मूलटी और गले लग जा. . .

डॉक्टर और समीर जो कुछ देर पहले तक एकदम प्रोफेशनलस की तरह मिल रहे थे अचानक से एक दूसरे के गले लग जाते है।

डॉक्टर: यार देख तू मुझे जब भी बुलाता है तो किसी ना किसी की अच्छी खासी ज़िन्दगी बिगड़ जाती है। तो तू पहले ये बता काम क्या है?

समीर: एक लड़की है यार उम्र ये समझ ले बात नही सकता। वरना xossipy वाले नाराज हो जाएँगे। लेकिन अंदाजे को सिर्फ इतना कहूंगा कि उसकी झांटें अभी आयी भी नही होंगी और अगर आयी है तो वो ऐसे होंगी जैसे हो ही ना।।।

डॉक्टर: अच्छा तो उसे कोई प्रॉब्लम है क्या?

समीर: नहीं नहीं उसे कोई प्रॉब्लम नहीं है, प्रॉब्लम मुझे है। दरअसल में चाहता हूं कि वो वक़्त से पहले बड़ी हो जाये।

डॉक्टर:- (शॉक से) कितनी बड़ी? मेरा मतलब कितनी बड़ी करना चाहती हो उसे?

समीर: इतनी बड़ी की उसकी उम्र से उसका शरीर बिल्कुल भी मेल ना खाये और उसे . . . . (कुछ कान में बोलता है) बस इतना ही काम है।

डॉक्टर: समीssssssssर. . तुम क्या समझते हो अपने आपको? तुम चाहते हो कि मैं उस लड़की को जिसे बच्ची कहना चाहिए उसे ये सब के लिए तैयार करूँ. . . तुमने क्या सोच कर मुझे ऐसा करने को कहा?

समीर अचानक से डॉक्टर के व्यवहार से चोंक जाता है। उसे बिल्कुल भी ऐसी उम्मीद नही थी। समीर डॉक्टर को समझने के लिए उसके कंधे पर हाथ रखता है लेकिन डॉक्टर तुरन्त पीछे मुड़ कर समीर का हाथ हटा देता है।

कुछ पल को तो समीर के भी होश उड़ जाते है।

लेकिन अगले ही पल डॉक्टर समीर को खींच कर अपने गले लगा लेता है।

डॉक्टर: वाह यार क्या काम बताया है।यही काम करने में तो मुझे मज़ा आता है। लेकिन क्या करूँ हमारे यहां का कानून कमबख्त हर चीज को गैरकानूनी बनाये बैठा है। तू टेंशन मत कर। बस मुझे किसी भी तरह 4-5 घंटे उसके साथ दे देना। मुझे मुश्किल से 2 आपरेशन करने पड़ेंगे। और मैं वादा करता हूँ अगर तेरे दोस्त का काम 15 दिन में रंग ना लाया तो तुझे क्या मैं इस ज़माने को कभी अपनी शक्ल नहीं दिखाऊंगा।

समीर डॉक्टर के तेवर से जो घबरा गया था अब उसके साथ से एक दम से खुश हो गया था।

आज ही कि शाम डिनर के बाद चंचल अपने पड़ोस की आंटी के घर जाती है।

ये एक क्रिस्टन फैमिली है।

चंचल: मेरी आंटी. . . आंटी

मेरी::- चंचल तुम? इस वक़्त? यहाँ?

चंचल: आंटी कल मेरे आफिस से किड्स स्पेशल एक पार्टी है। आप तो जानती है हमारे यहां बच्चे नही है तो अगर आप कहें तो रिया को ले जाऊँ।

मेरी: लेकिन रिया की तो कल कॉलेज है ना वो कैसे. . . ?

अभी मेरी ने अपनी बात पूरी भी नही की थी कि. .

रिया: नो मम्मा दो दिन का तो हॉलिडे है। एक्चुअली हमारे प्रिंसिपल सिर और उनकी फैमिली के यहां कोई फंक्शन है तो पूरा स्टाफ जा रहा है।

मेरी चाहती तो नहीं थी कि रिया को चंचल के साथ भेजे लेकिन अब वो मजबूर थी आखिर पड़ोस का सवाल था और चंचल की सास को अगर पता चलता की मेरी ने रिया को आफिस फंक्शन में नहीं भेजा तो पड़ोस खराब हो जाएगा। यहीं सोच कर मेरी ने जाने की इजाजत देदी।

चंचल: आंटी आप फ़िक़्र मत कीजिये 5 से 6 घंटे में वही कॉलेज टाइम में रिया को वापस घर ले आउंगी। मैं खुद साथ मे आउंगी।

मेरी: (झूंटी मुस्कान के साथ) ठीक है ले जाना।

रिया भी चंचल के साथ जाने के नाम से बहुत खुश थी। क्योंकि चंचल हमेशा रिया के लिए कुछ ना कुछ लाती रहती थी। इस लिए चंचल और रिया दोनो की अच्छी खासी पटती भी थी।

चंचल रिया से कुछ देर इधर उधर की बात करती है। इसी दौरान चंचल रिया के शरीर का जायजा लेती है।

रिया: लम्बे बाल गोरा रंग, चमड़ी ऐसी जैसे मलाई। गुलाब की तरह गुलाबी गाल एयर लाल होंठ, चेहरा इतना मासूम की हर कोई चाहे प्यार करना। नींबू से भी छोटे आकार की चुंचिया जो अभी तक विकसित हुआ भी शुरू नहीं कि, केले के तने जैसी लंबी टांगे। काम तो जैसे गायब ही हो गयी हो। हालांकि नितम्बों का आकार थोड़ा थोड़ा विकसित होना शुरू हो चुका था। लंबाई करीब 4. 5 फिट। बिल्कुल विकसित होने के दहलीज पर अभी कदम भी नहीं पड़ा शायद।

चंचल मन ही मन सोच रही थी पता नही समीर इसके साथ क्या करेगा।

करीब 25 मिनट बाद चंचल वापस लौट जाती है। घर आकर चंचल सीधे अपने कमरे में जाति है और समीर को कॉल लगाने को फ़ोन उठाती है।लेकिन अचानक से उसे अपने और समीर के बीच का वाकया याद आ जाता है जिसके बाद चंचल को समझ नही आ रहा था कि वो समीर को कैसे कॉल करे। काफी मसक्कत के बाद जब चंचल तक हर जाति है तो फ़ोन बिना किये ही चंचल सोने के लिए अपने बिस्तर पर लेट जाटी है और फ़ोन को अपनी छाती पर रख कर सोचने लगती है कि समीर को कॉल करूँ या नहीं।

अभी चंचल ये सब सोच ही रही थी कि अचानक से चंचल का फ़ोन वाइब्रेट होने लगता है। जिसके वाईब्रेशन से चंचल अचानक से घबरा कर उठ बैठती है।

करीब 25 मिनट बाद चंचल वापस लौट जाती है। घर आकर चंचल सीधे अपने कमरे में जाति है और समीर को कॉल लगाने को फ़ोन उठाती है।लेकिन अचानक से उसे अपने और समीर के बीच का वाकया याद आ जाता है जिसके बाद चंचल को समझ नही आ रहा था कि वो समीर को कैसे कॉल करे। काफी मसक्कत के बाद जब चंचल तक हर जाति है तो फ़ोन बिना किये ही चंचल सोने के लिए अपने बिस्तर पर लेट जाटी है और फ़ोन को अपनी छाती पर रख कर सोचने लगती है कि समीर को कॉल करूँ या नहीं।

अभी चंचल ये सब सोच ही रही थी कि अचानक से चंचल का फ़ोन वाइब्रेट होने लगता है। जिसके वाईब्रेशन से चंचल अचानक से घबरा कर उठ बैठती है।

अब आगे. . .

चंचल अपने मोबाइल को देखती है तो उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है। ये फ़ोन किसी और का नहीं बल्कि चन्चल के पति सुरेश का था। चंचल बुरी तरह से घबराई हुई थी। फिर भी चंचल ने डरते हुए फ़ोन उठा लिया।

सुरेश: हेलो चंचल एक खुशखबरी है। सुनोगी तो खुशी से पागल हो जाओगी। मैं परसों वापस आ रहा हूँ। वो भी बेहतरीन डील के साथ।

चंचल: वाव ग्रेट सुरेश। अभी कहाँ हो?

सुरेश: क्या बात है चंचल तुम ठीक तो हो ना। तुम्हारी आवाज से खुशी जाहिर नही हो रही।

चंचल: अरे नहीं नही ऐसा कुछ नही है सुरेश वो दरअसल में सो गई थी न तो शायद. .

सुरेश: इट्स ओके चंचल. . अब में आ रहा हूँ ना तुम्हारी सारी शिकायतें दूर कर दूंगा। अच्छा अब तुम आराम करो। मेरा आफिस का टाइम है।

सुरेश फ़ोन काट देता है फ़ोन काटने के 5 मिनट तक चंचल एक टक फ़ोन को देखे जाती है। तभी चंचल एक बार फिर से डर जाती है। दरअसल किसी का फ़ोन आ गया था जिसके वाइब्रेशन से चंचल चोंक जाती है।

चंचल फ़ोन को देखती है तो ये फ़ोन किसी और का नही बल्कि समीर का था। चंचल डरते हुए फ़ोन उठाती है।

समीर: हेलो चंचल

चंचल: हेलो. .

समीर: अच्छा सुनो तुम्हारे माल का काम कर दिया है मैंने, कल उसे ठीक 8 बजे तक मेरे पास ले आना।

चंचल: ठीक है, लेकिनssss. . .

समीर: लेकिन क्या. ?

चंचल: मैंने उसकी माँ को और उसे किड्स स्पेशल फंक्शन का बोलकर उसे ला रही हूँ। अगर उसे कोई फंक्शन नज़र नही आया तो. . .

समीर: और तुम मुझे अब बता रही हो? रात को?

चंचल: मुझे समझ नही आ रहा था।।।।

समीर: ठीक है तुम एक काम करना. . . . . . .

समीर बहुत कुछ चंचल को बोलता है और फिर फ़ोन कट जाता है।

चंचल समीर की बातों को सोच कर इतना तो कन्फर्म हो गयी थी कि मेरी आंटी ना सही लेकिन उसकी बेटी को तो बहलाया जा सकता है। तभी चंचल के मन में एक ख्याल आता है। समीर ऐसे रियेक्ट क्यों कर रहा था जैसे कुछ हुआ ही ना हो. .

काफी देर तक चंचल सोचते सोचते नींद के आगोश में चली जाती है। आज काफी दिनों बाद चंचल को बेहद सुकून भरी नींद नसीब हुई थी।

सुबह पांच बजे चंचल की नींद खुल जाती है। दर असल फिर से चंचल समीर के साथ हुई घटनाओं का स्वपन देख रही थी। लेकिन अब वो जल्दी जल्दी तैयार होने लगती है। चंचल तैयार होकर एक अच्छी सी साड़ी पहन लेती है और मिरर में खुद को देखते हुए मेकअप करने लगती है। तभी चंचल के फ़ोन पर एक मेसेज आता है।

चंचल अपने फ़ोन को देखती है और मेसेज देख कर चंचल फिर से सोच में पड़ जाती है। दरअसल ये समीर का मैसेज था। समीर ने चंचल को कुछ स्पेशल कपड़े पहनने को बोला था। चंचल यही सोच रही थी कि समीर पहले से ही बहुत आगे बढ़ चुका है अब अगर वो ये कपड़े पहनती है तो उसे बढ़ावा देगी और अगर नही पहनती है तो और मेरी आंटी को दबाने में समीर उसकी मदद शायद नहीं करे। इसी सोच में चंचल के गुरुर ने जीत पा ली। चंचल एक बार फिर से समीर के बताए हुए कपड़े पहनने लगी। दरअसल ये कोई कपड़े नही थे। ये तो बस एक पर्दा था बदन पर।

खैर चंचल तैयार होकर नीचे हॉल में अपनी देवरानी के साथ चाय नाश्ता करती है और फिर ठीक 7 बजे तक रिया को पिक उप करने पहुंच जाती है।

चंचल और रिया का समीर के फार्महाउस तक का सफर. . .

चंचल: रिया तुम बहुत ही क्यूट लग रही हो।

रिया: थैंक यू भाभी और आप बहुत ही ज्यादा हॉट. . . लग रही है।।

चंचल: (रिया की तरफ स्माइल करते हुए) बदमाश अपनी भाभी की टांग खिंचती है।

रिया: नहीं नहीं भाभी सच्ची में आप बहुत हॉट लग रही है।

चंचल: ओके थैंक यू।। अच्छा एक बात बताओ तुम्हारा मॉडलिंग और एक्ट्रेस बनने के बारे में क्या ख्याल है।

रिया: क्या भाभी आप भी। कौन लड़की नहीं बनना चाहेगी? लेकिन आप तो मम्मा को जानती है ना। वो बहुत ओल्ड फैशनड़ है। वो मुझे कुछ कपड़े पहनने देती है वही बड़ी बात है।

चंचल: हाँ सो तो है। लेकिन अभी तुम अकेली हो कोई तुम्हे सपोर्ट नहीं करता ना इसलिए तुम कुछ नही कर सकती लेकिन कुछ मदद कर सकती हूँ।

रिया: क्या सच मे ? लेकिन कैसे? आप मम्मा को समझाएंगी? लेकिन वो तो आपको भी बुरी मानती है।

चंचल अचानक से गाड़ी का ब्रेक लगाती है और गाड़ी को साइड में पार्क करके रिया की आंखों में देखते हुए पूछती है।।

चंचल: और तुम? क्या तुम भी मुझे बुरी मानती हो?

रिया: नही नही भाभी बिल्कुल भी नहीं।

चंचल: अच्छा तो सुनो मैं अभी तुम्हे जिनके पास लेकर जा रही हूँ वो बहुत बड़े मॉडलिंग एजेंट है। मेरी कंपनी को एक नई मॉडल की ज़रूरत भी है। अगर तुम चाहो तो मैं उनसे बात कर सकती हूँ लेकिन सिर्फ तुम्हारे लिए।

रिया: क्या सच मे भाभी? (खुश होते हुए) लेकिन मम्मा?(तुरंत उदास होते हुए) अगर उन्हें पता चला तो?

चंचल: तुम टेंशन मत लो मैं तुम्हारा वर्किंग पीरियड तुम्हारे कॉलेज टाइम पर ही रखूंगी। जिससे तुम्हारी मम्मा को कभी पता ही नही चलेगा और ना ही में उन्हें बताउंगी।

रिया: पर भाभी?

चंचल: रिया देखो अभी तुम्हारे पास एक अच्छा मौका है क्यों कि कल तक तो मैं अखबार में इस्तेहार निकलवा दूँगी। उसके बाद हजारों मॉडल्स की लाइन लग जायेगी। क्योंकि मुझे सच मे एक मॉडल की ज़रूरत है तो मैं खुद भी ज्यादा इंतजार नहीं कर सकती।

रिया: ठीक है भाभी लेकिन मम्मा को आपको संभालना होगा।

चंचल: वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो।

ऐसे ही इधर उधर की बातें करते करते रिया और चंचल समीर के फार्महाउस पर पहुंच जाते है।

चंचल डोर बेल बजती है डोर बेल बजट ही तुरंत दरवाजा खुला जाता है। अंदर एक पार्टी चल रही थी। तकरीबन 20-25 गेस्ट थे। उन्हीं मेहमानों में से समीर आगे बढ़ कर चंचल का अभिवादन करता है। और तुरंत रिया की तरफ देखता है।

समीर: वाव , व्हाट आ ब्यूटीफुल क्यूट फेस. . क्या ये आपकी नई मॉडल है? जिसके बारे में अपने हमसे बात की थी।

चंचल: जी ( समीर की एक्टिंग को देखते हुए) क्या आप इसे अच्छी मॉडल के तौर पर तैयार कर सकते है।

समीर: मुझे इनसे बात करनी होगी। हेलो मैं समीर हूँ!

रिया: हेलो मैं रिया।

समीर: क्या आप सच मे मॉडल बनना चाहती है?

रिया: जी

समीर: सोच लीजिये आपको बहुत कुछ खाना पीना बन्द करना पड़ेगा और बहुत कुछ शुरू करना पड़ेगा।

रिया: (चंचल की तरफ देखते हुए) जी मे सबके लिए तैयार हूं।

समीर: (मुस्कुराते हुए) ठीक हैहम पार्टी के बाद आपके फिगर पर बात करेंगे क्योंकि ये फिगर फिलहाल मॉडलिंग के लिए परफेक्ट नहीं है लेकिन आपका फेस एक दम परफेक्ट है।

रिया अपने आपको देखते हुए थोड़ी सी उदास हो जाती है।

समीर: आप चिंता मत कीजिये मेरे एक दोस्त है जो मॉडल्स के लिए वर्क करते है वो एक बहुत अच्छे डॉक्टर है। हंसिका मोटवानी एक्ट्रेस का नाम तो सुना ही होगा। इन्होंने ही उसके फिगर को डेवलप करने में मदद की थी। शायद वो तुम्हारी भी कोई मदद कर सके।

रिया: जी थैंक यू।

समीर: ठीक है फिर पार्टी एन्जॉय करो।।

करीब आधे घण्टे बाद पार्टी खत्म हो जाती है और सभी गेस्ट धीरे धीरे बाहर निकल जाते है। अब फार्महाउस में केवल चार लोग रह जाते है। समीर, डॉक्टर, रिया, और चंचल.
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